< आमाल 4 >
1 जब वो लोगों से ये कह रहे थे तो काहिन और हैकल का मालिक और सदूक़ी उन पर चढ़ आए।
୧ପିତର ଅ଼ଡ଼େ ଜହନ ଲ଼କୁ ନ଼କିତା ୱେସିମାଚି ବେ଼ଲାତା ପୂଜେରାଙ୍ଗା, ମାହାପୂରୁ ଇଲୁତି କାଜାରି ଇଞ୍ଜାଁ ସାଦୁକିୟାଁ ଏ଼ୱାରି ନ଼କିତା ୱା଼ତେରି ।
2 वो ग़मगीन हुए क्यूँकि यह लोगों को ता'लीम देते और ईसा की मिसाल देकर मुर्दों के जी उठने का ऐलान करते थे।
୨ଏ଼ୱାରି କ଼ପା ଆ଼ହିମାଚେରି, ଇଚିହିଁ ପାଣ୍ତ୍ୱି ଆ଼ହାମାନାରି ଲ଼କୁଣି ଜା଼ପ୍ହି ମାଚେରି, ଇଞ୍ଜାଁ ଜୀସୁତି କାତା ଆସାନା ହା଼ତାରି ବିତ୍ରାଟି ୱେଣ୍ତେ ନିଙ୍ଗିତି କାତା ୱେ଼କ୍ହି ମାଚେରି ।
3 और उन्होंने उन को पकड़ कर दुसरे दिन तक हवालात में रख्खा; क्यूँकि शाम हो गेई थी।
୩ଏଚିବେ଼ଲା ମିଡ଼୍ଅଲା ଆ଼ହିମାଚେ, ଏ଼ଦାଆଁତାକି ଏ଼ୱାରି ସୀସୁୟାଁଣି ଦସ୍ପାନା ଅ଼ର ନେ଼ଚୁ ପାତେକା କାୟିଦି ଇଲୁତା ଇଟିତେରି ।
4 मगर कलाम के सुनने वालों में से बहुत से ईमान लाए; यहाँ तक कि मर्दो की ता'दाद पाँच हज़ार के क़रीब हो गेई।
୪ସାମା ଏଚେକା ଲ଼କୁ ବ଼ଲୁ ୱେଚାରି ନାମିତେରି, ଇଞ୍ଜାଁ ୱାର୍ଇ ଆ଼ବାୟାଁ ପା଼ସାମା଼ଣା ଆ଼ତେରି ।
5 दुसरे दिन यूँ हुआ कि उनके सरदार और बुज़ुर्ग और आलिम।
୫ତାନି ଅ଼ର ଦିନା ଜୀହୁଦିଙ୍ଗାତି କାଜାରି, ଇଞ୍ଜାଁ ପ୍ରାଚିନାଙ୍ଗା, ଜା଼ପ୍ନାରି ଅ଼ଡ଼େ ମେ଼ରାପୁନାରି ଜିରୁସାଲମତା କୂଡ଼ା ଆ଼ତେରି ।
6 और सरदार काहिन हन्ना और काइफ़ा, यूहन्ना, और इस्कन्दर और जितने सरदार काहिन के घराने के थे, येरूशलेम में जमा हुए।
୬ଏମ୍ବାଆଁ କାଜା ପୂଜେରା ହାନାନ, କୟାପା, ଜହନ, ଆଲେକ୍ଜାଣ୍ତାରତି କାଜା ପୂଜେରାଙ୍ଗା କୂଡ଼ାତି ବାରେ ଲ଼କୁ କୂଡ଼ା ଆ଼ତେରି ।
7 और उनको बीच में खड़ा करके पूछने लगे कि तुम ने ये काम किस क़ुदरत और किस नाम से किया?
୭ଏ଼ୱାରି ପାଣ୍ତ୍ୱି ଆ଼ତାରାଇଁ ମାଦିଏ ନିପ୍ହାନା ୱେଚେରି, “ଏ଼ନିକିହିଁ କିତେରି? ଏ଼ନି ବା଼ଡ଼୍ୟୁ ଇଞ୍ଜାଁ ଆମ୍ବାଆରି ଦ଼ରୁତଲେ ମୀରୁ ଈ ବାରେ କାମା କିହିମାଞ୍ଜେରି?”
8 उस वक़्त पतरस ने रूह — उल — कुददूस से भरपूर होकर उन से कहा।
୮ଏମ୍ବାଟିଏ ପିତର ସୁଦୁଜୀୱୁତା ନେଞ୍ଜାନା ଏ଼ୱାରାଇଁ ଏଲେଇଚେସି, “ଲ଼କୁତି କାଜାତେରି ଇଞ୍ଜାଁ ପ୍ରାଚିନାଙ୍ଗାତେରି,
9 ऐ उम्मत के सरदारों और बुज़ुर्गों; अगर आज हम से उस एहसान के बारे में पूछ — ताछ की जाती है, जो एक कमज़ोर आदमी पर हुआ; कि वो क्यूँकर अच्छा हो गया?
୯ନୀଞ୍ଜୁ ମା଼ମ୍ବୁ ସଟାକି କିହାମାନି ନେହିଁ କାମାତାକି ମୀରୁ ୱେଞ୍ଜି ମାଞ୍ଜାଦେରି, ଏ଼ୱାସି ଏ଼ନିକିହିଁ ନେହିଁଆ଼ତେସି ଇଞ୍ଜିଁ ପୁଞ୍ଜାଲି ଅଣ୍ପିମାଞ୍ଜେରି,
10 तो तुम सब और इस्राईल की सारी उम्मत को मा'लूम हो कि ईसा मसीह नासरी जिसको तुम ने मस्लूब किया, उसे ख़ुदा ने मुर्दों में से जिलाया, उसी के नाम से ये शख़्स तुम्हारे सामने तन्दरुस्त खड़ा है।
୧୦ଆତିହିଁ ମୀରୁ ବାରେଜା଼ଣା ତେରି ପୁନିକାତା, ଇସ୍ରାୟେଲତି ବାରେ ଲ଼କୁ ପୁନାୟିମାନେ, ଆମିନି ନା଼ଜରିତ ଜୀସୁ କ୍ରୀସ୍ତଇଁ ମୀରୁ କ୍ରୁସତା ପା଼ୟିତେରି, ଆମ୍ବାଆରାଇଁ ମାହାପୂରୁ ହା଼କିଟି ନିକ୍ହାମାନେସି ଏ଼ ଜୀସୁ ଦ଼ରୁଟି ଈ ମାଣ୍ସି ନେହିଁ ଆ଼ହାନା ମୀ ନ଼କିତା ନିଚାମାନେସି ।”
11 ये वही पत्थर है जिसे तुमने हक़ीर जाना और वो कोने के सिरे का पत्थर हो गया।
୧୧ଜୀସୁ ରଅସିଏ, ଦାର୍ମୁ ସା଼ସ୍ତେରି ୱେସିମାଞ୍ଜାନେ, “ଇଲୁ କେ଼ପିନାତେରି ମୀରୁ, ମୀ ତା଼ଣାଟି ଆମିନି ୱାଲି ଲାଗେଏତାୟି ଆ଼ହାମାଚେ, ସାମା ଆମିନାୟି କନତି କାଜା ୱାଲି ଆ଼ତେ, ଏ଼ୱାସି ଏ଼ ୱାଲି ।”
12 और किसी दूसरे के वसीले से नजात नहीं, क्यूँकि आसमान के तले आदमियों को कोई दुसरा नाम नहीं बख़्शा गया, जिसके वसीले से हम नजात पा सकें।
୧୨ଏ଼ୱାଣି ପିସ୍ପେ ଅ଼ଡ଼େ ଆମ୍ବାଆରି ତା଼ଣା ଗେଲ୍ପିନାୟି ହିଲେଏ; ଇଚିହିଁ ଆମ୍ବାଆରି ତା଼ଣାଟି ମା଼ର ଗେଲ୍ପି ଆ଼ନାୟି ଆ଼ନେ, ହା଼ଗୁ ଡ଼଼ଇ ମାଣ୍ସିୟାଁ ବିତ୍ରା ଏ଼ନି ଦ଼ରୁ ହୀପ୍କି ଆ଼ହା ହିଲେଏ ।
13 जब उन्होंने पतरस और यूहन्ना की हिम्मत देखी, और मा'लूम किया कि ये अनपढ़ और नावाक़िफ़ आदमी हैं, तो ता'अज्जुब किया; फिर ऊन्हें पहचाना कि ये ईसा के साथ रहे हैं।
୧୩ଏ଼ୱାରି ପିତର ଅ଼ଡ଼େ ଜହନତି ସା଼ସା ମେସାନା ଇଞ୍ଜାଁ ଏ଼ୱାରି ଏ଼ନାଆଁ ପୁନାଆତାରି ଅ଼ଡ଼େ ବୁଦି ହିଲାଆ ଲ଼କୁ, ଈଦାଆଁ ପୁଞ୍ଜାନା ଆଡାଜାକା ଆ଼ହାହାଚେରି, ଇଞ୍ଜାଁ ଏ଼ୱାରି ଜୀସୁତଲେ ମାଚେରି ଇଞ୍ଜିଁ ପୁଚେରି,
14 और उस आदमी को जो अच्छा हुआ था, उनके साथ खड़ा देखकर कुछ ख़िलाफ़ न कह सके।
୧୪ସାମା ଏ଼ ନେହିଁ ଆ଼ହାମାଚାସି ଜହନ ଇଞ୍ଜାଁ ପିତର ତଲେ ନିଚାମାଚାଣି ମେସାନା ଏ଼ୱାରି କ଼ପାଟି ଏ଼ନାଆଁ ଜ଼ଲାଲି ଆ଼ଡାଆତେରି ।
15 मगर उन्हें सद्रे — ए — अदालत से बाहर जाने का हुक्म देकर आपस में मशवरा करने लगे।
୧୫ଡା଼ୟୁ ଏ଼ୱାରାଇଁ ବେ଼ରଣି ମାଣ୍ତାଟି ହ଼ଚା ହାଜାଲି ହୁକୁମି ହୀହାନା ଏ଼ୱାରି ତା଼ମ୍ବୁ ତା଼ମ୍ବୁଏ ୱେସ୍ପି ଆ଼ତେରି
16 “कि हम इन आदमियों के साथ क्या करें? क्यूँकि येरूशलेम के सब रहने वालों पर यह रोशन है। कि उन से एक खुला मोजिज़ा ज़ाहिर हुआ और हम इस का इन्कार नहीं कर सकते।
୧୬“ଈ ଲ଼କୁଣି ଏ଼ନାଆଁ କିନାୟି?” ଏ଼ୱାରି ଏଲେଇଚେରି, “ଇଚିହିଁ ଈୱାରି ତା଼ଣାଟି କାବାଆ଼ନି କାମା କିୱିଆ଼ହାମାନେ, ଈଦି ଜିରୁସାଲମତି ବାରେଜା଼ଣା ନ଼କିତା ତ଼ଞ୍ଜା ଆ଼ହାମାନେ, ଇଞ୍ଜାଁ ମା଼ର ଏ଼ଦାଆଁ ଆ଼ଏ ଇଞ୍ଜାଲି ଆ଼ଡାଆୟି;
17 लेकिन इसलिए कि ये लोगों में ज़्यादा मशहूर न हो, हम उन्हें धमकाएं कि फिर ये नाम लेकर किसी से बात न करें।”
୧୭ସାମା ଈ କାତା ଲ଼କୁତା଼ଣା ଏ଼ନିକିଁ ଗାଡି ୱେ଼ଙ୍ଗେଏ, ଏ଼ଦାଆଁତାକି ଏ଼ୱାରାଇଁ ଜୀସୁ ଦ଼ରୁ ଏଚେଲା ଆମ୍ବାଆରି ନ଼କିତା ଆସାଲି ଏ଼ୱାରାଇଁ କା଼ହିକିନାୟି ମାନେ ।”
18 पस उन्हें बुला कर ताकीद की कि ईसा का नाम लेकर हरगिज़ बात न करना और न तालीम देना।
୧୮ଡା଼ୟୁ ଏ଼ୱାରି ଜହନ ଅ଼ଡ଼େ ପିତରଇଁ ହା଼ଟାନା ଜୀସୁତି ଦ଼ରୁ ୱେହ୍ଆଦୁ କି ଜା଼ପ୍ଆଦୁ ଇଞ୍ଜିଁ ହୁକୁମି ହୀତେରି ।
19 मगर पतरस और यूहन्ना ने जवाब में उनसे कहा, कि तुम ही इन्साफ़ करो, आया ख़ुदा के नज़दीक ये वाजिब है कि हम ख़ुदा की बात से तुम्हारी बात ज़्यादा सुनें?
୧୯ସାମା ପିତର ଅ଼ଡ଼େ ଜହନ ଏ଼ୱାରାଇଁ ଏଲେଇଚେରି, “ମାହାପୂରୁ କାତା ୱେନିକିହାଁ ମୀ କାତା ୱେନାୟି ମାହାପୂରୁ ନ଼କିତା ନେହେଁ କି ଆ଼ଏ, ଏ଼ଦାଆଁ ମୀରୁ ଅଣ୍ପା କଡାଦୁ ।
20 क्यूँकि मुम्किन नहीं कि जो हम ने देखा और सुना है वो न कहें।
୨୦ଇଚିହିଁ ମା଼ମ୍ବୁ ଏ଼ନାଆଁ ମେସାମାନମି ଇଞ୍ଜାଁ ୱେଞ୍ଜାମାନମି, ଏ଼ ବାରେ ୱେହ୍ଆନା ଡ଼ୟାଲି ଆ଼ଡଅମି ।”
21 उन्होंने उनको और धमकाकर छोड़ दिया; क्यूँकि लोगों कि वजह से उनको सज़ा देने का कोई मौक़ा; न मिला इसलिए कि सब लोग उस माजरे कि वजह से ख़ुदा की बड़ाई करते थे।
୨୧ସାମା ଏ଼ ବେ଼ରଣି ମାଣ୍ତାତାରି ଏ଼ୱାରାଇଁ ଅ଼ଡ଼େ ହା଼ରେକା ଆଜି କିହାନା ପିସ୍ତେରି, ଏ଼ୱାରାଇଁ ଡଣ୍ତ ହୀହାଲି ଆ଼ଏ ଇଞ୍ଜିଁ ଏ଼ୱାରି ପୁଚେରି, ଏ଼ନାଆଁତାକି ଇଚିହିଁ ଏ଼ କାମାତାକି ଲ଼କୁ ବାରେ ମାହାପୂରୁଇଁ ଜହରା କିତେରି ।
22 क्यूँकि वो शख़्स जिस पर ये शिफ़ा देने का मोजिज़ा हुआ था, चालीस बरस से ज़्यादा का था।
୨୨ଇଚିହିଁ ଆମିନିଗାଟାଣି ତା଼ଣା କାବାଆ଼ନି ନେହିଁ କାମା କିୱି ଆ଼ହାମାଚେ, ଏ଼ୱାସି ରୀ କ଼ଡ଼ି ବାର୍ସାଟିଏ ଲାକ ମାଚେସି ।
23 वो छूटकर अपने लोगों के पास गए, और जो कुछ सरदार काहिनों और बुज़ुर्गों ने उन से कहा था बयान किया।
୨୩ପିତର ଅ଼ଡ଼େ ଜହନ ପିସ୍ପିଆ଼ତି ଦେବୁଣିଏ ତାମି ତ଼ଣେସିଙ୍ଗା ତା଼ଣା ହାଚେରି ଇଞ୍ଜାଁ କାଜା ପୂଜେରାଙ୍ଗା ଅ଼ଡ଼େ ପ୍ରାଚିନାଙ୍ଗା ଏ଼ନାଆଁ ୱେସାମାଚେରି, ଏ଼ ବାରେ ଏ଼ୱାରାଇଁ ୱେସ୍ତେରି ।
24 जब उन्होंने ये सुना तो एक दिल होकर बुलन्द आवाज़ से ख़ुदा से गुज़ारिश की, 'ऐ' मालिक तू वो है जिसने आसमान और ज़मीन और समुन्दर और जो कुछ उन में है पैदा किया।
୨୪ଏ଼ୱାରି ଏ଼ଦାଆଁ ୱେଞ୍ଜାନା ରଣ୍ତିଏ ହିୟାଁ ତଲେ ମାହାପୂରୁ ନ଼କିତା କାଜା ହା଼ଡାତଲେ ପ୍ରା଼ତାନା କିହିଁ ଏଲେଇଚେରି, “ପ୍ରବୁ ନୀନୁ ହା଼ଗୁ, ଦାର୍ତି, ସାମ୍ଦୁରି ଇଞ୍ଜାଁ ଏ଼ ବାରେ ତା଼ଣା ମାନାଣି ବାରେ ଗା଼ଡ଼ି କିହାମାଞ୍ଜି!
25 तूने रूह — उल — क़ुद्दूस के वसीले से हमारे बाप अपने ख़ादिम दाऊद की ज़बानी फ़रमाया कि, क़ौमों ने क्यूँ धूम मचाई? और उम्मतों ने क्यूँ बातिल ख़याल किए?
୨୫ସୁଦୁଜୀୱୁ ତଲେ ନୀନୁ ମା଼ ଆକୁ ଦାୱୁଦ ନୀ ହ଼ଲେଏଣା ଗୂତିଟି, ଈ କାତା ୱେସାମାଚି; ‘ଜୀହୁଦିଆ଼ଆତାରି ଏ଼ନାଆଁତାକି କାର୍ବି ଆ଼ତେରି; ଇଞ୍ଜାଁ ଲ଼କୁ ଏ଼ନାଆଁତାକି ଉଜେଏତାଣି ଅଣ୍ପିତେରି?
26 ख़ुदावन्द और उसके मसीह की मुख़ालिफ़त को ज़मीन के बादशाह उठ खड़े हुए, और सरदार जमा हो गए।’
୨୬ପ୍ରବୁ ଅ଼ଡ଼େ ତାନି ବ଼ର ବେଟାଆ଼ହାମାନି ମସିହା କ଼ପାଟି, ଦାର୍ତିତି ରାଜାୟାଁ ନିଙ୍ଗିତେରି, ଇଞ୍ଜାଁ ସା଼ଲୱି କିନାରି କୂଡ଼ା ଆ଼ତେରି ।’”
27 क्यूँकि वाक़'ई तेरे पाक ख़ादिम ईसा के बरख़िलाफ़ जिसे तूने मसह किया। हेरोदेस, और, पुनित्युस पीलातुस, ग़ैर क़ौमों और इस्राईलियों के साथ इस शहर में जमा हुए।
୨୭ଇଚିହିଁ ନୀ ସୁଦୁଗାଟି ହ଼ଲେଏସି ଜୀସୁଇଁ ବ଼ର ହୀତି, ସାତେଏ ଏ଼ୱାଣି କ଼ପାଟି ହେରଦ ଅ଼ଡ଼େ ପନ୍ତିୟ ପିଲାତ ଈ ରିଆରି ଜୀହୁଦିଆ଼ଆତାରି ଅ଼ଡ଼େ ଇସ୍ରାୟେଲ ଲ଼କୁତଲେ ଈ ଗା଼ଡ଼ାତା ପାରୁ ପାରିତେରି,
28 ताकि जो कुछ पहले से तेरी क़ुदरत और तेरी मसलेहत से ठहर गया था, वही 'अमल में लाएँ।
୨୮ମୀ ଅଣ୍ପୁ ତଲେ ଏ଼ନାୟି ବାରେ ଗଟୱି ଆ଼ନେ ଇଞ୍ଜିଁ ତଲିଟିଏ କିୱି ଆ଼ହାମାଚେ, ଏ଼ଦାଆଁ କିହାଲି କୂଡ଼ା ଆ଼ତେରି ।
29 अब, ऐ ख़ुदावन्द “उनकी धमकियों को देख, और अपने बन्दों को ये तौफ़ीक़ दे, कि वो तेरा कलाम कमाल दिलेरी से सुनाएँ।
୨୯ଅ଼ଡ଼େ ନୀଏଁ, ଏ଼ ପ୍ରବୁ, ଏ଼ୱାରି ମାଙ୍ଗେ ଆଜି କିହିମାଞ୍ଜାନାଣି ସିନିକିୟାମୁ; ଅ଼ଡ଼େ ନୀ ହ଼ଲିୟାଙ୍ଗାଣି ହା଼ରେକା ସା଼ସାତଲେ ନୀ ବ଼ଲୁ ୱେସାଲି ବା଼ଡ଼୍ୟୁ ହୀମୁ,
30 और तू अपना हाथ शिफ़ा देने को बढ़ा और तेरे पाक ख़ादिम ईसा के नाम से मोजिज़े और अजीब काम ज़हूर में आएँ।”
୩୦ଇଞ୍ଜାଁ ଏ଼ଦାଆଁ ତଲେ ନୀ ସୁଦୁ ହ଼ଲେଏସି ଜୀସୁତି ଦ଼ରୁତଲେ ନେହିଁ କିହାଲି ଅ଼ଡ଼େ ସିନାୟାଁ ଇଞ୍ଜାଁ କାବାଆ଼ନି କାମାୟାଁ କିହାଲିତାକି ନୀ କେୟୁ ଦା଼ସା ଡ଼ୟାମୁ ।
31 जब वो दुआ कर चुके, तो जिस मकान में जमा थे, वो हिल गया और वो सब रूह — उल — क़ुद्दूस से भर गए, और ख़ुदा का कलाम दिलेरी से सुनाते रहे।
୩୧ଏ଼ୱାରି ପ୍ରା଼ତାନା ରା଼ପ୍ହି ଡା଼ୟୁ, ଆମିନି ଟା଼ୟୁତା ରୁଣ୍ତା ଆ଼ହାମାଚେରି, ଏ଼ଦି ୱୀଡିତେ । ଇଞ୍ଜାଁ ବାରେଜା଼ଣା ସୁଦୁଜୀୱୁ ତଲେ ନେଞ୍ଜାନା ବା଼ଡ଼୍ୟୁ ତଲେ ମାହାପୂରୁତି ବ଼ଲୁ ୱେ଼କ୍ହାଲି ମା଼ଟ୍ହେରି ।
32 और ईमानदारों की जमा'अत एक दिल और एक जान थी; और किसी ने भी अपने माल को अपना न कहा, बल्कि उनकी सब चीज़ें मुश्तरका थीं।
୩୨ନାମୁଗାଟି ଲ଼କୁ ରଣ୍ତିଏ ହିୟାଁ ରଣ୍ତିଏ ମ଼ନତଲେ ମାଚେରି; ଏ଼ୱାରି ବିତ୍ରାଟି ଆମ୍ବାଆରି ଜିକେଏ ତାମି ଦ଼ନତି ମା଼ଦି ଇଞ୍ଜିଁ ଅଣ୍ପି ହିଲାଆତେରି, ସାମା ଏ଼ୱାରିୱାୟି ବାରେ ସମାନା ଇଞ୍ଜିଁ ଅଣ୍ପିମାଚେରି ।
33 और रसूल बड़ी क़ुदरत से ख़ुदावन्द ईसा के जी उठने की गवाही देते रहे, और उन सब पर बड़ा फ़ज़ल था।
୩୩ପାଣ୍ତ୍ୱି ଆ଼ହାମାନାରି ଗାଡି ବା଼ଡ଼୍ୟୁ ତଲେ ପ୍ରବୁ ଜୀସୁତି ୱେଣ୍ତେ ନିଙ୍ଗିତି କାତା ୱେସାଲି ମା଼ଟ୍ହେରି, ଇଞ୍ଜାଁ ବାରେତି ଲାକ ମାହାପୂରୁତି ହା଼ରେକା କାର୍ମା ମାଚେ ।
34 क्यूँकि उन में कोई भी मुहताज न था, इसलिए कि जो लोग ज़मीनों और घरों के मालिक थे, उनको बेच बेच कर बिकी हुई चीज़ों की क़ीमत लाते।
୩୪ଇଚିହିଁ ଏ଼ୱାରି ବିତ୍ରା ଆମ୍ବାଆରାକି ଏ଼ନାୟି ଊଣା ଆ଼ହି ହିଲାଆତେ, ଇଚିହିଁ ଏଚେକା ଲ଼କୁତି ବୂମି ଇଞ୍ଜାଁ ଇଲ୍କା ମାଚୁ ପାର୍ଚି ମାଚେରି
35 और रसूलों के पाँव में रख देते थे, फिर हर एक को उसकी ज़रुरत के मुवाफ़िक़ बाँट दिया जाता था।
୩୫ଅ଼ଡ଼େ ପାଣ୍ତ୍ୱି ଆ଼ତାରି କଡାଁ ଡ଼଼ଇକା ଏ଼ ଡାବୁୟାଁ ହୀହିମାଚେରି, ଅ଼ଡ଼େ ବାରେ ଲ଼କୁତାକି ତାମି ଲ଼ଡ଼ାମାନି ଲେହେଁ ଏ଼ ଡାବୁୟାଁ ବା଼ଟିକିୱି ଆ଼ହିମାଚେ ।
36 और यूसुफ़ नाम एक लावी था, जिसका लक़ब रसूलों ने बरनबास: या'नी नसीहत का बेटा रख्खा था, और जिसकी पैदाइश कुप्रुस टापू की थी।
୩୬କୁପ୍ର ଇନି ଟା଼ୟୁତା ଜାର୍ନା ଆ଼ହାମାଚି ଲେ଼ବି କୂଡ଼ାତି ଜସେପ, ଆମିନାଣାଇଁ ପାଣ୍ତ୍ୱି ଆ଼ତାରି ବର୍ନବା ଇଞ୍ଜିଁ ମାଚେରି, ଈ ଦ଼ରୁ ଅର୍ତ “ବା଼ର୍ସୁ ହୀନାସି,”
37 उसका एक खेत था, जिसको उसने बेचा और क़ीमत लाकर रसूलों के पाँव में रख दी।
୩୭ଏ଼ୱାଣିୱାୟି ଇଚାୟି ବୂମି ମାଚେ, ଏ଼ୱାସି ଏ଼ଦାଆଁ ପା଼ର୍ଚାନା ଏମ୍ବାତି ଟାକାୟାଁ ତାଚାନା ପାଣ୍ତ୍ୱି ଆ଼ତାରି କଡାୟାଁ ଡ଼଼ଇ ଇଟିତେସି ।