< 1 सला 20 >

1 और अराम के बादशाह बिन हदद ने अपने सारे लश्कर को इकट्ठा किया, और उसके साथ बत्तीस बादशाह और घोड़े और रथ थे; और उसने सामरिया पर चढ़ाई करके उसका घेरा किया और उससे लड़ा।
ইত্যবসরে অরামের রাজা বিন্‌হদদ তাঁর সমগ্র সৈন্যদল একত্রিত করলেন। বত্রিশজন রাজা ও তাদের ঘোড়া ও রথ সঙ্গে নিয়ে গিয়ে তিনি চারদিক থেকে শমরিয়া নগরটিকে ঘিরে ধরে সেখানে আক্রমণ চালিয়েছিলেন।
2 और इस्राईल के बादशाह अख़ीअब के पास शहर में क़ासिद रवाना किए और उसे कहला भेजा कि “बिन हदद ऐसा फ़रमाता है: कि
তিনি এই কথা বলার জন্য নগরে ইস্রায়েলের রাজা আহাবের কাছে দূত পাঠালেন, “বিনহদদ এই কথা বলেন:
3 'तेरी चाँदी और तेरा सोना मेरा है; तेरी बीवियों और तेरे लड़कों में जो सबसे ख़ूबसूरत हैं वह मेरे हैं।”
‘আপনার রুপো ও সোনাদানা সব আমার, এবং আপনার বাছাই করা স্ত্রী ও সন্তানেরাও আমার।’”
4 इस्राईल के बादशाह ने जवाब दिया, “ऐ मेरे मालिक, बादशाह! तेरे कहने के मुताबिक़, मैं और जो कुछ मेरे पास है सब तेरा ही है।”
ইস্রায়েলের রাজা উত্তর দিলেন, “হে আমার প্রভু মহারাজ, আপনি ঠিকই বলেছেন। আমি ও আমার সবকিছুই আপনার।”
5 फिर उन क़ासिदों ने दोबारा आकर कहा कि “बिनहदद ऐसा फ़रमाता है कि 'मैंने तुझे कहला भेजा था कि तू अपनी चाँदी और अपनी बीवियाँ और अपने लड़के मेरे हवाले कर दे
দূতেরা আরেকবার এসে বলল, “বিন্‌হদদ একথাই বলেন: ‘আমি আপনার রুপো ও সোনাদানা, আপনার স্ত্রী ও সন্তানদের চেয়ে নেওয়ার জন্য লোক পাঠিয়েছিলাম।
6 लेकिन अब मैं कल इसी वक़्त अपने ख़ादिमों को तेरे पास भेजूँगा; तब वह तेरे घर और तेरे ख़ादिमों के घरों की तलाशी लेंगे, और जो कुछ तेरी निगाह में क़ीमती होगा वह उसे अपने कब्ज़े में करके ले आएँगे।”
কিন্তু আগামীকাল মোটামুটি এসময় আপনার রাজপ্রাসাদে ও আপনার কর্মকর্তাদের বাড়িতে তল্লাসি চালানোর জন্য আমি আমার কর্মকর্তাদের পাঠাতে যাচ্ছি। আপনার কাছে যা যা মূল্যবান, সেসবকিছু তারা বাজেয়াপ্ত করে নিয়ে চলে যাবে।’”
7 तब इस्राईल के बादशाह ने मुल्क के सब बुज़ुर्गों को बुला कर कहा, “ज़रा ग़ौर करो और देखो, कि यह शख़्स किस तरह बुराई के पीछे पड़ा है; क्यूँकि उसने मेरी बीवियाँ और मेरे लड़के और मेरी चाँदी और मेरा सोना, मुझ से मंगा भेजा और मैंने उससे इन्कार नहीं किया।”
ইস্রায়েলের রাজা আহাব দেশের সব প্রাচীনকে ডেকে পাঠালেন এবং তাদের বললেন, “দেখুন কীভাবে এই লোকটি অনিষ্ট করার চেষ্টা করছেন! তিনি যখন আমার স্ত্রী ও সন্তানদের, আমার রুপো ও সোনাদানা চেয়ে পাঠালেন, আমি তাঁর কথা অমান্য করিনি।”
8 तब सब बुज़गों और सब लोगों ने उससे कहा कि “तू मत सुन, और मत मान।”
প্রাচীনেরা ও সব লোকজন উত্তর দিয়েছিল, “তাঁর কথা শুনবেন না বা তাঁর দাবি মানবেন না।”
9 इसलिए उसने बिनहदद के कासिदों से कहा, “मेरे मालिक बादशाह से कहना, 'जो कुछ तू ने अपने ख़ादिम से पहले तलब किया, वह तो मैं करूँगा; पर यह बात मुझ से नहीं हो सकती।” तब क़ासिद रवाना हुए और उसे यह जवाब सुना दिया।
অতএব তিনি বিনহদদের দূতদের জবাব দিলেন, “আমার প্রভু মহারাজকে গিয়ে বলো, ‘আপনি প্রথমবার যে যে দাবি জানিয়েছিলেন, আপনার দাস সেসব মানবে, কিন্তু আপনার এই দাবিটি আমি মানতে পারছি না।’” তারা এই উত্তর নিয়ে বিন্‌হদদের কাছে ফিরে গেল।
10 तब बिन हदद ने उसको कहला भेजा कि “अगर सामरिया की मिट्टी, उन सब लोगों के लिए जो मेरे पैरोकार हैं, मुट्ठियाँ भरने को भी काफ़ी हो; तो मा'बूद मुझ से ऐसा ही बल्कि इससे भी ज़्यादा करें।”
পরে বিন্‌হদদ আহাবের কাছে অন্য একটি খবর দিয়ে পাঠালেন: “আমার লোকজনের হাতে দেওয়ার মতো ধুলোও যদি শমরিয়ায় পড়ে থাকে, তবে যেন দেবদেবীরা আমায় কঠোর থেকে কঠোরতর দণ্ড দেন।”
11 शाह — ए — इस्राईल ने जवाब दिया, “तुम उससे कहना, 'जो हथियार बाँधता है, वह उसकी तरह फ़ख़्र न करे जो उसे उतारता है।”
ইস্রায়েলের রাজা উত্তর দিলেন, “তাঁকে গিয়ে বলো: ‘যিনি রক্ষাকবচ ধারণ করলেন, তাঁর এমন কোনও লোকের মতো অহংকার করা উচিত নয়, যিনি তা খুলে ফেলেছেন।’”
12 जब बिन हदद ने, जो बादशाहों के साथ सायबानों में मयनोशी कर रहा था, यह पैग़ाम सुना तो अपने मुलाज़िमों को हुक्म किया कि “सफ़ बान्ध लो।” इसलिए उन्होंने शहर पर चढ़ाई करने के लिए सफ़आराई की।
বিনহদদ ও অন্যান্য রাজারা যখন তাঁবুতে বসে মদ্যপান করছিলেন, তখনই তিনি এই খবরটি পেয়েছিলেন, এবং তিনি তাঁর লোকজনকে আদেশ দিলেন: “আক্রমণ করার জন্য প্রস্তুত হও।” অতএব তারা নগরটি আক্রমণ করার জন্য প্রস্তুত হল।
13 और देखो, एक नबी ने शाह — ए — इस्राईल अख़ीअब के पास आकर कहा, 'ख़ुदावन्द ऐसा फ़रमाता है कि “क्या तू ने इस बड़े हुजूम को देख लिया? मैं आज ही उसे तेरे हाथ में कर दूँगा, और तू जान लेगा कि ख़ुदावन्द मैं ही हूँ।”
এদিকে একজন ভাববাদী ইস্রায়েলের রাজা আহাবের কাছে এসে ঘোষণা করলেন, “সদাপ্রভু একথাই বলেন: ‘তুমি কি এই বিশাল সৈন্যদল দেখছ? আজই আমি এদের তোমার হাতে তুলে দেব, আর তখনই তুমি জানতে পারবে যে আমিই সদাপ্রভু।’”
14 तब अख़ीअब ने पूछा, “किसके वसीले से?” उसने कहा, ख़ुदावन्द ऐसा फ़रमाता है कि सूबों के सरदारों के जवानों के वसीले से! “फिर उसने पूछा कि लड़ाई कौन शुरू करे।” उसने जवाब दिया कि “तू।”
“কিন্তু কে এ কাজ করবে?” আহাব জিজ্ঞাসা করলেন। ভাববাদীমশাই উত্তরে বললেন, “সদাপ্রভু একথাই বলেন: ‘প্রাদেশিক সেনাপতিদের অধীনে থাকা নিম্নপদস্থ কর্মকর্তারা এ কাজ করবে।’” “আর যুদ্ধ কে শুরু করবে?” তিনি জিজ্ঞাসা করলেন। ভাববাদীমশাই উত্তর দিলেন, “আপনিই করবেন।”
15 तब उसने सूबों के सरदारों के जवानों को शुमार किया, और वह दो सौ बत्तीस निकले; उनके बाद उसने सब लोगों, या'नी सब बनी — इस्राईल की हाजरी ली, और वह सात हज़ार थे।
অতএব আহাব প্রাদেশিক সেনাপতিদের অধীনে থাকা 232 জন নিম্নপদস্থ কর্মকর্তাকে ডেকে পাঠালেন। পরে তিনি অবশিষ্ট মোট 7,000 ইস্রায়েলী লোক একত্রিত করলেন।
16 यह सब दोपहर को निकले, और बिन हदद और वह बत्तीस बादशाह, जो उसके मददगार थे, सायबानों में पी पीकर मस्त होते जाते थे।
বিন্‌হদদ ও তাঁর মিত্রপক্ষের বত্রিশজন রাজা যখন দুপুরবেলায় তাঁবুতে মাতাল হয়ে পড়েছিলেন, তখনই তারা রওনা হল।
17 इसलिए सूबों के सरदारों के जवान पहले निकले। और बिन हदद ने आदमी भेजे, और उन्होंने उसे ख़बर दी कि “सामरिया से लोग निकले हैं।”
প্রাদেশিক সেনাপতিদের অধীনে থাকা নিম্নপদস্থ কর্মকর্তারাই প্রথমে রওনা হল। ইত্যবসরে বিন্‌হদদ শত্রুপক্ষের খবর নেওয়ার জন্য লোক পাঠালেন, এবং তারা খবর দিয়েছিল, “শমরিয়া থেকে লোকজন এগিয়ে আসছে।”
18 उसने कहा, “अगर वह सुलह के इरादे से निकले हों तो उनको ज़िन्दा पकड़ लो, और अगर वह जंग को निकले हों तोभी उनको ज़िन्दा पकड़ो।”
তিনি বললেন, “তারা যদি সন্ধি করার জন্য আসছে, তবে তাদের জ্যান্ত অবস্থায় ধরো; যদি তারা যুদ্ধ করার জন্য আসছে, তাও তাদের জ্যান্ত অবস্থায় ধরো।”
19 तब सूबों के सरदारों के जवान और वह लश्कर जो उनके पीछे हो लिया था शहर से बाहर निकले;
প্রাদেশিক সেনাপতিদের অধীনে থাকা নিম্নপদস্থ কর্মকর্তারা নগর ছেড়ে কুচকাওয়াজ করে বের হয়ে এসেছিল। সৈন্যদল ছিল তাদের পিছনে
20 और उनमें से एक एक ने अपने मुख़ालिफ़ को क़त्ल किया; इसलिए अरामी भागे और इस्राईल ने उनका पीछा किया, और शाह — ए — अराम बिन हदद एक घोड़े पर सवार होकर सवारों के साथ भागकर बच गया।
এবং এক একজন তাদের প্রতিপক্ষকে আঘাত করল। তাতে অরামীয়রা পালিয়ে গেল, এবং ইস্রায়েলীরা তাদের পিছু ধাওয়া করল। কিন্তু অরামের রাজা বিন্‌হদদ কয়েকজন অশ্বারোহী সৈন্য সাথে নিয়ে ঘোড়ার পিঠে চেপে পালিয়ে গেলেন।
21 और शाह — ए — इस्राईल ने निकल कर घोड़ों और रथों को मारा, और अरामियों को बड़ी खूँरेज़ी के साथ क़त्ल किया।
ইস্রায়েলের রাজা এগিয়ে গিয়ে ঘোড়া ও রথগুলি কাবু করলেন এবং অরামীয়দের উপর ভারী ক্ষয়ক্ষতির বোঝা চাপিয়ে দিলেন।
22 और वह नबी शाह — ए — इस्राईल के पास आया और उससे कहा, “जा अपने को मज़बूत कर, और जो कुछ तू करे उसे ग़ौर से देख लेना; क्यूँकि अगले साल शाह — ए — अराम फिर तुझ पर चढ़ाई करेगा।”
পরে, সেই ভাববাদী ইস্রায়েলের রাজার কাছে এসে বললেন, “নিজের অবস্থান মজবুত করুন এবং দেখুন কী করতে হবে, কারণ আগামী বছর বসন্তকালে অরামের রাজা আবার আপনাকে আক্রমণ করবেন।”
23 और शाह — ए — अराम के ख़ादिमों ने उससे कहा, “उनका ख़ुदा पहाड़ी ख़ुदा है, इसलिए वह हम पर ग़ालिब आए; लेकिन हम को उनके साथ मैदान में लड़ने दे तो ज़रूर हम उन पर ग़ालिब होंगे।
এদিকে, অরামের রাজার কর্মকর্তারা তাঁকে পরামর্শ দিয়েছিল, “ওদের দেবদেবীরা পাহাড়ের দেবদেবী। এজন্যই ওরা আমাদের তুলনায় বেশি শক্তিশালী হয়ে গিয়েছে। কিন্তু আমরা যদি সমতলে নেমে ওদের বিরুদ্ধে যুদ্ধ করি, নিঃসন্দেহে আমরা ওদের তুলনায় বেশি শক্তিশালী হব।
24 और एक काम यह कर, कि बादशाहों को हटा दे, या'नी हर एक को उसके 'उहदे से हटा दे और उनकी जगह सरदारों को मुक़र्रर कर;
আপনি এক কাজ করুন: রাজাদের সরিয়ে দিয়ে তাদের স্থানে অন্যান্য কর্মকর্তাদের কাজে লাগান।
25 और अपने लिए एक लश्कर अपनी उस फ़ौज की तरह, जो तबाह हो गई, घोड़े की जगह घोड़ा और रथ की जगह रथ गिन गिनकर तैयार कर ले। हम मैदान में उनसे लड़ेंगे और ज़रूर उन पर ग़ालिब होंगे।” इसलिए उसने उनका कहा माना और ऐसा ही किया।
যে সৈন্যদল আপনি হারিয়েছেন, সেটির মতো আরও একটি সৈন্যদল গড়ে তুলুন—ঘোড়ার পরিবর্তে ঘোড়া এবং রথের পরিবর্তে রথ—তবেই আমরা সমতলে ইস্রায়েলের বিরুদ্ধে যুদ্ধ করতে পারব। তখন নিঃসন্দেহে আমরা ওদের তুলনায় বেশি শক্তিশালী হয়ে যাব।” তিনি তাদের কথায় রাজি হয়ে সেইমতোই কাজ করলেন।
26 और अगले साल बिन हदद ने अरामियों की हाज़री ली, और इस्राईल से लड़ने के लिए अफ़ीक़ को गया।
পরের বছর বসন্তকালে বিন্‌হদদ অরামীয়দের একত্রিত করে অফেকে ইস্রায়েলের বিরুদ্ধে যুদ্ধ করতে গেলেন।
27 और बनी — इस्राईल की हाज़री भी ली गई, और उनकी ख़ूराक का इन्तज़ाम किया गया और यह उनसे लड़ने को गए; और बनी — इस्राईल उनके बराबर ख़ेमाज़न होकर ऐसे मा'लूम होते थे जैसे हलवानों के दो छोटे रेवड़, लेकिन अरामियों से वह मुल्क भर गया था।
ইস্রায়েলীদেরও যখন একত্রিত করে সবকিছুর জোগান দেওয়া হল, তারা কুচকাওয়াজ করে অরামীয়দের সম্মুখীন হতে গেল। ইস্রায়েলীরা ছোটো দুটি ছাগপালের মতো তাদের বিপরীত দিকে শিবির স্থাপন করল, অন্যদিকে অরামীয়দের দ্বারা গ্রামাঞ্চলের সম্পূর্ণ এলাকা ঢাকা পড়ে গেল।
28 तब एक नबी इस्राईल के बादशाह के पास आया और उससे कहा, “ख़ुदावन्द ऐसा फ़रमाता है कि चूँकि अरामियों ने ऐसा कहा है कि ख़ुदावन्द पहाड़ी ख़ुदा है, और वादियों का ख़ुदा नहीं; इसलिए मैं इस सारे बड़े हुजूम को तेरे ज़िम्मे में कर दूँगा, और तुम जान लोगे कि मैं ख़ुदावन्द हूँ।”
ঈশ্বরের সেই লোক এসে ইস্রায়েলের রাজাকে বললেন, “সদাপ্রভু একথাই বলেন: ‘যেহেতু অরামীয়রা মনে করেছে সদাপ্রভু পাহাড়ের দেবতা এবং তিনি উপত্যকার দেবতা নন, তাই আমি এই বিশাল সংখ্যক সৈন্যদল তোমাদের হাতে সমর্পণ করব, এবং তোমরা জানবে যে আমিই সদাপ্রভু।’”
29 और वह एक दूसरे के मुक़ाबिल सात दिन तक ख़ेमाज़न रहे; और सातवें दिन जंग छिड़ गई, और बनी — इस्राईल ने एक दिन में अरामियों के एक लाख प्यादे क़त्ल कर दिए;
সাত দিন পর্যন্ত তারা পরস্পরের বিপরীতে শিবির স্থাপন করে বসেছিল, এবং সপ্তম দিনে যুদ্ধ বেধে গেল। একদিনেই ইস্রায়েলীরা অরামীয়দের এক লক্ষ পদাতিক সৈন্য মেরে ফেলেছিল।
30 और बाक़ी अफ़ोक को शहर के अन्दर भाग गए, और वहाँ एक दीवार सताईस हज़ार पर जो बाकी रहे थे गिरी। और बिन हदद भागकर शहर के अन्दर एक अन्दरूनी कोठरी में घुस गया।
অবশিষ্ট সৈন্যরা সেই অফেক নগরে পালিয়ে গেল, যেখানে সাতাশ হাজার সৈন্যের উপর প্রাচীর ভেঙে পড়েছিল। বিন্‌হদদ সেই নগরে পালিয়ে গিয়ে ভিতরের একটি ঘরে লুকিয়েছিলেন।
31 और उसके ख़ादिमों ने उससे कहा, “देख, हम ने सुना है कि इस्राईल के घराने के बादशाह रहीम होते हैं; इसलिए हम को ज़रा अपनी कमरों पर टाट और अपने सिरों पर रस्सियाँ बाँध कर शाह — ए — इस्राईल के सामने जाने दे; शायद वह तेरी जान बख़्शी करे।”
তাঁর কর্মকর্তারা তাঁকে বলল, “দেখুন, আমরা শুনেছি যে ইস্রায়েলের রাজারা নাকি খুব দয়ালু। আসুন, আমরা সবাই কোমরের চারপাশে চট ঝুলিয়ে ও মাথার চারপাশে দড়ি বেঁধে ইস্রায়েলের রাজার কাছে যাই। হয়তো তিনি আপনার প্রাণভিক্ষা দেবেন।”
32 इसलिए उन्होंने अपनी कमरों पर टाट और सिरों पर रस्सियाँ बाँधी, और शाह — ए — इस्राईल के सामने आकर कहा, “तेरा ख़ादिम बिनहदद यह दरख़्वास्त करता है कि 'महेरबानी करके मुझे जीने दे।” उसने कहा, “क्या वह अब तक ज़िन्दा है? वह मेरा भाई है।”
কোমরের চারপাশে চট ঝুলিয়ে ও মাথার চারপাশে দড়ি বেঁধে তারা ইস্রায়েলের রাজার কাছে গিয়ে বলল, “আপনার দাস বিন্‌হদদ বলছেন: ‘দয়া করে আমাকে বাঁচতে দিন।’” রাজামশাই উত্তর দিলেন, “তিনি কি এখনও বেঁচে আছেন? তিনি তো আমার ভাই।”
33 वह लोग बड़ी ध्यान से सुन रहे थे; इसलिए उन्होंने उसका दिली इरादा दरियाफ़्त करने के लिए झट उससे कहा कि “तेरा भाई बिन हदद।” तब उसने फ़रमाया कि “जाओ, उसे ले आओ।” तब बिन हदद उससे मिलने को निकला, और उसने उसे अपने रथ पर चढ़ा लिया।
লোকেরা এটি ভালো লক্ষণ বলে মনে করল এবং তৎক্ষণাৎ তাঁর কথা ধরে বলে উঠেছিল, “হ্যাঁ, আপনারই ভাই বিনহদদ!” “যাও, তাঁকে নিয়ে এসো,” রাজামশাই বললেন। বিন্‌হদদ যখন বের হয়ে এলেন, আহাব তাঁকে নিজের রথে উঠিয়ে নিয়েছিলেন।
34 और बिनहदद ने उससे कहा, “जिन शहरों को मेरे बाप ने तेरे बाप से ले लिया था, मैं उनको लौटा दूँगा; और तू अपने लिए दमिश्क़ में सड़कें बनवा लेना, जैसे मेरे बाप ने सामरिया में बनवाई।” अख़ीअब ने कहा, “मैं इसी 'अहद पर तुझे छोड़ दूँगा।” इसलिए उसने उससे 'अहद बाँधा और उसे छोड़ दिया।
“আমার বাবা আপনার বাবার কাছ থেকে যেসব নগর ছিনিয়ে নিয়েছিলেন, আমি সেগুলি ফিরিয়ে দেব,” বিনহদদ প্রস্তাব দিলেন। “আমার বাবা যেভাবে শমরিয়ায় বাজারঘাট বসিয়েছিলেন, আপনিও দামাস্কাসে আপনার নিজস্ব বাজারঘাট বসাতে পারেন।” আহাব বললেন, “একটি সন্ধিচুক্তির শর্তস্বাপেক্ষে আমি আপনাকে মুক্ত করে দেব।” অতএব তিনি বিন্‌হদদের সঙ্গে একটি সন্ধিচুক্তি করলেন, এবং তাঁকে যেতে দিলেন।
35 इसलिए अम्बियाज़ादों में से एक ने ख़ुदावन्द के हुक्म से अपने साथी से कहा, “मुझे मार।” लेकिन उसने उसे मारने से इन्कार किया।
সদাপ্রভুর বাক্যানুসারে ভাববাদী সম্প্রদায়ের মধ্যে একজন তাঁর সহচরকে বললেন, “তোমার অস্ত্র দিয়ে আমাকে আঘাত করো,” কিন্তু তিনি রাজি হননি।
36 तब उसने उससे कहा, “इसलिए कि तू ने ख़ुदावन्द की बात नहीं मानी, सो देख, जैसे ही तू मेरे पास से रवाना होगा एक शेर तुझे मार डालेगा।” सो जैसे ही वह उसके पास से रवाना हुआ, उसे एक शेर मिला और उसे मार डाला।
অতএব সেই ভাববাদীমশাই বললেন, “যেহেতু তুমি সদাপ্রভুর কথার বাধ্য হওনি, তাই যে মুহূর্তে তুমি আমাকে ছেড়ে যাবে, একটি সিংহ তোমাকে মেরে ফেলবে।” সেই লোকটি চলে যাওয়ার পর মুহূর্তেই একটি সিংহ তাকে পেয়ে মেরে ফেলেছিল।
37 फिर उसे एक और शख़्स मिला, उसने उससे कहा, “मुझे मार।” उसने उसे मारा, और मार कर ज़ख़्मी कर दिया।
সেই ভাববাদীমশাই অন্য একজনকে পেয়ে তাকে বললেন, “দয়া করে আমাকে আঘাত করো।” তাই সে তাঁকে আঘাত করে তাঁকে ক্ষতবিক্ষত করে তুলেছিল।
38 तब वह नबी चला गया और बादशाह के इन्तज़ार में रास्ते पर ठहरा रहा, और अपनी आँखों पर अपनी पगड़ी लपेट ली और अपना भेस बदल डाला।
তখন সেই ভাববাদীমশাই সেখান থেকে চলে গিয়ে পথে দাঁড়িয়ে রাজার আসার অপেক্ষা করছিলেন। তিনি মাথার পাগড়ি দিয়ে চোখ ঢেকে ছদ্মবেশ ধারণ করলেন।
39 जैसे ही बादशाह उधर से गुज़रा, उसने बादशाह की दुहाई दी और कहा कि “तेरा ख़ादिम जंग होते में वहाँ चला गया था; और देख, एक शख़्स उधर मुड़कर एक आदमी को मेरे पास ले आया, और कहा कि “इस आदमी की हिफ़ाज़त कर; अगर यह किसी तरह ग़ायब हो जाए, तो उसकी जान के बदले तेरी जान जाएगी, और नहीं तो तुझे एक क़िन्तार' चाँदी देनी पड़ेगी।
রাজামশাই যেই না পথ দিয়ে পার হয়ে যাচ্ছিলেন, সেই ভাববাদীমশাই তাঁকে ডেকে বলে উঠেছিলেন, “আপনার এই দাস আমি যুদ্ধক্ষেত্রের মাঝামাঝি চলে গেলাম, এবং কেউ একজন আমার কাছে একজন বন্দিকে নিয়ে এসে বলল, ‘এই লোকটিকে পাহারা দাও। যদি একে খুঁজে পাওয়া না যায়, তবে এর প্রাণের পরিবর্তে তোমার প্রাণ যাবে, অথবা তোমাকে এক তালন্ত রুপো দিতে হবে।’
40 जब तेरा ख़ादिम इधर उधर मसरूफ़ था, वह चलता बना।” शाह — ए — इस्राईल ने उससे कहा, “तुझ पर वैसा ही फ़तवा होगा, तू ने ख़ुद इसका फ़ैसला किया।”
আপনার এই দাস যখন এদিক-ওদিক একটু ব্যস্ত হয়ে পড়েছিল, লোকটি উধাও হয়ে গেল।” “তোমাকে ওই শাস্তিই পেতে হবে,” ইস্রায়েলের রাজা বললেন। “তুমি নিজেই নিজের শাস্তি ঘোষণা করেছ।”
41 तब उसने झट अपनी आँखों पर से पगड़ी हटा दी, और शाह — ए — इस्राईल ने उसे पहचाना कि वह नबियों में से है।
তখন সেই ভাববাদীমশাই তাড়াতাড়ি তাঁর চোখের উপর থেকে পাগড়িটি সরিয়ে ফেলেছিলেন, এবং ইস্রায়েলের রাজা চিনতে পেরেছিলেন যে তিনি ভাববাদীদের মধ্যেই একজন।
42 और उसने उससे कहा, ख़ुदावन्द ऐसा फ़रमाता है, “इसलिए कि तू ने अपने हाथ से एक ऐसे शख़्स को निकल जाने दिया, जिसे मैंने क़त्ल के लायक़ ठहराया था, इसलिए तुझे उसकी जान के बदले अपनी जान और उसके लोगों के बदले अपने लोग देने पड़ेंगे।”
তিনি রাজামশাইকে বললেন, “সদাপ্রভু একথাই বলেন: ‘তুমি এমন একজন লোককে মুক্ত করে দিয়েছ, যাকে মরতে হবে বলে আমি স্থির করে রেখেছিলাম। অতএব তার প্রাণের পরিবর্তে তোমার প্রাণ যাবে, তার লোকজনের পরিবর্তে তোমার লোকজন যাবে।’”
43 इसलिए शाह — ए — इस्राईल उदास और नाख़ुश होकर अपने घर को चला और सामरिया में आया।
বিষণ্ণ-গম্ভীর ও ক্রুদ্ধ হয়ে ইস্রায়েলের রাজা শমরিয়ায় তাঁর প্রাসাদে চলে গেলেন।

< 1 सला 20 >