< ଯିରିମୀୟ 6 >
1 ହେ ବିନ୍ୟାମୀନ୍ ଲୋକମାନେ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ରକ୍ଷା ପାଇବା ପାଇଁ ଯିରୂଶାଲମ ମଧ୍ୟରୁ ପଳାୟନ କର, ତକୋୟ ସହରରେ ତୂରୀ ବଜାଅ ଓ ବେଥ୍-ହକ୍କେରମ୍ ନଗରରେ ଧ୍ୱଜା ଟେକ; କାରଣ ଉତ୍ତର ଦିଗରୁ ଅମଙ୍ଗଳ ଓ ମହାବିନାଶ ନିରୀକ୍ଷଣ କରୁଅଛି।
१बन्यामीनच्या लोकांनो, जीव वाचविण्यासाठी पळा. यरूशलेमपासून दूर पळा. तकोवामध्ये तुतारी फुंका. बेथ-हक्करेमवर धोक्याचा इशारा देणारे निशाण उभारा. हे सर्व करा कारण उत्तरेकडून अरिष्ट येत आहे. भयानक नाश तुमच्याकडे येत आहे.
2 ସୁନ୍ଦରୀ ଓ ସୁକୁମାରୀ ସିୟୋନ କନ୍ୟାକୁ ଆମ୍ଭେ ସଂହାର କରିବା।
२सियोनेची कन्या, जी सुंदर आणि नाजूक अशी आहे, तिचा मी नाश करणार आहे.
3 ମେଷପାଳକମାନେ ଆପଣା ଆପଣା ପଲ ସଙ୍ଗେ ନେଇ ତାହା ନିକଟକୁ ଆସିବେ; ସେମାନେ ତାହା ବିରୁଦ୍ଧରେ ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗରେ ଆପଣା ଆପଣା ତମ୍ବୁ ସ୍ଥାପନ କରିବେ; ପ୍ରତ୍ୟେକେ ଆପଣା ଆପଣା ସ୍ଥାନରେ ପଲ ଚରାଇବେ।
३मेंढपाळ आणि त्यांचे कळप तिच्याकडे जातील. ते तिच्या सर्व बाजूंना तंबू ठोकतील. प्रत्येक मनुष्य स्वत: च्या हाताने कळपाची काळजी घेतील.
4 “ତୁମ୍ଭେମାନେ ତାହା ବିରୁଦ୍ଧରେ ଯୁଦ୍ଧ ଆୟୋଜନ କର; ଉଠ, ଆମ୍ଭେମାନେ ମଧ୍ୟାହ୍ନ କାଳରେ ଯାତ୍ରା କରୁ,” “ହାୟ ହାୟ, କାରଣ ଦିନ ଅବସାନ ହେଉଅଛି, ସନ୍ଧ୍ୟାକାଳର ଛାୟା ଦୀର୍ଘ ହେଉଅଛି।”
४“परमेश्वराच्या नावात तिच्यावर हल्ला करा. उठा! आपण दुपारी हल्ला करु. हे किती वाईट आहे की दिवस मावळत आहे आणि संध्याछाया लांबत आहेत.
5 “ଉଠ, ଆମ୍ଭେମାନେ ରାତ୍ରିରେ ଯାତ୍ରା କରୁ ଓ ତାହାର ଅଟ୍ଟାଳିକାସବୁ ବିନାଶ କରୁ।”
५तर आपण रात्रीच तिच्यावर हल्ला करु या व तिच्या भक्कम तटबंदीचा नाश करु या.”
6 କାରଣ ସୈନ୍ୟାଧିପତି ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହିଅଛନ୍ତି, “ତୁମ୍ଭେମାନେ ବୃକ୍ଷ କାଟି ଯିରୂଶାଲମର ପ୍ରତିକୂଳରେ ବନ୍ଧ ବାନ୍ଧ; ସେହି ନଗର ପ୍ରତିଫଳ ପାଇବାର ଯୋଗ୍ୟ; ତାହାର ଭିତର ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ଉପଦ୍ରବମୟ।
६कारण सेनाधीश परमेश्वर असे म्हणतो, शक्तीमान परमेश्वर असे म्हणतो, “झाडे कापा आणि यरूशलेमविरूद्ध मोर्चा बांधा. या नगरीला शिक्षा व्हावीच, कारण या नगरीच्या आत जुलुमाशिवाय काहीही नाही.
7 ଯେପରି ନିର୍ଝର ଜଳ ନିର୍ଗତ କରେ, ସେପରି ସେ ଆପଣା ଦୁଷ୍ଟତା ନିର୍ଗତ କରେ; ତାହା ମଧ୍ୟରେ ଦୌରାତ୍ମ୍ୟ ଓ ଅପହରଣ ଶୁଣାଯାଏ; ପୁଣି, ପୀଡ଼ା ଓ କ୍ଷତ ନିରନ୍ତର ଆମ୍ଭ ସାକ୍ଷାତରେ ଥାଏ।
७जशी विहीर आपले पाणी ताजे ठेवते, तशीच ही नगरी आपला दुष्टपणा ताजा ठेवते. तिच्यामध्ये लूटमार व हिंसाचार हे ऐकू येतात. पीडा आणि दु: ख सदोदीत माझ्या समोर आहे.
8 ହେ ଯିରୂଶାଲମ, ତୁମ୍ଭେ ଶିକ୍ଷା ଗ୍ରହଣ କର, ନୋହିଲେ ଆମ୍ଭର ପ୍ରାଣ ତୁମ୍ଭଠାରୁ ବିଚ୍ଛିନ୍ନ ହେବ ଓ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭକୁ ଉଚ୍ଛିନ୍ନ, ବସତିହୀନ ସ୍ଥାନ କରିବା।”
८यरूशलेम, धोक्याचा इशारा ऐक. जर तू ऐकले नाहीस तर मी तुझ्याकडे पाठ फिरवीन, आणि तुला ओसाड असे करीन, जेथे कोणीही राहू शकणार नाही.”
9 ସୈନ୍ୟାଧିପତି ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି, “ସେମାନେ ଇସ୍ରାଏଲର ଅବଶିଷ୍ଟ ଲୋକଙ୍କୁ ଦ୍ରାକ୍ଷାଫଳ ପରି ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ରୂପେ ତୋଳି ନେବେ; ତୁମ୍ଭେ ଦ୍ରାକ୍ଷାଫଳ ସଂଗ୍ରହକାରୀ ସଦୃଶ୍ୟ ବାରମ୍ବାର ଆପଣା ହସ୍ତ ଟୋକାଇରେ ଦିଅ।”
९सेनाधीश परमेश्वर असे म्हणतो, “ते इस्राएलाचे शेष उरलेल्या द्राक्षांसारखे वेचून काढतील, तू आपला हात द्राक्षे खुडणाऱ्याप्रमाणे डाहाळ्यातून फिरव.”
10 ସେମାନେ ଯେପରି ଶୁଣିବେ, ଏଥିପାଇଁ ମୁଁ କାହାକୁ କହିବି ଓ କାହାକୁ ସାକ୍ଷ୍ୟ ଦେବି? ଦେଖ, ସେମାନଙ୍କର କର୍ଣ୍ଣ ବନ୍ଦ ଅଛି ଓ ସେମାନେ ଶୁଣି ପାରନ୍ତି ନାହିଁ; ଦେଖ, ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ବାକ୍ୟ ସେମାନଙ୍କ ନିକଟରେ ତୁଚ୍ଛନୀୟ ହୋଇଅଛି; ତହିଁରେ ସେମାନଙ୍କର କିଛି ଆହ୍ଲାଦ ନାହିଁ।
१०मी कोणाला घोषीत करू आणि चेतावणी देऊ, जेणेकरून ते ऐकतील? पाहा, त्यांचा कान बेसुंता आहे म्हणून त्यांना ऐकू येत नाही. पाहा, परमेश्वराचे वचन त्यांची चूक दुरुस्त करण्यासाठी त्यांच्या जवळ आले आहे, पण त्यांना ते नको आहे.
11 ଏହେତୁ ମୁଁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ କ୍ରୋଧରେ ପରିପୂର୍ଣ୍ଣ ହୋଇଅଛି; ମୁଁ ତାହା ସମ୍ଭାଳି ରଖିବାରେ କ୍ଳାନ୍ତ ହୋଇଅଛି; “ସଡ଼କରେ ବାଳକମାନଙ୍କ ଉପରେ ଓ ଯୁବାମାନଙ୍କ ସଭାରେ ତାହା ଏକାବେଳେ ଢାଳି ପକାଅ; କାରଣ ସ୍ୱାମୀ ଓ ଭାର୍ଯ୍ୟା ବୃଦ୍ଧ ଜରାଗ୍ରସ୍ତ ସମସ୍ତେ ଧରାଯିବେ।
११म्हणून मी परमेश्वराच्या रागाने भरलो आहे. “तो आतल्या आत दाबून धरण्याचा मला आता कंटाळा आला आहे. रस्त्यावर खेळणाऱ्या मुलांवर, एकत्र जमलेल्या तरुणांवर परमेश्वराचा राग ओतणार आहे. पुरुष व त्याची पत्नी असे दोघही, तसेच सर्व म्हातारे पकडले जातील.
12 ପୁଣି, ସେମାନଙ୍କର ଗୃହ ଓ ସେମାନଙ୍କର କ୍ଷେତ୍ର ଓ ସେମାନଙ୍କର ଭାର୍ଯ୍ୟା ଏକାବେଳେ ଅନ୍ୟମାନଙ୍କର ହେବ; କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି, ଆମ୍ଭେ ଦେଶନିବାସୀମାନଙ୍କ ଉପରେ ଆପଣା ହସ୍ତ ବିସ୍ତାର କରିବା।”
१२त्यांची घरे दुसऱ्यांना दिली जातील त्यांची शेते व त्यांच्या स्त्रिया दुसऱ्यांना दिल्या जातील. मी माझा हात उगारून देशातील रहिवाश्यांवर हल्ला करीन,” असे परमेश्वर म्हणतो.
13 “ଯେହେତୁ ସେମାନଙ୍କର କ୍ଷୁଦ୍ରଠାରୁ ଅତ୍ୟନ୍ତ ମହାନ ଲୋକ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ପ୍ରତ୍ୟେକେ ଲୋଭାସକ୍ତ; ପୁଣି ଭବିଷ୍ୟଦ୍ବକ୍ତାଠାରୁ ଯାଜକ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ପ୍ରତ୍ୟେକେ ମିଥ୍ୟାଚରଣ କରନ୍ତି।
१३“कारण त्यांच्यातील लहानांपासून तर मोठ्यांपर्यंत ते सर्व अप्रामाणिक मिळकतीचा लोभ धरतात. भविष्यवाद्यांपासून ते याजकापर्यंत, त्यांच्यातील प्रत्येकजण फसवे काम करतो.
14 ଆହୁରି, ଶାନ୍ତି ନ ଥିଲେ ହେଁ ସେମାନେ ‘ଶାନ୍ତି ଶାନ୍ତି’ ବୋଲି କହି ଆମ୍ଭ ଲୋକମାନଙ୍କ କ୍ଷତ ହାଲୁକା ଭାବରେ ସୁସ୍ଥ କରିଅଛନ୍ତି।
१४आणि शांती नसता, शांती, शांती, असे म्हणून त्यांनी माझ्या लोकांची जखम वरवर बरी केली आहे.
15 ସେମାନେ ଘୃଣାଯୋଗ୍ୟ କାର୍ଯ୍ୟ କରିଅଛନ୍ତି ବୋଲି କି ଲଜ୍ଜିତ ହେଲେ? ନା, ସେମାନେ କିଛି ହିଁ ଲଜ୍ଜିତ ହେଲେ ନାହିଁ, କିଅବା ମୁଖ ବିବର୍ଣ୍ଣ କଲେ ନାହିଁ; ଏହେତୁ ସେମାନେ ପତିତ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ପତିତ ହେବେ; ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି, ଆମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କୁ ପ୍ରତିଫଳ ଦେବା ବେଳେ ସେମାନେ ନିପାତିତ ହେବେ।”
१५त्यांनी केलेल्या दुष्कृत्यांमुळे ते लाजले का? त्यांना काही लाज वाटली नाही आणि त्यांनी पण त्यांना अजिबात लाज वाटत नाही. त्यांना कोणत्याही अपमानास्पद वागणूकीचा अनुभव घेतला नाही. यास्तव मी ज्यावेळी त्यांना शिक्षा करीन तेव्हा ते पडणाऱ्यांबरोबर पडतील. ते उध्वस्त केले जातील.” परमेश्वर असे म्हणतो.
16 ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, “ତୁମ୍ଭେମାନେ ପଥମାନର ମଧ୍ୟରେ ଠିଆ ହୋଇ ଦେଖ, ଆଉ ପୁରାତନ ପଥମାନର ବିଷୟ ପଚାରି କୁହ, ଉତ୍ତମ ପଥ କାହିଁ? ଓ ତହିଁରେ ଗମନ କର; ତେବେ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଆପଣା ଆପଣା ପ୍ରାଣରେ ବିଶ୍ରାମ ପାଇବ; ମାତ୍ର ସେମାନେ କହିଲେ, ‘ଆମ୍ଭେମାନେ ତହିଁରେ ଗମନ କରିବା ନାହିଁ।’
१६परमेश्वर असे म्हणतो: “चौकात उभे राहा आणि पाहा. जुना रस्ता कोणता ते विचारा. चांगल्या रस्त्याची चौकशी करा, नंतर त्याच चाला आणि तुमच्या जीवा करता विसाव्याची जागा शोधा.” पण तुम्ही लोक म्हणाला, आम्ही जाणार नाही.
17 ପୁଣି, ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ଉପରେ ପ୍ରହରୀଗଣ ନିଯୁକ୍ତ କରି କହିଲୁ, ‘ତୂରୀର ଶବ୍ଦ ଶୁଣ;’ ମାତ୍ର ସେମାନେ କହିଲେ, ‘ଆମ୍ଭେମାନେ ଶୁଣିବା ନାହିଁ।’
१७रणशिंगाचा आवाज ऐकायला तुमच्यावर मी रखवालदार नियूक्त केले. पण ते म्हणाले, आम्ही ऐकणार नाही.
18 ଏହେତୁ ହେ ନାନା ଦେଶୀୟମାନେ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଶୁଣ, ଆଉ ହେ ମଣ୍ଡଳୀ, ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ କଅଣ ଅଛି, ତାହା ଜ୍ଞାତ ହୁଅ।
१८यास्तव राष्ट्रांनो, ऐका! पाहा, त्यांच्यासोबत काय होईल, याचे तुम्ही साक्षीदार आहात.
19 ହେ ପୃଥିବୀ, ଶୁଣ; ଦେଖ, ଆମ୍ଭେ ଏହି ଲୋକମାନଙ୍କ ଉପରେ ଅମଙ୍ଗଳ, ଅର୍ଥାତ୍, ସେମାନଙ୍କ କଳ୍ପନାସମୂହର ଫଳ ବର୍ତ୍ତାଇବା, କାରଣ ସେମାନେ ଆମ୍ଭ ବାକ୍ୟରେ ମନୋଯୋଗ କରି ନାହାନ୍ତି ଓ ଆମ୍ଭର ବ୍ୟବସ୍ଥା ସେମାନେ ଅଗ୍ରାହ୍ୟ କରିଅଛନ୍ତି।
१९हे पृथ्वी, ऐक! पाहा, या लोकांवर मी अनर्थ आणणार आहे, म्हणजे त्यांच्याच विचारांचे फळ त्यांच्यावर आणीन. कारण त्यांनी माझ्या वचनांकडे दुर्लक्ष केलेच, पण ह्याव्यतीरिक्त ते धिक्कारले आहे.
20 ଶିବା ଦେଶରୁ କୁନ୍ଦୁରୁ ଓ ଦୂର ଦେଶରୁ ସୁଗନ୍ଧି ବଚ ଆସିବାର ଫଳ କଅଣ? ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ହୋମବଳିସବୁ ଗ୍ରାହ୍ୟ ନୁହେଁ, କିଅବା ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ବଳିଦାନସବୁ ଆମ୍ଭର ତୁଷ୍ଟିଜନକ ନୁହେଁ।
२०परमेश्वर म्हणतो, “शेबाहून धूप आणि दूरवरच्या देशातून गोड सुगंध माझ्या काय कामाचा? तुमची होमार्पणे आणि यज्ञ मला मान्य नाहीत.”
21 ଏନିମନ୍ତେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, ‘ଦେଖ, ଆମ୍ଭେ ଏହି ଲୋକମାନଙ୍କ ଆଗରେ ନାନା ବିଘ୍ନ ଥୋଇବା; ତଦ୍ଦ୍ୱାରା ପିତୃଗଣ ଓ ପୁତ୍ରଗଣ ଏକ ସଙ୍ଗେ ଝୁଣ୍ଟି ପଡ଼ିବେ; ପ୍ରତିବାସୀ ଓ ତାହାର ମିତ୍ର ବିନଷ୍ଟ ହେବେ।’”
२१यास्तव परमेश्वर असे म्हणतो: “मी या लोकांविरूद्ध अडखळणे ठेवीन. त्यावर वडील व मुले अडखळून पडतील. राहणारे आणि शेजारी हे नष्ट होतील.”
22 ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, “ଦେଖ, ଉତ୍ତର ଦେଶରୁ ଏକ ଜନବୃନ୍ଦ ଆସୁଅଛନ୍ତି ଓ ପୃଥିବୀର ପ୍ରାନ୍ତଭାଗରୁ ଏକ ମହାଗୋଷ୍ଠୀ ଉତ୍ତେଜିତ ହେବେ।
२२परमेश्वर पुढे असे म्हणतो: “उत्तरेकडून लोक येत आहे. पृथ्वीवरच्या अतीदूरच्या ठिकाणाहून मोठे राष्ट्र येत आहे.
23 ସେମାନେ ଧନୁ ଓ ବର୍ଚ୍ଛା ଧରନ୍ତି; ସେମାନେ ନିଷ୍ଠୁର ଓ ଦୟାହୀନ; ସେମାନଙ୍କର ରବ ସମୁଦ୍ର ପରି ଗର୍ଜ୍ଜନ କରେ ଓ ସେମାନେ ଅଶ୍ୱାରୋହଣ କରନ୍ତି; ଆଗୋ ସିୟୋନର କନ୍ୟେ, ତୁମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଯୁଦ୍ଧ କରିବା ପାଇଁ ସେମାନଙ୍କର ପ୍ରତ୍ୟେକେ ଯୋଦ୍ଧା ପରି ସସଜ୍ଜ ହେଉଅଛନ୍ତି।”
२३ते धनुष्य आणि भाला उचलतील. ते क्रूर आहेत आणि ते दया करीत नाही. त्यांचा आवाज समुद्राच्या गर्जने सारखा आहे. आणि हे सियोन कन्ये, लढाईसाठी सिद्ध झालेल्या पुरूषांप्रमाणे विशिष्ट रचना करूण ते घोड्यांवरून स्वारी करतात.”
24 ଆମ୍ଭେମାନେ ସେ ବିଷୟର ଜନରବ ଶୁଣିଅଛୁ; ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ହସ୍ତ ଦୁର୍ବଳ ହୁଏ; ଯନ୍ତ୍ରଣା ଓ ପ୍ରସବକାରିଣୀ ସ୍ତ୍ରୀର ବେଦନା ତୁଲ୍ୟ ବେଦନା ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଆକ୍ରାନ୍ତ କରିଅଛି।
२४त्यांच्याबद्दल आम्ही बातमी ऐकली आहे. दुःखात आमचे हात कोलमडले आहेत. प्रसूती होणाऱ्या स्त्रीप्रमाणे आमची स्थिती झाली आहे.
25 ବାହାର ହୋଇ କ୍ଷେତ୍ରକୁ ଯାଅ ନାହିଁ, ଅଥବା ପଥରେ ଗମନ କର ନାହିଁ; କାରଣ ଚାରିଆଡ଼େ ଶତ୍ରୁର ଖଡ୍ଗ ଓ ଆଶଙ୍କା ଅଛି।
२५बाहेर शेतात जाऊ नका आणि रस्त्यावर चालू नका. कारण शत्रूची तलवारी आणि धोका सगळीकडे आहे.
26 ଆଗୋ ମୋର ଲୋକମାନଙ୍କର କନ୍ୟେ, ତୁମ୍ଭେ ଚଟ ପିନ୍ଧ, ଭସ୍ମରେ ଗଡ଼; ଅଦ୍ୱିତୀୟ ପୁତ୍ର ଲାଗି ଶୋକ ତୁଲ୍ୟ ତୁମ୍ଭେ ଶୋକ ଓ ଅତିଶୟ ବିଳାପ କର; କାରଣ ବିନାଶକ ଅକସ୍ମାତ୍ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଆକ୍ରମଣ କରିବ।
२६माझ्या लोकांच्या कन्ये, शोकवस्त्रे घाल आणि राखेत लोळ, एकुलता एक मुलगा गेल्याप्रमाणे आकांत कर. कारण नाश करणारा अगदी एकाएक आपल्यावर येईल.
27 “ତୁମ୍ଭେ ଯେପରି ଆମ୍ଭ ଲୋକମାନଙ୍କର ପଥ ଜ୍ଞାତ ହୋଇ ପରୀକ୍ଷା କରି ପାରିବ, ଏଥିପାଇଁ ଆମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ତୁମ୍ଭକୁ ଏକ ଉଚ୍ଚ ଗୃହ ଓ ଦୁର୍ଗ ସ୍ୱରୂପ କରିଅଛୁ।
२७“यिर्मया, मी तुला पारखणारा असे केले आहे. म्हणजे तू त्यांच्या मार्ग तपासावा आणि पारखून पाहावा.
28 ସେସମସ୍ତେ ଦାରୁଣ ଅବାଧ୍ୟ, ଚାରିଆଡ଼େ ନିନ୍ଦା ଘେନି ବୁଲନ୍ତି; ସେମାନେ ପିତ୍ତଳ ଓ ଲୁହା ପରି; ସେସମସ୍ତେ ଭ୍ରଷ୍ଟାଚାରୀ।
२८ते सर्व लोक दुराग्रही आहेत. जे दुसऱ्यांची निंदा करतात. ते सर्व कास्य व लोखंड आहेत, जे भ्रष्टपणे वागतात.
29 ଭାଟି ପ୍ରଚଣ୍ଡ ରୂପେ ତାତୁଛି; ସୀସା ଅଗ୍ନିରେ କ୍ଷୟ ପାଇଅଛି; ସେମାନେ ବୃଥାରେ ଖାଦ ବାହାର କରିବା କାର୍ଯ୍ୟରେ ଲାଗିଅଛନ୍ତି; କାରଣ ଦୁଷ୍ଟମାନେ ଉତ୍ପାଟିତ ହେଉ ନାହାନ୍ତି।
२९भाता जळाला आहे, अग्नीतून शिसे जळून निघाले आहे, ते स्वत: ला व्यर्थच गाळीत राहतात, कारण जे दुष्ट ते काढून टाकलेले नाहीत.
30 ସଦାପ୍ରଭୁ ସେମାନଙ୍କୁ ଅଗ୍ରାହ୍ୟ କରିଅଛନ୍ତି, ଏଣୁ ଲୋକେ ସେମାନଙ୍କୁ ଅଗ୍ରାହ୍ୟ ରୂପା ବୋଲି କହିବେ।”
३०त्यांना ‘टाकाऊ चांदी’ असे म्हटले जाईल. कारण परमेश्वराने त्यांना नाकारले आहे.”