< ଯିରିମୀୟ 5 >

1 ତୁମ୍ଭେମାନେ ଯିରୂଶାଲମର ସବୁ ସଡ଼କରେ ଏଣେତେଣେ ଧାଇଁ ଦେଖ ଓ ବୁଝ, ଆଉ ତହିଁର ଛକସ୍ଥାନ ସବୁରେ ଖୋଜ, ଯଦି ନ୍ୟାୟାଚାରୀ ଓ ସତ୍ୟ ଅନ୍ୱେଷଣକାରୀ ଏକ ଜଣ ପାଇ ପାର, ତେବେ ଆମ୍ଭେ ସେ ନଗରକୁ କ୍ଷମା କରିବା।
परमेश्वर म्हणतो, “यरूशलेमच्या रस्त्यावरुन धावा, सभोवती पाहा आणि या गोष्टींचा विचार करा. नगरातील चव्हाटे शोधा. सत्याचा शोध घेणारा आणि न्यायीपणाने चालणारा, असा कोणी एक मनुष्य जरी आढळला, तरी मी यरूशलेमेची क्षमा करीन.
2 ସେମାନେ ଜୀବିତ ସଦାପ୍ରଭୁ ବୋଲି କହିଲେ ହେଁ ନିତାନ୍ତ ମିଥ୍ୟାରେ ଶପଥ କରନ୍ତି।
परमेश्वर जिवंत आहे, जरी ते असे म्हणतात ती ते खोटी शपथ वाहत आहेत.”
3 ହେ ସଦାପ୍ରଭୁ, ତୁମ୍ଭର ଚକ୍ଷୁ କʼଣ ସତ୍ୟତା ପ୍ରତି ଦୃଷ୍ଟି ନ କରେ? ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କୁ ପ୍ରହାର କରିଅଛ, ମାତ୍ର ସେମାନେ ଦୁଃଖିତ ହେଲେ ନାହିଁ; ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କୁ ଜୀର୍ଣ୍ଣ କରିଅଛ, ମାତ୍ର ସେମାନେ ଶାସ୍ତି ଗ୍ରହଣ କରିବାକୁ ଅସ୍ୱୀକାର କରିଅଛନ୍ତି; ସେମାନେ ଆପଣା ଆପଣା ମୁଖ ପାଷାଣ ଅପେକ୍ଷା କଠିନ କରିଅଛନ୍ତି; ସେମାନେ ଫେରି ଆସିବାକୁ ଅସ୍ୱୀକାର କରିଅଛନ୍ତି।
हे परमेश्वरा, तुझे डोळे सत्याकडे पाहत नाहीत काय? तू लोकांस मारलेस पण त्यांना वेदना झाल्या नाहीत. तू त्यांना पूर्णपणे पराभूत केले, तरी त्यांनी शिक्षा घेण्याचे नकारले. त्यांनी आपले मुख खडकांपेक्षा कठीण केले आहे, कारण त्यांनी पश्चातप करण्याचे नकारले आहे.
4 ତହିଁରେ ମୁଁ କହିଲି, “ନିଶ୍ଚୟ ଏମାନେ ଦରିଦ୍ର; ଏମାନେ ଅଜ୍ଞାନ; କାରଣ ଏମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ପଥ ଓ ଆପଣାମାନଙ୍କ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କର ଶାସନ ଜାଣନ୍ତି ନାହିଁ;
तेव्हा मी म्हणालो, “खचित ते गरिब आहेत. ते मूर्ख आहेत, कारण त्यांना परमेश्वराचा मार्ग व आपल्या देवाचा नियम माहीत नाही.
5 ମୁଁ ବଡ଼ ଲୋକମାନଙ୍କ ନିକଟକୁ ଯାଇ ସେମାନଙ୍କୁ କହିବି; କାରଣ ସେମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ପଥ ଓ ଆପଣାମାନଙ୍କ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଶାସନ ଜାଣନ୍ତି।” ମାତ୍ର ଏମାନେ ଏକମନା ହୋଇ ଯୁଆଳି ଭାଙ୍ଗିଅଛନ୍ତି ଓ ବନ୍ଧନସବୁ ଛିଣ୍ଡାଇ ପକାଇଅଛନ୍ତି।
म्हणून मी महत्वाच्या लोकांकडे जाऊन त्यांना देवाचा संराष्ट्र घोषीत करीन. कारण त्यांना कमीत कमी परमेश्वराचा आपल्या देवाचा नियम तर माहीत आहे.” पण त्यांनी तर एकमताने जू मोडले आहे आणि तो साखळदंड तोडला आहे जो त्यांना देवासोबत बांधून होता.
6 ଏନିମନ୍ତେ ବନରୁ ଏକ ସିଂହ ବାହାରି ସେମାନଙ୍କୁ ବଧ କରିବ ଓ ସନ୍ଧ୍ୟାକାଳର କେନ୍ଦୁଆ ବାଘ ସେମାନଙ୍କୁ ବିନାଶ କରିବ, ଚିତାବାଘ ସେମାନଙ୍କ ନଗରସମୂହ ନିକଟରେ ଛକି ରହିବ, ଯେ ପ୍ରତ୍ୟେକ ଲୋକ ନଗରରୁ ବାହାରିବ, ସେ ବିଦୀର୍ଣ୍ଣ ହେବ; କାରଣ ସେମାନଙ୍କର ଅପରାଧ ଅନେକ ଓ ସେମାନଙ୍କର ବିପଥଗମନ ବୃଦ୍ଧି ପାଇଅଛି।
म्हणून गर्द झाडीतून सिंह त्यांच्यावर हल्ला करेल, जंगलातील लांडगा त्यांना ठार मारील. चित्ता त्यांच्या शहराविरूद्ध येईल. जो कोणी शहरातून बाहेर जाईल तो फाडण्यात येईल. कारण त्यांची पापे बहूतपट झालीत, आणि त्यांचे अविश्वासू कृत्ये फार झाली आहेत.
7 “ଆମ୍ଭେ କିପରି ତୁମ୍ଭକୁ କ୍ଷମା କରି ପାରିବା? ତୁମ୍ଭର ସନ୍ତାନଗଣ ଆମ୍ଭକୁ ପରିତ୍ୟାଗ କରିଅଛନ୍ତି ଓ ଯେଉଁମାନେ ଈଶ୍ୱର ନୁହନ୍ତି, ସେମାନଙ୍କ ନାମରେ ଶପଥ କରିଅଛନ୍ତି; ଆମ୍ଭେ ଯେତେବେଳେ ସେମାନଙ୍କୁ ପରିତୃପ୍ତ ରୂପେ ଭୋଜନ କରାଇଲୁ, ସେତେବେଳେ ସେମାନେ ବ୍ୟଭିଚାର କଲେ ଓ ଦଳ ଦଳ ହୋଇ ବେଶ୍ୟାମାନଙ୍କ ଗୃହରେ ଏକତ୍ର ହେଲେ।
मी या लोकांस का क्षमा करावी? तुझ्या मुलांनी माझा त्याग केला आणि त्यांनी जे देव नाही त्यांच्या शपथा वाहिल्या. मी त्यांना भरपूर खाऊ घातले, परंतू त्यांनी व्यभिचार केला आणि वारांगनेच्या घराचा मार्ग पकडला.
8 ସେମାନେ ପ୍ରଭାତରେ ସୁପୋଷିତ ଅଶ୍ୱ ତୁଲ୍ୟ ହେଲେ; ପ୍ରତ୍ୟେକେ ଆପଣା ପ୍ରତିବାସୀର ସ୍ତ୍ରୀ ପ୍ରତି ହିଁ ହିଁ ହେଲେ।
भरपूर खाद्य खाणाऱ्या व समागमाला तयार असणाऱ्या घोड्यांप्रमाणे ते मोकाट फिरत होते. प्रत्येक पुरुष त्याच्या शेजाऱ्याच्या पत्नीसाठी किंकाळला.
9 ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି, ଆମ୍ଭେ କʼଣ ଏହିସବୁର ପ୍ରତିଫଳ ଦେବା ନାହିଁ? ଆମ୍ଭର ପ୍ରାଣ କʼଣ ଏହି ପ୍ରକାର ଲୋକଙ୍କଠାରୁ ପରିଶୋଧ ନେବ ନାହିଁ?
तेव्हा मी त्यांना शिक्षा नाही करावी काय? असे परमेश्वर म्हणतो, असल्या राष्ट्रांविषयी माझ्या अंत: करणात सूड उमटू नये का?
10 ତୁମ୍ଭେମାନେ ତାହାର ଦ୍ରାକ୍ଷଲତା ଦେଇ ଯାଇ ସେମାନଙ୍କୁ ବିନାଶ କର; ମାତ୍ର ନିଃଶେଷ ରୂପେ ବିନାଶ କର ନାହିଁ; ତାହାର ଶାଖାସବୁ ଦୂର କର; କାରଣ ସେସବୁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ନୁହେଁ।
१०तिच्या द्राक्षवेलींच्या माळीवर चढून जा आणि नाश कर, परंतू त्यांचा संपूर्ण नाश करु नकोस. तिच्या द्राक्षवेलीची काटछाट कर, कारण ती द्राक्षवेल परमेश्वराकडून नाही.
11 ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି, ଇସ୍ରାଏଲ ବଂଶ ଓ ଯିହୁଦା ବଂଶ ଆମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଅତ୍ୟନ୍ତ ବିଶ୍ୱାସଘାତକତା କରିଅଛନ୍ତି।
११कारण यहूदा व इस्राएल घराण्याने माझा फार विश्वासघात केला आहे, असे परमेश्वर म्हणतो.
12 ସେମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ଅସ୍ୱୀକାର କରି କହିଲେ, ‘ଏ ତ ସେ ନୁହନ୍ତି; ପୁଣି, ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ଅମଙ୍ଗଳ ଘଟିବ ନାହିଁ; କିଅବା ଆମ୍ଭେମାନେ ଖଡ୍ଗ କି ଦୁର୍ଭିକ୍ଷ ଦେଖିବା ନାହିଁ;
१२त्यांनी मला नाकार दिला, ते म्हणाले; “तो खरा नाही, अरीष्ट आम्हांवर नाही येणार, किंवा आम्ही तलवार व दुष्काळ पाहणार नाही.
13 ଆଉ, ଭବିଷ୍ୟଦ୍‍ବକ୍ତାମାନେ ବାୟୁ ତୁଲ୍ୟ ହେବେ ଓ ସେମାନଙ୍କ ଅନ୍ତରରେ ବାକ୍ୟ ନାହିଁ; ସେମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ଏହିରୂପେ କରାଯିବ।’”
१३संदेष्टे हे पोकळ वाऱ्या प्रमाणे होतील आणि परमेश्वराचे वचन आम्हांला घोषीत करायला कोणीच नाही. त्यांच्या धमक्या त्यांच्यावरच येवो.”
14 ତୁମ୍ଭେମାନେ ଏହି କଥା କହିବା ହେତୁରୁ ସୈନ୍ୟାଧିପତି ପରମେଶ୍ୱର, ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି, “ଦେଖ, ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭର ମୁଖସ୍ଥିତ ଆମ୍ଭର ବାକ୍ୟକୁ ଅଗ୍ନି ତୁଲ୍ୟ ଓ ଏହି ଲୋକମାନଙ୍କୁ କାଷ୍ଠ ତୁଲ୍ୟ କରିବା, ତାହା ଏମାନଙ୍କୁ ଗ୍ରାସ କରିବ।
१४यास्तव सेनाधीश परमेश्वर असे म्हणतो, “तू हे बोलला याकारणास्तव पाहा, मी जे शब्द तुझ्या मुखात घालत आहे, ते आगीप्रमाणे असतील आणि हे लोक लाकडाप्रमाणे असतील. कारण ती आग त्यांना खाऊन टाकील.
15 ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି, ହେ ଇସ୍ରାଏଲ ବଂଶ, ଦେଖ, ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଦୂରରୁ ଏକ ଗୋଷ୍ଠୀକୁ ଆଣିବା; ସେ ବଳବାନ ଗୋଷ୍ଠୀ, ପ୍ରାଚୀନ ଗୋଷ୍ଠୀ, ସେହି ଗୋଷ୍ଠୀର ଭାଷା ତୁମ୍ଭେ ଜାଣ ନାହିଁ, କିଅବା ସେମାନଙ୍କର କଥା ତୁମ୍ଭେ ବୁଝ ନାହିଁ।
१५पाहा! परमेश्वर असे म्हणतो, हे इस्राएलाच्या घराण्या, मी दूरुन एक राष्ट्र आणतो, ते शक्तीशाली राष्ट्र आहे. ते प्राचीन राष्ट्र आहे. त्या राष्ट्रांतील भाषा तुला माहीत नाहीत. किंवा ते काय बोलतात ते तू समजू शकणार नाही.
16 ସେମାନଙ୍କର ତୂଣ ଖୋଲା କବର ତୁଲ୍ୟ, ସେମାନେ ସମସ୍ତେ ବୀରପୁରୁଷ।
१६त्यांचे भाते उघड्या थडग्यांप्रमाणे आहेत. ते सर्व सैनिक आहेत.
17 ପୁଣି, ସେମାନେ ତୁମ୍ଭର ଶସ୍ୟ ଓ ତୁମ୍ଭ ପୁତ୍ରକନ୍ୟାଗଣର ଭକ୍ଷ୍ୟଦ୍ରବ୍ୟ ଗ୍ରାସ କରିବେ; ସେମାନେ ତୁମ୍ଭର ମେଷପଲ ଓ ଗୋପଲ ଗ୍ରାସ କରିବେ; ସେମାନେ ତୁମ୍ଭର ଦ୍ରାକ୍ଷାଲତା ଓ ଡିମ୍ବିରିବୃକ୍ଷ ଗ୍ରାସ କରିବେ; ତୁମ୍ଭେ ଆପଣାର ଯେଉଁ ସୁଦୃଢ଼ ନଗରମାନରେ ବିଶ୍ୱାସ କରିଅଛ, ସେସବୁକୁ ସେମାନେ ଖଡ୍ଗରେ ନିପାତ କରିବେ।”
१७तुझे पीक व तुझी भाकर जी तुझ्या मुलांना व तुझ्या मुलींनी खावी ती ते खाऊन टाकतील, ते तुझी मेंढरे व तुझी गुरे ते खाऊन टाकतील. ते तुझी द्राक्षेवली आणि अंजीर झाडे खाऊन टाकतील. त्यांच्या तलवारीच्या जोरावर ते तुमच्या मजबूत शहरांचा नाश करतील, ज्याच्यावर तुम्ही विसंबून होता.”
18 ମାତ୍ର ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି, “ସେସମୟରେ ହେଁ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ନିଃଶେଷ ରୂପେ ବିନାଶ କରିବା ନାହିଁ।
१८“पण तरीही त्या दिवसात मी तुमचा पूर्णपणे शेवट करणार नाही. असे परमेश्वर म्हणतो.
19 ଆଉ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଯେତେବେଳେ କହିବ, ‘ସଦାପ୍ରଭୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପରମେଶ୍ୱର କାହିଁକି ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ଏହିସବୁ କରିଅଛନ୍ତି,’ ସେତେବେଳେ ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିବ, ‘ତୁମ୍ଭେମାନେ ନିଜ ଦେଶରେ ଯେପରି ଆମ୍ଭକୁ ପରିତ୍ୟାଗ କରି ଅନ୍ୟ ଦେବତାଗଣର ସେବା କରିଅଛ, ସେପରି ତୁମ୍ଭେମାନେ ବିଦେଶରେ ବିଦେଶୀୟମାନଙ୍କର ସେବା କରିବ।’”
१९हे असे घडणार, जेव्हा तू, इस्राएल आणि यहूदा असे म्हणेल की, आपल्या परमेश्वर देवाने आम्हासोबत या सर्व गोष्टी का केल्या? तेव्हा यिर्मया तू त्यांना असे म्हण, ‘ज्याप्रकारे तुम्ही परमेश्वरास सोडून आपल्या देशात परक्या देवांची सेवा केली, त्याचप्रकारे जो राष्ट्र तुमचा नाही त्यामध्ये तुम्ही परक्यांची सेवा कराल.”
20 ତୁମ୍ଭେମାନେ ଯାକୁବ ବଂଶକୁ ଏ କଥା ଜଣାଅ ଓ ଯିହୁଦା ମଧ୍ୟରେ ପ୍ରଚାର କରି କୁହ,
२०याकोबाच्या घराण्याला ही वार्ता कळव आणि यहूदाला हे ऐकू दे.
21 “ହେ ଅଜ୍ଞାନ ଓ ବୁଦ୍ଧିହୀନ ଲୋକେ, ଚକ୍ଷୁ ଥାଉ ଥାଉ ଦେଖୁ ନାହଁ; କର୍ଣ୍ଣ ଥାଉ ଥାଉ ଶୁଣୁ ନାହଁ ଯେ ତୁମ୍ଭେମାନେ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଏବେ ଏହି କଥା ଶୁଣ;
२१मूर्ख लोकांनो, जे तुम्हास डोळे असून पाहत नाही व कान असून ऐकत नाही ते तुम्ही हे ऐका.
22 ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି, ତୁମ୍ଭେମାନେ କି ଆମ୍ଭକୁ ଭୟ କରୁ ନାହଁ? ସମୁଦ୍ର ଯେପରି ଉଲ୍ଲଙ୍ଘନ କରି ନ ପାରିବ, ଏଥିପାଇଁ ନିତ୍ୟସ୍ଥାୟୀ ବିଧିକ୍ରମେ ତହିଁର ସୀମା ରୂପେ ବାଲୁକା ସ୍ଥାପନ କରିଅଛୁ ଯେ ଆମ୍ଭେ, ଆମ୍ଭ ସାକ୍ଷାତରେ ତୁମ୍ଭେମାନେ କି କମ୍ପବାନ ହେବ ନାହିଁ? ତହିଁର ତରଙ୍ଗମାଳା ଉଚ୍ଚକୁ ଉଠେ, ତଥାପି କୃତାର୍ଥ ହୋଇପାରେ ନାହିଁ, କଲ୍ଲୋଳ ଧ୍ୱନି କରେ, ତଥାପି ସୀମା ଅତିକ୍ରମ କରିପାରେ ନାହିଁ।
२२परमेश्वर म्हणतो, तुम्ही भीत नाही काय? किंवा माझ्यापुढे तुम्ही भीतीने थरथर कापत नाही काय? मी सनातन नियमाने समुद्राच्याविरूद्ध वाळूची सीमा घातली आहे, जेणेकरून त्याने उल्लंघन करू नये. जरी समुद्र उठतो आणि खाली पडतो, तरी त्याच्याने उल्लंघवत नाही. जरी त्याच्या लाटा गर्जतात, तरी त्या ओलांडून जात नाही.
23 ମାତ୍ର ଲୋକମାନଙ୍କର ମନ ଅବାଧ୍ୟ ଓ ପ୍ରତିକୂଳାଚାରୀ; ସେମାନେ ଅବାଧ୍ୟ ହୋଇ ଚାଲି ଯାଇଅଛନ୍ତି।
२३पण हे लोक दुराग्रही हृदयाचे आहेत, जे बंडखोर होऊन दूर गेले आहे.
24 ଅଥବା ଯେ ଯଥା ସମୟରେ ଆଦ୍ୟ ଓ ଶେଷ ବୃଷ୍ଟିର ପ୍ରଦାନକର୍ତ୍ତା; ଯେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଶସ୍ୟଚ୍ଛେଦନର ନିରୂପିତ ସପ୍ତାହମାନ ରକ୍ଷା କରନ୍ତି, ଆସ, ଏବେ ଆମ୍ଭେମାନେ ସେହି ସଦାପ୍ରଭୁ ଆପଣାମାନଙ୍କର ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କୁ ଭୟ କରୁ, ଏହା ସେମାନେ ମନେ ମନେ କହନ୍ତି ନାହିଁ।
२४यहूदातील लोक आपल्या हृदयात म्हणत नाहीत, परमेश्वर आपला देव, जो योग्य वेळेला आगोटीचा व वळवाचा पाऊस पाडतो. आणि आमच्याकरता नेमलेले आठवडे राखतो, त्याचे भय आपण धरू या.
25 ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ଅଧର୍ମ ଏହିସବୁ ଅନ୍ୟଥା କରିଅଛି ଓ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ପାପ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ମଙ୍ଗଳ ନିବାରଣ କରିଅଛି।
२५तुमच्या अन्यायाने या गोष्टी तुमच्यापासून राखून ठेवल्या आहेत. तुमच्या पापांनी तुम्हापासून चांगले ते आवरून धरले आहे.
26 କାରଣ ଆମ୍ଭ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଦୁଷ୍ଟ ଲୋକ ଦେଖା ଯାଆନ୍ତି; ସେମାନେ ବ୍ୟାଧ ତୁଲ୍ୟ ଛକି ବସି ଜଗନ୍ତି; ସେମାନେ ଫାନ୍ଦ ପାତି ମନୁଷ୍ୟ ଧରନ୍ତି।
२६कारण माझ्या लोकात काही दुष्ट मनुष्य आढळतात. दबा धरणाऱ्या फासेपारध्यांप्रमाणे ते एखद्यावर नजर ठेवतात. ते जाळे पसरतात आणि लोकांस पकडतात.
27 ଯେପରି ପିଞ୍ଜର ପକ୍ଷୀରେ ପୂର୍ଣ୍ଣ, ସେପରି ସେମାନଙ୍କର ଗୃହ ଛଳରେ ପୂର୍ଣ୍ଣ; ଏହେତୁ ସେମାନେ ଉନ୍ନତ ଓ ଆହୁରି ଆହୁରି ଧନବନ୍ତ ହୋଇଅଛନ୍ତି।
२७पक्ष्यांनी पिंजरे भरावेत तशी ह्यांची घरे कपटांनी भरलेली आहेत. म्हणून ते श्रीमंत व मोठे झाले आहेत.
28 ସେମାନେ ଆହୁରି ଆହୁରି ମୋଟା ଓ ଚିକ୍କଣ ହୁଅନ୍ତି, ହଁ, ସେମାନେ ଦୁଷ୍କ୍ରିୟାର ସୀମା ଅତିକ୍ରମ କରନ୍ତି; ସେମାନେ ଗୁହାରି ବିଚାର କରନ୍ତି ନାହିଁ, ପିତୃହୀନମାନଙ୍କର ମଙ୍ଗଳ ନିମନ୍ତେ ସେମାନଙ୍କର ଗୁହାରି ବିଚାର କରନ୍ତି ନାହିଁ; ପୁଣି, ଦରିଦ୍ରମାନଙ୍କର ବିଚାର ସେମାନେ ନିଷ୍ପତ୍ତି କରନ୍ତି ନାହିଁ।
२८ते पुष्ट झाले आहेत, स्वस्थ मनुष्यासारखे ते चकाकतात. त्यांनी दुष्टपणाची सर्व बंधने पार केली आहेत. ते लोकांच्या आणि अनाथांच्या विनंतींना समर्थन करत नाहीत. त्यांची भरभराट झाली आहे परंतू ते गरीबांचा न्याय न्यायीपणाने करत नाही.
29 ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି, ଆମ୍ଭେ କି ଏହିସବୁର ପ୍ରତିଫଳ ଦେବା ନାହିଁ? ଆମ୍ଭର ପ୍ରାଣ କି ଏହି ପ୍ରକାର ଲୋକଙ୍କଠାରୁ ପରିଶୋଧ ନେବ ନାହିଁ?”
२९परमेश्वर असे म्हणतो, या गोष्टींमुळे मी त्यांना शिक्षा नाही करावी का? “अशा राष्ट्रांवर मी माझा सूड नाही उगवणार का?
30 ଦେଶ ମଧ୍ୟରେ ଗୋଟିଏ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ ଓ ଭୟାନକ ବିଷୟ ଘଟିଅଛି;
३०देशात अत्याचार व भयानक घटना घडल्या आहेत.
31 ଭବିଷ୍ୟଦ୍‍ବକ୍ତାମାନେ ମିଥ୍ୟା ଭବିଷ୍ୟଦ୍‍ବାକ୍ୟ ପ୍ରଚାର କରନ୍ତି ଓ ସେମାନଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ଯାଜକମାନେ କର୍ତ୍ତୃତ୍ୱ କରନ୍ତି; ପୁଣି, ଆମ୍ଭର ଲୋକମାନେ ଏପରି ହେବାର ଭଲ ପାଆନ୍ତି; ମାତ୍ର ତହିଁର ଶେଷରେ ତୁମ୍ଭେମାନେ କଅଣ କରିବ?
३१भविष्यवादी खोटेपणाने भविष्य सांगतात, आणि याजक त्यांच्या शक्तीने अधिकार गाजवतात. ते काम ते करणार नाहीत. आणि माझ्या लोकांस हे प्रिय आहे! पण शेवटी काय होणार?”

< ଯିରିମୀୟ 5 >