< भजन संहिता 64 >

1 प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन हे परमेश्वर, जब मैं तेरी दुहाई दूँ, तब मेरी सुन; शत्रु के उपजाए हुए भय के समय मेरे प्राण की रक्षा कर।
To the Overseer. — A Psalm of David. Hear, O God, my voice, in my (meditation) From the fear of an enemy Thou keepest my life,
2 कुकर्मियों की गोष्ठी से, और अनर्थकारियों के हुल्लड़ से मेरी आड़ हो।
Hidest me from the secret counsel of evil doers, From the tumult of workers of iniquity.
3 उन्होंने अपनी जीभ को तलवार के समान तेज किया है, और अपने कड़वे वचनों के तीरों को चढ़ाया है;
Who sharpened as a sword their tongue, They directed their arrow — a bitter word.
4 ताकि छिपकर खरे मनुष्य को मारें; वे निडर होकर उसको अचानक मारते भी हैं।
To shoot in secret places the perfect, Suddenly they shoot him, and fear not.
5 वे बुरे काम करने को हियाव बाँधते हैं; वे फंदे लगाने के विषय बातचीत करते हैं; और कहते हैं, “हमको कौन देखेगा?”
They strengthen for themselves an evil thing, They recount of the hiding of snares, They have said, 'Who doth look at it?'
6 वे कुटिलता की युक्ति निकालते हैं; और कहते हैं, “हमने पक्की युक्ति खोजकर निकाली है।” क्योंकि मनुष्य के मन और हृदय के विचार गहरे है।
They search out perverse things, 'We perfected a searching search,' And the inward part of man, and the heart [are] deep.
7 परन्तु परमेश्वर उन पर तीर चलाएगा; वे अचानक घायल हो जाएँगे।
And God doth shoot them [with] an arrow, Sudden have been their wounds,
8 वे अपने ही वचनों के कारण ठोकर खाकर गिर पड़ेंगे; जितने उन पर दृष्टि करेंगे वे सब अपने-अपने सिर हिलाएँगे
And they cause him to stumble, Against them [is] their own tongue, Every looker on them fleeth away.
9 तब सारे लोग डर जाएँगे; और परमेश्वर के कामों का बखान करेंगे, और उसके कार्यक्रम को भली भाँति समझेंगे।
And all men fear, and declare the work of God, And His deed they have considered wisely.
10 १० धर्मी तो यहोवा के कारण आनन्दित होकर उसका शरणागत होगा, और सब सीधे मनवाले बड़ाई करेंगे।
The righteous doth rejoice in Jehovah, And hath trusted in Him, And boast themselves do all the upright of heart!

< भजन संहिता 64 >