< यहोशू 20 >

1 फिर यहोवा ने यहोशू से कहा,
And Jehovah speaketh unto Joshua, saying,
2 “इस्राएलियों से यह कह, ‘मैंने मूसा के द्वारा तुम से शरण नगरों की जो चर्चा की थी उसके अनुसार उनको ठहरा लो,
'Speak unto the sons of Israel, saying, Give for you cities of refuge, as I have spoken unto you by the hand of Moses,
3 जिससे जो कोई भूल से बिना जाने किसी को मार डाले, वह उनमें से किसी में भाग जाए; इसलिए वे नगर खून के पलटा लेनेवाले से बचने के लिये तुम्हारे शरणस्थान ठहरें।
for the fleeing thither of a man-slayer smiting life inadvertently, without knowledge; and they have been to you for a refuge from the redeemer of blood.
4 वह उन नगरों में से किसी को भाग जाए, और उस नगर के फाटक में से खड़ा होकर उसके पुरनियों को अपना मुकद्दमा कह सुनाए; और वे उसको अपने नगर में अपने पास टिका लें, और उसे कोई स्थान दें, जिसमें वह उनके साथ रहे।
'When [one] hath fled unto one of these cities, and hath stood [at] the opening of the gate of the city, and hath spoken in the ears of the elders of that city his matter, then they have gathered him into the city unto them, and have given to him a place, and he hath dwelt with them.
5 और यदि खून का पलटा लेनेवाला उसका पीछा करे, तो वे यह जानकर कि उसने अपने पड़ोसी को बिना जाने, और पहले उससे बिना बैर रखे मारा, उस खूनी को उसके हाथ में न दें।
'And when the redeemer of blood doth pursue after him, then they do not shut up the man-slayer into his hand, for without knowledge he hath smitten his neighbour, and is not hating him hitherto;
6 और जब तक वह मण्डली के सामने न्याय के लिये खड़ा न हो, और जब तक उन दिनों का महायाजक न मर जाए, तब तक वह उसी नगर में रहे; उसके बाद वह खूनी अपने नगर को लौटकर जिससे वह भाग आया हो अपने घर में फिर रहने पाए।’”
and he hath dwelt in that city till his standing before the company for judgment, till the death of the chief priest who is in those days — then doth the man-slayer turn back and hath come unto his city, and unto his house, unto the city whence he fled.'
7 और उन्होंने नप्ताली के पहाड़ी देश में गलील के केदेश को, और एप्रैम के पहाड़ी देश में शेकेम को, और यहूदा के पहाड़ी देश में किर्यतअर्बा को, (जो हेब्रोन भी कहलाता है) पवित्र ठहराया।
And they sanctify Kedesh in Galilee, in the hill-country of Naphtali, and Shechem in the hill-country of Ephraim, and Kirjath-Arba (it [is] Hebron), in the hill-country of Judah;
8 और यरीहो के पास के यरदन के पूर्व की ओर उन्होंने रूबेन के गोत्र के भाग में बेसेर को, जो जंगल में चौरस भूमि पर बसा हुआ है, और गाद के गोत्र के भाग में गिलाद के रामोत को, और मनश्शे के गोत्र के भाग में बाशान के गोलन को ठहराया।
and beyond the Jordan, [at] Jericho eastward, they have given Bezer in the wilderness, in the plain, out of the tribe of Reuben, and Ramoth in Gilead out of the tribe of Gad, and Golan in Bashan out of the tribe of Manasseh.
9 सारे इस्राएलियों के लिये, और उनके बीच रहनेवाले परदेशियों के लिये भी, जो नगर इस मनसा से ठहराए गए कि जो कोई किसी प्राणी को भूल से मार डाले वह उनमें से किसी में भाग जाए, और जब तक न्याय के लिये मण्डली के सामने खड़ा न हो, तब तक खून का पलटा लेनेवाला उसे मार डालने न पाए, वे यह ही हैं।
These have been cities of meeting for all the sons of Israel, and for a sojourner who is sojourning in their midst, for the fleeing thither of any one smiting life inadvertently, and he doth not die by the hand of the redeemer of blood till his standing before the company.

< यहोशू 20 >