Aionian Verses
और उसके सब बेटे-बेटियों ने उसको शान्ति देने का यत्न किया; पर उसको शान्ति न मिली; और वह यही कहता रहा, “मैं तो विलाप करता हुआ अपने पुत्र के पास अधोलोक में उतर जाऊँगा।” इस प्रकार उसका पिता उसके लिये रोता ही रहा। (Sheol )
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उसने कहा, “मेरा पुत्र तुम्हारे संग न जाएगा; क्योंकि उसका भाई मर गया है, और वह अब अकेला रह गया है: इसलिए जिस मार्ग से तुम जाओगे, उसमें यदि उस पर कोई विपत्ति आ पड़े, तब तो तुम्हारे कारण मैं इस बुढ़ापे की अवस्था में शोक के साथ अधोलोक में उतर जाऊँगा।” (Sheol )
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अतः यदि तुम इसको भी मेरी आँख की आड़ में ले जाओ, और कोई विपत्ति इस पर पड़े, तो तुम्हारे कारण मैं इस बुढ़ापे की अवस्था में शोक के साथ अधोलोक में उतर जाऊँगा।’ (Sheol )
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इस कारण, यह देखकर कि लड़का नहीं है, वह तुरन्त ही मर जाएगा। तब तेरे दासों के कारण तेरा दास हमारा पिता, जो बुढ़ापे की अवस्था में है, शोक के साथ अधोलोक में उतर जाएगा। (Sheol )
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परन्तु यदि यहोवा अपनी अनोखी शक्ति प्रगट करे, और पृथ्वी अपना मुँह पसारकर उनको, और उनका सब कुछ निगल जाए, और वे जीते जी अधोलोक में जा पड़ें, तो तुम समझ लो कि इन मनुष्यों ने यहोवा का अपमान किया है।” (Sheol )
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और वे और उनका सारा घरबार जीवित ही अधोलोक में जा पड़े; और पृथ्वी ने उनको ढाँप लिया, और वे मण्डली के बीच में से नष्ट हो गए। (Sheol )
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क्योंकि मेरे कोप की आग भड़क उठी है, जो पाताल की तह तक जलती जाएगी, और पृथ्वी अपनी उपज समेत भस्म हो जाएगी, और पहाड़ों की नींवों में भी आग लगा देगी। (Sheol )
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यहोवा मारता है और जिलाता भी है; वही अधोलोक में उतारता और उससे निकालता भी है। (Sheol )
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अधोलोक की रस्सियाँ मेरे चारों ओर थीं, मृत्यु के फंदे मेरे सामने थे। (Sheol )
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इसलिए तू अपनी बुद्धि से काम लेना और उस पक्के बाल वाले को अधोलोक में शान्ति से उतरने न देना। (Sheol )
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परन्तु अब तू इसे निर्दोष न ठहराना, तू तो बुद्धिमान पुरुष है; तुझे मालूम होगा कि उसके साथ क्या करना चाहिये, और उस पक्के बाल वाले का लहू बहाकर उसे अधोलोक में उतार देना।” (Sheol )
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जैसे बादल छटकर लोप हो जाता है, वैसे ही अधोलोक में उतरनेवाला फिर वहाँ से नहीं लौट सकता; (Sheol )
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वह आकाश सा ऊँचा है; तू क्या कर सकता है? वह अधोलोक से गहरा है, तू कहाँ समझ सकता है? (Sheol )
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भला होता कि तू मुझे अधोलोक में छिपा लेता, और जब तक तेरा कोप ठंडा न हो जाए तब तक मुझे छिपाए रखता, और मेरे लिये समय नियुक्त करके फिर मेरी सुधि लेता। (Sheol )
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यदि मेरी आशा यह हो कि अधोलोक मेरा धाम होगा, यदि मैंने अंधियारे में अपना बिछौना बिछा लिया है, (Sheol )
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वह तो अधोलोक में उतर जाएगी, और उस समेत मुझे भी मिट्टी में विश्राम मिलेगा।” (Sheol )
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वे अपने दिन सुख से बिताते, और पल भर ही में अधोलोक में उतर जाते हैं। (Sheol )
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जैसे सूखे और धूप से हिम का जल सूख जाता है वैसे ही पापी लोग अधोलोक में सूख जाते हैं। (Sheol )
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अधोलोक उसके सामने उघड़ा रहता है, और विनाश का स्थान ढँप नहीं सकता। (Sheol )
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क्योंकि मृत्यु के बाद तेरा स्मरण नहीं होता; अधोलोक में कौन तेरा धन्यवाद करेगा? (Sheol )
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दुष्ट अधोलोक में लौट जाएँगे, तथा वे सब जातियाँ भी जो परमेश्वर को भूल जाती है। (Sheol )
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क्योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में न छोड़ेगा, न अपने पवित्र भक्त को कब्र में सड़ने देगा। (Sheol )
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अधोलोक की रस्सियाँ मेरे चारों ओर थीं, और मृत्यु के फंदे मुझ पर आए थे। (Sheol )
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हे यहोवा, तूने मेरा प्राण अधोलोक में से निकाला है, तूने मुझ को जीवित रखा और कब्र में पड़ने से बचाया है। (Sheol )
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हे यहोवा, मुझे लज्जित न होने दे क्योंकि मैंने तुझको पुकारा है; दुष्ट लज्जित हों और वे पाताल में चुपचाप पड़े रहें। (Sheol )
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वे अधोलोक की मानो भेड़ों का झुण्ड ठहराए गए हैं; मृत्यु उनका गड़रिया ठहरेगा; और भोर को सीधे लोग उन पर प्रभुता करेंगे; और उनका सुन्दर रूप अधोलोक का कौर हो जाएगा और उनका कोई आधार न रहेगा। (Sheol )
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परन्तु परमेश्वर मेरे प्राण को अधोलोक के वश से छुड़ा लेगा, वह मुझे ग्रहण करके अपनाएगा। (Sheol )
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उनको मृत्यु अचानक आ दबाए; वे जीवित ही अधोलोक में उतर जाएँ; क्योंकि उनके घर और मन दोनों में बुराइयाँ और उत्पात भरा है। (Sheol )
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क्योंकि तेरी करुणा मेरे ऊपर बड़ी है; और तूने मुझ को अधोलोक की तह में जाने से बचा लिया है। (Sheol )
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क्योंकि मेरा प्राण क्लेश से भरा हुआ है, और मेरा प्राण अधोलोक के निकट पहुँचा है। (Sheol )
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कौन पुरुष सदा अमर रहेगा? क्या कोई अपने प्राण को अधोलोक से बचा सकता है? (सेला) (Sheol )
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मृत्यु की रस्सियाँ मेरे चारों ओर थीं; मैं अधोलोक की सकेती में पड़ा था; मुझे संकट और शोक भोगना पड़ा। (Sheol )
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यदि मैं आकाश पर चढ़ूँ, तो तू वहाँ है! यदि मैं अपना खाट अधोलोक में बिछाऊँ तो वहाँ भी तू है! (Sheol )
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जैसे भूमि में हल चलने से ढेले फूटते हैं, वैसे ही हमारी हड्डियाँ अधोलोक के मुँह पर छितराई गई हैं। (Sheol )
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हम उन्हें जीवित निगल जाए, जैसे अधोलोक स्वस्थ लोगों को निगल जाता है, और उन्हें कब्र में पड़े मृतकों के समान बना दें। (Sheol )
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उसके पाँव मृत्यु की ओर बढ़ते हैं; और उसके पग अधोलोक तक पहुँचते हैं। (Sheol )
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उसका घर अधोलोक का मार्ग है, वह मृत्यु के घर में पहुँचाता है। (Sheol )
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और वह नहीं जानता है, कि वहाँ मरे हुए पड़े हैं, और उस स्त्री के निमंत्रित अधोलोक के निचले स्थानों में पहुँचे हैं। (Sheol )
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जबकि अधोलोक और विनाशलोक यहोवा के सामने खुले रहते हैं, तो निश्चय मनुष्यों के मन भी। (Sheol )
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विवेकी के लिये जीवन का मार्ग ऊपर की ओर जाता है, इस रीति से वह अधोलोक में पड़ने से बच जाता है। (Sheol )
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तू उसको छड़ी से मारकर उसका प्राण अधोलोक से बचाएगा। (Sheol )
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जैसे अधोलोक और विनाशलोक, वैसे ही मनुष्य की आँखें भी तृप्त नहीं होती। (Sheol )
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अधोलोक और बाँझ की कोख, भूमि जो जल पी पीकर तृप्त नहीं होती, और आग जो कभी नहीं कहती, ‘बस।’ (Sheol )
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जो काम तुझे मिले उसे अपनी शक्ति भर करना, क्योंकि अधोलोक में जहाँ तू जानेवाला है, न काम न युक्ति न ज्ञान और न बुद्धि है। (Sheol )
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मुझे नगीने के समान अपने हृदय पर लगा रख, और ताबीज़ की समान अपनी बाँह पर रख; क्योंकि प्रेम मृत्यु के तुल्य सामर्थी है, और ईर्ष्या कब्र के समान निर्दयी है। उसकी ज्वाला अग्नि की दमक है वरन् परमेश्वर ही की ज्वाला है। (Sheol )
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इसलिए अधोलोक ने अत्यन्त लालसा करके अपना मुँह हद से ज्यादा पसारा है, और उनका वैभव और भीड़-भाड़ और आनन्द करनेवाले सब के सब उसके मुँह में जा पड़ते हैं। (Sheol )
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“अपने परमेश्वर यहोवा से कोई चिन्ह माँग; चाहे वह गहरे स्थान का हो, या ऊपर आकाश का हो।” (Sheol )
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पाताल के नीचे अधोलोक में तुझ से मिलने के लिये हलचल हो रही है; वह तेरे लिये मुर्दों को अर्थात् पृथ्वी के सब सरदारों को जगाता है, और वह जाति-जाति से सब राजाओं को उनके सिंहासन पर से उठा खड़ा करता है। (Sheol )
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तेरा वैभव और तेरी सारंगियों को शब्द अधोलोक में उतारा गया है; कीड़े तेरा बिछौना और केंचुए तेरा ओढ़ना हैं। (Sheol )
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परन्तु तू अधोलोक में उस गड्ढे की तह तक उतारा जाएगा। (Sheol )
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तुम ने कहा है “हमने मृत्यु से वाचा बाँधी और अधोलोक से प्रतिज्ञा कराई है; इस कारण विपत्ति जब बाढ़ के समान बढ़ आए तब हमारे पास न आएगी; क्योंकि हमने झूठ की शरण ली और मिथ्या की आड़ में छिपे हुए हैं।” (Sheol )
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तब जो वाचा तुम ने मृत्यु से बाँधी है वह टूट जाएगी, और जो प्रतिज्ञा तुम ने अधोलोक से कराई वह न ठहरेगी; जब विपत्ति बाढ़ के समान बढ़ आए, तब तुम उसमें डूब ही जाओगे। (Sheol )
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मैंने कहा, अपनी आयु के बीच ही मैं अधोलोक के फाटकों में प्रवेश करूँगा; क्योंकि मेरी शेष आयु हर ली गई है। (Sheol )
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क्योंकि अधोलोक तेरा धन्यवाद नहीं कर सकता, न मृत्यु तेरी स्तुति कर सकती है; जो कब्र में पड़ें वे तेरी सच्चाई की आशा नहीं रख सकते (Sheol )
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तू तेल लिए हुए राजा के पास गई और बहुत सुगन्धित तेल अपने काम में लाई; अपने दूत तूने दूर तक भेजे और अधोलोक तक अपने को नीचा किया। (Sheol )
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“परमेश्वर यहोवा यह कहता है: जिस दिन वह अधोलोक में उतर गया, उस दिन मैंने विलाप कराया और गहरे समुद्र को ढाँप दिया, और नदियों का बहुत जल रुक गया; और उसके कारण मैंने लबानोन पर उदासी छा दी, और मैदान के सब वृक्ष मूर्छित हुए। (Sheol )
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जब मैंने उसको कब्र में गड़े हुओं के पास अधोलोक में फेंक दिया, तब उसके गिरने के शब्द से जाति-जाति थरथरा गई, और अदन के सब वृक्ष अर्थात् लबानोन के उत्तम-उत्तम वृक्षों ने, जितने उससे जल पाते हैं, उन सभी ने अधोलोक में शान्ति पाई। (Sheol )
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वे भी उसके संग तलवार से मारे हुओं के पास अधोलोक में उतर गए; अर्थात् वे जो उसकी भुजा थे, और जाति-जाति के बीच उसकी छाया में रहते थे। (Sheol )
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सामर्थी शूरवीर उससे और उसके सहायकों से अधोलोक में बातें करेंगे; वे खतनाहीन लोग वहाँ तलवार से मरे पड़े हैं। (Sheol )
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उन गिरे हुए खतनारहित शूरवीरों के संग वे पड़े न रहेंगे जो अपने-अपने युद्ध के हथियार लिए हुए अधोलोक में उतर गए हैं, वहाँ उनकी तलवारें उनके सिरों के नीचे रखी हुई हैं, और उनके अधर्म के काम उनकी हड्डियों में व्याप्त हैं; क्योंकि जीवनलोक में उनसे शूरवीरों को भी भय उपजता था। (Sheol )
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मैं उसको अधोलोक के वश से छुड़ा लूँगा और मृत्यु से उसको छुटकारा दूँगा। हे मृत्यु, तेरी मारने की शक्ति कहाँ रही? हे अधोलोक, तेरी नाश करने की शक्ति कहाँ रही? मैं फिर कभी नहीं पछताऊँगा। (Sheol )
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“क्योंकि चाहे वे खोदकर अधोलोक में उतर जाएँ, तो वहाँ से मैं हाथ बढ़ाकर उन्हें लाऊँगा; चाहे वे आकाश पर चढ़ जाएँ, तो वहाँ से मैं उन्हें उतार लाऊँगा। (Sheol )
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“मैंने संकट में पड़े हुए यहोवा की दुहाई दी, और उसने मेरी सुन ली है; अधोलोक के उदर में से मैं चिल्ला उठा, और तूने मेरी सुन ली। (Sheol )
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दाखमधु से धोखा होता है; अहंकारी पुरुष घर में नहीं रहता, और उसकी लालसा अधोलोक के समान पूरी नहीं होती, और मृत्यु के समान उसका पेट नहीं भरता। वह सब जातियों को अपने पास खींच लेता, और सब देशों के लोगों को अपने पास इकट्ठे कर रखता है।” (Sheol )
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परन्तु मैं तुम से यह कहता हूँ, कि जो कोई अपने भाई पर क्रोध करेगा, वह कचहरी में दण्ड के योग्य होगा और जो कोई अपने भाई कोनिकम्मा कहेगा वह महासभा में दण्ड के योग्य होगा; और जो कोई कहे ‘अरे मूर्ख’ वह नरक की आग के दण्ड के योग्य होगा। (Geenna )
kintvahaM yuShmAn vadAmi, yaH kashchit kAraNaM vinA nijabhrAtre kupyati, sa vichArasabhAyAM daNDArho bhaviShyati; yaH kashchichcha svIyasahajaM nirbbodhaM vadati, sa mahAsabhAyAM daNDArho bhaviShyati; punashcha tvaM mUDha iti vAkyaM yadi kashchit svIyabhrAtaraM vakti, tarhi narakAgnau sa daNDArho bhaviShyati| (Geenna )
यदि तेरी दाहिनी आँख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकालकर अपने पास से फेंक दे; क्योंकि तेरे लिये यही भला है कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए। (Geenna )
tasmAt tava dakShiNaM netraM yadi tvAM bAdhate, tarhi tannetram utpATya dUre nikShipa, yasmAt tava sarvvavapuSho narake nikShepAt tavaikA Ngasya nAsho varaM| (Geenna )
और यदि तेरा दाहिना हाथ तुझे ठोकर खिलाए, तो उसको काटकर अपने पास से फेंक दे, क्योंकि तेरे लिये यही भला है, कि तेरे अंगों में से एक नाश हो जाए और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए। (Geenna )
yadvA tava dakShiNaH karo yadi tvAM bAdhate, tarhi taM karaM ChittvA dUre nikShipa, yataH sarvvavapuSho narake nikShepAt ekA Ngasya nAsho varaM| (Geenna )
जो शरीर को मार सकते हैं, पर आत्मा को मार नहीं सकते, उनसे मत डरना; पर उसी से डरो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नरक में नाश कर सकता है। (Geenna )
ye kAyaM hantuM shaknuvanti nAtmAnaM, tebhyo mA bhaiShTa; yaH kAyAtmAnau niraye nAshayituM, shaknoti, tato bibhIta| (Geenna )
और हे कफरनहूम, क्या तू स्वर्ग तक ऊँचा किया जाएगा? तू तो अधोलोक तक नीचे जाएगा; जो सामर्थ्य के काम तुझ में किए गए है, यदि सदोम में किए जाते, तो वह आज तक बना रहता। (Hadēs )
apara ncha bata kapharnAhUm, tvaM svargaM yAvadunnatosi, kintu narake nikShepsyase, yasmAt tvayi yAnyAshcharyyANi karmmaNyakAriShata, yadi tAni sidomnagara akAriShyanta, tarhi tadadya yAvadasthAsyat| (Hadēs )
जो कोई मनुष्य के पुत्र के विरोध में कोई बात कहेगा, उसका यह अपराध क्षमा किया जाएगा, परन्तु जो कोई पवित्र आत्मा के विरोध में कुछ कहेगा, उसका अपराध न तो इस युग में और न ही आनेवाले युग में क्षमा किया जाएगा। (aiōn )
yo manujasutasya viruddhAM kathAM kathayati, tasyAparAdhasya kShamA bhavituM shaknoti, kintu yaH kashchit pavitrasyAtmano viruddhAM kathAM kathayati nehaloke na pretya tasyAparAdhasya kShamA bhavituM shaknoti| (aiōn )
जो झाड़ियों में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनता है, पर इस संसार की चिन्ता और धन का धोखा वचन को दबाता है, और वह फल नहीं लाता। (aiōn )
aparaM kaNTakAnAM madhye bIjAnyuptAni tadartha eShaH; kenachit kathAyAM shrutAyAM sAMsArikachintAbhi rbhrAntibhishcha sA grasyate, tena sA mA viphalA bhavati| (aiōn )
जिस शत्रु ने उनको बोया वह शैतान है; कटनी जगत का अन्त है: और काटनेवाले स्वर्गदूत हैं। (aiōn )
vanyayavasAni pApAtmanaH santAnAH| yena ripuNA tAnyuptAni sa shayatAnaH, karttanasamayashcha jagataH sheShaH, karttakAH svargIyadUtAH| (aiōn )
अतः जैसे जंगली दाने बटोरे जाते और जलाए जाते हैं वैसा ही जगत के अन्त में होगा। (aiōn )
yathA vanyayavasAni saMgR^ihya dAhyante, tathA jagataH sheShe bhaviShyati; (aiōn )
जगत के अन्त में ऐसा ही होगा; स्वर्गदूत आकर दुष्टों को धर्मियों से अलग करेंगे, (aiōn )
tathaiva jagataH sheShe bhaviShyati, phalataH svargIyadUtA Agatya puNyavajjanAnAM madhyAt pApinaH pR^ithak kR^itvA vahnikuNDe nikShepsyanti, (aiōn )
और मैं भी तुझ से कहता हूँ, कि तूपतरस है, और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊँगा, और अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे। (Hadēs )
ato. ahaM tvAM vadAmi, tvaM pitaraH (prastaraH) aha ncha tasya prastarasyopari svamaNDalIM nirmmAsyAmi, tena nirayo balAt tAM parAjetuM na shakShyati| (Hadēs )
“यदि तेरा हाथ या तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाए, तो काटकर फेंक दे; टुण्डा या लँगड़ा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो हाथ या दो पाँव रहते हुए तू अनन्त आग में डाला जाए। (aiōnios )
tasmAt tava karashcharaNo vA yadi tvAM bAdhate, tarhi taM ChittvA nikShipa, dvikarasya dvipadasya vA tavAnaptavahnau nikShepAt, kha njasya vA Chinnahastasya tava jIvane pravesho varaM| (aiōnios )
और यदि तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकालकर फेंक दे। काना होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो आँख रहते हुए तू नरक की आग में डाला जाए। (Geenna )
aparaM tava netraM yadi tvAM bAdhate, tarhi tadapyutpAvya nikShipa, dvinetrasya narakAgnau nikShepAt kANasya tava jIvane pravesho varaM| (Geenna )
और एक मनुष्य ने पास आकर उससे कहा, “हे गुरु, मैं कौन सा भला काम करूँ, कि अनन्त जीवन पाऊँ?” (aiōnios )
aparam eka Agatya taM paprachCha, he paramaguro, anantAyuH prAptuM mayA kiM kiM satkarmma karttavyaM? (aiōnios )
और जिस किसी ने घरों या भाइयों या बहनों या पिता या माता या बाल-बच्चों या खेतों को मेरे नाम के लिये छोड़ दिया है, उसको सौ गुना मिलेगा, और वह अनन्त जीवन का अधिकारी होगा। (aiōnios )
anyachcha yaH kashchit mama nAmakAraNAt gR^ihaM vA bhrAtaraM vA bhaginIM vA pitaraM vA mAtaraM vA jAyAM vA bAlakaM vA bhUmiM parityajati, sa teShAM shataguNaM lapsyate, anantAyumo. adhikAritva ncha prApsyati| (aiōnios )
और अंजीर के पेड़ को सड़क के किनारे देखकर वह उसके पास गया, और पत्तों को छोड़ उसमें और कुछ न पाकर उससे कहा, “अब से तुझ में फिर कभी फल न लगे।” और अंजीर का पेड़ तुरन्त सूख गया। (aiōn )
tato mArgapArshva uDumbaravR^ikShamekaM vilokya tatsamIpaM gatvA patrANi vinA kimapi na prApya taM pAdapaM provAcha, adyArabhya kadApi tvayi phalaM na bhavatu; tena tatkShaNAt sa uDumbaramAhIruhaH shuShkatAM gataH| (aiōn )
“हे कपटी शास्त्रियों और फरीसियों तुम पर हाय! तुम एक जन को अपने मत में लाने के लिये सारे जल और थल में फिरते हो, और जब वह मत में आ जाता है, तो उसे अपने से दुगना नारकीय बना देते हो। (Geenna )
ka nchana prApya svato dviguNanarakabhAjanaM taM kurutha| (Geenna )
हे साँपों, हे करैतों के बच्चों, तुम नरक के दण्ड से कैसे बचोगे? (Geenna )
re bhujagAH kR^iShNabhujagavaMshAH, yUyaM kathaM narakadaNDAd rakShiShyadhve| (Geenna )
और जब वह जैतून पहाड़ पर बैठा था, तो चेलों ने अलग उसके पास आकर कहा, “हम से कह कि ये बातें कब होंगी? और तेरे आने का, और जगत के अन्त का क्या चिन्ह होगा?” (aiōn )
anantaraM tasmin jaitunaparvvatopari samupaviShTe shiShyAstasya samIpamAgatya guptaM paprachChuH, etA ghaTanAH kadA bhaviShyanti? bhavata Agamanasya yugAntasya cha kiM lakShma? tadasmAn vadatu| (aiōn )
“तब वह बाईं ओर वालों से कहेगा, ‘हे श्रापित लोगों, मेरे सामने से उसअनन्त आगमें चले जाओ, जो शैतान और उसके दूतों के लिये तैयार की गई है। (aiōnios )
pashchAt sa vAmasthitAn janAn vadiShyati, re shApagrastAH sarvve, shaitAne tasya dUtebhyashcha yo. anantavahnirAsAdita Aste, yUyaM madantikAt tamagniM gachChata| (aiōnios )
और ये अनन्त दण्ड भोगेंगे परन्तु धर्मी अनन्त जीवन में प्रवेश करेंगे।” (aiōnios )
pashchAdamyanantashAstiM kintu dhArmmikA anantAyuShaM bhoktuM yAsyanti| (aiōnios )
और उन्हें सब बातें जो मैंने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैवतुम्हारे संगहूँ।” (aiōn )
pashyata, jagadantaM yAvat sadAhaM yuShmAbhiH sAkaM tiShThAmi| iti| (aiōn )
परन्तु जो कोई पवित्र आत्मा के विरुद्ध निन्दा करे, वह कभी भी क्षमा न किया जाएगा: वरन् वह अनन्त पाप का अपराधी ठहरता है।” (aiōn , aiōnios )
kintu yaH kashchit pavitramAtmAnaM nindati tasyAparAdhasya kShamA kadApi na bhaviShyati sonantadaNDasyArho bhaviShyati| (aiōn , aiōnios )
Mark 4:18 (mArkaH 4:18)
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ye janAH kathAM shR^iNvanti kintu sAMsArikI chintA dhanabhrAnti rviShayalobhashcha ete sarvve upasthAya tAM kathAM grasanti tataH mA viphalA bhavati (aiōn )
और संसार की चिन्ता, और धन का धोखा, और वस्तुओं का लोभ उनमें समाकर वचन को दबा देता है और वह निष्फल रह जाता है। (aiōn )
(parallel missing)
यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल टुण्डा होकर जीवन में प्रवेश करना, तेरे लिये इससे भला है कि दो हाथ रहते हुए नरक के बीच उस आग में डाला जाए जो कभी बुझने की नहीं। (Geenna )
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Mark 9:44 (mArkaH 9:44)
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yasmAt yatra kITA na mriyante vahnishcha na nirvvAti, tasmin anirvvANAnalanarake karadvayavastava gamanAt karahInasya svargapraveshastava kShemaM| (Geenna )
और यदि तेरा पाँव तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल। लँगड़ा होकर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो पाँव रहते हुए नरक में डाला जाए। (Geenna )
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Mark 9:46 (mArkaH 9:46)
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yato yatra kITA na mriyante vahnishcha na nirvvAti, tasmin. anirvvANavahnau narake dvipAdavatastava nikShepAt pAdahInasya svargapraveshastava kShemaM| (Geenna )
और यदि तेरी आँख तुझे ठोकर खिलाए तो उसे निकाल डाल, काना होकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना तेरे लिये इससे भला है, कि दो आँख रहते हुए तू नरक में डाला जाए। (Geenna )
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Mark 9:48 (mArkaH 9:48)
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tasmina. anirvvANavahnau narake dvinetrasya tava nikShepAd ekanetravata IshvararAjye praveshastava kShemaM| (Geenna )
और जब वह निकलकर मार्ग में जाता था, तो एक मनुष्य उसके पास दौड़ता हुआ आया, और उसके आगे घुटने टेककर उससे पूछा, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्या करूँ?” (aiōnios )
atha sa vartmanA yAti, etarhi jana eko dhAvan Agatya tatsammukhe jAnunI pAtayitvA pR^iShTavAn, bhoH paramaguro, anantAyuH prAptaye mayA kiM karttavyaM? (aiōnios )
और अबइस समयसौ गुणा न पाए, घरों और भाइयों और बहनों और माताओं और बाल-बच्चों और खेतों को, पर सताव के साथ और परलोक में अनन्त जीवन। (aiōn , aiōnios )
gR^ihabhrAtR^ibhaginIpitR^imAtR^ipatnIsantAnabhUmInAmiha shataguNAn pretyAnantAyushcha na prApnoti tAdR^ishaH kopi nAsti| (aiōn , aiōnios )
इस पर उसने उससे कहा, “अब से कोई तेरा फल कभी न खाए।” और उसके चेले सुन रहे थे। (aiōn )
adyArabhya kopi mAnavastvattaH phalaM na bhu njIta; imAM kathAM tasya shiShyAH shushruvuH| (aiōn )
और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्त न होगा।” (aiōn )
tathA sa yAkUbo vaMshopari sarvvadA rAjatvaM kariShyati, tasya rAjatvasyAnto na bhaviShyati| (aiōn )
Luke 1:54 (lUkaH 1:54)
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ibrAhImi cha tadvaMshe yA dayAsti sadaiva tAM| smR^itvA purA pitR^iNAM no yathA sAkShAt pratishrutaM| (aiōn )
जो अब्राहम और उसके वंश पर सदा रहेगी, जैसा उसने हमारे पूर्वजों से कहा था।” (aiōn )
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जैसे उसने अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा जो जगत के आदि से होते आए हैं, कहा था, (aiōn )
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Luke 1:73 (lUkaH 1:73)
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sR^iShTeH prathamataH svIyaiH pavitrai rbhAvivAdibhiH| (aiōn )
और उन्होंने उससे विनती की, “हमें अथाह गड्ढे में जाने की आज्ञा न दे।” (Abyssos )
atha bhUtA vinayena jagaduH, gabhIraM garttaM gantuM mAj nApayAsmAn| (Abyssos )
और हे कफरनहूम, क्या तू स्वर्ग तक ऊँचा किया जाएगा? तू तो अधोलोक तक नीचे जाएगा। (Hadēs )
he kapharnAhUm, tvaM svargaM yAvad unnatA kintu narakaM yAvat nyagbhaviShyasi| (Hadēs )
तब एक व्यवस्थापक उठा; और यह कहकर, उसकी परीक्षा करने लगा, “हे गुरु, अनन्त जीवन का वारिस होने के लिये मैं क्या करूँ?” (aiōnios )
anantaram eko vyavasthApaka utthAya taM parIkShituM paprachCha, he upadeshaka anantAyuShaH prAptaye mayA kiM karaNIyaM? (aiōnios )
मैं तुम्हें चेतावनी देता हूँ कि तुम्हें किस से डरना चाहिए, मारने के बाद जिसको नरक में डालने का अधिकार है, उसी से डरो; वरन् मैं तुम से कहता हूँ उसी से डरो। (Geenna )
tarhi kasmAd bhetavyam ityahaM vadAmi, yaH sharIraM nAshayitvA narakaM nikSheptuM shaknoti tasmAdeva bhayaM kuruta, punarapi vadAmi tasmAdeva bhayaM kuruta| (Geenna )
“स्वामी ने उस अधर्मी भण्डारी को सराहा, कि उसने चतुराई से काम किया है; क्योंकि इस संसार के लोग अपने समय के लोगों के साथ रीति-व्यवहारों मेंज्योति के लोगोंसे अधिक चतुर हैं। (aiōn )
tenaiva prabhustamayathArthakR^itam adhIshaM tadbuddhinaipuNyAt prashashaMsa; itthaM dIptirUpasantAnebhya etatsaMsArasya santAnA varttamAnakAle. adhikabuddhimanto bhavanti| (aiōn )
और मैं तुम से कहता हूँ, कि अधर्म के धन से अपने लिये मित्र बना लो; ताकि जब वह जाता रहे, तो वे तुम्हें अनन्त निवासों में ले लें। (aiōnios )
ato vadAmi yUyamapyayathArthena dhanena mitrANi labhadhvaM tato yuShmAsu padabhraShTeShvapi tAni chirakAlam AshrayaM dAsyanti| (aiōnios )
औरअधोलोकमें उसने पीड़ा में पड़े हुए अपनी आँखें उठाई, और दूर से अब्राहम की गोद में लाज़र को देखा। (Hadēs )
pashchAt sa dhanavAnapi mamAra, taM shmashAne sthApayAmAsushcha; kintu paraloke sa vedanAkulaH san UrddhvAM nirIkShya bahudUrAd ibrAhImaM tatkroDa iliyAsara ncha vilokya ruvannuvAcha; (Hadēs )
किसी सरदार ने उससे पूछा, “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्या करूँ?” (aiōnios )
aparam ekodhipatistaM paprachCha, he paramaguro, anantAyuShaH prAptaye mayA kiM karttavyaM? (aiōnios )
और इस समय कई गुणा अधिक न पाए; और परलोक में अनन्त जीवन।” (aiōn , aiōnios )
iha kAle tato. adhikaM parakAle. anantAyushcha na prApsyati loka IdR^ishaH kopi nAsti| (aiōn , aiōnios )
यीशु ने उनसे कहा, “इस युग के सन्तानों में तो विवाह-शादी होती है, (aiōn )
tadA yIshuH pratyuvAcha, etasya jagato lokA vivahanti vAgdattAshcha bhavanti (aiōn )
पर जो लोग इस योग्य ठहरेंगे, की उस युग को और मरे हुओं में से जी उठना प्राप्त करें, उनमें विवाह-शादी न होगी। (aiōn )
kintu ye tajjagatprAptiyogyatvena gaNitAM bhaviShyanti shmashAnAchchotthAsyanti te na vivahanti vAgdattAshcha na bhavanti, (aiōn )
ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह अनन्त जीवन पाए। (aiōnios )
tasmAd yaH kashchit tasmin vishvasiShyati so. avinAshyaH san anantAyuH prApsyati| (aiōnios )
“क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। (aiōnios )
Ishvara itthaM jagadadayata yat svamadvitIyaM tanayaM prAdadAt tato yaH kashchit tasmin vishvasiShyati so. avinAshyaH san anantAyuH prApsyati| (aiōnios )
जो पुत्र पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर रहता है।” (aiōnios )
yaH kashchit putre vishvasiti sa evAnantam paramAyuH prApnoti kintu yaH kashchit putre na vishvasiti sa paramAyuSho darshanaM na prApnoti kintvIshvarasya kopabhAjanaM bhUtvA tiShThati| (aiōnios )
परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा; वरन्जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें एक सोता बन जाएगा, जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।” (aiōn , aiōnios )
kintu mayA dattaM pAnIyaM yaH pivati sa punaH kadApi tR^iShArtto na bhaviShyati| mayA dattam idaM toyaM tasyAntaH prasravaNarUpaM bhUtvA anantAyuryAvat sroShyati| (aiōn , aiōnios )
और काटनेवाला मजदूरी पाता, और अनन्त जीवन के लिये फल बटोरता है, ताकि बोनेवाला और काटनेवाला दोनों मिलकर आनन्द करें। (aiōnios )
yashChinatti sa vetanaM labhate anantAyuHsvarUpaM shasyaM sa gR^ihlAti cha, tenaiva vaptA ChettA cha yugapad AnandataH| (aiōnios )
मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, जो मेरा वचन सुनकर मेरे भेजनेवाले पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है, और उस पर दण्ड की आज्ञा नहीं होती परन्तु वह मृत्यु से पार होकर जीवन में प्रवेश कर चुका है। (aiōnios )
yuShmAnAhaM yathArthataraM vadAmi yo jano mama vAkyaM shrutvA matprerake vishvasiti sonantAyuH prApnoti kadApi daNDabAjanaM na bhavati nidhanAdutthAya paramAyuH prApnoti| (aiōnios )
तुम पवित्रशास्त्र में ढूँढ़ते हो, क्योंकि समझते हो कि उसमें अनन्त जीवन तुम्हें मिलता है, और यह वही है, जो मेरी गवाही देता है; (aiōnios )
dharmmapustakAni yUyam AlochayadhvaM tai rvAkyairanantAyuH prApsyAma iti yUyaM budhyadhve taddharmmapustakAni madarthe pramANaM dadati| (aiōnios )
नाशवान भोजन के लिये परिश्रम न करो, परन्तु उस भोजन के लिये जो अनन्त जीवन तक ठहरता है, जिसे मनुष्य का पुत्र तुम्हें देगा, क्योंकि पिता, अर्थात् परमेश्वर ने उसी पर छाप कर दी है।” (aiōnios )
kShayaNIyabhakShyArthaM mA shrAmiShTa kintvantAyurbhakShyArthaM shrAmyata, tasmAt tAdR^ishaM bhakShyaM manujaputro yuShmAbhyaM dAsyati; tasmin tAta IshvaraH pramANaM prAdAt| (aiōnios )
क्योंकि मेरे पिता की इच्छा यह है, कि जो कोई पुत्र को देखे, और उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए; और मैं उसे अन्तिम दिन फिर जिला उठाऊँगा।” (aiōnios )
yaH kashchin mAnavasutaM vilokya vishvasiti sa sheShadine mayotthApitaH san anantAyuH prApsyati iti matprerakasyAbhimataM| (aiōnios )
मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, कि जो कोई विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसी का है। (aiōnios )
ahaM yuShmAn yathArthataraM vadAmi yo jano mayi vishvAsaM karoti sonantAyuH prApnoti| (aiōnios )
जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा; और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूँगा, वह मेरा माँस है।” (aiōn )
yajjIvanabhakShyaM svargAdAgachChat sohameva idaM bhakShyaM yo jano bhu Nktte sa nityajIvI bhaviShyati| punashcha jagato jIvanArthamahaM yat svakIyapishitaM dAsyAmi tadeva mayA vitaritaM bhakShyam| (aiōn )
जो मेरा माँस खाता, और मेरा लहू पीता है, अनन्त जीवन उसी का है, और मैं अन्तिम दिन फिर उसे जिला उठाऊँगा। (aiōnios )
yo mamAmiShaM svAdati mama sudhira ncha pivati sonantAyuH prApnoti tataH sheShe. ahni tamaham utthApayiShyAmi| (aiōnios )
जो रोटी स्वर्ग से उतरी यही है, पूर्वजों के समान नहीं कि खाया, और मर गए; जो कोई यह रोटी खाएगा, वह सर्वदा जीवित रहेगा।” (aiōn )
yadbhakShyaM svargAdAgachChat tadidaM yanmAnnAM svAditvA yuShmAkaM pitaro. amriyanta tAdR^isham idaM bhakShyaM na bhavati idaM bhakShyaM yo bhakShati sa nityaM jIviShyati| (aiōn )
शमौन पतरस ने उसको उत्तर दिया, “हे प्रभु, हम किसके पास जाएँ? अनन्त जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं। (aiōnios )
tataH shimon pitaraH pratyavochat he prabho kasyAbhyarNaM gamiShyAmaH? (aiōnios )
और दास सदा घर में नहीं रहता; पुत्र सदा रहता है। (aiōn )
dAsashcha nirantaraM niveshane na tiShThati kintu putro nirantaraM tiShThati| (aiōn )
मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, कि यदि कोई व्यक्ति मेरे वचन पर चलेगा, तो वह अनन्तकाल तक मृत्यु को न देखेगा।” (aiōn )
ahaM yuShmabhyam atIva yathArthaM kathayAmi yo naro madIyaM vAchaM manyate sa kadAchana nidhanaM na drakShyati| (aiōn )
लोगों ने उससे कहा, “अब हमने जान लिया कि तुझ में दुष्टात्मा है: अब्राहम मर गया, और भविष्यद्वक्ता भी मर गए हैं और तू कहता है, ‘यदि कोई मेरे वचन पर चलेगा तो वह अनन्तकाल तक मृत्यु का स्वाद न चखेगा।’ (aiōn )
yihUdIyAstamavadan tvaM bhUtagrasta itIdAnIm avaiShma| ibrAhIm bhaviShyadvAdina ncha sarvve mR^itAH kintu tvaM bhAShase yo naro mama bhAratIM gR^ihlAti sa jAtu nidhAnAsvAdaM na lapsyate| (aiōn )
जगत के आरम्भ से यह कभी सुनने में नहीं आया, कि किसी ने भी जन्म के अंधे की आँखें खोली हों। (aiōn )
kopi manuShyo janmAndhAya chakShuShI adadAt jagadArambhAd etAdR^ishIM kathAM kopi kadApi nAshR^iNot| (aiōn )
और मैं उन्हें अनन्त जीवन देता हूँ, और वे कभी नाश नहीं होंगी, और कोई उन्हें मेरे हाथ से छीन न लेगा। (aiōn , aiōnios )
ahaM tebhyo. anantAyu rdadAmi, te kadApi na naMkShyanti kopi mama karAt tAn harttuM na shakShyati| (aiōn , aiōnios )
और जो कोई जीवित है, और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्तकाल तक न मरेगा। क्या तू इस बात पर विश्वास करती है?” (aiōn )
yaH kashchana cha jIvan mayi vishvasiti sa kadApi na mariShyati, asyAM kathAyAM kiM vishvasiShi? (aiōn )
जो अपने प्राण को प्रिय जानता है, वह उसे खो देता है; और जो इस जगत में अपने प्राण को अप्रिय जानता है; वह अनन्त जीवन के लिये उसकी रक्षा करेगा। (aiōnios )
yo jane nijaprANAn priyAn jAnAti sa tAn hArayiShyati kintu ye jana ihaloke nijaprANAn apriyAn jAnAti senantAyuH prAptuM tAn rakShiShyati| (aiōnios )
इस पर लोगों ने उससे कहा, “हमने व्यवस्था की यह बात सुनी है, कि मसीह सर्वदा रहेगा, फिर तू क्यों कहता है, कि मनुष्य के पुत्र को ऊँचे पर चढ़ाया जाना अवश्य है? यह मनुष्य का पुत्र कौन है?” (aiōn )
tadA lokA akathayan sobhiShiktaH sarvvadA tiShThatIti vyavasthAgranthe shrutam asmAbhiH, tarhi manuShyaputraH protthApito bhaviShyatIti vAkyaM kathaM vadasi? manuShyaputroyaM kaH? (aiōn )
और मैं जानता हूँ, कि उसकी आज्ञा अनन्त जीवन है इसलिए मैं जो बोलता हूँ, वह जैसा पिता ने मुझसे कहा है वैसा ही बोलता हूँ।” (aiōnios )
tasya sAj nA anantAyurityahaM jAnAmi, ataevAhaM yat kathayAmi tat pitA yathAj nApayat tathaiva kathayAmyaham| (aiōnios )
पतरस ने उससे कहा, “तू मेरे पाँव कभी न धोने पाएगा!” यह सुनकर यीशु ने उससे कहा, “यदि मैं तुझे न धोऊँ, तो मेरे साथ तेरा कुछ भी भाग नहीं।” (aiōn )
tataH pitaraH kathitavAn bhavAn kadApi mama pAdau na prakShAlayiShyati| yIshurakathayad yadi tvAM na prakShAlaye tarhi mayi tava kopyaMsho nAsti| (aiōn )
औरमैं पिता से विनती करूँगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे। (aiōn )
tato mayA pituH samIpe prArthite pitA nirantaraM yuShmAbhiH sArddhaM sthAtum itaramekaM sahAyam arthAt satyamayam AtmAnaM yuShmAkaM nikaTaM preShayiShyati| (aiōn )
क्योंकि तूने उसको सब प्राणियों पर अधिकार दिया, कि जिन्हें तूने उसको दिया है, उन सब को वह अनन्त जीवन दे। (aiōnios )
tvaM yollokAn tasya haste samarpitavAn sa yathA tebhyo. anantAyu rdadAti tadarthaM tvaM prANimAtrANAm adhipatitvabhAraM tasmai dattavAn| (aiōnios )
और अनन्त जीवन यह है, कि वे तुझ एकमात्र सच्चे परमेश्वर को और यीशु मसीह को, जिसे तूने भेजा है, जानें। (aiōnios )
yastvam advitIyaH satya IshvarastvayA preritashcha yIshuH khrIShTa etayorubhayoH parichaye prApte. anantAyu rbhavati| (aiōnios )
क्योंकि तू मेरे प्राणों को अधोलोक में न छोड़ेगा; और न अपने पवित्र जन को सड़ने देगा! (Hadēs )
paraloke yato hetostvaM mAM naiva hi tyakShyasi| svakIyaM puNyavantaM tvaM kShayituM naiva dAsyasi| evaM jIvanamArgaM tvaM mAmeva darshayiShyasi| (Hadēs )
उसने होनेवाली बात को पहले ही से देखकर मसीह के जी उठने के विषय में भविष्यद्वाणी की, कि न तो उसका प्राण अधोलोक में छोड़ा गया, और न उसकी देह सड़ने पाई। (Hadēs )
iti j nAtvA dAyUd bhaviShyadvAdI san bhaviShyatkAlIyaj nAnena khrIShTotthAne kathAmimAM kathayAmAsa yathA tasyAtmA paraloke na tyakShyate tasya sharIra ncha na kSheShyati; (Hadēs )
अवश्य है कि वह स्वर्ग में उस समय तक रहे जब तक कि वह सब बातों का सुधार न कर ले जिसकी चर्चा प्राचीनकाल से परमेश्वर ने अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के मुख से की है। (aiōn )
kintu jagataH sR^iShTimArabhya Ishvaro nijapavitrabhaviShyadvAdigaNona yathA kathitavAn tadanusAreNa sarvveShAM kAryyANAM siddhiparyyantaM tena svarge vAsaH karttavyaH| (aiōn )
तब पौलुस और बरनबास ने निडर होकर कहा, “अवश्य था, कि परमेश्वर का वचन पहले तुम्हें सुनाया जाता; परन्तु जबकि तुम उसे दूर करते हो, और अपने को अनन्त जीवन के योग्य नहीं ठहराते, तो अब, हम अन्यजातियों की ओर फिरते हैं। (aiōnios )
tataH paulabarNabbAvakShobhau kathitavantau prathamaM yuShmAkaM sannidhAvIshvarIyakathAyAH prachAraNam uchitamAsIt kintuM tadagrAhyatvakaraNena yUyaM svAn anantAyuSho. ayogyAn darshayatha, etatkAraNAd vayam anyadeshIyalokAnAM samIpaM gachChAmaH| (aiōnios )
यह सुनकर अन्यजाति आनन्दित हुए, और परमेश्वर के वचन की बड़ाई करने लगे, और जितने अनन्त जीवन के लिये ठहराए गए थे, उन्होंने विश्वास किया। (aiōnios )
tadA kathAmIdR^ishIM shrutvA bhinnadeshIyA AhlAditAH santaH prabhoH kathAM dhanyAM dhanyAm avadan, yAvanto lokAshcha paramAyuH prAptinimittaM nirUpitA Asan te vyashvasan| (aiōnios )
यह वही प्रभु कहता है जो जगत की उत्पत्ति से इन बातों का समाचार देता आया है।’ (aiōn )
A prathamAd IshvaraH svIyAni sarvvakarmmANi jAnAti| (aiōn )
क्योंकि उसके अनदेखे गुण, अर्थात् उसकी सनातन सामर्थ्य और परमेश्वरत्व, जगत की सृष्टि के समय से उसके कामों के द्वारा देखने में आते हैं, यहाँ तक कि वे निरुत्तर हैं। (aïdios )
phalatastasyAnantashaktIshvaratvAdInyadR^ishyAnyapi sR^iShTikAlam Arabhya karmmasu prakAshamAnAni dR^ishyante tasmAt teShAM doShaprakShAlanasya panthA nAsti| (aïdios )
Romans 1:24 (romiNaH 1:24)
(parallel missing)
itthaM ta Ishvarasya satyatAM vihAya mR^iShAmatam AshritavantaH sachchidAnandaM sR^iShTikarttAraM tyaktvA sR^iShTavastunaH pUjAM sevA ncha kR^itavantaH; (aiōn )
क्योंकि उन्होंने परमेश्वर की सच्चाई को बदलकर झूठ बना डाला, और सृष्टि की उपासना और सेवा की, न कि उस सृजनहार की जो सदा धन्य है। आमीन। (aiōn )
(parallel missing)
जो सुकर्म में स्थिर रहकर महिमा, और आदर, और अमरता की खोज में हैं, उन्हें वह अनन्त जीवन देगा; (aiōnios )
vastutastu ye janA dhairyyaM dhR^itvA satkarmma kurvvanto mahimA satkAro. amaratva nchaitAni mR^igayante tebhyo. anantAyu rdAsyati| (aiōnios )
कि जैसा पाप ने मृत्यु फैलाते हुए राज्य किया, वैसा ही हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा अनुग्रह भी अनन्त जीवन के लिये धर्मी ठहराते हुए राज्य करे। (aiōnios )
tena mR^ityunA yadvat pApasya rAjatvam abhavat tadvad asmAkaM prabhuyIshukhrIShTadvArAnantajIvanadAyipuNyenAnugrahasya rAjatvaM bhavati| (aiōnios )
परन्तु अब पाप से स्वतंत्र होकर और परमेश्वर के दास बनकर तुम को फल मिला जिससे पवित्रता प्राप्त होती है, और उसका अन्त अनन्त जीवन है। (aiōnios )
kintu sAmprataM yUyaM pApasevAto muktAH santa Ishvarasya bhR^ityA. abhavata tasmAd yuShmAkaM pavitratvarUpaM labhyam anantajIvanarUpa ncha phalam Aste| (aiōnios )
क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है। (aiōnios )
yataH pApasya vetanaM maraNaM kintvasmAkaM prabhuNA yIshukhrIShTenAnantajIvanam IshvaradattaM pAritoShikam Aste| (aiōnios )
पूर्वज भी उन्हीं के हैं, और मसीह भी शरीर के भाव से उन्हीं में से हुआ, जो सब के ऊपर परम परमेश्वर युगानुयुग धन्य है। आमीन। (aiōn )
tat kevalaM nahi kintu sarvvAdhyakShaH sarvvadA sachchidAnanda Ishvaro yaH khrIShTaH so. api shArIrikasambandhena teShAM vaMshasambhavaH| (aiōn )
या “अधोलोक में कौन उतरेगा?” (अर्थात् मसीह को मरे हुओं में से जिलाकर ऊपर लाने के लिये!) (Abyssos )
ko vA pretalokam avaruhya khrIShTaM mR^itagaNamadhyAd AneShyatIti vAk manasi tvayA na gaditavyA| (Abyssos )
क्योंकि परमेश्वर ने सब को आज्ञा न मानने के कारण बन्द कर रखा है ताकि वह सब पर दया करे। (eleēsē )
IshvaraH sarvvAn prati kR^ipAM prakAshayituM sarvvAn avishvAsitvena gaNayati| (eleēsē )
क्योंकि उसकी ओर से, और उसी के द्वारा, और उसी के लिये सब कुछ है: उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn )
yato vastumAtrameva tasmAt tena tasmai chAbhavat tadIyo mahimA sarvvadA prakAshito bhavatu| iti| (aiōn )
और इस संसार के सदृश्य न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिससे तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो। (aiōn )
aparaM yUyaM sAMsArikA iva mAcharata, kintu svaM svaM svabhAvaM parAvartya nUtanAchAriNo bhavata, tata Ishvarasya nideshaH kIdR^ig uttamo grahaNIyaH sampUrNashcheti yuShmAbhiranubhAviShyate| (aiōn )
अब जो तुम को मेरे सुसमाचार अर्थात् यीशु मसीह के विषय के प्रचार के अनुसार स्थिर कर सकता है, उस भेद के प्रकाश के अनुसार जो सनातन से छिपा रहा। (aiōnios )
pUrvvakAlikayugeShu prachChannA yA mantraNAdhunA prakAshitA bhUtvA bhaviShyadvAdilikhitagranthagaNasya pramANAd vishvAsena grahaNArthaM sadAtanasyeshvarasyAj nayA sarvvadeshIyalokAn j nApyate, (aiōnios )
परन्तु अब प्रगट होकर सनातन परमेश्वर की आज्ञा से भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकों के द्वारा सब जातियों को बताया गया है, कि वे विश्वास से आज्ञा माननेवाले हो जाएँ। (aiōnios )
tasyA mantraNAyA j nAnaM labdhvA mayA yaH susaMvAdo yIshukhrIShTamadhi prachAryyate, tadanusArAd yuShmAn dharmme susthirAn karttuM samartho yo. advitIyaH (aiōnios )
उसी एकमात्र अद्वैत बुद्धिमान परमेश्वर की यीशु मसीह के द्वारा युगानुयुग महिमा होती रहे। आमीन। (aiōn )
sarvvaj na Ishvarastasya dhanyavAdo yIshukhrIShTena santataM bhUyAt| iti| (aiōn )
कहाँ रहा ज्ञानवान? कहाँ रहा शास्त्री? कहाँ रहा इस संसार का विवादी? क्या परमेश्वर ने संसार के ज्ञान को मूर्खता नहीं ठहराया? (aiōn )
j nAnI kutra? shAstrI vA kutra? ihalokasya vichAratatparo vA kutra? ihalokasya j nAnaM kimIshvareNa mohIkR^itaM nahi? (aiōn )
फिर भी सिद्ध लोगों में हम ज्ञान सुनाते हैं परन्तु इस संसार का और इस संसार के नाश होनेवाले हाकिमों का ज्ञान नहीं; (aiōn )
vayaM j nAnaM bhAShAmahe tachcha siddhalokai rj nAnamiva manyate, tadihalokasya j nAnaM nahi, ihalokasya nashvarANAm adhipatInAM vA j nAnaM nahi; (aiōn )
परन्तु हम परमेश्वर का वह गुप्त ज्ञान, भेद की रीति पर बताते हैं, जिसे परमेश्वर ने सनातन से हमारी महिमा के लिये ठहराया। (aiōn )
kintu kAlAvasthAyAH pUrvvasmAd yat j nAnam asmAkaM vibhavArtham IshvareNa nishchitya prachChannaM tannigUDham IshvarIyaj nAnaM prabhAShAmahe| (aiōn )
जिसे इस संसार के हाकिमों में से किसी ने नहीं जाना, क्योंकि यदि जानते, तो तेजोमय प्रभु को क्रूस पर न चढ़ाते। (aiōn )
ihalokasyAdhipatInAM kenApi tat j nAnaM na labdhaM, labdhe sati te prabhAvavishiShTaM prabhuM krushe nAhaniShyan| (aiōn )
कोई अपने आपको धोखा न दे। यदि तुम में से कोई इस संसार में अपने आपको ज्ञानी समझे, तो मूर्ख बने कि ज्ञानी हो जाए। (aiōn )
kopi svaM na va nchayatAM| yuShmAkaM kashchana chedihalokasya j nAnena j nAnavAnahamiti budhyate tarhi sa yat j nAnI bhavet tadarthaM mUDho bhavatu| (aiōn )
इस कारण यदि भोजन मेरे भाई को ठोकर खिलाएँ, तो मैं कभी किसी रीति से माँस न खाऊँगा, न हो कि मैं अपने भाई के ठोकर का कारण बनूँ। (aiōn )
ato hetoH pishitAshanaM yadi mama bhrAtu rvighnasvarUpaM bhavet tarhyahaM yat svabhrAtu rvighnajanako na bhaveyaM tadarthaM yAvajjIvanaM pishitaM na bhokShye| (aiōn )
परन्तु ये सब बातें, जो उन पर पड़ीं, दृष्टान्त की रीति पर थीं; और वे हमारी चेतावनी के लिये जो जगत के अन्तिम समय में रहते हैं लिखी गईं हैं। (aiōn )
tAn prati yAnyetAni jaghaTire tAnyasmAkaM nidarshanAni jagataH sheShayuge varttamAnAnAm asmAkaM shikShArthaM likhitAni cha babhUvuH| (aiōn )
हे मृत्यु तेरी जय कहाँ रहीं? हे मृत्यु तेरा डंक कहाँ रहा?” (Hadēs )
mR^ityo te kaNTakaM kutra paraloka jayaH kka te|| (Hadēs )
और उन अविश्वासियों के लिये, जिनकी बुद्धि इस संसार के ईश्वर ने अंधी कर दी है, ताकि मसीह जो परमेश्वर का प्रतिरूप है, उसके तेजोमय सुसमाचार का प्रकाश उन पर न चमके। (aiōn )
yata Ishvarasya pratimUrtti ryaH khrIShTastasya tejasaH susaMvAdasya prabhA yat tAn na dIpayet tadartham iha lokasya devo. avishvAsinAM j nAnanayanam andhIkR^itavAn etasyodAharaNaM te bhavanti| (aiōn )
क्योंकि हमारा पल भर का हलका सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्त्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है। (aiōnios )
kShaNamAtrasthAyi yadetat laghiShThaM duHkhaM tad atibAhulyenAsmAkam anantakAlasthAyi gariShThasukhaM sAdhayati, (aiōnios )
और हम तो देखी हुई वस्तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएँ थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएँ सदा बनी रहती हैं। (aiōnios )
yato vayaM pratyakShAn viShayAn anuddishyApratyakShAn uddishAmaH| yato hetoH pratyakShaviShayAH kShaNamAtrasthAyinaH kintvapratyakShA anantakAlasthAyinaH| (aiōnios )
क्योंकि हम जानते हैं, कि जब हमारा पृथ्वी पर का डेरा सरीखा घर गिराया जाएगा तो हमें परमेश्वर की ओर से स्वर्ग पर एक ऐसा भवन मिलेगा, जो हाथों से बना हुआ घर नहीं परन्तु चिरस्थाई है। (aiōnios )
aparam asmAkam etasmin pArthive dUShyarUpe veshmani jIrNe satIshvareNa nirmmitam akarakR^itam asmAkam anantakAlasthAyi veshmaikaM svarge vidyata iti vayaM jAnImaH| (aiōnios )
जैसा लिखा है, “उसने बिखेरा, उसने गरीबों को दान दिया, उसकी धार्मिकता सदा बनी रहेगी।” (aiōn )
etasmin likhitamAste, yathA, vyayate sa jano rAyaM durgatebhyo dadAti cha| nityasthAyI cha taddharmmaH (aiōn )
प्रभु यीशु का परमेश्वर और पिता जो सदा धन्य है, जानता है, कि मैं झूठ नहीं बोलता। (aiōn )
mayA mR^iShAvAkyaM na kathyata iti nityaM prashaMsanIyo. asmAkaM prabho ryIshukhrIShTasya tAta Ishvaro jAnAti| (aiōn )
उसी ने अपने आपको हमारे पापों के लिये दे दिया, ताकि हमारे परमेश्वर और पिता की इच्छा के अनुसार हमें इस वर्तमान बुरे संसार से छुड़ाए। (aiōn )
asmAkaM tAteshvaresyechChAnusAreNa varttamAnAt kutsitasaMsArAd asmAn nistArayituM yo (aiōn )
उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn )
yIshurasmAkaM pApahetorAtmotsargaM kR^itavAn sa sarvvadA dhanyo bhUyAt| tathAstu| (aiōn )
क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा। (aiōnios )
svasharIrArthaM yena bIjam upyate tena sharIrAd vinAsharUpaM shasyaM lapsyate kintvAtmanaH kR^ite yena bIjam upyate tenAtmato. anantajIvitarUpaM shasyaM lapsyate| (aiōnios )
सब प्रकार की प्रधानता, और अधिकार, और सामर्थ्य, और प्रभुता के, और हर एक नाम के ऊपर, जो न केवल इस लोक में, पर आनेवाले लोक में भी लिया जाएगा, बैठाया; (aiōn )
adhipatitvapadaM shAsanapadaM parAkramo rAjatva nchetinAmAni yAvanti padAnIha loke paraloke cha vidyante teShAM sarvveShAm Urddhve svarge nijadakShiNapArshve tam upaveshitavAn, (aiōn )
Ephesians 2:1 (iphiShiNaH 2:1)
(parallel missing)
purA yUyam aparAdhaiH pApaishcha mR^itAH santastAnyAcharanta ihalokasya saMsArAnusAreNAkAsharAjyasyAdhipatim (aiōn )
जिनमें तुम पहले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के अधिपति अर्थात् उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न माननेवालों में कार्य करता है। (aiōn )
(parallel missing)
कि वह अपनी उस दया से जो मसीह यीशु में हम पर है, आनेवाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए। (aiōn )
itthaM sa khrIShTena yIshunAsmAn prati svahitaiShitayA bhAviyugeShu svakIyAnugrahasyAnupamaM nidhiM prakAshayitum ichChati| (aiōn )
और सब पर यह बात प्रकाशित करूँ कि उस भेद का प्रबन्ध क्या है, जो सब के सृजनहार परमेश्वर में आदि से गुप्त था। (aiōn )
kAlAvasthAtaH pUrvvasmAchcha yo nigUDhabhAva Ishvare gupta AsIt tadIyaniyamaM sarvvAn j nApayAmi| (aiōn )
उस सनातन मनसा के अनुसार जो उसने हमारे प्रभु मसीह यीशु में की थी। (aiōn )
(parallel missing)
Ephesians 3:12 (iphiShiNaH 3:12)
(parallel missing)
prAptavantastamasmAkaM prabhuM yIshuM khrIShTamadhi sa kAlAvasthAyAH pUrvvaM taM manorathaM kR^itavAn| (aiōn )
कलीसिया में, और मसीह यीशु में, उसकी महिमा पीढ़ी से पीढ़ी तक युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn )
khrIShTayIshunA samite rmadhye sarvveShu yugeShu tasya dhanyavAdo bhavatu| iti| (aiōn )
क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध, लहू और माँस से नहीं, परन्तु प्रधानों से और अधिकारियों से, और इस संसार के अंधकार के शासकों से, और उस दुष्टता की आत्मिक सेनाओं से है जो आकाश में हैं। (aiōn )
yataH kevalaM raktamAMsAbhyAm iti nahi kintu kartR^itvaparAkramayuktaistimirarAjyasyehalokasyAdhipatibhiH svargodbhavai rduShTAtmabhireva sArddham asmAbhi ryuddhaM kriyate| (aiōn )
हमारे परमेश्वर और पिता की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn )
asmAkaM piturIshvarasya dhanyavAdo. anantakAlaM yAvad bhavatu| Amen| (aiōn )
अर्थात् उस भेद को जो समयों और पीढ़ियों से गुप्त रहा, परन्तु अब उसके उन पवित्र लोगों पर प्रगट हुआ है। (aiōn )
tat nigUDhaM vAkyaM pUrvvayugeShu pUrvvapuruShebhyaH prachChannam AsIt kintvidAnIM tasya pavitralokAnAM sannidhau tena prAkAshyata| (aiōn )
वे प्रभु के सामने से, और उसकी शक्ति के तेज से दूर होकर अनन्त विनाश का दण्ड पाएँगे। (aiōnios )
te cha prabho rvadanAt parAkramayuktavibhavAchcha sadAtanavinAsharUpaM daNDaM lapsyante, (aiōnios )
हमारा प्रभु यीशु मसीह आप ही, और हमारा पिता परमेश्वर जिसने हम से प्रेम रखा, और अनुग्रह से अनन्त शान्ति और उत्तम आशा दी है। (aiōnios )
asmAkaM prabhu ryIshukhrIShTastAta IshvarashchArthato yo yuShmAsu prema kR^itavAn nityA ncha sAntvanAm anugraheNottamapratyAshA ncha yuShmabhyaM dattavAn (aiōnios )
पर मुझ पर इसलिए दया हुई कि मुझ सबसे बड़े पापी में यीशु मसीह अपनी पूरी सहनशीलता दिखाए, कि जो लोग उस पर अनन्त जीवन के लिये विश्वास करेंगे, उनके लिये मैं एक आदर्श बनूँ। (aiōnios )
teShAM pApinAM madhye. ahaM prathama AsaM kintu ye mAnavA anantajIvanaprAptyarthaM tasmin vishvasiShyanti teShAM dR^iShTAnte mayi prathame yIshunA khrIShTena svakIyA kR^itsnA chirasahiShNutA yat prakAshyate tadarthamevAham anukampAM prAptavAn| (aiōnios )
अब सनातन राजा अर्थात् अविनाशी अनदेखे अद्वैत परमेश्वर का आदर और महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn )
anAdirakShayo. adR^ishyo rAjA yo. advitIyaH sarvvaj na Ishvarastasya gauravaM mahimA chAnantakAlaM yAvad bhUyAt| Amen| (aiōn )
विश्वास की अच्छी कुश्ती लड़; और उस अनन्त जीवन को धर ले, जिसके लिये तू बुलाया गया, और बहुत गवाहों के सामने अच्छा अंगीकार किया था। (aiōnios )
vishvAsarUpam uttamayuddhaM kuru, anantajIvanam Alambasva yatastadarthaM tvam AhUto. abhavaH, bahusAkShiNAM samakSha nchottamAM pratij nAM svIkR^itavAn| (aiōnios )
और अमरता केवल उसी की है, और वह अगम्य ज्योति में रहता है, और न उसे किसी मनुष्य ने देखा और न कभी देख सकता है। उसकी प्रतिष्ठा और राज्य युगानुयुग रहेगा। आमीन। (aiōnios )
amaratAyA advitIya AkaraH, agamyatejonivAsI, marttyAnAM kenApi na dR^iShTaH kenApi na dR^ishyashcha| tasya gauravaparAkramau sadAtanau bhUyAstAM| Amen| (aiōnios )
इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे कि वे अभिमानी न हों और अनिश्चित धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है। (aiōn )
ihaloke ye dhaninaste chittasamunnatiM chapale dhane vishvAsa ncha na kurvvatAM kintu bhogArtham asmabhyaM prachuratvena sarvvadAtA (aiōn )
जिसने हमारा उद्धार किया, और पवित्र बुलाहट से बुलाया, और यह हमारे कामों के अनुसार नहीं; पर अपनी मनसा और उस अनुग्रह के अनुसार है; जो मसीह यीशु में अनादिकाल से हम पर हुआ है। (aiōnios )
so. asmAn paritrANapAtrANi kR^itavAn pavitreNAhvAnenAhUtavAMshcha; asmatkarmmahetuneti nahi svIyanirUpANasya prasAdasya cha kR^ite tat kR^itavAn| sa prasAdaH sR^iShTeH pUrvvakAle khrIShTena yIshunAsmabhyam adAyi, (aiōnios )
इस कारण मैं चुने हुए लोगों के लिये सब कुछ सहता हूँ, कि वे भी उस उद्धार को जो मसीह यीशु में हैं अनन्त महिमा के साथ पाएँ। (aiōnios )
khrIShTena yIshunA yad anantagauravasahitaM paritrANaM jAyate tadabhiruchitai rlokairapi yat labhyeta tadarthamahaM teShAM nimittaM sarvvANyetAni sahe| (aiōnios )
क्योंकि देमास ने इस संसार को प्रिय जानकर मुझे छोड़ दिया है, और थिस्सलुनीके को चला गया है, और क्रेसकेंस गलातिया को और तीतुस दलमतिया को चला गया है। (aiōn )
yato dImA aihikasaMsAram IhamAno mAM parityajya thiShalanIkIM gatavAn tathA krIShki rgAlAtiyAM gatavAn tItashcha dAlmAtiyAM gatavAn| (aiōn )
और प्रभु मुझे हर एक बुरे काम से छुड़ाएगा, और अपने स्वर्गीय राज्य में उद्धार करके पहुँचाएगा उसी की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn )
aparaM sarvvasmAd duShkarmmataH prabhu rmAm uddhariShyati nijasvargIyarAjyaM netuM mAM tArayiShyati cha| tasya dhanyavAdaH sadAkAlaM bhUyAt| Amen| (aiōn )
Titus 1:1 (tItaH 1:1)
(parallel missing)
anantajIvanasyAshAto jAtAyA Ishvarabhakte ryogyasya satyamatasya yat tatvaj nAnaM yashcha vishvAsa IshvarasyAbhiruchitalokai rlabhyate tadarthaM (aiōnios )
उस अनन्त जीवन की आशा पर, जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्वर ने जो झूठ बोल नहीं सकता सनातन से की है, (aiōnios )
(parallel missing)
और हमें चिताता है, कि हम अभक्ति और सांसारिक अभिलाषाओं से मन फेरकर इस युग में संयम और धार्मिकता से और भक्ति से जीवन बिताएँ; (aiōn )
sa chAsmAn idaM shikShyati yad vayam adharmmaM sAMsArikAbhilAShAMshchAna NgIkR^itya vinItatvena nyAyeneshvarabhaktyA chehaloke Ayu ryApayAmaH, (aiōn )
जिससे हम उसके अनुग्रह से धर्मी ठहरकर, अनन्त जीवन की आशा के अनुसार वारिस बनें। (aiōnios )
itthaM vayaM tasyAnugraheNa sapuNyIbhUya pratyAshayAnantajIvanasyAdhikAriNo jAtAH| (aiōnios )
क्योंकि क्या जाने वह तुझ से कुछ दिन तक के लिये इसी कारण अलग हुआ कि सदैव तेरे निकट रहे। (aiōnios )
ko jAnAti kShaNakAlArthaM tvattastasya vichChedo. abhavad etasyAyam abhiprAyo yat tvam anantakAlArthaM taM lapsyase (aiōnios )
पर इन अन्तिम दिनों में हम से अपने पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उसने सारी सृष्टि भी रची है। (aiōn )
sa etasmin sheShakAle nijaputreNAsmabhyaM kathitavAn| sa taM putraM sarvvAdhikAriNaM kR^itavAn tenaiva cha sarvvajaganti sR^iShTavAn| (aiōn )
परन्तु पुत्र के विषय में कहता है, “हे परमेश्वर, तेरा सिंहासन युगानुयुग रहेगा, तेरे राज्य का राजदण्ड न्याय का राजदण्ड है। (aiōn )
kintu putramuddishya tenoktaM, yathA, "he Ishvara sadA sthAyi tava siMhAsanaM bhavet| yAthArthyasya bhaveddaNDo rAjadaNDastvadIyakaH| (aiōn )
इसी प्रकार वह दूसरी जगह में भी कहता है, “तू मलिकिसिदक की रीति पर सदा के लिये याजक है।” (aiōn )
tadvad anyagIte. apIdamuktaM, tvaM malkIShedakaH shreNyAM yAjako. asi sadAtanaH| (aiōn )
और सिद्ध बनकर, अपने सब आज्ञा माननेवालों के लिये सदाकाल के उद्धार का कारण हो गया। (aiōnios )
itthaM siddhIbhUya nijAj nAgrAhiNAM sarvveShAm anantaparitrANasya kAraNasvarUpo. abhavat| (aiōnios )
और बपतिस्मा और हाथ रखने, और मरे हुओं के जी उठने, और अनन्त न्याय की शिक्षारूपी नींव, फिर से न डालें। (aiōnios )
anantakAlasthAyivichArAj nA chaitaiH punarbhittimUlaM na sthApayantaH khrIShTaviShayakaM prathamopadeshaM pashchAtkR^itya siddhiM yAvad agrasarA bhavAma| (aiōnios )
और परमेश्वर के उत्तम वचन का और आनेवाले युग की सामर्थ्य का स्वाद चख चुके हैं। (aiōn )
Ishvarasya suvAkyaM bhAvikAlasya shakti nchAsvaditavantashcha te bhraShTvA yadi (aiōn )
जहाँ यीशु ने मलिकिसिदक की रीति पर सदाकाल का महायाजक बनकर, हमारे लिये अगुआ के रूप में प्रवेश किया है। (aiōn )
tatraivAsmAkam agrasaro yIshuH pravishya malkIShedakaH shreNyAM nityasthAyI yAjako. abhavat| (aiōn )
क्योंकि उसके विषय में यह गवाही दी गई है, “तू मलिकिसिदक की रीति पर युगानुयुग याजक है।” (aiōn )
yata Ishvara idaM sAkShyaM dattavAn, yathA, "tvaM maklIShedakaH shreNyAM yAjako. asi sadAtanaH|" (aiōn )
क्योंकि वे तो बिना शपथ याजक ठहराए गए पर यह शपथ के साथ उसकी ओर से नियुक्त किया गया जिसने उसके विषय में कहा, “प्रभु ने शपथ खाई, और वह उससे फिर न पछताएगा, कि तू युगानुयुग याजक है।” (aiōn )
(parallel missing)
Hebrews 7:22 (ibriNaH 7:22)
(parallel missing)
"paramesha idaM shepe na cha tasmAnnivartsyate| tvaM malkIShedakaH shreNyAM yAjako. asi sadAtanaH|" (aiōn )
पर यह युगानुयुग रहता है; इस कारण उसका याजकपद अटल है। (aiōn )
kintvasAvanantakAlaM yAvat tiShThati tasmAt tasya yAjakatvaM na parivarttanIyaM| (aiōn )
क्योंकि व्यवस्था तो निर्बल मनुष्यों को महायाजक नियुक्त करती है; परन्तु उस शपथ का वचन जो व्यवस्था के बाद खाई गई, उस पुत्र को नियुक्त करता है जो युगानुयुग के लिये सिद्ध किया गया है। (aiōn )
yato vyavasthayA ye mahAyAjakA nirUpyante te daurbbalyayuktA mAnavAH kintu vyavasthAtaH paraM shapathayuktena vAkyena yo mahAyAjako nirUpitaH so. anantakAlArthaM siddhaH putra eva| (aiōn )
और बकरों और बछड़ों के लहू के द्वारा नहीं, पर अपने ही लहू के द्वारा एक ही बार पवित्रस्थान में प्रवेश किया, और अनन्त छुटकारा प्राप्त किया। (aiōnios )
ChAgAnAM govatsAnAM vA rudhiram anAdAya svIyarudhiram AdAyaikakR^itva eva mahApavitrasthAnaM pravishyAnantakAlikAM muktiM prAptavAn| (aiōnios )
तो मसीह का लहू जिसने अपने आपको सनातन आत्मा के द्वारा परमेश्वर के सामने निर्दोष चढ़ाया, तुम्हारे विवेक को मरे हुए कामों से क्यों न शुद्ध करेगा, ताकि तुम जीविते परमेश्वर की सेवा करो। (aiōnios )
tarhi kiM manyadhve yaH sadAtanenAtmanA niShkala Nkabalimiva svameveshvarAya dattavAn, tasya khrIShTasya rudhireNa yuShmAkaM manAMsyamareshvarasya sevAyai kiM mR^ityujanakebhyaH karmmabhyo na pavitrIkAriShyante? (aiōnios )
और इसी कारण वह नई वाचा का मध्यस्थ है, ताकि उस मृत्यु के द्वारा जो पहली वाचा के समय के अपराधों से छुटकारा पाने के लिये हुई है, बुलाए हुए लोग प्रतिज्ञा के अनुसार अनन्त विरासत को प्राप्त करें। (aiōnios )
sa nUtananiyamasya madhyastho. abhavat tasyAbhiprAyo. ayaM yat prathamaniyamala NghanarUpapApebhyo mR^ityunA muktau jAtAyAm AhUtalokA anantakAlIyasampadaH pratij nAphalaM labheran| (aiōnios )
नहीं तो जगत की उत्पत्ति से लेकर उसको बार बार दुःख उठाना पड़ता; पर अब युग के अन्त में वह एक बार प्रगट हुआ है, ताकि अपने ही बलिदान के द्वारा पाप को दूर कर दे। (aiōn )
karttavye sati jagataH sR^iShTikAlamArabhya bahuvAraM tasya mR^ityubhoga Avashyako. abhavat; kintvidAnIM sa AtmotsargeNa pApanAshArtham ekakR^itvo jagataH sheShakAle prachakAshe| (aiōn )
विश्वास ही से हम जान जाते हैं, कि सारी सृष्टि की रचना परमेश्वर के वचन के द्वारा हुई है। यह नहीं, कि जो कुछ देखने में आता है, वह देखी हुई वस्तुओं से बना हो। (aiōn )
aparam Ishvarasya vAkyena jagantyasR^ijyanta, dR^iShTavastUni cha pratyakShavastubhyo nodapadyantaitad vayaM vishvAsena budhyAmahe| (aiōn )
यीशु मसीह कल और आज और युगानुयुग एक-सा है। (aiōn )
yIshuH khrIShTaH shvo. adya sadA cha sa evAste| (aiōn )
अब शान्तिदाता परमेश्वर जो हमारे प्रभु यीशु को जो भेड़ों का महान रखवाला है सनातन वाचा के लहू के गुण से मरे हुओं में से जिलाकर ले आया, (aiōnios )
anantaniyamasya rudhireNa vishiShTo mahAn meShapAlako yena mR^itagaNamadhyAt punarAnAyi sa shAntidAyaka Ishvaro (aiōnios )
तुम्हें हर एक भली बात में सिद्ध करे, जिससे तुम उसकी इच्छा पूरी करो, और जो कुछ उसको भाता है, उसे यीशु मसीह के द्वारा हम में पूरा करे, उसकी महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn )
nijAbhimatasAdhanAya sarvvasmin satkarmmaNi yuShmAn siddhAn karotu, tasya dR^iShTau cha yadyat tuShTijanakaM tadeva yuShmAkaM madhye yIshunA khrIShTena sAdhayatu| tasmai mahimA sarvvadA bhUyAt| Amen| (aiōn )
जीभ भी एक आग है; जीभ हमारे अंगों में अधर्म का एक लोक है और सारी देह पर कलंक लगाती है, और भवचक्र में आग लगा देती है और नरक कुण्ड की आग से जलती रहती है। (Geenna )
rasanApi bhaved vahniradharmmarUpapiShTape| asmada NgeShu rasanA tAdR^ishaM santiShThati sA kR^itsnaM dehaM kala Nkayati sR^iShTirathasya chakraM prajvalayati narakAnalena jvalati cha| (Geenna )
क्योंकि तुम ने नाशवान नहीं पर अविनाशी बीज से परमेश्वर के जीविते और सदा ठहरनेवाले वचन के द्वारा नया जन्म पाया है। (aiōn )
yasmAd yUyaM kShayaNIyavIryyAt nahi kintvakShayaNIyavIryyAd Ishvarasya jIvanadAyakena nityasthAyinA vAkyena punarjanma gR^ihItavantaH| (aiōn )
परन्तु प्रभु का वचन युगानुयुग स्थिर रहता है।” और यह ही सुसमाचार का वचन है जो तुम्हें सुनाया गया था। (aiōn )
kintu vAkyaM pareshasyAnantakAlaM vitiShThate| tadeva cha vAkyaM susaMvAdena yuShmAkam antike prakAshitaM| (aiōn )
यदि कोई बोले, तो ऐसा बोले मानो परमेश्वर का वचन है; यदि कोई सेवा करे, तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिससे सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो। महिमा और सामर्थ्य युगानुयुग उसी की है। आमीन। (aiōn )
yo vAkyaM kathayati sa Ishvarasya vAkyamiva kathayatu yashcha param upakaroti sa IshvaradattasAmarthyAdivopakarotu| sarvvaviShaye yIshukhrIShTeneshvarasya gauravaM prakAshyatAM tasyaiva gauravaM parAkramashcha sarvvadA bhUyAt| Amena| (aiōn )
अब परमेश्वर जो सारे अनुग्रह का दाता है, जिसने तुम्हें मसीह में अपनी अनन्त महिमा के लिये बुलाया, तुम्हारे थोड़ी देर तक दुःख उठाने के बाद आप ही तुम्हें सिद्ध और स्थिर और बलवन्त करेगा। (aiōnios )
kShaNikaduHkhabhogAt param asmabhyaM khrIShTena yIshunA svakIyAnantagauravadAnArthaM yo. asmAn AhUtavAn sa sarvvAnugrAhIshvaraH svayaM yuShmAn siddhAn sthirAn sabalAn nishchalAMshcha karotu| (aiōnios )
उसी का साम्राज्य युगानुयुग रहे। आमीन। (aiōn )
tasya gauravaM parAkramashchAnantakAlaM yAvad bhUyAt| Amen| (aiōn )
वरन् इस रीति से तुम हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनन्त राज्य में बड़े आदर के साथ प्रवेश करने पाओगे। (aiōnios )
yato. anena prakAreNAsmAkaM prabhostrAtR^i ryIshukhrIShTasyAnantarAjyasya praveshena yUyaM sukalena yojayiShyadhve| (aiōnios )
क्योंकि जब परमेश्वर ने उन दूतों को जिन्होंने पाप किया नहीं छोड़ा, पर नरक में भेजकर अंधेरे कुण्डों में डाल दिया, ताकि न्याय के दिन तक बन्दी रहें। (Tartaroō )
IshvaraH kR^itapApAn dUtAn na kShamitvA timirashR^i NkhalaiH pAtAle ruddhvA vichArArthaM samarpitavAn| (Tartaroō )
पर हमारे प्रभु, और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाओ। उसी की महिमा अब भी हो, और युगानुयुग होती रहे। आमीन। (aiōn )
kintvasmAkaM prabhostrAtu ryIshukhrIShTasyAnugrahe j nAne cha varddhadhvaM| tasya gauravam idAnIM sadAkAla ncha bhUyAt| Amen| (aiōn )
(यह जीवन प्रगट हुआ, और हमने उसे देखा, और उसकी गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं जो पिता के साथ था और हम पर प्रगट हुआ)। (aiōnios )
sa jIvanasvarUpaH prakAshata vaya ncha taM dR^iShTavantastamadhi sAkShyaM dadmashcha, yashcha pituH sannidhAvavarttatAsmAkaM samIpe prakAshata cha tam anantajIvanasvarUpaM vayaM yuShmAn j nApayAmaH| (aiōnios )
संसार और उसकी अभिलाषाएँ दोनों मिटते जाते हैं, पर जो परमेश्वर की इच्छा पर चलता है, वह सर्वदा बना रहेगा। (aiōn )
saMsArastadIyAbhilAShashcha vyatyeti kintu ya IshvarasyeShTaM karoti so. anantakAlaM yAvat tiShThati| (aiōn )
और जिसकी उसने हम से प्रतिज्ञा की वह अनन्त जीवन है। (aiōnios )
sa cha pratij nayAsmabhyaM yat pratij nAtavAn tad anantajIvanaM| (aiōnios )
जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह हत्यारा है; और तुम जानते हो, कि किसी हत्यारे में अनन्त जीवन नहीं रहता। (aiōnios )
yaH kashchit svabhrAtaraM dveShTi saM naraghAtI ki nchAnantajIvanaM naraghAtinaH kasyApyantare nAvatiShThate tad yUyaM jAnItha| (aiōnios )
और वह गवाही यह है, कि परमेश्वर ने हमें अनन्त जीवन दिया है और यह जीवन उसके पुत्र में है। (aiōnios )
tachcha sAkShyamidaM yad Ishvaro. asmabhyam anantajIvanaM dattavAn tachcha jIvanaM tasya putre vidyate| (aiōnios )
मैंने तुम्हें, जो परमेश्वर के पुत्र के नाम पर विश्वास करते हो, इसलिए लिखा है कि तुम जानो कि अनन्त जीवन तुम्हारा है। (aiōnios )
Ishvaraputrasya nAmni yuShmAn pratyetAni mayA likhitAni tasyAbhiprAyo. ayaM yad yUyam anantajIvanaprAptA iti jAnIyAta tasyeshvaraputrasya nAmni vishvaseta cha| (aiōnios )
और यह भी जानते हैं, कि परमेश्वर का पुत्र आ गया है और उसने हमें समझ दी है, कि हम उस सच्चे को पहचानें, और हम उसमें जो सत्य है, अर्थात् उसके पुत्र यीशु मसीह में रहते हैं। सच्चा परमेश्वर और अनन्त जीवन यही है। (aiōnios )
aparam Ishvarasya putra AgatavAn vaya ncha yayA tasya satyamayasya j nAnaM prApnuyAmastAdR^ishIM dhiyam asmabhyaM dattavAn iti jAnImastasmin satyamaye. arthatastasya putre yIshukhrIShTe tiShThAmashcha; sa eva satyamaya Ishvaro. anantajIvanasvarUpashchAsti| (aiōnios )
वह सत्य जो हम में स्थिर रहता है, और सर्वदा हमारे साथ अटल रहेगा; (aiōn )
satyamatAd yuShmAsu mama premAsti kevalaM mama nahi kintu satyamataj nAnAM sarvveShAmeva| yataH satyamatam asmAsu tiShThatyanantakAlaM yAvachchAsmAsu sthAsyati| (aiōn )
फिर जिन स्वर्गदूतों ने अपने पद को स्थिर न रखा वरन् अपने निज निवास को छोड़ दिया, उसने उनको भी उस भीषण दिन के न्याय के लिये अंधकार में जो सनातन के लिये है बन्धनों में रखा है। (aïdios )
ye cha svargadUtAH svIyakartR^itvapade na sthitvA svavAsasthAnaM parityaktavantastAn sa mahAdinasya vichArArtham andhakAramaye. adhaHsthAne sadAsthAyibhi rbandhanairabadhnAt| (aïdios )
जिस रीति से सदोम और गमोरा और उनके आस-पास के नगर, जो इनके समान व्यभिचारी हो गए थे और पराए शरीर के पीछे लग गए थे आग के अनन्त दण्ड में पड़कर दृष्टान्त ठहरे हैं। (aiōnios )
aparaM sidomam amorA tannikaTasthanagarANi chaiteShAM nivAsinastatsamarUpaM vyabhichAraM kR^itavanto viShamamaithunasya cheShTayA vipathaM gatavantashcha tasmAt tAnyapi dR^iShTAntasvarUpANi bhUtvA sadAtanavahninA daNDaM bhu njate| (aiōnios )
ये समुद्र के प्रचण्ड हिलकोरे हैं, जो अपनी लज्जा का फेन उछालते हैं। ये डाँवाडोल तारे हैं, जिनके लिये सदाकाल तक घोर अंधकार रखा गया है। (aiōn )
svakIyalajjApheNodvamakAH prachaNDAH sAmudratara NgAH sadAkAlaM yAvat ghoratimirabhAgIni bhramaNakArINi nakShatrANi cha bhavanti| (aiōn )
अपने आपको परमेश्वर के प्रेम में बनाए रखो; और अनन्त जीवन के लिये हमारे प्रभु यीशु मसीह की दया की आशा देखते रहो। (aiōnios )
Ishvarasya premnA svAn rakShata, anantajIvanAya chAsmAkaM prabho ryIshukhrIShTasya kR^ipAM pratIkShadhvaM| (aiōnios )
उस एकमात्र परमेश्वर के लिए, हमारे उद्धारकर्ता की महिमा, गौरव, पराक्रम और अधिकार, हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा जैसा सनातन काल से है, अब भी हो और युगानुयुग रहे। आमीन। (aiōn )
yo. asmAkam advitIyastrANakarttA sarvvaj na Ishvarastasya gauravaM mahimA parAkramaH kartR^itva nchedAnIm anantakAlaM yAvad bhUyAt| Amen| (aiōn )
और हमें एक राज्य और अपने पिता परमेश्वर के लिये याजक भी बना दिया; उसी की महिमा और पराक्रम युगानुयुग रहे। आमीन। (aiōn )
yo. asmAsu prItavAn svarudhireNAsmAn svapApebhyaH prakShAlitavAn tasya piturIshvarasya yAjakAn kR^itvAsmAn rAjavarge niyuktavAMshcha tasmin mahimA parAkramashchAnantakAlaM yAvad varttatAM| Amen| (aiōn )
मैं मर गया था, और अब देख मैं युगानुयुग जीविता हूँ; और मृत्यु और अधोलोक की कुँजियाँ मेरे ही पास हैं। (aiōn , Hadēs )
aham amarastathApi mR^itavAn kintu pashyAham anantakAlaM yAvat jIvAmi| Amen| mR^ityoH paralokasya cha ku njikA mama hastagatAH| (aiōn , Hadēs )
और जब वे प्राणी उसकी जो सिंहासन पर बैठा है, और जो युगानुयुग जीविता है, महिमा और आदर और धन्यवाद करेंगे। (aiōn )
itthaM taiH prANibhistasyAnantajIvinaH siMhAsanopaviShTasya janasya prabhAve gaurave dhanyavAde cha prakIrttite (aiōn )
तब चौबीसों प्राचीन सिंहासन पर बैठनेवाले के सामने गिर पड़ेंगे, और उसे जो युगानुयुग जीविता है प्रणाम करेंगे; और अपने-अपने मुकुट सिंहासन के सामने यह कहते हुए डाल देंगे, (aiōn )
te chaturviMshatiprAchInA api tasya siMhAsanopaviShTasyAntike praNinatya tam anantajIvinaM praNamanti svIyakirITAMshcha siMhAsanasyAntike nikShipya vadanti, (aiōn )
फिर मैंने स्वर्ग में, और पृथ्वी पर, और पृथ्वी के नीचे, और समुद्र की सब रची हुई वस्तुओं को, और सब कुछ को जो उनमें हैं, यह कहते सुना, “जो सिंहासन पर बैठा है, उसकी, और मेम्ने की स्तुति, और आदर, और महिमा, और राज्य, युगानुयुग रहे।” (aiōn )
aparaM svargamarttyapAtAlasAgareShu yAni vidyante teShAM sarvveShAM sR^iShTavastUnAM vAgiyaM mayA shrutA, prashaMsAM gauravaM shauryyam AdhipatyaM sanAtanaM| siMhasanopaviShTashcha meShavatsashcha gachChatAM| (aiōn )
मैंने दृष्टि की, और एक पीला घोड़ा है; और उसके सवार का नाम मृत्यु है; और अधोलोक उसके पीछे-पीछे है और उन्हें पृथ्वी की एक चौथाई पर यह अधिकार दिया गया, कि तलवार, और अकाल, और मरी, और पृथ्वी के वन-पशुओं के द्वारा लोगों को मार डालें। (Hadēs )
tataH pANDuravarNa eko. ashvo mayA dR^iShTaH, tadArohiNo nAma mR^ityuriti paralokashcha tam anucharati kha Ngena durbhikSheNa mahAmAryyA vanyapashubhishcha lokAnAM badhAya pR^ithivyAshchaturthAMshasyAdhipatyaM tasmA adAyi| (Hadēs )
“आमीन, हमारे परमेश्वर की स्तुति, महिमा, ज्ञान, धन्यवाद, आदर, सामर्थ्य, और शक्ति युगानुयुग बनी रहें। आमीन।” (aiōn )
tathAstu dhanyavAdashcha tejo j nAnaM prashaMsanaM| shauryyaM parAkramashchApi shaktishcha sarvvameva tat| varttatAmIshvare. asmAkaM nityaM nityaM tathAstviti| (aiōn )
जब पाँचवें स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, तो मैंने स्वर्ग से पृथ्वी पर एक तारा गिरता हुआ देखा, और उसे अथाह कुण्ड की कुँजी दी गई। (Abyssos )
tataH paraM saptamadUtena tUryyAM vAditAyAM gaganAt pR^ithivyAM nipatita ekastArako mayA dR^iShTaH, tasmai rasAtalakUpasya ku njikAdAyi| (Abyssos )
उसने अथाह कुण्ड को खोला, और कुण्ड में से बड़ी भट्टी के समान धुआँ उठा, और कुण्ड के धुएँ से सूर्य और वायु अंधकारमय हो गए। (Abyssos )
tena rasAtalakUpe mukte mahAgnikuNDasya dhUma iva dhUmastasmAt kUpAd udgataH| tasmAt kUpadhUmAt sUryyAkAshau timirAvR^itau| (Abyssos )
अथाह कुण्ड का दूत उन पर राजा था, उसका नाम इब्रानी में अबद्दोन, और यूनानी में अपुल्लयोन है। (Abyssos )
teShAM rAjA cha rasAtalasya dUtastasya nAma ibrIyabhAShayA abaddon yUnAnIyabhAShayA cha apalluyon arthato vinAshaka iti| (Abyssos )
और उसकी शपथ खाकर जो युगानुयुग जीवित है, और जिसने स्वर्ग को और जो कुछ उसमें है, और पृथ्वी को और जो कुछ उस पर है, और समुद्र को और जो कुछ उसमें है सृजा है उसी की शपथ खाकर कहा कि “अब और देर न होगी।” (aiōn )
aparaM svargAd yasya ravo mayAshrAvi sa puna rmAM sambhAvyAvadat tvaM gatvA samudramedinyostiShThato dUtasya karAt taM vistIrNa kShudragranthaM gR^ihANa, tena mayA dUtasamIpaM gatvA kathitaM grantho. asau dIyatAM| (aiōn )
जब वे अपनी गवाही दे चुकेंगे, तो वह पशु जो अथाह कुण्ड में से निकलेगा, उनसे लड़कर उन्हें जीतेगा और उन्हें मार डालेगा। (Abyssos )
aparaM tayoH sAkShye samApte sati rasAtalAd yenotthitavyaM sa pashustAbhyAM saha yuddhvA tau jeShyati haniShyati cha| (Abyssos )
जब सातवें स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, तो स्वर्ग में इस विषय के बड़े-बड़े शब्द होने लगे: “जगत का राज्य हमारे प्रभु का और उसके मसीह का हो गया और वह युगानुयुग राज्य करेगा।” (aiōn )
anantaraM saptadUtena tUryyAM vAditAyAM svarga uchchaiH svarairvAgiyaM kIrttitA, rAjatvaM jagato yadyad rAjyaM tadadhunAbhavat| asmatprabhostadIyAbhiShiktasya tArakasya cha| tena chAnantakAlIyaM rAjatvaM prakariShyate|| (aiōn )
फिर मैंने एक और स्वर्गदूत को आकाश के बीच में उड़ते हुए देखा जिसके पास पृथ्वी पर के रहनेवालों की हर एक जाति, कुल, भाषा, और लोगों को सुनाने के लिये सनातन सुसमाचार था। (aiōnios )
anantaram AkAshamadhyenoDDIyamAno. apara eko dUto mayA dR^iShTaH so. anantakAlIyaM susaMvAdaM dhArayati sa cha susaMvAdaH sarvvajAtIyAn sarvvavaMshIyAn sarvvabhAShAvAdinaH sarvvadeshIyAMshcha pR^ithivInivAsinaH prati tena ghoShitavyaH| (aiōnios )
और उनकी पीड़ा का धुआँ युगानुयुग उठता रहेगा, और जो उस पशु और उसकी मूर्ति की पूजा करते हैं, और जो उसके नाम की छाप लेते हैं, उनको रात-दिन चैन न मिलेगा।” (aiōn )
teShAM yAtanAyA dhUmo. anantakAlaM yAvad udgamiShyati ye cha pashuM tasya pratimA ncha pUjayanti tasya nAmno. a NkaM vA gR^ihlanti te divAnishaM ka nchana virAmaM na prApsyanti| (aiōn )
तब उन चारों प्राणियों में से एक ने उन सात स्वर्गदूतों को परमेश्वर के, जो युगानुयुग जीविता है, प्रकोप से भरे हुए सात सोने के कटोरे दिए। (aiōn )
aparaM chaturNAM prANinAm ekastebhyaH saptadUtebhyaH saptasuvarNakaMsAn adadAt| (aiōn )
जो पशु तूने देखा है, यह पहले तो था, पर अब नहीं है, और अथाह कुण्ड से निकलकर विनाश में पड़ेगा, और पृथ्वी के रहनेवाले जिनके नाम जगत की उत्पत्ति के समय से जीवन की पुस्तक में लिखे नहीं गए, इस पशु की यह दशा देखकर कि पहले था, और अब नहीं; और फिर आ जाएगा, अचम्भा करेंगे। (Abyssos )
tvayA dR^iShTo. asau pashurAsIt nedAnIM varttate kintu rasAtalAt tenodetavyaM vinAshashcha gantavyaH| tato yeShAM nAmAni jagataH sR^iShTikAlam Arabhya jIvanapustake likhitAni na vidyante te pR^ithivInivAsino bhUtam avarttamAnamupasthAsyanta ncha taM pashuM dR^iShTvAshcharyyaM maMsyante| (Abyssos )
फिर दूसरी बार उन्होंने कहा, “हालेलूय्याह! उसके जलने का धुआँ युगानुयुग उठता रहेगा।” (aiōn )
punarapi tairidamuktaM yathA, brUta pareshvaraM dhanyaM yannityaM nityameva cha| tasyA dAhasya dhUmo. asau dishamUrddhvamudeShyati|| (aiōn )
और वह पशु और उसके साथ वह झूठा भविष्यद्वक्ता पकड़ा गया, जिसने उसके सामने ऐसे चिन्ह दिखाए थे, जिनके द्वारा उसने उनको भरमाया, जिन पर उस पशु की छाप थी, और जो उसकी मूर्ति की पूजा करते थे। ये दोनों जीते जी उस आग की झील में, जो गन्धक से जलती है, डाले गए। (Limnē Pyr )
tataH sa pashu rdhR^ito yashcha mithyAbhaviShyadvaktA tasyAntike chitrakarmmANi kurvvan taireva pashva NkadhAriNastatpratimApUjakAMshcha bhramitavAn so. api tena sArddhaM dhR^itaH| tau cha vahnigandhakajvalitahrade jIvantau nikShiptau| (Limnē Pyr )
फिर मैंने एक स्वर्गदूत को स्वर्ग से उतरते देखा; जिसके हाथ में अथाह कुण्ड की कुँजी, और एक बड़ी जंजीर थी। (Abyssos )
tataH paraM svargAd avarohan eko dUto mayA dR^iShTastasya kare ramAtalasya ku njikA mahAshR^i Nkhala nchaikaM tiShThataH| (Abyssos )
और उसे अथाह कुण्ड में डालकर बन्द कर दिया और उस पर मुहर कर दी, कि वह हजार वर्ष के पूरे होने तक जाति-जाति के लोगों को फिर न भरमाए। इसके बाद अवश्य है कि थोड़ी देर के लिये फिर खोला जाए। (Abyssos )
aparaM rasAtale taM nikShipya tadupari dvAraM ruddhvA mudrA NkitavAn yasmAt tad varShasahasraM yAvat sampUrNaM na bhavet tAvad bhinnajAtIyAstena puna rna bhramitavyAH| tataH param alpakAlArthaM tasya mochanena bhavitavyaM| (Abyssos )
और उनका भरमानेवाला शैतान आग और गन्धक की उस झील में, जिसमें वह पशु और झूठा भविष्यद्वक्ता भी होगा, डाल दिया जाएगा; और वे रात-दिन युगानुयुग पीड़ा में तड़पते रहेंगे। (aiōn , Limnē Pyr )
teShAM bhramayitA cha shayatAno vahnigandhakayo rhrade. arthataH pashu rmithyAbhaviShyadvAdI cha yatra tiShThatastatraiva nikShiptaH, tatrAnantakAlaM yAvat te divAnishaM yAtanAM bhokShyante| (aiōn , Limnē Pyr )
और समुद्र ने उन मरे हुओं को जो उसमें थे दे दिया, और मृत्यु और अधोलोक ने उन मरे हुओं को जो उनमें थे दे दिया; और उनमें से हर एक के कामों के अनुसार उनका न्याय किया गया। (Hadēs )
tadAnIM samudreNa svAntarasthA mR^itajanAH samarpitAH, mR^ityuparalokAbhyAmapi svAntarasthA mR^itajanAH sarmipatAH, teShA nchaikaikasya svakriyAnuyAyI vichAraH kR^itaH| (Hadēs )
और मृत्यु और अधोलोक भी आग की झील में डाले गए। यह आग की झील तो दूसरी मृत्यु है। (Hadēs , Limnē Pyr )
aparaM mR^ityuparalokau vahnihrade nikShiptau, eSha eva dvitIyo mR^ityuH| (Hadēs , Limnē Pyr )
और जिस किसी का नाम जीवन की पुस्तक में लिखा हुआ न मिला, वह आग की झील में डाला गया। (Limnē Pyr )
yasya kasyachit nAma jIvanapustake likhitaM nAvidyata sa eva tasmin vahnihrade nyakShipyata| (Limnē Pyr )
परन्तु डरपोकों, अविश्वासियों, घिनौनों, हत्यारों, व्यभिचारियों, टोन्हों, मूर्तिपूजकों, और सब झूठों का भाग उस झील में मिलेगा, जो आग और गन्धक से जलती रहती है: यह दूसरी मृत्यु है।” (Limnē Pyr )
kintu bhItAnAm avishvAsinAM ghR^iNyAnAM narahantR^iNAM veshyAgAminAM mohakAnAM devapUjakAnAM sarvveShAm anR^itavAdinA nchAMsho vahnigandhakajvalitahrade bhaviShyati, eSha eva dvitIyo mR^ityuH| (Limnē Pyr )
और फिर रात न होगी, और उन्हें दीपक और सूर्य के उजियाले की आवश्यकता न होगी, क्योंकि प्रभु परमेश्वर उन्हें उजियाला देगा, और वे युगानुयुग राज्य करेंगे। (aiōn )
tadAnIM rAtriH puna rna bhaviShyati yataH prabhuH parameshvarastAn dIpayiShyati te chAnantakAlaM yAvad rAjatvaM kariShyante| (aiōn )
ये लोग सूखे कुएँ, और आँधी के उड़ाए हुए बादल हैं, उनके लिये अनन्त अंधकार ठहराया गया है। ()