< यहेजकेल 13 >
1 १ यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा,
Das Wort des Herrn erging an mich:
2 २ “हे मनुष्य के सन्तान, इस्राएल के जो भविष्यद्वक्ता अपने ही मन से भविष्यद्वाणी करते हैं, उनके विरुद्ध भविष्यद्वाणी करके तू कह, ‘यहोवा का वचन सुनो।’
"So, Menschensohn, so prophezeie gegen Israels Propheten, die Prophezeiungen aussprechen, und sag zu denen, die nur aus sich selbst weissagen: 'Vernehmt das Wort des Herrn:
3 ३ प्रभु यहोवा यह कहता है: हाय, उन मूर्ख भविष्यद्वक्ताओं पर जो अपनी ही आत्मा के पीछे भटक जाते हैं, और कुछ दर्शन नहीं पाया!
Der Herr, der Herr, so spricht er über diese törichten Propheten, die ihrem eignen Geiste folgen, und die doch kein Gesicht gehabt:
4 ४ हे इस्राएल, तेरे भविष्यद्वक्ता खण्डहरों में की लोमड़ियों के समान बने हैं।
Den Füchsen in zerstörten Plätzen sind Israels Propheten gleich.
5 ५ तुम ने दरारों में चढ़कर इस्राएल के घराने के लिये दीवार नहीं सुधारी, जिससे वे यहोवा के दिन युद्ध में स्थिर रह सकते।
Ihr tretet nicht in Breschen ein, und ziehet um das Haus von Israel kein Mauerwerk, daß fest am Herrentage es im Kampfe stünde.
6 ६ वे लोग जो कहते हैं, ‘यहोवा की यह वाणी है,’ उन्होंने दर्शन का व्यर्थ और झूठा दावा किया है; और तब भी यह आशा दिलाई कि यहोवा यह वचन पूरा करेगा; तो भी यहोवा ने उन्हें नहीं भेजा।
Sie tragen Truggesichte vor und Lügenprophezeiungen; sie sagen zwar: "Ein Spruch des Herrn", und doch hat niemals sie der Herr gesandt, und trotzdem hoffen sie, daß sich das Wort erfülle.
7 ७ क्या तुम्हारा दर्शन झूठा नहीं है, और क्या तुम झूठमूठ भावी नहीं कहते? तुम कहते हो, ‘यहोवा की यह वाणी है;’ परन्तु मैंने कुछ नहीं कहा है।”
Sind das nicht Truggesichte die ihr schaut? Nicht Lügenprophezeiungen, die ihr aussprecht? Und dennoch saget ihr: "Ein Spruch des Herrn", obschon ich nicht geredet habe.'"
8 ८ इस कारण प्रभु यहोवा तुम से यह कहता है: “तुम ने जो व्यर्थ बात कही और झूठे दर्शन देखे हैं, इसलिए मैं तुम्हारे विरुद्ध हूँ, प्रभु यहोवा की यही वाणी है।
Deshalb spricht so der Herr, der Herr: "Weil ihr nur Trug verkündet und nur Lügen schaut, deshalb, fürwahr, will ich an euch." Ein Spruch des Herrn, des Herrn.
9 ९ जो भविष्यद्वक्ता झूठे दर्शन देखते और झूठमूठ भावी कहते हैं, मेरा हाथ उनके विरुद्ध होगा, और वे मेरी प्रजा की मण्डली में भागी न होंगे, न उनके नाम इस्राएल की नामावली में लिखे जाएँगे, और न वे इस्राएल के देश में प्रवेश करने पाएँगे; इससे तुम लोग जान लोगे कि मैं प्रभु यहोवा हूँ।
"Ja, meine Hand ist gegen die Propheten, die Truggesichte schauen und Lügen prophezeien; sie dürfen nicht zum Kreise meines Volkes mehr gehören, nicht eingetragen bleiben in der Urkunde des Hauses Israel und nicht im Lande Israel geduldet werden, daß ihr erkennet, daß der Herr, der Herr, ich bin.
10 १० क्योंकि हाँ, क्योंकि उन्होंने ‘शान्ति है’, ऐसा कहकर मेरी प्रजा को बहकाया है जबकि शान्ति नहीं है; और इसलिए कि जब कोई दीवार बनाता है तब वे उसकी कच्ची पुताई करते हैं।
Dafür, und zwar dafür, daß sie mein Volk so täuschen, sie sagen: 'Gut steht es', da es übel steht, - so daß er eine lockre Wand sich baut, die sie in kümmerlicher Weise übertünchen,
11 ११ उन कच्ची पुताई करनेवालों से कह कि वह गिर जाएगी। क्योंकि बड़े जोर की वर्षा होगी, और बड़े-बड़े ओले भी गिरेंगे, और प्रचण्ड आँधी उसे गिराएगी।
so sprich zu denen, die in solch kümmerlicher Weise übertünchen, daß es zusammenstürzt. 'Gesetzt, es käme eine Regenflut, und Hagelsteine ließ ich niederfallen, ein Sturmwind bräche los,
12 १२ इसलिए जब दीवार गिर जाएगी, तब क्या लोग तुम से यह न कहेंगे कि जो पुताई तुम ने की वह कहाँ रही?
gesetzt, die Mauer fiele ein, ja, würde man zu euch nicht sagen: "Wo ist die Tünche, die ihr aufgetragen?"'
13 १३ इस कारण प्रभु यहोवा तुम से यह कहता है: मैं जलकर उसको प्रचण्ड आँधी के द्वारा गिराऊँगा; और मेरे कोप से भारी वर्षा होगी, और मेरी जलजलाहट से बड़े-बड़े ओले गिरेंगे कि दीवार को नाश करें।
Deshalb spricht so der Herr, der Herr: 'Ich laß in meinem Grimme einen Sturm losbrechen, in meinem Zorne eine Regenflut erfolgen, und Hagelsteine werden sie vernichten.
14 १४ इस रीति जिस दीवार पर तुम ने कच्ची पुताई की है, उसे मैं ढा दूँगा, वरन् मिट्टी में मिलाऊँगा, और उसकी नींव खुल जाएगी; और जब वह गिरेगी, तब तुम भी उसके नीचे दबकर नाश होंगे; और तुम जान लोगे कि मैं यहोवा हूँ।
Die Mauer, kümmerlich getüncht von euch, die reiß ich nieder, werfe sie zu Boden, daß sichtbar wird ihr Grund. Bei ihrem Fall kommt ihr darunter um, und so erkennt ihr, daß der Herr ich bin.
15 १५ इस रीति मैं दीवार और उसकी कच्ची पुताई करनेवाले दोनों पर अपनी जलजलाहट पूर्ण रीति से भड़काऊँगा; फिर तुम से कहूँगा, न तो दीवार रही, और न उसके लेसनेवाले रहे,
Wenn ich dann meinen Ingrimm an der Mauer ausgelassen, sowie an denen, die sie kümmerlich getüncht, dann sag ich euch: Die Mauer ist nicht mehr und keiner mehr von denen, die sie überstrichen,
16 १६ अर्थात् इस्राएल के वे भविष्यद्वक्ता जो यरूशलेम के विषय में भविष्यद्वाणी करते और उनकी शान्ति का दर्शन बताते थे, परन्तु प्रभु यहोवा की यह वाणी है, कि शान्ति है ही नहीं।
von den Propheten Israels, die von Jerusalem weissagten und ihm in Gesichten Glück verhießen, da doch kein Glück vorhanden war.' Ein Spruch des Herrn, des Herrn.
17 १७ “फिर हे मनुष्य के सन्तान, तू अपने लोगों की स्त्रियों से विमुख होकर, जो अपने ही मन से भविष्यद्वाणी करती है; उनके विरुद्ध भविष्यद्वाणी करके कह,
Du Menschensohn! Dein Antlitz wende hin zu deines Volkes Töchtern, die aus sich selber als Prophetinnen auftreten, und prophezeie wider sie
18 १८ प्रभु यहोवा यह कहता है: जो स्त्रियाँ हाथ के सब जोड़ो के लिये तकिया सीतीं और प्राणियों का अहेर करने को सब प्रकार के मनुष्यों की आँख ढाँपने के लिये कपड़े बनाती हैं, उन पर हाय! क्या तुम मेरी प्रजा के प्राणों का अहेर करके अपने निज प्राण बचा रखोगी?
und sprich: 'So spricht der Herr, der Herr: Weh denen, die für jede Schulter Kissen richten und Polster für das Haupt zum Schlafen, um Seelen einzufangen! Ihr fangt aus meinem Volke Seelen, um eure eignen Seelen durchzufristen.
19 १९ तुम ने तो मुट्ठी-मुट्ठी भर जौ और रोटी के टुकड़ों के बदले मुझे मेरी प्रजा की दृष्टि में अपवित्र ठहराकर, और अपनी उन झूठी बातों के द्वारा, जो मेरी प्रजा के लोग तुम से सुनते हैं, जो नाश के योग्य न थे, उनको मार डाला; और जो बचने के योग्य न थे उन प्राणों को बचा रखा है।
Bei meinem Volk entweiht ihr mich für eine Handvoll Gerste, für ein paar Bissen Brot, um Seelen so zu morden, die nicht sterben sollten, und Seelen lebend zu erhalten, die nicht leben sollten. Ihr lüget meinem Volk vor, das auf Lügen hört.'
20 २० “इस कारण प्रभु यहोवा तुम से यह कहता है, देखो, मैं तुम्हारे उन तकियों के विरुद्ध हूँ, जिनके द्वारा तुम प्राणों का अहेर करती हो, इसलिए जिन्हें तुम अहेर कर करके उड़ाती हो उनको मैं तुम्हारी बाँह पर से छीनकर उनको छुड़ा दूँगा।
Deshalb spricht so der Herr, der Herr: 'Fürwahr, ich will an eure Kissen, womit ihr Seelen, lebenskräftige, zu fangen sucht. Ich reiße sie aus euren Armen und mache frei die Seelen, die ihr so umgarnt, die Seelen, die so lebenskräftig.
21 २१ मैं तुम्हारे सिर के बुर्के को फाड़कर अपनी प्रजा के लोगों को तुम्हारे हाथ से छुड़ाऊँगा, और आगे को वे तुम्हारे वश में न रहेंगे कि तुम उनका अहेर कर सको; तब तुम जान लोगी कि मैं यहोवा हूँ।
Ich reiße eure Kissen weg und rette so mein Volk aus euren Händen. Sie sollen keine Beute mehr in euren Händen sein, daß ihr erkennet, daß der Herr ich bin.
22 २२ तुम ने जो झूठ कहकर धर्मी के मन को उदास किया है, यद्यपि मैंने उसको उदास करना नहीं चाहा, और तुम ने दुष्ट जन को हियाव बन्धाया है, ताकि वह अपने बुरे मार्ग से न फिरे और जीवित रहे।
Weil ihr des Frommen Herz betrügerisch in Angst versetzt, das ich doch nicht geängstigt wissen wollte, weil ihr der Frevler Hände kühner macht, daß sie von ihrem bösen Wege sich nicht kehren, um selber glücklich sich zu machen,
23 २३ इस कारण तुम फिर न तो झूठा दर्शन देखोगी, और न भावी कहोगी; क्योंकि मैं अपनी प्रजा को तुम्हारे हाथ से छुड़ाऊँगा। तब तुम जान लोगी कि मैं यहोवा हूँ।”
deshalb dürft ihr nicht länger Truggesichte schauen, nicht länger mehr Orakel geben. Nein! Mein Volk befreie ich aus eurer Hand, daß ihr erkennt: Ich bin der Herr.'"