< व्यवस्था विवरण 7 >
1 १ “फिर जब तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे उस देश में जिसके अधिकारी होने को तू जाने पर है पहुँचाए, और तेरे सामने से हित्ती, गिर्गाशी, एमोरी, कनानी, परिज्जी, हिब्बी, और यबूसी नामक, बहुत सी जातियों को अर्थात् तुम से बड़ी और सामर्थी सातों जातियों को निकाल दे,
'When Jehovah thy God doth bring thee in unto the land whither thou art going in to possess it, and He hath cast out many nations from thy presence, the Hittite, and the Girgashite, and the Amorite, and the Canaanite, and the Perizzite, and the Hivite, and the Jebusite, seven nations more numerous and mighty than thou,
2 २ और तेरा परमेश्वर यहोवा उन्हें तेरे द्वारा हरा दे, और तू उन पर जय प्राप्त कर ले; तब उन्हें पूरी रीति से नष्ट कर डालना; उनसे न वाचा बाँधना, और न उन पर दया करना।
and Jehovah thy God hath given them before thee, and thou hast smitten them — thou dost utterly devote them — thou dost not make with them a covenant, nor dost thou favour them.
3 ३ और न उनसे ब्याह शादी करना, न तो अपनी बेटी उनके बेटे को ब्याह देना, और न उनकी बेटी को अपने बेटे के लिये ब्याह लेना।
'And thou dost not join in marriage with them; thy daughter thou dost not give to his son, and his daughter thou dost not take to thy son,
4 ४ क्योंकि वे तेरे बेटे को मेरे पीछे चलने से बहकाएँगी, और दूसरे देवताओं की उपासना करवाएँगी; और इस कारण यहोवा का कोप तुम पर भड़क उठेगा, और वह तेरा शीघ्र सत्यानाश कर डालेगा।
for he doth turn aside thy son from after Me, and they have served other gods, and the anger of Jehovah hath burned against you, and hath destroyed thee hastily.
5 ५ उन लोगों से ऐसा बर्ताव करना, कि उनकी वेदियों को ढा देना, उनकी लाठों को तोड़ डालना, उनकी अशेरा नामक मूर्तियों को काट काटकर गिरा देना, और उनकी खुदी हुई मूर्तियों को आग में जला देना।
'But thus thou dost to them: their altars ye break down, and their standing pillars ye shiver, and their shrines ye cut down, and their graven images ye burn with fire;
6 ६ क्योंकि तू अपने परमेश्वर यहोवा की पवित्र प्रजा है; यहोवा ने पृथ्वी भर के सब देशों के लोगों में से तुझको चुन लिया है कि तू उसकी प्रजा और निज भाग ठहरे।
for a holy people [art] thou to Jehovah thy God; on thee hath Jehovah thy God fixed, to be to Him for a peculiar people, out of all the peoples who [are] on the face of the ground.
7 ७ यहोवा ने जो तुम से स्नेह करके तुम को चुन लिया, इसका कारण यह नहीं था कि तुम गिनती में और सब देशों के लोगों से अधिक थे, किन्तु तुम तो सब देशों के लोगों से गिनती में थोड़े थे;
'Not because of your being more numerous than any of the peoples hath Jehovah delighted in you, and fixeth on you, for ye [are] the least of all the peoples,
8 ८ यहोवा ने जो तुम को बलवन्त हाथ के द्वारा दासत्व के घर में से, और मिस्र के राजा फ़िरौन के हाथ से छुड़ाकर निकाल लाया, इसका यही कारण है कि वह तुम से प्रेम रखता है, और उस शपथ को भी पूरी करना चाहता है जो उसने तुम्हारे पूर्वजों से खाई थी।
but because of Jehovah's loving you, and because of His keeping the oath which He hath sworn to your fathers, hath Jehovah brought you out by a strong hand, and doth ransom you from a house of servants, from the hand of Pharaoh king of Egypt.
9 ९ इसलिए जान ले कि तेरा परमेश्वर यहोवा ही परमेश्वर है, वह विश्वासयोग्य परमेश्वर है; जो उससे प्रेम रखते और उसकी आज्ञाएँ मानते हैं उनके साथ वह हजार पीढ़ी तक अपनी वाचा का पालन करता, और उन पर करुणा करता रहता है;
'And thou hast known that Jehovah thy God He [is] God, the faithful God, keeping the covenant, and the kindness, to those loving Him, and to those keeping His commands — to a thousand generations,
10 १० और जो उससे बैर रखते हैं, वह उनके देखते उनसे बदला लेकर नष्ट कर डालता है; अपने बैरी के विषय वह विलम्ब न करेगा, उसके देखते ही उससे बदला लेगा।
and repaying to those hating Him, unto their face, to destroy them; He delayeth not to him who is hating Him — unto his face, He repayeth to him —
11 ११ इसलिए इन आज्ञाओं, विधियों, और नियमों को, जो मैं आज तुझे चिताता हूँ, मानने में चौकसी करना।
and thou hast kept the command, and the statutes, and the judgments, which I am commanding thee to-day to do them.
12 १२ “और तुम जो इन नियमों को सुनकर मानोगे और इन पर चलोगे, तो तेरा परमेश्वर यहोवा भी उस करुणामय वाचा का पालन करेगा जिसे उसने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर बाँधी थी;
'And it hath been, because ye hear these judgments, and have kept, and done them, that Jehovah thy God hath kept to thee the covenant and the kindness which He hath sworn to thy fathers,
13 १३ और वह तुझ से प्रेम रखेगा, और तुझे आशीष देगा, और गिनती में बढ़ाएगा; और जो देश उसने तेरे पूर्वजों से शपथ खाकर तुझे देने को कहा है उसमें वह तेरी सन्तान पर, और अन्न, नये दाखमधु, और टटके तेल आदि, भूमि की उपज पर आशीष दिया करेगा, और तेरी गाय-बैल और भेड़-बकरियों की बढ़ती करेगा।
and hath loved thee, and blessed thee, and multiplied thee, and hath blessed the fruit of thy womb, and the fruit of thy ground, thy corn, and thy new wine, and thine oil, the increase of thine oxen, and the wealth of thy flock, on the ground which He hath sworn to thy fathers to give to thee.
14 १४ तू सब देशों के लोगों से अधिक धन्य होगा; तेरे बीच में न पुरुष न स्त्री निर्वंश होगी, और तेरे पशुओं में भी ऐसा कोई न होगा।
'Blessed art thou above all the peoples, there is not in thee a barren man or a barren woman — nor among your cattle;
15 १५ और यहोवा तुझ से सब प्रकार के रोग दूर करेगा; और मिस्र की बुरी-बुरी व्याधियाँ जिन्हें तू जानता है उनमें से किसी को भी तुझे लगने न देगा, ये सब तेरे बैरियों ही को लगेंगे।
and Jehovah hath turned aside from thee every sickness, and none of the evil diseases of Egypt (which thou hast known) doth He put on thee, and He hath put them on all hating thee.
16 १६ और देश-देश के जितने लोगों को तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे वश में कर देगा, तू उन सभी को सत्यानाश करना; उन पर तरस की दृष्टि न करना, और न उनके देवताओं की उपासना करना, नहीं तो तू फंदे में फँस जाएगा।
'And thou hast consumed all the peoples whom Jehovah thy God is giving to thee; thine eye hath no pity on them, and thou dost not serve their gods, for a snare it [is] to thee.
17 १७ “यदि तू अपने मन में सोचे, कि वे जातियाँ जो मुझसे अधिक हैं; तो मैं उनको कैसे देश से निकाल सकूँगा?
'When thou sayest in thine heart, These nations [are] more numerous than I, how am I able to dispossess them? —
18 १८ तो भी उनसे न डरना, जो कुछ तेरे परमेश्वर यहोवा ने फ़िरौन से और सारे मिस्र से किया उसे भली भाँति स्मरण रखना।
thou art not afraid of them; thou dost surely remember that which Jehovah thy God hath done to Pharaoh, and to all Egypt,
19 १९ जो बड़े-बड़े परीक्षा के काम तूने अपनी आँखों से देखे, और जिन चिन्हों, और चमत्कारों, और जिस बलवन्त हाथ, और बढ़ाई हुई भुजा के द्वारा तेरा परमेश्वर यहोवा तुझको निकाल लाया, उनके अनुसार तेरा परमेश्वर यहोवा उन सब लोगों से भी जिनसे तू डरता है करेगा।
the great trials which thine eyes have seen, and the signs, and the wonders, and the strong hand, and the stretched-out arm, with which Jehovah thy God hath brought thee out; so doth Jehovah thy God to all the peoples of whose presence thou art afraid.
20 २० इससे अधिक तेरा परमेश्वर यहोवा उनके बीच बर्रे भी भेजेगा, यहाँ तक कि उनमें से जो बचकर छिप जाएँगे वे भी तेरे सामने से नाश हो जाएँगे।
'And also the locust doth Jehovah thy God send among them, till the destruction of those who are left, and of those who are hidden from thy presence;
21 २१ उनसे भय न खाना; क्योंकि तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे बीच में है, और वह महान और भययोग्य परमेश्वर है।
thou art not terrified by their presence, for Jehovah thy God [is] in thy midst, a God great and fearful.
22 २२ तेरा परमेश्वर यहोवा उन जातियों को तेरे आगे से धीरे धीरे निकाल देगा; तो तू एकदम से उनका अन्त न कर सकेगा, नहीं तो जंगली पशु बढ़कर तेरी हानि करेंगे।
'And Jehovah thy God hath cast out these nations from thy presence little [by] little, (thou art not able to consume them hastily, lest the beast of the field multiply against thee),
23 २३ तो भी तेरा परमेश्वर यहोवा उनको तुझ से हरवा देगा, और जब तक वे सत्यानाश न हो जाएँ तब तक उनको अति व्याकुल करता रहेगा।
and Jehovah thy God hath given them before thee, and destroyed them — a great destruction — till their destruction;
24 २४ और वह उनके राजाओं को तेरे हाथ में करेगा, और तू उनका भी नाम धरती पर से मिटा डालेगा; उनमें से कोई भी तेरे सामने खड़ा न रह सकेगा, और अन्त में तू उन्हें सत्यानाश कर डालेगा।
and He hath given their kings into thy hand, and thou hast destroyed their name from under the heavens; no man doth station himself in thy presence till thou hast destroyed them.
25 २५ उनके देवताओं की खुदी हुई मूर्तियाँ तुम आग में जला देना; जो चाँदी या सोना उन पर मढ़ा हो उसका लालच करके न ले लेना, नहीं तो तू उसके कारण फंदे में फँसेगा; क्योंकि ऐसी वस्तुएँ तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में घृणित हैं।
'The graven images of their gods ye do burn with fire; thou dost not desire the silver and gold on them, nor hast thou taken [it] to thyself, lest thou be snared by it, for the abomination of Jehovah thy God it [is];
26 २६ और कोई घृणित वस्तु अपने घर में न ले आना, नहीं तो तू भी उसके समान नष्ट हो जाने की वस्तु ठहरेगा; उसे सत्यानाश की वस्तु जानकर उससे घृणा करना और उसे कदापि न चाहना; क्योंकि वह अशुद्ध वस्तु है।
and thou dost not bring in an abomination unto thy house — or thou hast been devoted like it; — thou dost utterly detest it, and thou dost utterly abominate it; for it [is] devoted.