< 1 शमूएल 8 >
1 १ जब शमूएल बूढ़ा हुआ, तब उसने अपने पुत्रों को इस्राएलियों पर न्यायी ठहराया।
And it cometh to pass, when Samuel [is] aged, that he maketh his sons judges over Israel.
2 २ उसके जेठे पुत्र का नाम योएल, और दूसरे का नाम अबिय्याह था; ये बेर्शेबा में न्याय करते थे।
And the name of his first-born son is Joel, and the name of his second Abiah, judges in Beer-Sheba:
3 ३ परन्तु उसके पुत्र उसकी राह पर न चले, अर्थात् लालच में आकर घूस लेते और न्याय बिगाड़ते थे।
and his sons have not walked in his ways, and turn aside after the dishonest gain, and take a bribe, and turn aside judgment.
4 ४ तब सब इस्राएली वृद्ध लोग इकट्ठे होकर रामाह में शमूएल के पास जाकर
And all the elders of Israel gather themselves together, and come in unto Samuel to Ramath,
5 ५ उससे कहने लगे, “सुन, तू तो अब बूढ़ा हो गया, और तेरे पुत्र तेरी राह पर नहीं चलते; अब हम पर न्याय करने के लिये सब जातियों की रीति के अनुसार हमारे लिये एक राजा नियुक्त कर दे।”
and say unto him, 'Lo, thou hast become aged, and thy sons have not walked in thy ways; now, appoint to us a king, to judge us, like all the nations.'
6 ६ परन्तु जो बात उन्होंने कही, ‘हम पर न्याय करने के लिये हमारे ऊपर राजा नियुक्त कर दे,’ यह बात शमूएल को बुरी लगी। और शमूएल ने यहोवा से प्रार्थना की।
And the thing is evil in the eyes of Samuel, when they have said, 'Give to us a king to judge us;' and Samuel prayeth unto Jehovah.
7 ७ और यहोवा ने शमूएल से कहा, “वे लोग जो कुछ तुझ से कहें उसे मान ले; क्योंकि उन्होंने तुझको नहीं परन्तु मुझी को निकम्मा जाना है, कि मैं उनका राजा न रहूँ।
And Jehovah saith unto Samuel, 'Hearken to the voice of the people, to all that they say unto thee, for thee they have not rejected, but Me they have rejected, from reigning over them.
8 ८ जैसे-जैसे काम वे उस दिन से, जब से मैं उन्हें मिस्र से निकाल लाया, आज के दिन तक करते आए हैं, कि मुझ को त्याग कर पराए, देवताओं की उपासना करते आए हैं, वैसे ही वे तुझ से भी करते हैं।
According to all the works that they have done from the day of My bringing them up out of Egypt, even unto this day, when they forsake Me, and serve other gods — so they are doing also to thee.
9 ९ इसलिए अब तू उनकी बात मान; तो भी तू गम्भीरता से उनको भली भाँति समझा दे, और उनको बता भी दे कि जो राजा उन पर राज्य करेगा उसका व्यवहार किस प्रकार होगा।”
And now, hearken to their voice; only, surely thou dost certainly protest to them, and hast declared to them the custom of the king who doth reign over them.'
10 १० शमूएल ने उन लोगों को जो उससे राजा चाहते थे यहोवा की सब बातें कह सुनाईं।
And Samuel speaketh all the words of Jehovah unto the people who are asking from him a king,
11 ११ उसने कहा, “जो राजा तुम पर राज्य करेगा उसकी यह चाल होगी, अर्थात् वह तुम्हारे पुत्रों को लेकर अपने रथों और घोड़ों के काम पर नौकर रखेगा, और वे उसके रथों के आगे-आगे दौड़ा करेंगे;
and saith, 'This is the custom of the king who doth reign over you: Your sons he doth take, and hath appointed for himself among his chariots, and among his horsemen, and they have run before his chariots;
12 १२ फिर वह उनको हजार-हजार और पचास-पचास के ऊपर प्रधान बनाएगा, और कितनों से वह अपने हल जुतवाएगा, और अपने खेत कटवाएगा, और अपने लिये युद्ध के हथियार और रथों के साज बनवाएगा।
also to appoint for himself heads of thousands, and heads of fifties; also to plow his plowing, and to reap his reaping; and to make instruments of his war, and instruments of his charioteer.
13 १३ फिर वह तुम्हारी बेटियों को लेकर उनसे सुगन्ध-द्रव्य और रसोई और रोटियाँ बनवाएगा।
'And your daughters he doth take for perfumers, and for cooks, and for bakers;
14 १४ फिर वह तुम्हारे खेतों और दाख और जैतून की बारियों में से जो अच्छी से अच्छी होंगी उन्हें ले लेकर अपने कर्मचारियों को देगा।
and your fields, and your vineyards, and your olive-yards — the best — he doth take, and hath given to his servants.
15 १५ फिर वह तुम्हारे बीज और दाख की बारियों का दसवाँ अंश ले लेकर अपने हाकिमों और कर्मचारियों को देगा।
And your seed and your vineyards he doth tithe, and hath given to his eunuchs, and to his servants.
16 १६ फिर वह तुम्हारे दास दासियों को, और तुम्हारे अच्छे से अच्छे जवानों को, और तुम्हारे गदहों को भी लेकर अपने काम में लगाएगा।
And your men-servants, and your maid-servants, and your young men — the best, and your asses, he doth take, and hath prepared for his own work;
17 १७ वह तुम्हारी भेड़-बकरियों का भी दसवाँ अंश लेगा; इस प्रकार तुम लोग उसके दास बन जाओगे।
your flock he doth tithe, and ye are to him for servants.
18 १८ और उस दिन तुम अपने उस चुने हुए राजा के कारण दुहाई दोगे, परन्तु यहोवा उस समय तुम्हारी न सुनेगा।”
And ye have cried out in that day because of the king whom ye have chosen for yourselves, and Jehovah doth not answer you in that day.'
19 १९ तो भी उन लोगों ने शमूएल की बात न सुनी; और कहने लगे, “नहीं! हम निश्चय अपने लिये राजा चाहते हैं,
And the people refuse to hearken to the voice of Samuel, and say, 'Nay, but a king is over us,
20 २० जिससे हम भी और सब जातियों के समान हो जाएँ, और हमारा राजा हमारा न्याय करे, और हमारे आगे-आगे चलकर हमारी ओर से युद्ध किया करे।”
and we have been, even we, like all the nations; and our king hath judged us, and gone out before us, and fought our battles.'
21 २१ लोगों की ये सब बातें सुनकर शमूएल ने यहोवा के कानों तक पहुँचाया।
And Samuel heareth all the words of the people, and speaketh them in the ears of Jehovah;
22 २२ यहोवा ने शमूएल से कहा, “उनकी बात मानकर उनके लिये राजा ठहरा दे।” तब शमूएल ने इस्राएली मनुष्यों से कहा, “तुम अब अपने-अपने नगर को चले जाओ।”
and Jehovah saith unto Samuel, 'Hearken to their voice, and thou hast caused to reign over them a king.' And Samuel saith unto the men of Israel, 'Go ye each to his city.'