< 1 कुरिन्थियों 5 >
1 १ यहाँ तक सुनने में आता है, कि तुम में व्यभिचार होता है, वरन् ऐसा व्यभिचार जो अन्यजातियों में भी नहीं होता, कि एक पुरुष अपने पिता की पत्नी को रखता है।
ᏂᎦᎥᏉ ᎠᏂᏃᎮᎭ ᎾᏍᎩ ᎤᏕᎵᏛ ᏗᏂᏏᏗ ᎨᏒ ᎢᏤᎲᎢ, ᎠᎴ ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎤᏕᎵᏛ ᏗᏂᏏᏗ ᎨᏒ ᎾᏍᎩ ᏧᎾᏓᎴᏅᏛ ᏴᏫ ᎥᏝ ᎬᏩᏂᏃᎮᏗ ᎾᏍᏉ ᏱᎩ, ᎾᏍᎩ ᎩᎶ ᎤᏙᏓ ᎤᏓᎵᎢ ᎤᏓᏴᏍᏗᏱ.
2 २ और तुम शोक तो नहीं करते, जिससे ऐसा काम करनेवाला तुम्हारे बीच में से निकाला जाता, परन्तु घमण्ड करते हो।
ᏙᏣᏕᏋᎯᏍᏗᏉᏃ ᏂᎯ, ᎠᎴ ᎥᏝ ᎤᏲᏉ ᏱᏥᏰᎸᏅ, ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᎢᏳᏛᏁᎸᎯ ᎦᏰᏥᏄᎪᏫᏍᏗ ᎢᏣᏓᏡᎬ ᎢᏳᎵᏍᏙᏗᏱ ᎤᎬᏩᎵ.
3 ३ मैं तो शरीर के भाव से दूर था, परन्तु आत्मा के भाव से तुम्हारे साथ होकर, मानो उपस्थिति की दशा में ऐसे काम करनेवाले के विषय में न्याय कर चुका हूँ।
ᎠᏴᏰᏃ ᎤᏙᎯᏳᎯ ᎠᎩᎪᏁᎳ ᏥᏰᎸ ᎨᏒᎢ, ᏥᎦᏔᏩᏕᎦᏍᎩᏂ ᎠᏆᏓᏅᏙᎩᎯ, ᎦᏳᎳ ᏥᏥᎦᏔᏩᏕᎪ ᎾᏍᎩᏯᎢ ᏕᏥᏳᎪᏓᏁᎸ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ ᎢᏳᏛᏁᎸᎯ,
4 ४ कि जब तुम, और मेरी आत्मा, हमारे प्रभु यीशु की सामर्थ्य के साथ इकट्ठे हों, तो ऐसा मनुष्य, हमारे प्रभु यीशु के नाम से।
ᎢᏣᏓᏟᏌᎮᏍᏗ, ᎠᏆᏓᏅᏙᏃ ᎠᎦᏔᏩᏕᎨᏍᏗ, ᎤᎵᏂᎩᏗᏳ ᎨᏒ ᎢᎦᏤᎵ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᏥᏌ ᎦᎶᏁᏛ ᏔᎵ ᎤᏛᏕᏍᏗ, ᎤᎬᏫᏳᎯ ᏥᏌ ᎦᎶᏁᏛ ᏚᏙᎥ ᎢᏨᏙᏗᏱ,
5 ५ शरीर के विनाश के लिये शैतान को सौंपा जाए, ताकि उसकी आत्मा प्रभु यीशु के दिन में उद्धार पाए।
ᎾᏍᎩ ᏎᏓᏂ ᏤᏥᏲᎯᏎᏗᏱ ᎾᏍᎩ ᎯᎠ, ᎾᏍᎩ ᎤᏲᎢᏍᏗᏱ ᎤᏇᏓᎸᎢ, ᎤᏓᏅᏙᏃ ᎠᏍᏕᎸᏗᏱ ᎾᎯᏳ ᎤᎬᏫᏳᎯ ᏥᏌ ᎤᏤᎵ ᎢᎦ ᎨᏎᏍᏗ.
6 ६ तुम्हारा घमण्ड करना अच्छा नहीं; क्या तुम नहीं जानते, कि थोड़ा सा ख़मीर पूरे गुँधे हुए आटे को ख़मीर कर देता है।
ᎢᏣᏢᏆᏍᎬ ᎥᏝ ᎣᏏᏳ ᏱᎩ. ᎥᏝᏍᎪ ᏱᏥᎦᏔᎭ ᎤᏍᏗ ᎠᎪᏙᏗ ᏂᎦᏛ ᎦᎸ ᎠᎪᏗᏍᎬᎢ.
7 ७ पुराना ख़मीर निकालकर, अपने आपको शुद्ध करो कि नया गूँधा हुआ आटा बन जाओ; ताकि तुम अख़मीरी हो, क्योंकि हमारा भी फसह जो मसीह है, बलिदान हुआ है।
ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎢᏥᏄᎪᏩ ᎤᏪᏘ ᎠᎪᏙᏗ, ᎾᏍᎩ ᎦᎸ ᎢᏤ ᎢᏣᎵᏍᏙᏗᏱ, ᎾᏍᎩᏯ ᏁᏣᎪᎳᏅᎾ ᏥᎩ. ᎾᏍᏉᏰᏃ ᎦᎶᏁᏛ ᎧᏃᎯᏰᎩ ᎢᎦᏤᎵ ᎢᎩᏲᎱᎯᏎᎸ;
8 ८ इसलिए आओ हम उत्सव में आनन्द मनाएँ, न तो पुराने ख़मीर से और न बुराई और दुष्टता के ख़मीर से, परन्तु सिधाई और सच्चाई की अख़मीरी रोटी से।
ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎢᎩᏍᏆᏂᎪᏕᏍᏗ ᏗᎵᏍᏓᏴᏗᏱ ᎨᏒᎢ, ᎥᏞᏍᏗ ᎤᏪᏘ ᎠᎪᏙᏗ ᎬᏗ, ᎠᎴ ᎥᏞᏍᏗ ᎤᏲ ᎠᎴ ᎠᏍᎦᏂ ᎨᏒ ᎠᎪᏙᏗ ᎬᏗ, ᏂᏓᎪᏔᏅᎾᏍᎩᏂ ᎦᏚ ᏄᏠᎾᏍᏛᎾ ᎨᏒ ᎠᎴ ᎦᏰᎪᎩ ᏂᎨᏒᎾ ᎬᏗ.
9 ९ मैंने अपनी पत्री में तुम्हें लिखा है, कि व्यभिचारियों की संगति न करना।
ᎢᏨᏲᏪᎳᏁᎸᎩ ᎾᏍᎩ ᎢᏧᎳᎭ ᎢᏤᏓᏍᏗᏱ ᏂᎨᏒᎾ ᎤᏕᎵᏛ ᏗᎾᏂᏏᎲᏍᎩ;
10 १० यह नहीं, कि तुम बिलकुल इस जगत के व्यभिचारियों, या लोभियों, या अंधेर करनेवालों, या मूर्तिपूजकों की संगति न करो; क्योंकि इस दशा में तो तुम्हें जगत में से निकल जाना ही पड़ता।
ᎥᏝ ᎠᏗᎾ ᎿᎭᏉ ᎠᏎ [ ᎢᏤᏓᏍᏗᏱ ᏂᎨᏒᎾ ] ᎾᏍᏉ ᎡᎶᎯ ᏗᏂᎧᎿᎭᏩᏕᎩ ᎤᏕᎵᏛ ᏗᎾᏂᏏᎲᏍᎩ ᎠᎴ ᎤᏂᎬᎥᏍᎩ, ᎠᎴ ᎤᎶᏒᏍᏗ ᎠᎾᏓᎩᎡᎯ, ᎠᎴ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᏗᏟᎶᏍᏔᏅᎯ ᏗᎾᏓᏙᎵᏍᏓᏁᎯ; ᎢᏳᏰᏃ ᎾᏍᎩ ᏱᏄᏍᏗ, ᎠᏎ ᎢᏥᏄᎪᎢᏍᏗ ᏱᎩ ᎡᎶᎯ.
11 ११ मेरा कहना यह है; कि यदि कोई भाई कहलाकर, व्यभिचारी, या लोभी, या मूर्तिपूजक, या गाली देनेवाला, या पियक्कड़, या अंधेर करनेवाला हो, तो उसकी संगति मत करना; वरन् ऐसे मनुष्य के साथ खाना भी न खाना।
ᎪᎯᏍᎩᏂ ᎢᏨᏲᏪᎳᏏ ᎢᏧᎳᎭ ᎢᏤᏓᏍᏗᏱ ᏂᎨᏒᎾ, ᎢᏳᏃ ᎩᎶ ᎠᎾᎵᏅᏟ ᎠᎪᏎᎯ ᏱᎩ ᎾᏍᎩ ᎤᏕᎵᏛ ᏗᏂᏏᎲᏍᎩ ᏱᎩ, ᎠᎴ ᎤᎬᎥᏍᎩ ᏱᎩ, ᎠᎴ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᏗᏟᎶᏍᏔᏅᎯ ᎠᏓᏙᎵᏍᏓᏁᎯ ᏱᎩ, ᎠᎴ ᎠᏓᏐᎮᎯ, ᎠᎴ ᎤᏴᏍᏕᏍᎩ, ᎠᎴ ᎤᎶᏒᏍᏗ ᎠᏓᎩᎡᎯ; ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎥᏝᏍᏗ ᎾᏍᏉ ᎢᏧᎳᎭ ᏱᏣᎵᏍᏓᏴᏁᏍᏗ.
12 १२ क्योंकि मुझे बाहरवालों का न्याय करने से क्या काम? क्या तुम भीतरवालों का न्याय नहीं करते?
ᎦᏙᏃ ᏱᏗᎦᏥᏳᎪᏓᏁᎭ ᎾᏍᎩ ᎾᏍᏉ ᏙᏱᏗᏢ ᎠᏁᎯ? ᏝᏍᎪ ᏂᎯ ᏱᏗᏧᎪᏓᏁᎰ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎠᏂᏯᎢ?
13 १३ परन्तु बाहरवालों का न्याय परमेश्वर करता है: इसलिए उस कुकर्मी को अपने बीच में से निकाल दो।
ᏙᏱᏗᏢᏍᎩᏂ ᎠᏁᎯ ᎤᏁᎳᏅᎯ ᏕᎫᎪᏓᏁᎰᎢ. ᎾᏍᎩ ᎢᏳᏍᏗ ᎡᏥᏄᎪᏩ ᎢᏤᎲ ᎾᏍᎩ Ꮎ ᎠᏍᎦᎾᎢ.