< मरकुस 6 >

1 मसीह येशु वहां से अपने गृहनगर आए. उनके शिष्य उनके साथ थे.
ଜିସୁନ୍‌ ତେତ୍ତେ ସିଲଡ୍‌ ଜିର୍ରେ ଆ ସାଇଡମନ୍‌ ନାଜରିତନ୍‌ ୟର୍ରନାୟ୍‌ ଆରି ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସଣ୍ଡୋଙେଞ୍ଜି ।
2 शब्बाथ पर वे यहूदी सभागृह में शिक्षा देने लगे. उनको सुन उनमें से अनेक चकित हो कहने लगे. “कहां से प्राप्‍त हुआ इसे यह सब? कहां से प्राप्‍त हुआ है इसे यह बुद्धि कौशल और हाथों से यह अद्भुत काम करने की क्षमता?
ଲୋଲୋନେ ଡିନ୍ନାଇଙନ୍‌, ଆନିନ୍‌ ରନୁକ୍କୁସିଂଲୋଙନ୍‌ ଞନଙନ୍‌ ତନିୟନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଉଲନେ, ଆରି, ଗୋଗୋୟ୍‌ନେଡମ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ଲେ ସାନ୍ନିଡାଲେ ବର୍ରଞ୍ଜି, “କେନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରା କେନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଅଡ଼େଙ୍ଗା ସିଲଡ୍‌ ଞାଙେନ୍‌? ଆରି, କେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅଙ୍ଗା ଗିଆନ ତନିୟନ୍‌ ଡେଲୋ? ଆରି କେନ୍‌ ଆସିଲୋଙନ୍‌ ଆଡ୍ରେତେନ୍‌ ଆ ବୋର୍ସା କାବ୍ବାଡ଼ାଜି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଇନି?
3 क्या यह वही बढ़ई नहीं? क्या यह मरियम का पुत्र तथा याकोब, योसेस, यहूदाह तथा शिमओन का भाई नहीं? क्या उसी की बहनें हमारे मध्य नहीं हैं?” इस पर उन्होंने मसीह येशु को अस्वीकार कर दिया.
କେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ତି ବାଡ୍ଡୋଁୟ୍‌ମରନ୍‌ ତଡ୍‌ ପଙ୍‌? କେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ମରିଅମନ୍‌ ଆ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍‌ ତଡ୍‌ ପଙ୍‌, ଆରି ଜାକୁବନ୍‌, ଜୋସିନ୍‌, ଜିଉଦାନ୍‌ ଡ ସିମନନ୍‌ ଆ ବୋଞାଙ୍‌ଜି ତଡ୍‌ ପଙ୍‌? ଆରି, କେନ୍‌ ଆ ତନାନଞ୍ଜି ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ସରିନ୍‌ ତେନ୍ନେଞ୍ଜି ତଡ୍‌ ପଙ୍‌?” ଆରି ଆନିଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅଃଜ୍ଜାଲଜି ।
4 मसीह येशु ने उनसे कहा, “भविष्यवक्ता हर जगह सम्मानित होता है सिवाय अपने स्वयं के नगर में, अपने संबंधियों तथा परिवार के मध्य.”
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଗାମେନ୍‌, “ଆନ୍ନାରେଙନ୍‌ ପୁର୍ବାଃତେ ବର୍ନେମରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜାତଜି, ବନ୍‌ଡ ଆ ସାଇଡମନ୍‌, ଆ କୁଲମଞ୍ଜି, ଆସିଂଡମନ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅଃଜ୍ଜାଏଜି ।”
5 कुछ रोगियों पर हाथ रख उन्हें स्वस्थ करने के अतिरिक्त मसीह येशु वहां कोई अन्य अद्भुत काम न कर सके.
ଆରି, ତେତ୍ତେ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ବୋର୍ସା କାବ୍ବାଡ଼ାନ୍‌ ଲୁମ୍‌ଲେ ଅଃର୍ରପ୍ତିଲୋ, ଅସୋୟ୍‌ ରୋଗମରଞ୍ଜି ଆ ଡଅଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ତୁମ୍‌ ଆସିନ୍‌ ଡକ୍କୋଡାଲେ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ମବ୍‌ନଙେଞ୍ଜି ।
6 मसीह येशु को उनके अविश्वास पर बहुत ही आश्चर्य हुआ. मसीह येशु नगर-नगर जाकर शिक्षा देते रहे.
ଆରି, ଆନିଞ୍ଜି ଅଃଡ୍ଡର୍ରନେଞ୍ଜି ଆସନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ସାନ୍ନି ଡେଏନ୍‌, ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ସମ୍ପରା ସାଇ ସାଇ ବୁଲ୍ଲେ ବୁଲ୍ଲେଲେ ଞନଙନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ତିଏ ।
7 उन्होंने उन बारहों को बुलाया और उन्हें दुष्टात्माओं पर अधिकार देते हुए उन्हें दो-दो करके भेज दिया.
ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ବାରଜଣଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆମଙନ୍‌ ଓଡ୍ଡେଡାଲେ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବାଗୁ ବାଗୁନେ ଅମ୍ମେଲେ ଅନାପ୍ପାୟନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଉଲନେ, ଆରି ଏର୍‌ମଡ଼ିର୍‌ ପୁରାଡ଼ାଞ୍ଜି ଆ ଉପରେଙ୍‌ ଅବ୍‌ସୋଡ଼ାନେନ୍‌ ତିୟେଞ୍ଜି,
8 मसीह येशु ने उन्हें आदेश दिए, “इस यात्रा में छड़ी के अतिरिक्त अपने साथ कुछ न ले जाना—न भोजन, न झोली और न पैसा.
ଆରି, “ଜିର୍‌ଜିରନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ତୁଡ଼େଡାଙ୍‌ ତୁମ୍‌ ପାଙ୍‌ବା, ଆରି ରୁଟି, ମୁନା କି ଗାଞ୍ଜିଆଲୋଙନ୍‌ ଡାବ୍ବୋନ୍‌ ଏପାଙ୍‌ଡଙ୍‌” ଗାମ୍‌ଲେ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି ।
9 हां, चप्पल तो पहन सकते हो किंतु अतिरिक्त बाहरी वस्त्र नहीं.”
ବନ୍‌ଡ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ପାଣ୍ଡୋୟନ୍‌ ରନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ବାଗୁ ଅଙ୍ଗିନ୍‌ ଏପାଙ୍‌ଡଙ୍‌” ଗାମେନ୍‌ ।
10 आगे उन्होंने कहा, “जिस घर में भी तुम ठहरो उस नगर से विदा होने तक वहीं रहना.
ଆରି, ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଅନ୍ନିଙ୍‌ ଆସିଂ ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଆମ୍ବେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଜାଲବେଞ୍ଜି ଡେନ୍‌, ତି ଆ ସାଇ ସିଲଡ୍‌ ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍‌ ଏଜିରେନ୍‌ ଜାୟ୍‌ ତି ଆସିଂ ଇୟ୍‌ ଡକୋନାବା ।
11 जहां कहीं तुम्हें स्वीकार न किया जाए या तुम्हारा प्रवचन न सुना जाए, वह स्थान छोड़ते हुए अपने पैरों की धूल वहीं झाड़ देना कि यह उनके विरुद्ध प्रमाण हो.”
ବନ୍‌ଡ ଅନ୍ନିଙ୍‌ ଆ ସାଇ ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଅଃଜ୍ଜାଲବେଞ୍ଜି ଡେନ୍‌, ଅଡ଼େ ବର୍ନେବେଞ୍ଜି ଅଃନ୍ନମ୍‌ଡଙ୍‌ଲଜି ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ତେତ୍ତେ ସିଲଡ୍‌ ଡୁଙ୍‌ଲନ୍‌ ଜିର୍ବା, ଆରି ଏଜିରେନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌ ଆମଙଞ୍ଜି ସାକିନ୍‌ ତନିୟନ୍‌ ଆସନ୍‌ ତାଲ୍‌ଜଙ୍‌ବେନ୍‌ ଆ ଉମ୍ରିଲ ତୁୟ୍‌ତୁୟ୍‌ନାବା ।”
12 शिष्यों ने प्रस्थान किया. वे यह प्रचार करने लगे कि पश्चाताप सभी के लिए ज़रूरी है.
ସିଲତ୍ତେ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଜିର୍ରେ, “ଆବ୍‌ୟର୍‌ବୁଡ୍ଡିନାବା,” ଗାମ୍‌ଲେ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ଅପ୍ପୁଙ୍‌ବରେଜି,
13 उन्होंने अनेक दुष्टात्माएं निकाली तथा अनेक रोगियों को तेल मलकर उन्हें स्वस्थ किया.
ଆରି ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଜବ୍ର ମନ୍‌ରାଜି ଆମଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ବୁତନ୍‌ ଗଙେଞ୍ଜି ଆରି ଜବ୍ରଡମ୍‌ ରୋଗମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ମିଞଲନ୍‌ ଜଡ୍‌ଲେ ମବ୍‌ନଙେଞ୍ଜି ।
14 राजा हेरोदेस तक इसका समाचार पहुंच गया क्योंकि मसीह येशु की ख्याति दूर-दूर तक फैल गयी थी. कुछ तो यहां तक कह रहे थे, “बपतिस्मा देनेवाले योहन मरे हुओं में से जीवित हो गए हैं. यही कारण है कि मसीह येशु में यह अद्भुत सामर्थ्य प्रकट है.”
ଜିସୁନ୍‌ ଆଞୁମ୍‌ ସମ୍ପରାନ୍‌ ଆଜ୍ରନାଏଞ୍ଜି ଏରୋଦ ରାଜାନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଆ ବର୍ନେ ଅମ୍‌ଡଙେନ୍‌, ଆରି ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ବର୍ରଞ୍ଜି, “ତବ୍ବୁବ୍‌ଡାମର୍‌ ଜନନ୍‌ ଆରବୁମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ୟର୍ମେଙ୍‌ଲେ ଡୋଲନେ, ତିଆସନ୍‌ କେନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋ ବୋର୍ସା କାବ୍ବାଡ଼ାନ୍‌ ଆମଙନ୍‌ ଗଡେଲ୍‌ତେ ।”
15 कुछ कह रहे थे, “वह एलियाह हैं.” कुछ यह भी कहते सुने गए, “वह एक भविष्यवक्ता हैं—अतीत में हुए भविष्यद्वक्ताओं के समान.”
ବନ୍‌ଡ ଆନ୍ନାମରଞ୍ଜି ବର୍ରଞ୍ଜି, “କେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଏଲିଅନ୍‌,” ଆରି ଲାଙ୍‌ଲେନ୍ନେ ବର୍ରଞ୍ଜି, “ପୁର୍ବାନ୍‌ ପୁର୍ବାଃତେ ବର୍ନେମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଆନ୍ନିଙ୍‌ ଅବୟ୍‌ନେ ଅନ୍ତମ୍‌ କେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଅବୟ୍‌ ପୁର୍ବାଃତେ ବର୍ନେମର୍‌ ।”
16 यह सब सुनकर हेरोदेस कहता रहा, “योहन, जिसका मैंने वध करवाया था, जीवित हो गया है.”
ବନ୍‌ଡ ଏରୋଦନ୍‌ କେନ୍‌ଆତେ ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ଡାଲେ ବର୍ରନେ, “ଅଙ୍ଗା ତବ୍ବୁବ୍‌ଡାମର୍‌ ଜନନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଞେନ୍‌ ଗବ୍ବାଲାୟ୍‌, ଆନିନ୍‌ ଡୋଲନେ!”
17 स्वयं हेरोदेस ने योहन को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया था क्योंकि उसने अपने भाई फ़िलिप्पॉस की पत्नी हेरोदिअस से विवाह कर लिया था.
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଏରୋଦନ୍‌, ଆ ବୋଞାଙନ୍‌ ପିଲିପନ୍‌ ଆ ଡୁକ୍ରି ଏରୋଦିଆନ୍‌ ଆଡ୍ରକ୍କୋଏନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅନବ୍‌ସର୍ଡାନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଏରୋଦନ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଆପ୍ପାୟ୍‌ଡାଲେ ତବ୍ବୁବ୍‌ଡାମର୍‌ ଜନନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଞମ୍‌ଲେ, ଜିଲେ ବଣ୍ଡିସିଂଲୋଙନ୍‌ ଡକ୍କୋଏନ୍‌ ।
18 योहन हेरोदेस को याद दिलाते रहते थे, “तुम्हारे लिए अपने भाई की पत्नी को रख लेना व्यवस्था के अनुसार नहीं है.” इसलिये
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ତବ୍ବୁବ୍‌ଡାମର୍‌ ଜନନ୍‌ ଏରୋଦନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବର୍ବର୍ରଏନ୍‌, “ବୋଞାଙ୍‌ନମ୍‌ ଆ ଡୁକ୍ରି ଆମନ୍‌ ଡରକ୍କୋଏନ୍‌ ଆମନ୍‌ ଆସନ୍‌ କେନ୍‌ଆତେ ଅନଗଡନ୍‌ ଇଜ୍ଜା ।”
19 हेरोदियास के मन में योहन के लिए शत्रुभाव पनप रहा था. वह उनका वध करवाना चाहती थी किंतु उससे कुछ नहीं हो पा रहा था.
ସିଲତ୍ତେ ଏରୋଦିଆନ୍‌ ତବ୍ବୁବ୍‌ଡାମର୍‌ ଜନନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଏଡ଼ୁର୍‌ମଡେନ୍‌ ଆରି ରନବ୍ବୁନ୍‌ ସାଜେନ୍‌, ବନ୍‌ଡ ଅଃର୍ରପ୍ତିଲୋ ।
20 हेरोदेस योहन से डरता था क्योंकि वह जानता था कि योहन एक धर्मी और पवित्र व्यक्ति हैं. हेरोदेस ने योहन को सुरक्षित रखा था. योहन के प्रवचन सुनकर वह घबराता तो था फिर भी उसे उनके प्रवचन सुनना बहुत प्रिय था.
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌, ତବ୍ବୁବ୍‌ଡାମର୍‌ ଜନନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଡରମ୍ମମର୍‌ ଆରି ମଡ଼ିର୍‌ମର୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ଏରୋଦନ୍‌ ଜନାଡାଲେ ବତଙେନ୍‌, ଆରି ଏରୋଦନ୍‌ ତବ୍ବୁବ୍‌ଡାମର୍‌ ଜନନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଡୋବ୍‌ଡୋବନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଏରେନ୍‌ ଗୋଜେନ୍‌, ଆରି ଆ ବର୍ନେନ୍‌ ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ଡାଲେ ଆକ୍ରାନ୍‌ ବତଙେନ୍‌, ଡେଲୋଜନଙ୍‌ଡେନ୍‌ ସର୍ଡାନ୍‌ ବାତ୍ତେ ତିଆତେ ଅମ୍‌ଡଙେନ୍‌ ।
21 आखिरकार हेरोदिअस को वह मौका प्राप्‍त हो ही गया: अपने जन्मदिवस के उपलक्ष्य में हेरोदेस ने अपने सभी उच्च अधिकारियों, सेनापतियों और गलील प्रदेश के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को भोज पर आमंत्रित किया.
ତିକ୍କି ଏରୋଦିଆନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ରୟଙ୍‌ ଡିନ୍ନାନ୍‌ ଅଡ଼ୋଲାୟ୍‌ । ଏରୋଦନ୍‌ ଆ କରୋକ୍କୋଡ୍‌ ଡିନ୍ନାଇଙନ୍‌ ମନ୍ତ୍ରିଞ୍ଜି, ସୋଡ଼ା ସିପ୍ପାୟଞ୍ଜି, ଡ ଗାଲିଲିନ୍‌ ଆ ସୋଡ଼ା ସୋଡ଼ା ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଆସନ୍‌ ତଗଲନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ବୁଜିନ୍‌ ତୁବେନ୍‌ ।
22 इस अवसर पर हेरोदिअस की पुत्री ने वहां अपने नृत्य के द्वारा हेरोदेस और अतिथियों को मोह लिया. राजा ने पुत्री से कहा. “मुझसे चाहे जो मांग लो, मैं दूंगा.”
ଆରି, ଏରୋଦିଆନ୍‌ ଆ ଡାଙ୍ଗଡ଼ିଅନ୍‌ ଅମ୍ମନ୍‌ ଜିର୍ରେ ତଙ୍‌ସେଙ୍‌ଡାଲନ୍‌ ଏରୋଦନ୍‌ ରାଜାନ୍‌ ଡ ଆନିନ୍‌ ମାୟଲନ୍‌ ଆଗ୍ରାଗାଲଞ୍ଜି ଆ ମନ୍‌ରାଜିଆଡଙ୍‌ ଅବ୍‌ମଅଁଞେଞ୍ଜି । ତିଆସନ୍‌ ରାଜାନ୍‌ ଆଇସିଜନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଗାମେନ୍‌, “ଇନି ଲଡୟ୍‌ତମ୍‌, ବେଡିଁୟ୍‌, ଞେନ୍‌ ତିଆତେ ଆମନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ତିୟ୍‌ତମ୍‌ ।”
23 राजा ने शपथ खाते हुए कहा, “तुम जो कुछ मांगोगी, मैं तुम्हें दूंगा—चाहे वह मेरा आधा राज्य ही क्यों न हो.”
ଆରି, ଆନିନ୍‌ ଆମଙନ୍‌ ବାସାଡାଲନ୍‌ ବର୍ରନେ, “ଆମନ୍‌ ଞେନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅଙ୍ଗାତେ ବେଡ୍‌ତିଁୟ୍‌, ବବନ୍ତା ରାଜ୍ୟନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଞେନ୍‌ ଆମନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ତିୟ୍‌ତମ୍‌ ।”
24 अपनी मां के पास जाकर उसने पूछा, “क्या मांगूं?” “बपतिस्मा देनेवाले योहन का सिर,” उसने कहा.
ତିଆସନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଡୁଙ୍‌ଲନ୍‌ ଜିର୍ରେ ଆୟୋଙନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ବରେ, “ଞେନ୍‌ ଇନି ବେଡାୟ୍‌?” ସିଲତ୍ତେ ଆୟୋଙନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଗାମେନ୍‌, “ଆମନ୍‌ ତବ୍ବୁବ୍‌ଡାମର୍‌ ଜନନ୍‌ ଆବବ୍‌ ଇୟ୍‌ ବେଡା ।”
25 पुत्री ने तुरंत जाकर राजा से कहा, “मैं चाहती हूं कि आप मुझे इसी समय एक थाल में बपतिस्मा देनेवाले योहन का सिर लाकर दें.”
ସିଲତ୍ତେମା ଆନିନ୍‌ ରାଜାନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଲଜିର୍ରେ ଇୟ୍‌ଲେ ବର୍ନେ, “ଆମନ୍‌ ତବ୍ବୁବ୍‌ଡାମର୍‌ ଜନନ୍‌ ଆବବ୍‌, ଅବୟ୍‌ ସଡ଼ୁଆଲୋଙନ୍‌ ନମିଞେନ୍‌ମା ତିୟିଁୟ୍‌, କେନ୍‌ଆତେ ଲଡୟ୍‌ଞେନ୍ ।”
26 हालांकि राजा को इससे गहरा दुःख तो हुआ किंतु आमंत्रित अतिथियों के सामने ली गई अपनी शपथ के कारण वह अस्वीकार न कर सका.
କେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ରାଜାନ୍‌ ମାଡ୍ଡ ଡୁକ୍କଲନ୍‌, ଜନଙ୍‌ଡେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ବାସାଲନ୍‌ ଆରି ତେତ୍ତେ ଗାଗାନେନ୍‌ ଆତ୍ରଙ୍କୁମେଞ୍ଜି ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଆସନ୍‌ ଇଜ୍ଜା ଅଃଗାମ୍‌ଲୋ ।
27 तत्काल राजा ने एक जल्लाद को बुलवाया और योहन का सिर ले आने की आज्ञा दी. वह गया, कारागार में योहन का वध किया
ତିଆସନ୍‌ ରାଜାନ୍‌ ସିଲତ୍ତେମା ଅବୟ୍‌ ସିପ୍ପାୟନ୍‌ ଆପ୍ପାୟ୍‌ଡାଲେ ତବ୍ବୁବ୍‌ଡାମର୍‌ ଜନନ୍‌ ଆବବ୍‌ ପନାଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ ବରେନ୍‌ । ସିଲତ୍ତେ ଆନିନ୍‌ ଜିର୍ରେ ବଣ୍ଡିସିଂଲୋଙନ୍‌ ତବ୍ବୁବ୍‌ଡାମର୍‌ ଜନନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ଗବ୍ବାଏ,
28 और उनका सिर एक बर्तन में रखकर पुत्री को सौंप दिया और उसने जाकर अपनी माता को सौंप दिया.
ଆରି ତିଆତେ ଅବୟ୍‌ ସଡ଼ୁଆଲୋଙନ୍‌ ପାଙ୍‌ଲେ ରାଜାନ୍‌ ଆଇସିଜନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ତିୟେ, ଆରି ଆଇସିଜନ୍‌ ତିଆତେ ପାଙ୍‌ଲେ ଆୟୋଙନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ତିୟେ ।
29 जब योहन के शिष्यों को इसका समाचार प्राप्‍त हुआ, वे आए और योहन के शव को ले जाकर एक कब्र में रख दिया.
ଜନନ୍‌ ଆ ଞଙ୍‌ନେମର୍‌ଜି ତି ଆ କବର ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ଡାଲେ ଜିର୍ରାଜି କି ଆ ମରାନ୍‌ ପାଙ୍‌ଲେ ମସାନ୍ନିଲୋଙନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ତିଲେଜି ।
30 प्रेरित लौटकर मसीह येशु के पास आए और उन्हें अपने द्वारा किए गए कामों और दी गई शिक्षा का विवरण दिया.
ତିକ୍କି ଅନାପ୍ପାୟଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ରୁକ୍କୁନେଜି, ଆରି ଆନିଞ୍ଜି ଇନିଜି ଇନିଜି ଇୟ୍‌ଲେ ଲୁମେଞ୍ଜି ଆରି ଇନିଜି ଇନିଜି ଞନଙନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲେ ତିଏଜି, ତିଆତେଜି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ଅବ୍‌ଜନାଏଜି ।
31 मसीह येशु ने उनसे कहा, “आओ, कुछ समय के लिए कहीं एकांत में चलें और विश्राम करें,” क्योंकि अनेक लोग आ जा रहे थे और उन्हें भोजन तक का अवसर प्राप्‍त न हो सका था.
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ମବା, ଆନ୍ନାଡାଲନ୍‌ ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ଅବୟ୍‌ ଆରିଙ୍‌ରିଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଜିର୍ରେ ବସନ୍ନେଃ ଏଲୋଲୋନାୟ୍‌ବା ।” ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଗୋଗୋୟ୍‌ନେଡମ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଜିରେଞ୍ଜି ଜିର୍ରାଜି, ତିଆସନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ଗାଗାନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଅଃର୍ରୟଙ୍‌ଲଜି ।
32 वे चुपचाप नाव पर सवार हो एक सुनसान जगह पर चले गए.
ତିଆସନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ଡ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଆନ୍ନାଡାଲନ୍‌ ଡୋଙ୍ଗାଲୋଙନ୍‌ ଡାୟ୍‌ଲେ ଅବୟ୍‌ ଆରିଙ୍‌ରିଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଡୁଙ୍‌ଲନ୍‌ ଜିରେଞ୍ଜି ।
33 लोगों ने उन्हें वहां जाते हुए देख लिया. अनेकों ने यह भी पहचान लिया कि वे कौन थे. आस-पास के नगरों से अनेक लोग दौड़ते हुए उनसे पहले ही उस स्थान पर जा पहुंचे.
ବନ୍‌ଡ ଆନିଞ୍ଜି ଡୁଙ୍‌ଲନ୍‌ ଆଜିର୍ରେଞ୍ଜି ଜବ୍ର ମନ୍‌ରାଜି ଗିଜେଞ୍ଜି ଆରି ଅମ୍ମଡେଞ୍ଜି, ତିଆସନ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଅଡ଼୍‌କୋ ଗଡ଼ାନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ତଙିୟ୍‌ଡାଲନ୍‌ ଜିର୍ରେ ତେତ୍ତେ ଇରେଞ୍ଜି ଆରି ଜିସୁନ୍‌ ଡ ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ତେତ୍ତେ ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍‌ ତୁଙେଞ୍ଜି ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଆମ୍ମୁଙ୍‌ ତେତ୍ତେ ତୁଙେଞ୍ଜି ।
34 जब मसीह येशु तट पर पहुंचे, उन्होंने वहां एक बड़ी भीड़ को इकट्ठा देखा. उसे देख वह दुःखी हो उठे क्योंकि उन्हें भीड़ बिना चरवाहे की भेड़ों के समान लगी. वहां मसीह येशु उन्हें अनेक विषयों पर शिक्षा देने लगे.
ଜିସୁନ୍‌ ଡୋଙ୍ଗାଲୋଙନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ପଡ୍‌ଲନ୍‌ ଗୋଗୋୟ୍‌ନେଡମ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆଗ୍ରିଜେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଇର୍ସୋୟମ୍‌ଡାଏନ୍‌, ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ତୁର୍‌ମେଡ୍‌ମର୍‌ତଡନ୍‌ ଆ ମେଣ୍ଡାଜି ଅନ୍ତମ୍‌ ଡକୋଏଞ୍ଜି, ଆରି ଆନିନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ନେଞ୍ଜି ଞନଙନ୍‌ ତନିୟନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଉଲନେ ।
35 दिन ढल रहा था. शिष्यों ने मसीह येशु के पास आकर उनसे कहा, “यह सुनसान जगह है और दिन ढला जा रहा है.
ଅରୁବ୍‌ଲେ ଆପ୍ରାଙେନ୍‌ ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ଜିର୍ରେ, ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ବରେଜି, “କେନ୍‌ ତେନ୍ନେ ତ ଆରିଙ୍‌ରିଙ୍‌, ଆରି ଅରୁବ୍‌ଲେ ପାଙ୍‌ତେ ।
36 अब आप इन्हें विदा कर दीजिए कि ये पास के गांवों में जाकर अपने लिए भोजन-व्यवस्था कर सकें.”
ତିଆସନ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଏଙ୍ଗାଲ୍‌ଡେନ୍‌ ସମ୍ପରା ସାଇରେଙନ୍‌ ଡ ଗଡ଼ାରେଙନ୍‌ ଜିର୍ରେ ରମ୍ମଙ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ଆସନ୍‌ ଇନ୍ନିଙ୍‌ ଜନୋମ୍‌ଜୋମନ୍‌ ଇୟେତୋ ଞିଏଜି, ତିଆସନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆପ୍ପାୟାଜି ।”
37 किंतु मसीह येशु ने उन्हीं से कहा, “तुम ही दो इन्हें भोजन!” शिष्यों ने इसके उत्तर में कहा, “इतनों के भोजन में कम से कम दो सौ दीनार लगेंगे. क्या आप चाहते हैं कि हम जाकर इनके लिए इतने का भोजन ले आएं?”
ବନ୍‌ଡ ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଗାମେନ୍‌, “ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି, ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଗାଗାନେନ୍‌ ତିୟ୍‌ବାଜି,” ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେଞ୍ଜି, “ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ଇନି ଅବୟ୍‌ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ବଡିଡାଲନ୍‌ ଆଟ ଆଙ୍ଗାୟ୍‌ଲୋଙ୍‌ ଡିଅଙ୍ଗା ତଙ୍କା ଅର୍ଜେତେ ଡିୟ୍‌ତେ ଆ ତଙ୍କା ବାତ୍ତେ ରୁଟିନ୍‌ ଞିଲେ କେନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଗାଗାନେନ୍‌ ତିୟ୍‌ବୋଜି ପଙ୍‌?”
38 मसीह येशु ने उनसे पूछा, “कितनी रोटियां हैं यहां? जाओ, पता लगाओ!” उन्होंने पता लगाकर उत्तर दिया, “पांच—और इनके अलावा दो मछलियां भी.”
ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଅମଙ୍‌ବେନ୍‌ ଡିଅଙ୍ଗା ରୁଟିନ୍‌ ଡକୋ? ଜିର୍ରେ ଇୟ୍‌ ଗିୟ୍‌ବା ।” ଆନିଞ୍ଜି ଜିର୍ରେ ଇୟ୍‌ଲେ ଗିଜେଜି କି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ବରେଜି, “ମନ୍‌ଲୟ୍‌ ରୁଟିନ୍‌ ଆରି ବାଗୁ ଅୟନ୍‌ ଡକୋ ।”
39 मसीह येशु ने सभी लोगों को झुंड़ों में हरी घास पर बैठ जाने की आज्ञा दी.
ସିଲତ୍ତେ ଅଡ଼୍‌କୋଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆ ଲେଡେଙ୍‌ଗାବ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଡାଡ଼ିଜଙ୍‌ ଅବ୍‌ତଙ୍କୁମ୍‌ବାଜି ଗାମ୍‌ଲେ ଜିସୁନ୍‌ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି ।
40 वे सभी सौ-सौ और पचास-पचास के झुंडों में बैठ गए.
ତିଆସନ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ବସଅ ଲେକାଁୟ୍‌ ଆରି ପଚାସ ଲେକାଁୟ୍‌ ଡାଡ଼ିଜଙ୍‌ ତଙ୍କୁମେଞ୍ଜି ।
41 मसीह येशु ने वे पांच रोटियां और दो मछलियां लेकर स्वर्ग की ओर आंखें उठाकर उनके लिए धन्यवाद प्रकट किया. तब वह रोटियां तोड़ते और शिष्यों को देते गए कि वे उन्हें भीड़ में बांटते जाएं. इसके साथ उन्होंने वे दो मछलियां भी उनमें बांट दीं.
ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ତି ମନ୍‌ଲୟ୍‌ ରୁଟିନ୍‌ ଡ ବାଗୁ ଅୟନ୍‌ ଞମ୍‌ଲେ ରୁଆଙ୍‌ଗଡ୍‌ ତୋଣ୍ଡୋନ୍‌ ଆଙାଙ୍‌ଡାଲେ ଆସିର୍ବାଦଏନ୍‌ କି ରୁଟିଞ୍ଜି ରେବ୍‌ଲେ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବନ୍ତାଲେ ତନିୟନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ତିୟେଞ୍ଜି । ଆରି, ତି ବାଗୁ ଅୟନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବନ୍ତାଲେ ତିୟେଞ୍ଜି ।
42 सभी ने भरपेट खाया.
ସିଲତ୍ତେ ଅଡ଼୍‌କୋଞ୍ଜି ଜୋମ୍‌ଲେ ଅବୋଏଞ୍ଜି,
43 शिष्यों ने शेष रह गए रोटियों तथा मछलियों के टुकड़े इकट्ठा किए तो बारह टोकरे भर गए.
ଆରି ଆନିଞ୍ଜି ଆରେବ୍‌ରେବ୍‌ ରୁଟିନ୍‌ ଆର୍‌ଲାଗାଏନ୍‌ଆତେ ବାର ଗୁରୁଲ୍ଲି ବବ୍‌ରିଜେଞ୍ଜି ଆରି ଅୟନ୍‌ ନିୟ୍‌ ଡକ୍କୋଏଞ୍ଜି ।
44 जिन्होंने भोजन किया था, उनमें पुरुष ही पांच हज़ार थे.
ଡିଅଙ୍ଗା ମନ୍‌ରା ରୁଟିନ୍‌ ଜୋମେଞ୍ଜି, ଓବ୍ବାମରଞ୍ଜି ତୁମ୍‌ ତେତ୍ତେ ମନ୍‌ଲୟ୍‌ ଅଜାର ଡକୋଏଞ୍ଜି ।
45 तुरंत ही मसीह येशु ने शिष्यों को जबरन नाव पर बैठा उन्हें अपने से पहले दूसरे किनारे पर स्थित नगर बैथसैदा पहुंचने के लिए विदा किया—वह स्वयं भीड़ को विदा कर रहे थे.
ସିଲତ୍ତେମା ଜିସୁନ୍‌, ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଡୋଙ୍ଗାଲୋଙନ୍‌ ଡାୟ୍‌ଲେ ବେତ୍‌ସାଇଦାନ୍‌ ଆ ଅଡିଗଡ୍‌ ଜନିରନ୍‌ ଆସନ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, ଆରି ତି ଆ ବନେଡ଼ା ଜିସୁନ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଆପ୍ପାୟେଞ୍ଜି ।
46 उन्हें विदा करने के बाद वह प्रार्थना के लिए पर्वत पर चले गए.
ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଡ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍‌ ଆମଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଆଜିର୍ରେଞ୍ଜି ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ପାର୍ତନାନେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ବରୁନ୍‌ ଜିରେନ୍‌ ।
47 रात हो चुकी थी. नाव झील के मध्य में थी. मसीह येशु किनारे पर अकेले थे.
ସାଲ୍ଲୁମ୍‌ଲେ ଆପ୍ରାଙେନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌ ଡୋଙ୍ଗାନ୍‌ ମଡ୍ଡି ସମେଁୟ୍‌ଣ୍ଡ୍ରାଲୋଙନ୍‌ ଡକୋଏନ୍‌ ଆରି ଜିସୁନ୍‌ ଆତିନ୍‌ସଜନ୍‌ ଅନେଙ୍‌ ସମେଁୟ୍‌ଣ୍ଡ୍ରାନ୍‌ ଡକୋଲନେ ।
48 मसीह येशु देख रहे थे कि हवा उल्टी दिशा में चलने के कारण शिष्यों को नाव खेने में कठिन प्रयास करना पड़ रहा था. रात के चौथे प्रहर मसीह येशु झील की सतह पर चलते हुए उनके पास जा पहुंचे और ऐसा अहसास हुआ कि वह उनसे आगे निकलना चाह रहे थे.
ସରବ୍‌ଡିଡ୍‌ଗଡ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ରିଙ୍ଗେନ୍‌ ଆଜିର୍ରାଞନ୍‌ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଡୋଙ୍ଗାନ୍‌ ଆ ସନଲ୍ଲାୟ୍‌ ଡଣ୍ଡଡମ୍‌ ଡେଏଞ୍ଜି, ତିଆସନ୍‌ ଜିସୁନ୍‌ ତିଆତେ ଗିୟ୍‌ଲେ ତଗଲନ୍‌ ଉଞ୍ଜି ଗଣ୍ଟା ଇଙନ୍‌ ତୋଣ୍ଡୋ ସମେଁୟ୍‌ଣ୍ଡ୍ରାଲୋଙନ୍‌ ତଙିୟ୍‌ଡାଲନ୍‌ ଆମଙଞ୍ଜି ଜିର୍ରାୟ୍‌, ଆରି ଆମଙ୍‌ଗଡଞ୍ଜି ପଡ୍‌ଲେ ଅଡି ଜିର୍‌ଜିରନ୍‌ ଆସନ୍‌ ସାଜେନ୍‌ ।
49 उन्हें जल सतह पर चलता देख शिष्य समझे कि कोई दुष्टात्मा है और वे चिल्ला उठे
ବନ୍‌ଡ ଆନିନ୍‌ ତୋଣ୍ଡୋ ସମେଁୟ୍‌ଣ୍ଡ୍ରାନ୍‌ ଆତ୍ରଙିୟ୍‌ଲନ୍‌, ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଗିୟ୍‌ଲେ ବୁତ ଗାମ୍‌ଲେ ଅବ୍‌ଡିସୟେଞ୍ଜି କି ସଜିରେଞ୍ଜି ।
50 क्योंकि उन्हें देख वे भयभीत हो गए थे. इस पर मसीह येशु ने कहा, “मैं हूं! मत डरो! साहस मत छोड़ो!”
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋଞ୍ଜି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଗିୟ୍‌ଲେ ବତଙେଞ୍ଜି । ବନ୍‌ଡ ଆନିନ୍‌ ସିଲତ୍ତେମା ଆନିଞ୍ଜି ସରିନ୍‌ କଡାଡ଼ିଡାଲନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଅବ୍ବୋମଙ୍‌ନାବା, କେନ୍‌ ତ ଞେନ୍‌, ବତଙ୍‌ଡଙ୍‌ବେନ୍‌ ।”
51 यह कहते हुए वह उनकी नाव में चढ़ गए और वायु थम गई. शिष्य इससे अत्यंत चकित रह गए.
ଆରି ଆନିନ୍‌ ଆମଙଞ୍ଜି ଜିର୍ରେ ଡୋଙ୍ଗାଲୋଙନ୍‌ ଡାଜେନ୍‌, ଆରି ରିଙ୍ଗେନ୍‌ ତଡେନ୍‌ । ସିଲତ୍ତେ ଆନିଞ୍ଜି ଆ ମନ୍ନଲୋଙଞ୍ଜି ଆକ୍ରାନ୍‌ ସାନ୍ନି ଡେଏଞ୍ଜି,
52 रोटियों की घटना अब तक उनकी समझ से परे थी. उनके हृदय निर्बुद्धि जैसे हो गए थे.
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ମନ୍‌ଲୟ୍‌ ଅଜାର ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ରୁଟିନ୍‌ ଆଜ୍ରୋମେଞ୍ଜି ଆଡିଡ୍‌ ଆ ଉଗରଞ୍ଜି ଆ ରଡୋ ଡକୋଏନ୍‌, ତିଆସନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ଅଃଗନ୍‌ଲୁଡ୍‌ଲଜି ।
53 झील पार कर वे गन्‍नेसरत प्रदेश में पहुंच गए. उन्होंने नाव वहीं लगा दी.
ଆନିଞ୍ଜି ପଡ୍‌ଲୋଙ୍‌ ପଡ୍‌ଲେ ଗିନ୍ନେସରତରେଙନ୍‌ ତୁଙ୍‌ଲେ ଅନେଙ୍‌ ସମେଁୟ୍‌ଣ୍ଡ୍ରାଲୋଙନ୍‌ ଡୋଙ୍ଗାନ୍‌ ଜିଏଞ୍ଜି ।
54 मसीह येशु के नाव से उतरते ही लोगों ने उन्हें पहचान लिया.
ଆରି ଆନିଞ୍ଜି ଡୋଙ୍ଗାଲୋଙନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଆପ୍ରଡ୍‌ଲଞ୍ଜି, ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ସିଲତ୍ତେମା ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅମ୍ମଡେଞ୍ଜି,
55 जहां कहीं भी मसीह येशु होते थे, लोग दौड़-दौड़ कर बिछौनों पर रोगियों को वहां ले आते थे.
ତିଆସନ୍‌ ଗିନ୍ନେସରତନ୍‌ ଆ ତୁୟାୟ୍‌ ସମ୍ପରା ସାଇରେଙନ୍‌ ଇରେଞ୍ଜି, ଆରି ଆନିନ୍‌ ଅଙ୍ଗାଲୋଙ୍‌ ଡକୋ ଗାମ୍‌ଲେ ଅମ୍‌ଡଙେଞ୍ଜି, ତିସେଙ୍‌ ରୋଗମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ କଟଲୋଙନ୍‌ ବୋୟ୍‌ଲେ ଓରୋଙ୍‌ଲାଜି ।
56 मसीह येशु जिस किसी नगर, गांव या बाहरी क्षेत्र में प्रवेश करते थे, लोग रोगियों को सार्वजनिक स्थलों में लिटा कर उनसे विनती करते थे कि उन्हें उनके वस्त्र के छोर का स्पर्श मात्र ही कर लेने दें. जो कोई उनके वस्त्र का स्पर्श कर लेता था, स्वस्थ हो जाता था.
ଆରି, ଆନିନ୍‌ ଅଙ୍ଗା ଅଙ୍ଗା ଆ ସାଇ, ଆ ଗଡ଼ା ଆରି ସନ୍ନା ସାଇରେଙନ୍‌ ଇୟେନ୍‌, ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ତିସେଙ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଆ ସୟ୍‌ତାରେଙ୍‌ ରୋଗମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଓରୋଙ୍‌ଡାଲେ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ତମ୍ମିଜେଞ୍ଜି, ଆରି ଆ ସିନ୍‌ରିନ୍‌ ଆଲୁଡ୍‌କାବ୍‌ ସନୁଙେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜି ଆମଙନ୍‌ କାକୁର୍ତିଲଞ୍ଜି, ଡିଅଙ୍ଗା ମନ୍‌ରା ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସୁଙେଏଞ୍ଜି, ଅଡ଼୍‌କୋଞ୍ଜି ମନଙାଜେଞ୍ଜି ।

< मरकुस 6 >