< लूका 5 >
1 एक दिन प्रभु येशु गन्नेसरत झील के तट पर खड़े थे. वहां एक बड़ी भीड़ उनसे परमेश्वर का वचन सुनने के लिए उन पर गिर पड़ रही थी.
ଗଟ୍ ଦିନ୍ ଜିସୁ ଗିନେସ୍ରଃତ୍ ସଃମ୍ନ୍ଦ୍ କଃଣ୍ଡାୟ୍ ଟିଆ ଅୟ୍ରିଲା, ସଃଡେବଃଳ୍ ଲକ୍ମଃନ୍ଦାମଃନ୍ ତାର୍ ତଃୟ୍ହୁଣି ଇସ୍ୱରାର୍ କଃତା ସୁଣୁକ୍ ତାର୍ ଉହ୍ରେ ମାଡାମାଡି ଅଃଉତି ରିଲାୟ୍;
2 प्रभु येशु ने तट पर नावें देखीं. मछुवारे उन्हें छोड़कर चले गए थे क्योंकि वे अपने जाल धो रहे थे.
ଆର୍ ସେ ସଃମ୍ନ୍ଦ୍ କଃଣ୍ଡାୟ୍ ଜଳେକ୍ ଡଙ୍ଗା ରିଲାର୍ ଦଃକ୍ଲା; ମାଚୁଆମଃନ୍ ସେତିହୁଣି ଉତ୍ରି ଜାଲ୍ ଦଃଉତି ରିଲାୟ୍ ।
3 प्रभु येशु एक नाव पर बैठ गए, जो शिमओन की थी. उन्होंने शिमओन से नाव को तट से कुछ दूर झील में ले जाने के लिए कहा और तब उन्होंने नाव में बैठकर इकट्ठा भीड़ को शिक्षा देनी प्रारंभ कर दी.
ସେତିର୍ ଡଙ୍ଗାମଃନାର୍ ବିତ୍ରେ ଜୁୟ୍ ଡଙ୍ଗା ସିମନାର୍ ରିଲି, ସେତି ଜିସୁ ଚଃଗ୍ଲା ଆର୍ କଃଣ୍ଡାୟ୍ ହୁଣି କଃଣ୍ଡେକ୍ ଦୁରିକ୍ ଜଃଉଁକେ ଗଃଉଆରି କଃଲାୟ୍; ଆର୍ ସେ ଡଙ୍ଗାୟ୍ହୁଣି ଲକ୍ମଃନ୍ଦାମଃନ୍କେ ସିକ୍ୟା ଦେଉଁକେ ଦଃର୍ଲା ।
4 जब वह अपना विषय समाप्त कर चुके, शिमओन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “नाव को गहरे जल में ले चलो और तब जाल डालो.”
ଜିସୁ କଃତା ସଃରାୟ୍କଃରି ସିମନ୍କ୍ କୟ୍ଲା, “ଡେଙ୍ଗ୍ ହାଣି ଲଃଗେ ଜାୟ୍ ମାଚ୍ ଦଃରୁକ୍ ତୁମାର୍ ଜାଲ୍ ହଃକାଉଆ ।”
5 शिमओन प्रभु से बोले, “स्वामी! हम रात भर कठिन परिश्रम कर चुके हैं किंतु हाथ कुछ न लगा, फिर भी, इसलिये कि यह आप कह रहे हैं, मैं जाल डाल देता हूं.”
ଆର୍ ହଃଚେ ସିମନ୍ ଉତୁର୍ ଦିଲା, “ଏ ଗୁରୁ, ଅଃମିମଃନ୍ ରାତିସଃରା କଃସ୍ଟ୍କଃରି କାୟ୍ରି ହେଁ ନଃଦେରୁ; ମଃତର୍ ତର୍ କଃତା ମାନି କଃରି ମୁଁୟ୍ ଜାଲ୍ ହଃକାୟ୍ନ୍ଦ୍ ।”
6 यह कहते हुए उन्होंने जाल डाल दिए. जाल में इतनी बड़ी संख्या में मछलियां आ गई कि जाल फटने लगे
ଆର୍ ସେମଃନ୍ ଜାଲ୍ ହଃକାୟ୍କଃରି ଗାଦେକ୍ ମାଚ୍ ଦଃର୍ଲାୟ୍, ଆରେକ୍ ସେମଃନାର୍ ଜାଲ୍ ଚିଡୁକ୍ ଦଃର୍ଲି ।
7 इसलिये उन्होंने दूसरी नाव के सह मछुआरों को सहायता के लिए बुलाया. उन्होंने आकर सहायता की और दोनों नावों में इतनी मछलियां भर गईं कि बोझ के कारण नावें डूबने लगीं.
ସେତାର୍ଗିନେ ସେମଃନାର୍ ଜୁୟ୍ ସଃଙ୍ଗୁଆଳିମଃନ୍ ବିନ୍ ଡଙ୍ଗାୟ୍ ରିଲାୟ୍, ସେମଃନ୍ ଜଃନ୍କଃରି ଆସିକଃରି ଉହ୍କାର୍ କଃର୍ତି, ସେତାର୍ ଗିନେ ସେମଃନ୍ ସେମଃନ୍କେ ଆତ୍ ମାରି କୁଦ୍ଲାୟ୍ । ତଃବେ ସେମଃନ୍ ଆସି ଜଳେକ୍ ଡଙ୍ଗା ଇବାନ୍ୟା ମାଚ୍ ବଃର୍ତି କଃଲାକ୍ ତାକାର୍ ଡଙ୍ଗାମଃନ୍ ବୁଡୁକ୍ ଦଃର୍ଲି ।
8 सच्चाई का अहसास होते ही शिमओन प्रभु येशु के चरणों पर गिर कहने लगे, “आप मुझसे दूर ही रहिए प्रभु, मैं एक पापी मनुष्य हूं.”
ମଃତର୍ ସିମନ୍ ପିତର୍ ଇ ସଃବୁ ଦଃକି ଜିସୁର୍ ହାଦ୍ ତଃଳେ ହଃଳି କୟ୍ଲା, “ଏ ମାପ୍ରୁ, ମର୍ ତଃୟ୍ହୁଣି ଦୁରିକ୍ ଜାଆ, କାୟ୍ତାକ୍ବଃଲେକ୍ ମୁଁୟ୍ ଗଟେକ୍ ହାହି ମାନାୟ୍ ।”
9 यह इसलिये कि शिमओन तथा उनके साथी मछुवारे इतनी मछलियों के पकड़े जाने से अचंभित थे.
କାୟ୍ତାକ୍ବଃଲେକ୍ ସେମଃନ୍ ଅଃତେକ୍ ମାଚ୍ ଦଃରି ରିଲାୟ୍ ଜେ, ସେରି ଦଃକି ସିମନ୍ ଆର୍ ତାର୍ ସଃଙ୍ଗୁଆଳିମଃନ୍ କାବା ଅୟ୍ଲାୟ୍ ।
10 शिमओन के अन्य साथी, ज़ेबेदियॉस के दोनों पुत्र, याकोब और योहन भी यह देख भौचक्के रह गए थे. तब प्रभु येशु ने शिमओन से कहा, “डरो मत! अब से तुम मछलियों को नहीं, मनुष्यों को मेरे पास लाओगे.”
ଆରେକ୍ ଜେବଦିର୍ ଜଳେକ୍ ହୟ୍ସି ଜାକୁବକ୍ ଆର୍ ଜହନ୍, ଜୁୟ୍ମଃନ୍ କି ସିମନାର୍ ସଃଙ୍ଗ୍ ରିଲାୟ୍, ସେମଃନ୍ ହେଁ ସେରଃକମ୍ କାବା ଅୟ୍ଲାୟ୍ । ଆରେକ୍ ଜିସୁ ସିମନ୍କେ କୟ୍ଲା, “ଡିର୍ନାୟ୍, ଆଜିହୁଣି ତୁୟ୍ ମାନାୟ୍ମଃନ୍କେ ଦଃର୍ସି ।”
11 इसलिये उन्होंने नावें तट पर लगाई और सब कुछ त्याग कर प्रभु येशु के पीछे चलने लगे.
ସେତାର୍ ହଃଚେ ସେମଃନ୍ ଡଙ୍ଗାମଃନ୍ କଃଣ୍ଡାୟ୍ ଆଣି ସଃବୁ ଚାଡି କଃରି ଜିସୁର୍ ହଃଚେ ଗଃଲାୟ୍ ।
12 किसी नगर में एक व्यक्ति था, जिसके सारे शरीर में कोढ़ रोग फैल चुका था. प्रभु येशु को देख उसने भूमि पर गिरकर उनसे विनती की, “प्रभु! यदि आप चाहें तो मुझे शुद्ध कर सकते हैं.”
ଗଟ୍ତର୍ ଜିସୁ ଗଟ୍ ଗଃଳେ ରିଲା ବଃଳ୍, ଦଃକା, ସେତି ଗଟେକ୍ ବଃଡ୍ ରଗି ରିଲା; ସେ ଜିସୁକେ ଦଃକି ମୁଣ୍ଡିଆ ମାରିକଃରି କାନିକଃର୍ମ୍ ଅୟ୍ କୟ୍ଲା, “ଏ ମାପ୍ରୁ, ତୁୟ୍ ଜଦି ମଃନ୍ କଃର୍ସି, ତଃବେ ମକ୍ ଉଜ୍ କଃରୁ ହାର୍ସି ।”
13 प्रभु येशु ने हाथ बढ़ाकर उसका स्पर्श किया और कहा, “मैं चाहता हूं, शुद्ध हो जाओ!” तत्काल ही उसे कोढ़ रोग से चंगाई प्राप्त हो गई.
ସେତାର୍ ଗିନେ ଜିସୁ ଆତ୍ ଲାମାୟ୍ ତାକ୍ ଚୁୟ୍କଃରି କୟ୍ଲା, “ମୁଁୟ୍ ମଃନ୍ କଃରୁଲେ, ତୁୟ୍ ଉଜ୍ ଅଃଉ ।” ସେଦାହ୍ରେ ବଃଡ୍ ରଗ୍ ତାର୍ ତଃୟ୍ହୁଣି ଦୁର୍ ଅୟ୍ଲି ।
14 प्रभु येशु ने उसे आज्ञा दी, “इसके विषय में किसी से कुछ न कहना परंतु जाकर पुरोहित को अपने शुद्ध होने का प्रमाण दो तथा मोशेह द्वारा निर्धारित शुद्धि-बलि भेंट करो कि तुम्हारा कोढ़ से छुटकारा उनके सामने गवाही हो जाए.”
ଆର୍ ଜିସୁ ତାକ୍ କୟ୍ଲା, “କାକେ ହେଁ କଃଉ ନାୟ୍, ମଃତର୍ ସଃଳ୍କେ ଜାଜକ୍ ଲଃଗେ ଜାଆ, ଆର୍ ସେ ତକେ ପରିକ୍ୟା କଃରି ଦଃକ, ତାର୍ହଃଚେ ତୁୟ୍ ନିର୍ମୁଳ୍ ଅୟ୍ ଆଚ୍ସି ବଃଲି ବିନ୍ ଲକ୍ମଃନାର୍ ତଃୟ୍ ସାକି ଦେଉଁକ୍ ମସାର୍ ବିଦି ହଃର୍କାରେ ଦାନ୍ ଦେସ୍ ।”
15 फिर भी प्रभु येशु के विषय में समाचार और भी अधिक फैलता गया. परिणामस्वरूप लोग भारी संख्या में उनके प्रवचन सुनने और बीमारियों से चंगा होने की अभिलाषा से उनके पास आने लगे.
ମଃତର୍ ଜିସୁର୍ କଃତା ଆରେକ୍ ଅଃଦିକ୍ ଉର୍ଜି ଅୟ୍ଲି, ଆରେକ୍ ଅଲେକାର୍ ଲକ୍ ତାର୍ ସିକ୍ୟା ସୁଣୁକ୍ ଆର୍ ନିଜାର୍ ନିଜାର୍ ରଗେ ହୁଣି ଉଜ୍ ଅଃଉଁକେ ତାର୍ ହାକ୍ ଆୟ୍ଲାୟ୍ ।
16 प्रभु येशु अक्सर भीड़ को छोड़, गुप्त रूप से, एकांत में जाकर प्रार्थना किया करते थे.
ମଃତର୍ ସେ ଲକ୍ବାକ୍ ନୟ୍ଲା ସିଣିନ୍ଦ୍ ଜଃଗାୟ୍ମଃନ୍ ରଃୟ୍ ପାର୍ତ୍ନା କଃର୍ତିରିଲା ।
17 एक दिन, जब प्रभु येशु शिक्षा दे रहे थे, फ़रीसी तथा शास्त्री, जो गलील तथा यहूदिया प्रदेशों तथा येरूशलेम नगर से वहां आए थे, बैठे हुए थे. रोगियों को स्वस्थ करने का परमेश्वर का सामर्थ्य प्रभु येशु में सक्रिय था.
ଗଟ୍ଦିନ୍ ଜିସୁ ସିକ୍ୟା ଦେତିରିଲା, ଆର୍ ଗାଲିଲିର୍ ସଃବୁ ଗାଉଁ, ଆରେକ୍ ଜିଉଦା ରାଜି ଆର୍ ଜିରୁସାଲମେ ହୁଣି ଆସିରିଲା ପାରୁସି ଆର୍ ଦଃର୍ମ୍ ଗୁରୁମଃନ୍ ଲଃଗେ ବଃସି ରିଲାୟ୍ । ଆର୍ ଜିସୁ ଜଃନ୍କଃରି ରଗ୍ ଉଜ୍ କଃରେଦ୍, ଇତାର୍ ଗିନେ ମାପ୍ରୁର୍ ସଃକ୍ତି ସେତି ଆୟ୍ଲି ।
18 कुछ व्यक्ति एक लकवे के रोगी को बिछौने पर लिटा कर वहां लाए. ये लोग रोगी को प्रभु येशु के सामने लाने का प्रयास कर रहे थे.
ଆରେକ୍ ଦଃକା, କଃତେକ୍ ଲକ୍ ଗଟେକ୍ ଏକ୍ଅଃଙ୍ଗି ରଗିକେ କଃଟେ ବୟ୍ଆଣି ତାକ୍ ବିତ୍ରେ ନେଉଁକେ ଆର୍ ଜିସୁର୍ ମୁଏଁ ସଃଙ୍ଗାଉଁକ୍ ଉପାୟ୍ କଃର୍ତି ରିଲାୟ୍ ।
19 जब वे भीड़ के कारण उसे भीतर ले जाने में असफल रहे तो वे छत पर चढ़ गए और छत में से उसके बिछौने सहित रोगी को प्रभु येशु के ठीक सामने उतार दिया.
ମଃତର୍ ଲକ୍ ମଃନ୍ଦାର୍ ଗିନେ ତାକ୍ ବିତ୍ରେ ନେଉଁକେ ବାଟ ନଃମିଳ୍ଲାକ୍ ସେମଃନ୍ ଗଃରାର୍ ଚାନି ଉହ୍ରେ ଜାୟ୍, ଚାନି କାଣା କଃରି କଃଟ୍ ସଃଙ୍ଗ୍ ତାକ୍ ମଃଜାୟ୍ ଜିସୁର୍ ଲଃଗେ ଉତ୍ରାୟ୍ଲାୟ୍ ।
20 उनका यह विश्वास देख प्रभु येशु ने कहा, “मित्र! तुम्हारे पाप क्षमा किए जा चुके हैं.”
ଜିସୁ ସେମଃନାର୍ ବିସ୍ୱାସ୍ ଦଃକି କୟ୍ଲା, “ଏ ବାୟ୍, ତର୍ ହାହ୍ ସଃବୁ କେମା କଃରାଅୟ୍ ଆଚେ ।”
21 फ़रीसी और शास्त्री अपने मन में विचार करने लगे, “कौन है यह व्यक्ति, जो परमेश्वर-निंदा कर रहा है? भला परमेश्वर के अतिरिक्त अन्य कौन पाप क्षमा कर सकता है?”
ସେତାର୍ ଗିନେ ଦଃର୍ମ୍ଗୁରୁ ଆର୍ ପାରୁସିମଃନ୍ ନିଜାର୍ ନିଜାର୍ ବିତ୍ରେ କଃତାବାର୍ତା ଅୟ୍ ଇବାନ୍ୟା ବଃଲି କଃଉଁକେ ଦଃର୍ଲାୟ୍, “ଇ ମାନାୟ୍ ତ ଇସ୍ୱରାର୍ ଲିନ୍ଦା କଃରୁଲା, ଇ ମାନାୟ୍ କେ? ଅଃବ୍କା ମାପ୍ରୁକ୍ ଚାଡି ଆର୍ କେ ହାହ୍ କେମା କଃରୁହାରେ?”
22 यह जानते हुए कि उनके मन में क्या विचार उठ रहे थे, प्रभु येशु ने उनसे कहा, “आप अपने मन में इस प्रकार तर्क-वितर्क क्यों कर रहे हैं?
ମଃତର୍ ଜିସୁ ସେମଃନାର୍ କଃତାବାର୍ତା ବୁଜିକଃରି ସେମଃନ୍କେ ଉତୁର୍ ଦିଲା, “ତୁମିମଃନ୍ ନିଜାର୍ ନିଜାର୍ ମଃନ୍ ବିତ୍ରେ କାୟ୍ରି କଃତାବାର୍ତା ଅଃଉଁଲାସ୍?
23 क्या कहना सरल है, ‘तुम्हारे पाप क्षमा कर दिए गए’ या ‘उठो और चलो’?
କାୟ୍ରି ଉପାସ୍? ତର୍ ହାହ୍ ସଃବୁ କେମା କଃରା ଅୟ୍ଲି ବଃଲି କଃଉତାର୍, କି ଉଟ୍ ଇଣ୍ଡି ଜାଆ ବଃଲି କଃଉତାର୍?
24 किंतु इसका उद्देश्य यह है कि तुम्हें यह मालूम हो जाए कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा का अधिकार सौंपा गया है.” तब रोगी से येशु ने कहा, “उठो, अपना बिछौना उठाओ और अपने घर जाओ.”
ମଃତର୍ ହୁର୍ତିବିଏ ହାହ୍ କେମା କଃରୁକେ ନଃରାର୍ ହୟ୍ସିର୍ ଜେ ଅଃଦିକାର୍ ଆଚେ,” ଇରି ଜଃନ୍କଃରି ତୁମିମଃନ୍ ଜାଣୁ ହାରାସ୍, ଇତାର୍ ଗିନେ ଜିସୁ ଏକ୍ଅଃଙ୍ଗି ରଗିକ୍ କୟ୍ଲା, “ମୁଁୟ୍ ତକେ କଃଉଁଲେ, ଉଟ୍ ଆର୍ ନିଜାର୍ କଃଟ୍ ଦଃରି ନିଜାର୍ ଗଃରେ ଜାଆ ।”
25 उसी क्षण वह रोगी उन सबके सामने उठ खड़ा हुआ, अपना बिछौना उठाया, जिस पर वह लेटा हुआ था और परमेश्वर का धन्यवाद करते हुए घर चला गया.
ସେତାର୍ ହଃଚେ ସେ ସେଦାହ୍ରେ ସେମଃନାର୍ ମୁଏଁ ଉଟି, ଜୁୟ୍ କଃଟ୍ ଉହ୍ରେ ସେ ସୟ୍ରିଲା, ସେରି ଦଃରି ଇସ୍ୱରାର୍ ଗୁଣ୍ଗାୟ୍କଃରି ନିଜାର୍ ଗଃରେ ଗଃଲା ।
26 सभी हैरान रह गए. सभी परमेश्वर का धन्यवाद करने लगे. श्रद्धा से भरकर वे कह रहे थे, “हमने आज अनोखे काम होते देखे हैं.”
ସେତାର୍ ଗିନେ ସଃବୁଲକ୍ କାବା ଅୟ୍ ଇସ୍ୱରାର୍ ଗୁଣ୍ କଃଉଁକେ ଦଃର୍ଲାୟ୍ ଆର୍ ବେସି ଡିରିକଃରି କୟ୍ଲାୟ୍, “ଆଜି ଅଃମିମଃନ୍ କଃଡେକ୍ କାବା ଅଃଉତା କାମ୍ ଦଃକ୍ଲୁ ।”
27 जब वह वहां से जा रहे थे, उनकी दृष्टि एक चुंगी लेनेवाले पर पड़ी, जिनका नाम लेवी था. वह अपनी चौकी पर बैठे काम कर रहे थे. प्रभु येशु ने उन्हें आज्ञा दी, “आओ! मेरे पीछे हो लो!”
ଆର୍ ହଃଚେ ଜିସୁ ବାରାୟ୍ ଜାୟ୍ ଲେବି ନାଉଁଆର୍ ଗଟେକ୍ ରିବ୍ନି ବଃଙ୍ଗ୍ଲାୟ୍ ସିସ୍ଟୁ ମାଗ୍ତା ଟାଣେ ବଃସିରିଲାର୍ ଦଃକି ତାକ୍ କୟ୍ଲା, “ମର୍ ହଃଚେ ହଃଚେ ଆଉ ।”
28 लेवी उठे तथा सभी कुछ वहीं छोड़कर प्रभु येशु के पीछे हो लिए.
ସେତାକ୍ ଲେବି ସଃବୁ ଚାଡିକଃରି ଉଟ୍ଲା ଆର୍ ଜିସୁର୍ ହଃଚେ ହଃଚେ ଜଃଉଁକେ ଦଃର୍ଲା ।
29 प्रभु येशु के सम्मान में लेवी ने अपने घर पर एक बड़े भोज का आयोजन किया. बड़ी संख्या में चुंगी लेनेवालों के अतिरिक्त वहां अनेक अन्य व्यक्ति भी इकट्ठा थे.
ଆରେକ୍ ଲେବି ନିଜାର୍ ଗଃରେ ଜିସୁର୍ ଗିନେ ଗଟେକ୍ ବଃଡ୍ ବଜି କଃଲା, ଆର୍ ଗାଦେକ୍ ରିବ୍ନି ଆର୍ ବିନ୍ ବିନ୍ ଲକ୍ ସେମଃନାର୍ ସଃଙ୍ଗ୍ ବଜି କାଉଁକେ ବଃସ୍ଲାୟ୍ ।
30 यह देख उस संप्रदाय के फ़रीसी और शास्त्री प्रभु येशु के शिष्यों से कहने लगे, “तुम लोग चुंगी लेनेवालों तथा अपराधियों के साथ क्यों खाते-पीते हो?”
ସେତାର୍ ଗିନେ ପାରୁସିମଃନ୍ ଆର୍ ସେମଃନାର୍ ଦଃଳାର୍ ଦଃର୍ମ୍ଗୁରୁମଃନ୍ ଜିସୁର୍ ଚେଲାମଃନାର୍ ବିରଦେ କଃତା କଃଉଁକେ ଦଃର୍ଲାୟ୍, “ତୁମିମଃନ୍ କାୟ୍ତାକ୍ ରିବ୍ନି ଆର୍ ହାହିମଃନାର୍ ସଃଙ୍ଗ୍ କାଉଆହିଉଆ କଃରୁଲାସ୍?”
31 प्रभु येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “चिकित्सक की ज़रूरत स्वस्थ व्यक्ति को नहीं, रोगी को होती है;
ଜିସୁ ସେମଃନ୍କେ ଉତୁର୍ ଦିଲା, “ନିକ ଲକ୍ମଃନାର୍ ଗିନେ ବୟ୍ଦ୍କାରି ଲଳା ନାୟ୍, ମଃତର୍ ରଗିମଃନାର୍ ଗିନେ ଲଳା ଆଚେ ।
32 मैं पृथ्वी पर धर्मियों को नहीं परंतु पापियों को बुलाने आया हूं कि वे पश्चाताप करें.”
ମୁଁୟ୍ ଦଃର୍ମି ଲକ୍ମଃନ୍କେ କୁଦୁକେ ନାସି, ମଃତର୍ ମଃନ୍ ବାଦ୍ଲାୟ୍ ଆସ୍ତା ହାହିମଃନ୍କେ କୁଦୁକେ ଆସିଆଚି ।”
33 फ़रीसियों और शास्त्रियों ने उन्हें याद दिलाते हुए कहा, “योहन के शिष्य अक्सर उपवास और प्रार्थना करते हैं. फ़रीसियों के शिष्य भी यही करते हैं किंतु आपके शिष्य तो खाते-पीते रहते हैं.”
କଃତେକ୍ ଲକ୍ ଜିସୁକେ କୟ୍ଲାୟ୍, “ଜହନ୍ ଆର୍ ଚେଲାମଃନ୍ ତର୍କେ ତର୍ ଉହାସ୍ ଆର୍ ପାର୍ତନା କଃର୍ତି, ପାରୁସିମଃନାର୍ ଚେଲାମଃନ୍ ହେଁ ସେବାନ୍ୟା କଃର୍ତି, ମଃତର୍ ତର୍ ଚେଲାମଃନ୍ କାଉଆ ହିଉଆ କଃର୍ତି ।”
34 प्रभु येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “क्या दूल्हे उपस्थिति में अतिथियों से उपवास की आशा की जा सकती है?
ସେତାକ୍ ଜିସୁ ସେମଃନ୍କେ କୟ୍ଲା, “ବଃର ଗଚ୍ୟାମଃନାର୍ ସଃଙ୍ଗ୍ ବଃର ବିବା ଗଃରେ ରେତା ବଃଳ୍ ତୁମିମଃନ୍ କାୟ୍ ସେମଃନ୍କେ ଉହାସ୍ କଃରାଉଁ ହାରାସ୍? କଃବେ ହେଁ ନାୟ୍!
35 किंतु वह समय आएगा, जब दूल्हा उनके मध्य से हटा लिया जाएगा—वे उस समय उपवास करेंगे.”
ମଃତର୍ ବେଳ୍ ଆସେଦ୍, ଜଃଡେବଃଳ୍ ସେମଃନାର୍ ତଃୟ୍ହୁଣି ବଃରକେ ଅଃଲ୍ଗା କଃରା ଅୟ୍ଦ୍, ସଃଡେବଃଳ୍ ସେମଃନ୍ ଉହାସ୍ କଃର୍ତି ।”
36 प्रभु येशु ने उनके सामने यह दृष्टांत प्रस्तुत किया, “पुराने वस्त्र पर नये वस्त्र का जोड़ नहीं लगाया जाता. यदि कोई ऐसा करता है तब कोरा वस्त्र तो नाश होता ही है साथ ही वह जोड़ पुराने वस्त्र पर अशोभनीय भी लगता है.
ଆରେକ୍ ଜିସୁ ସେମଃନ୍କେ ଗଟେକ୍ କଃତାନି କୟ୍ଲା, “କେହେଁ ନଃଉଆଁ ହଃଚ୍ୟାର୍ ହାଟ୍ଳି କଃଣ୍ଡେକ୍ ଚିରି ହଃର୍ନା ହଃଚ୍ୟାୟ୍ ନଃମିସାୟ୍; ମିସାୟ୍ଲେକ୍ ସେ ନଃଉଆଁ ହାଟ୍ଳି ହଃର୍ନା ହାଟ୍ଳିକ୍ ଅଃଦିକ୍ ଚିରେଦ୍, ଆରେକ୍ ନଃଉଆଁ ହଃଚ୍ୟାର୍ କଃଣ୍ଡେକ୍ ହାଟ୍ଳି ହେଁ ହଃର୍ନା ସଃଙ୍ଗ୍ ନଃମିସେ ।
37 वैसे ही नया दाखरस पुरानी मश्कों में रखा नहीं जाता. यदि कोई ऐसा करे तो नया दाखरस मश्कों को फाड़कर बह जाएगा और मश्के भी नाश हो जाएगी.
ଆର୍ କେହେଁ ନଃଉଆଁ ଅଙ୍ଗୁର୍ ରଃସ୍ ହଃର୍ନା ଚାମ୍ ମଣାୟ୍ ନଃସେଙ୍ଗାୟ୍; ସଃଙ୍ଗାୟ୍ଲେକ୍ ନଃଉଆଁ ଅଙ୍ଗୁର୍ ରଃସ୍ ଚାମ୍ ମଣାକେ ହଃଟାୟ୍ ଗଃସ୍ରି ଜାୟ୍ଦ୍, ଆର୍ ଚାମ୍ମଣା ନଃସ୍ଟ୍ ଅୟ୍ଦ୍ ।
38 नया दाखरस नई मश्कों में ही रखा जाता है.
ମଃତର୍ ନଃଉଆଁ ଅଙ୍ଗୁର୍ ରଃସ୍ ନଃଉଆଁ ଚାମ୍ ମଣାୟ୍ ସଃଙ୍ଗାଉଁ ଅୟ୍ଦ୍ ।
39 पुराने दाखरस का पान करने के बाद कोई भी नए दाखरस की इच्छा नहीं करता क्योंकि वे कहते हैं, ‘पुराना दाखरस ही उत्तम है.’”
ଆର୍, କେ ହେଁ ହଃର୍ନା ଅଙ୍ଗୁର୍ ରଃସ୍ କାୟ୍କଃରି ନଃଉଆଁ ଅଙ୍ଗୁର୍ ରଃସ୍ କାଉଁକେ ମଃନ୍ ନଃକେରେ, କାୟ୍ତାକ୍ବଃଲେକ୍ ସେ କୟ୍ଦ୍, ହଃର୍ନାରି ତ ବେସି ନିକ ।”