< लूका 18 >
1 तब प्रभु येशु ने शिष्यों को यह समझाने के उद्देश्य से कि निराश हुए बिना निरंतर प्रार्थना करते रहना ही सही है, यह दृष्टांत प्रस्तुत किया.
ଏର୍ଲୋଲୋନେନ୍ ଆଏଡ଼ର୍ ପାର୍ତନାନେନ୍ କାବ୍ବାଡ଼ାଲେନ୍, ତିଆସନ୍ କେନ୍ ଆ ବର୍ନେଲୋଙ୍ ଜିସୁନ୍ ଆ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଅବୟ୍ ଅନବ୍ଜଙ୍ବରନ୍ ବରେଞ୍ଜି ।
2 “किसी नगर में एक न्यायाधीश था. वह न तो परमेश्वर से डरता था और न किसी को कुछ समझता था.
“ଅବୟ୍ ଗଡ଼ାଲୋଙନ୍ ଅବୟ୍ ପନ୍ସୁଆତିମରନ୍ ଡକୋଏନ୍, ଆନିନ୍ ଇସ୍ୱରନ୍ଆଡଙ୍ ଅଃବ୍ବତଙ୍ଲୋ କି ମନ୍ରାନ୍ଆଡଙ୍ ଅଃମ୍ମାନ୍ନେଲୋ ।
3 उसी नगर में एक विधवा भी थी, जो बार-बार उस न्यायाधीश के पास ‘आकर विनती करती थी कि उसे न्याय दिलाया जाए.’
ତି ଆ ଗଡ଼ାଲୋଙ୍ ଅବୟ୍ ଜୁଆର୍ବଜନ୍ ଡକୋଏନ୍, ଆନିନ୍ ବବେଡ଼ାନ୍ କି ବବେଡ଼ାନ୍ ପନ୍ସୁଆତିମରନ୍ ଆମଙ୍ ଇୟ୍ଲେ କାକୁର୍ତିଡାଲନ୍ ଇୟ୍ଲେ ବର୍ନେ, ‘ବନେରାଞେନ୍ ବୟନ୍ ବିସାରଇଁୟ୍ ।’
4 “कुछ समय तक तो वह न्यायाधीश उसे टालता रहा किंतु फिर उसने मन में विचार किया, ‘यद्यपि मैं न तो परमेश्वर से डरता हूं और न लोगों से प्रभावित होता हूं
ଆରି, ପନ୍ସୁଆତିମରନ୍ ଜବ୍ର ଡିନ୍ନା ଜାୟ୍ ଅଃନ୍ନବ୍ପନ୍ସୁଆତିଲୋ, ବନ୍ଡ ଆନିନ୍ ତିକ୍କି ଇୟମେନ୍, ‘ଞେନ୍ ଇସ୍ୱରନ୍ଆଡଙ୍ ଅଃବ୍ବତଙାୟ୍ କି ମନ୍ରାନ୍ଆଡଙ୍ ଅଃମ୍ମାନ୍ନେଲାୟ୍ ଜନଙ୍ଡେନ୍,
5 फिर भी यह विधवा आ-आकर मेरी नाक में दम किए जा रही है. इसलिये उत्तम यही होगा कि मैं इसका न्याय कर ही दूं कि यह बार-बार आकर मेरी नाक में दम तो न करे.’”
କେନ୍ ଜୁଆର୍ବଜନ୍ ଞେନ୍ଆଡଙ୍ ବାଉଲ୍ଲି ଆରେମ୍ମେତିଞନ୍ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଆରିନ୍ନତେଞ୍ଜି ଞେନ୍ ପନ୍ସୁଆତିତାୟ୍, ଇଜ୍ଜାନ୍ଡେନ୍ ଆନିନ୍ ଡିତାନ୍ ବାଉଲ୍ଲି ଇୟ୍ତାୟ୍ ଏମ୍ମେଇଁୟ୍ ।’”
6 प्रभु ने आगे कहा, “उस अधर्मी न्यायाधीश के शब्दों पर ध्यान दो कि उसने क्या कहा.
ସିଲତ୍ତେ ପ୍ରବୁନ୍ ବର୍ରନେ, “କେନ୍ ଏର୍ଡରମ୍ମମର୍ ପନ୍ସୁଆତିମରନ୍ ଇନି ଗାମ୍ତେ ତିଆତେ ଅମ୍ଡଙ୍ବା ।
7 तब क्या परमेश्वर अपने उन चुने हुओं का न्याय न करेंगे, जो दिन-रात उनके नाम की दोहाई दिया करते हैं? क्या वह उनके संबंध में देर करेंगे?
ଏତ୍ତେଲ୍ଡେନ୍ ଇସ୍ୱରନ୍ ଆସ୍ରେଡାଏନ୍ ଆ ମନ୍ରାଜି ତଗଲ୍ ତମ୍ବା ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଆରୋଡ୍ଡେତେଞ୍ଜି, ଇସ୍ୱରନ୍ ତି ଆ ମନ୍ରାଜି ଆ ବନେରାଜିଆଡଙ୍ ଗୋଗୋୟ୍ ସନଏନ୍ ଡକୋଏନ୍ ଜନଙ୍ଡେନ୍, ଆନିନ୍ ପଙ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଆରିନ୍ନତେଞ୍ଜି ଅଃନ୍ନବ୍ପନ୍ସୁଆତିଏଜି?
8 सच मानो, परमेश्वर बिना देर किए उनके पक्ष में सक्रिय हो जाएंगे. फिर भी, क्या मनुष्य के पुत्र का पुनरागमन पर विश्वास बना रहेगा?”
ଞେନ୍ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବର୍ତବେନ୍, ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଆରିନ୍ନତେଞ୍ଜି ଆ ମନ୍ରାଜି ଆନିନ୍ ଲପନ୍ସୁଆତିତଜି । ବନ୍ଡ, ମନ୍ରା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍ ପୁର୍ତିଲୋଙନ୍ ଇନି ଡର୍ନେନ୍ ଇୟ୍ତାୟ୍ ଗିଜେ ପଙ୍?”
9 तब प्रभु येशु ने उनके लिए, जो स्वयं को तो धर्मी मानते थे परंतु अन्यों को तुच्छ दृष्टि से देखते थे, यह दृष्टांत प्रस्तुत किया.
ଲାଙ୍ଲେଡ୍ ଡର୍ଡମ୍ନେମରଞ୍ଜି ଆନିଞ୍ଜିଡମ୍ ଡରମ୍ମମର୍ ଗାମ୍ଲେ ଅବ୍ତୁୟ୍ଡାଲନ୍ ଆନ୍ନାମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବାସ୍ସେଏଞ୍ଜି, ତି ଆ ମନ୍ରାଜିଆଡଙ୍ ଗିୟ୍ଲେ ଜିସୁନ୍ ଅବୟ୍ ଅନବ୍ଜଙ୍ବରନ୍ ବର୍ରନେ ।
10 “प्रार्थना करने दो व्यक्ति मंदिर में गए, एक फ़रीसी था तथा दूसरा चुंगी लेनेवाला.
“ବାଗୁ ମନ୍ରା ପାର୍ତନାନେନ୍ ଆସନ୍ ସରେବାସିଙନ୍ ଇୟେଞ୍ଜି, ଅବୟ୍ନେ ପାରୁସି ଆରି ଅବୟ୍ନେ ପାନୁବେଡ୍ମର୍ ।”
11 फ़रीसी की प्रार्थना इस प्रकार थी: ‘परमेश्वर! मैं आपका आभारी हूं कि मैं अन्य मनुष्यों जैसा नहीं हूं—छली, अन्यायी, व्यभिचारी और न इस चुंगी लेनेवाले के जैसा.
“ପାରୁସିନ୍ ତନଙ୍ଡାଲେ ଆନିନ୍ଡମ୍ ଏନ୍ନେଲେ ପାର୍ତନାଲନେ, ‘ଏ ଇସ୍ୱର, ଞେନ୍ ଆମନ୍ଆଡଙ୍ ସେଙ୍କେତମ୍, ଞେନ୍ ଆନ୍ନାମରଞ୍ଜି ଅନ୍ତମ୍ ଅଃର୍ରାଉନାୟ୍, ଅଃଡ୍ଡାରିନାୟ୍, ଏର୍ଡରମ୍ମମର୍ ତଡ୍, ଆରି କେନ୍ ପାନୁବେଡ୍ମରନ୍ ଅନ୍ତମ୍ ନିୟ୍ ତଡ୍;
12 मैं सप्ताह में दो बार उपवास करता हूं और अपनी सारी आय का दसवां अंश दिया करता हूं.’
ଞେନ୍ ବପାଲ୍ଲିନ୍ ବାଗୁତର ଆନମ୍ତନାୟ୍ ଆରି ଞେନ୍ ଅନର୍ଜେଲୋଙ୍ଞେନ୍ ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଆ ଦସମାଂସ ତିୟ୍ତାୟ୍ ।’”
13 “किंतु चुंगी लेनेवाला दूर ही खड़ा रहा. उसने दृष्टि तक उठाने का साहस न किया, अपने सीने पर शोक में प्रहार करते हुए उसने कहा, ‘प्रभु परमेश्वर! कृपा कीजिए मुझ पापी पर!’
“ବନ୍ଡ ପାନୁବେଡ୍ମରନ୍ ସଙାୟ୍ଲୋଙ୍ ତନଙ୍ଡାଲେ ରୁଆଙ୍ଗଡ୍ ତୋଣ୍ଡୋନ୍ ଆଙାଙ୍ନେନ୍ ଆସନ୍ ନିୟ୍ ଅଃନ୍ନୋମଙ୍ଲୋ, ବନ୍ଡ ଆ ମାୟଙ୍ଲୋଙନ୍ ତିଡ୍ଡମ୍ଲନ୍ ବର୍ରନେ, ‘ଏ ଇସ୍ୱର, ଞେନ୍ ଇର୍ସେମର୍, ଞେନ୍ଆଡଙ୍ ସାୟୁମିଁୟ୍ ।’
14 “विश्वास करो वास्तव में यही चुंगी लेनेवाला (परमेश्वर से) धर्मी घोषित किया जाकर घर लौटा—न कि वह फ़रीसी. क्योंकि हर एक, जो स्वयं को बड़ा बनाता है, छोटा बना दिया जाएगा तथा जो व्यक्ति स्वयं नम्र हो जाता है, वह ऊंचा उठाया जाता है.”
ଞେନ୍ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବର୍ତବେନ୍, ପାରୁସିନ୍ ତଡ୍ ଆର୍ପାୟ୍ ପାନୁବେଡ୍ମରନ୍ ଡରମ୍ମମର୍ ଗାମ୍ଲେ ଡନିଡିନ୍ ଡେଏନ୍ କି ଆନିନ୍ ଆସିଙନ୍ ଜିରେନ୍; ଇନିଆସନ୍ଗାମେଣ୍ଡେନ୍ ଅଙ୍ଗା ମନ୍ରା ଆନିନ୍ଡମ୍ ଅବ୍ସୋଡ଼ାଲନ୍ ଅବ୍ତୁୟ୍ତନେ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଅନବ୍ସନ୍ନାନ୍ ଡେତେ, ବନ୍ଡ ଅଙ୍ଗା ମନ୍ରା ଆନିନ୍ଡମ୍ ଅବ୍ସନ୍ନାତନେ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଅବ୍ସୋଡ଼ାନ୍ ଡେତେ ।”
15 लोग अपने बालकों को प्रभु येशु के पास ला रहे थे कि प्रभु येशु उन्हें स्पर्श मात्र कर दें. शिष्य यह देख उन्हें डांटने लगे.
ଜିସୁନ୍ ଏଙ୍ଗାଲ୍ଡେନ୍ ପସିଜଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ସୁଙେତଜି, ତିଆସନ୍ ମନ୍ରାଞ୍ଜି ପସିଜଞ୍ଜି ନିୟ୍ ଜିସୁନ୍ ଆମଙ୍ବା ଓରୋଙ୍ଲାଜି; ବନ୍ଡ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜି ତିଆତେ ଗିୟ୍ଲେ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ କଞେଞ୍ଜି ।
16 प्रभु येशु ने बालकों को अपने पास बुलाते हुए कहा, “नन्हे बालकों को मेरे पास आने दो. मत रोको उन्हें! क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों ही का है.
ବନ୍ଡ ଜିସୁନ୍ ପସିଜଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଆମଙନ୍ ଓଡ୍ଡେଲେ ବର୍ରନେ, “ପସିଜଞ୍ଜି ଅମଙ୍ଞେନ୍ ତନିୟନ୍ ଆସନ୍ ତଙରନ୍ ସାବ୍ବାଜି, ଆରି ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଏରଙ୍ଡଙେଜି; ଇନିଆସନ୍ଗାମେଣ୍ଡେନ୍ ଇସ୍ୱରନ୍ ଆ ରାଜ୍ୟ କେନ୍ ଅନ୍ତମ୍ ଆ ପସିୟ୍ଜିଆତେ ।
17 मैं तुम पर एक अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूं; जो परमेश्वर के राज्य को एक नन्हे बालक के भाव में ग्रहण नहीं करता, वह उसमें कभी प्रवेश न कर पाएगा.”
ଞେନ୍ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଆଜାଡ଼ିଡମ୍ ବର୍ତବେନ୍, ଅଙ୍ଗା ମନ୍ରା ସନ୍ନାସିଜଞ୍ଜି ଅନ୍ତମ୍ ଇସ୍ୱରନ୍ ଆ ରାଜ୍ୟ ଅଃଜ୍ଜାଏ, ଆନିନ୍ ତେତ୍ତେ ଗନ୍ଲେ ଅଃର୍ରପ୍ତିଏ ।”
18 एक प्रधान ने उनसे प्रश्न किया, “उत्तम गुरु! अनंत काल के जीवन को पाने के लिए मैं क्या करूं?” (aiōnios )
ଅବୟ୍ ଜିଉଦି ଆମ୍ମୁଙ୍ଗଡ୍ମରନ୍ ଜିସୁନ୍ଆଡଙ୍ ବରେନ୍, “ଏ ଆଜାଡ଼ି ଞନଙ୍ତିୟ୍ମର୍, ଅଃନ୍ନଞିଡେନ୍ ଆ ପରାନ୍ନା ଆଞନାଙ୍ ଆସନ୍ ଞେନ୍ ଇନି ଏଙ୍ଗାନାୟ୍?” (aiōnios )
19 “उत्तम मुझे क्यों कह रहे हो?” प्रभु येशु ने कहा, “परमेश्वर के अलावा उत्तम कोई भी नहीं है.
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍ ଗାମେନ୍, “ଞେନ୍ଆଡଙ୍ ଆଜାଡ଼ି ଗାମ୍ଲେ ଇନିବା ବର୍ତନେ? ଅବୟ୍ନେନ୍ ଅମ୍ରେଙ୍ଡାଲେ, କେନ୍ ଆଗ୍ରାମ୍ଗାମନ୍, ଇସ୍ୱରନ୍ ଅମ୍ରେଡାଲେ ଆନ୍ନିଙ୍ ଆରି ଆଜାଡ଼ି ତଡ୍ ।
20 आज्ञा तो तुम्हें मालूम ही हैं: व्यभिचार न करना, हत्या न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, अपने माता-पिता का सम्मान करना.”
ବନାଁୟ୍ବରଞ୍ଜି ତ ଆମନ୍ ଜନା, ଏଡାରିଡଙ୍ନେ, ମନ୍ରାନ୍ ଏରବ୍ବୁଡଙ୍, ଏରାଉଡଙ୍ନେ, କଣ୍ଡାୟ୍ ସାକିନ୍ ଏତିୟ୍ଡଙ୍, ଆପେୟ୍ବେନ୍ ଅୟୋଙ୍ବେନ୍ଆଡଙ୍ ମାନ୍ନେବାଜି ।”
21 “इन सबका पालन तो मैं बचपन से करता आ रहा हूं,” उसने उत्तर दिया.
ତି ମନ୍ରାନ୍ ବର୍ରନେ, “କେନ୍ଆତେଜି ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଞେନ୍ ବନେଣ୍ଡିଆଞେନ୍ ସିଲଡ୍ ଲୁମ୍ଲେ ଜିର୍ରାୟ୍ ।”
22 यह सुन प्रभु येशु ने उससे कहा, “एक कमी फिर भी है तुममें. अपनी सारी संपत्ति बेचकर निर्धनों में बांट दो. धन तुम्हें स्वर्ग में प्राप्त होगा. तब आकर मेरे पीछे हो लो.”
ଜିସୁନ୍ କେନ୍ଆତେ ଅମ୍ଡଙ୍ଡାଲେ ବର୍ରନେ, “ଆମନ୍ ଆରି ଅବୟ୍ ବର୍ନେଲୋଙନ୍ ଉନା ଡକୋ; ଆମନ୍ଆତେଜି ଅଡ଼୍କୋନ୍ ତମ୍ଲୋଙ୍ ତମ୍ଲେ ଡୋଲେୟ୍ମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବାନ୍ତେଆଜି, ଆରି ଞେନ୍ଆଡଙ୍ ଆୟ୍ ସଣ୍ଡୋଙିୟ୍; ଏତ୍ତେଲ୍ଡେନ୍ ଆମନ୍ ରୁଆଙ୍ଲୋଙନ୍ ରନ୍ନାନ୍ ଞାଙ୍ତେ ।”
23 यह सुन वह प्रधान बहुत दुःखी हो गया क्योंकि वह बहुत धनी था.
ବନ୍ଡ ଆନିନ୍ କେନ୍ ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଆ ବର୍ନେଜି ଅମ୍ଡଙ୍ଡାଲେ ଆକ୍ରାନ୍ ମୁସୁକ୍କା ଡେଏନ୍, ଇନିଆସନ୍ଗାମେଣ୍ଡେନ୍ ଆନିନ୍ ଅବୟ୍ ଗମାଙ୍ମର୍ ଡକୋଏନ୍ ।
24 उसे देखकर प्रभु येशु ने कहा, “धनवानों का परमेश्वर के राज्य में प्रवेश कैसा कठिन है!
ଗମାଙ୍ମରନ୍ ମୁସୁକ୍କା ଆଡ୍ରେଏନ୍ଆତେ ଗିୟ୍ଲେ, ଜିସୁନ୍ ବର୍ରନେ, “ଆନାଜି ଆମଙ୍ ରନ୍ନାନ୍ ଡକୋ, ଆନିଞ୍ଜି କାକୁର୍ତିଃ ଇସ୍ୱରନ୍ ଆ ରାଜ୍ୟଲୋଙ୍ ଗନ୍ତଜି ।
25 एक धनी के परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करने की तुलना में सुई के छेद में से ऊंट का पार हो जाना सरल है.”
ଇନିଆସନ୍ଗାମେଣ୍ଡେନ୍ ଇସ୍ୱରନ୍ ଆ ରାଜ୍ୟଲୋଙ୍ ଗମାଙ୍ମରନ୍ ଆଗ୍ରନ୍ତେନ୍ ସିଲଡ୍ ଆର୍ପାୟ୍ ସୁର୍ଜାନ୍ ଆ ପତୁଡ୍ ଗଡ୍ ଓଟନ୍ ଆଗ୍ରନ୍ତେନ୍ ସଜ ।”
26 इस पर सुननेवाले पूछने लगे, “तब किसका उद्धार संभव है?”
ଆନାଜି କେନ୍ ଆ ବର୍ନେ ଅମ୍ଡଙେଞ୍ଜି, ଆନିଞ୍ଜି ବର୍ରଞ୍ଜି, “ଏତ୍ତେଲ୍ଡେନ୍ ଆନା ଅନୁରନ୍ ଞାଙ୍ଲେ ରପ୍ତିଏ?”
27 प्रभु येशु ने उत्तर दिया, “जो मनुष्य के लिए असंभव है, वह परमेश्वर के लिए संभव है.”
ବନ୍ଡ ଜିସୁନ୍ ଗାମେନ୍, “ଅଙ୍ଗାତେ ମନ୍ରାନ୍ ଲୁମ୍ଲେ ଅଃର୍ରପ୍ତିଏ, ତିଆତେ ଇସ୍ୱରନ୍ ଲୁମ୍ତେ ।”
28 पेतरॉस ने प्रभु येशु से कहा, “हम तो अपना घरबार छोड़कर आपके पीछे चल रहे हैं.”
ସିଲତ୍ତେ ପିତ୍ରନ୍ ବର୍ରନେ, “ଗିଜା ଇନ୍ଲେଞ୍ଜି ରମ୍ମଙ୍ ରମ୍ମଙ୍ଆତେ ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଅମ୍ରେଙ୍ଡାଲେ ଆମନ୍ଆଡଙ୍ ଏସଣ୍ଡୋଙ୍ତମ୍ ।”
29 प्रभु येशु ने इसके उत्तर में कहा, “सच तो यह है कि ऐसा कोई भी नहीं, जिसने परमेश्वर के राज्य के लिए अपनी घर-गृहस्थी, पत्नी, भाई, बहन, माता-पिता या संतान का त्याग किया हो
ଜିସୁନ୍ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି, “ଞେନ୍ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଆଜାଡ଼ିଡମ୍ ବର୍ତବେନ୍, ଅଙ୍ଗା ମନ୍ରା ଇସ୍ୱରନ୍ ଆ ରାଜ୍ୟ ଆସନ୍ ଅସିଙନ୍, ଡୁକ୍ରିନ୍, ବୋଞାଙନ୍, ଆପେୟନ୍, ଅୟୋଙନ୍, ଆରି ଆ ପସିଜଞ୍ଜି ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଅମ୍ରେଙ୍ଡାଲେ,
30 और उसे इस समय में कई गुणा अधिक तथा आगामी युग में अनंत काल का जीवन प्राप्त न हो.” (aiōn , aiōnios )
ନମି ଆଡିନ୍ନାଲୋଙ୍ ଗୋଗୋୟ୍ଡମ୍ ଆରି ତିକ୍କି ଆଡିନ୍ନାଲୋଙ୍ ଅଃନ୍ନଞିଡେନ୍ ଆ ପରାନ୍ନା ଅଃଞାଙେ, ତିଅନ୍ତମ୍ ଆ ମନ୍ରା ଆନ୍ନିଙ୍ ତଡ୍!” (aiōn , aiōnios )
31 तब प्रभु येशु ने बारहों शिष्यों को अलग ले जाकर उन पर प्रकट किया, “हम येरूशलेम नगर जा रहे हैं. भविष्यद्वक्ताओं द्वारा मनुष्य के पुत्र के विषय में जो भी लिखा गया है, वह पूरा होने पर है,
ତିକ୍କି ଜିସୁନ୍ ବାରଜଣ ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ଆନ୍ନାଡାଲେ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି, “ଗିୟ୍ବା, ଇନ୍ଲେଞ୍ଜି ଜିରୁସାଲମନ୍ ଜିର୍ତବୋ, ଆରି ପୁର୍ବାଃତେ ବର୍ନେମରଞ୍ଜି ମନ୍ରା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍ ଆସନ୍ ଇନିଜି ଇଡେଞ୍ଜି, ତି ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଡେଡମ୍ତେ;
32 उसे अन्यजातियों को सौंप दिया जाएगा. उसका उपहास किया जाएगा, उसे अपमानित किया जाएगा, उस पर थूका जाएगा.
ଇନିଆସନ୍ଗାମେଣ୍ଡେନ୍ ଆନିନ୍ ଏର୍ଜିଉଦିମରଞ୍ଜି ଆସିଲୋଙ୍ ସୋରୋପ୍ପାୟ୍ତନେ, ଆରି ଆନିଞ୍ଜି ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ଡୋସେତଜି, ସୟ୍ସୟ୍ମୁତଜି, ବିଜଲ୍ତଜି,
33 उसे कोड़े लगाने के बाद वे उसे मार डालेंगे और वह तीसरे दिन मरे हुओं में से जीवित हो जाएगा.”
ସାମକାନ୍ ବାତ୍ତେ ତିଡ୍ତଜି, ରବ୍ବୁତଜି, ଆରି ଏର୍ତାଲୋଙ୍ ଆନିନ୍ ୟର୍ମେଙ୍ତେ ।”
34 शिष्यों को कुछ भी समझ में न आया. उनसे इसका अर्थ छिपाकर रखा गया था. इस विषय में प्रभु येशु की कही बातें शिष्यों की समझ से परे थी.
ବନ୍ଡ କେନ୍ ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଆ ବର୍ନେଜି ଞଙ୍ନେମରଞ୍ଜି ଇନ୍ନିଙ୍ ଅଃଗନ୍ଲୁଡ୍ଲଜି; କେନ୍ ଆ ବର୍ନେ ଆମଙଞ୍ଜି ସିଲଡ୍ ସଲନ୍ ଡକୋଲନ୍, ଆରି ଇନିଜି ଇନିଜି ବର୍ନେନ୍ ଡେଏନ୍, ତି ଅଡ଼୍କୋନ୍ ଆନିଞ୍ଜି ଅଃଗନ୍ଲୁଡ୍ଲଜି ।
35 जब प्रभु येशु येरीख़ो नगर के पास पहुंचे, उन्हें एक अंधा मिला, जो मार्ग के किनारे बैठा हुआ भिक्षा मांग रहा था.
ଜିସୁନ୍ ଜିରିଓନ୍ ଆତ୍ରୁୟାଜେନ୍ ଆଡିଡ୍ ଅବୟ୍ ଆ କାଡ଼ୁମରନ୍ ଅନେଙ୍ ରୋତ୍ତନ୍ ତଙ୍କୁମ୍ଡାଲେ ବେବ୍ବେଡ୍ଲନେ ।
36 भीड़ का शोर सुनकर उसने जानना चाहा कि क्या हो रहा है.
ମନ୍ରାଞ୍ଜି ଆତ୍ରଙିୟ୍ଲଞ୍ଜି ଆ ସନଡ୍ଡା ଅମ୍ଡଙ୍ଡାଲେ, କାଡ଼ୁମରନ୍ “କେନ୍ ଇନି” ଗାମ୍ଲେ ମନ୍ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି ।
37 उन्होंने उसे बताया, “नाज़रेथ के येशु यहां से होकर जा निकल रहें हैं.”
ଆନିଞ୍ଜି କାଡ଼ୁମରନ୍ଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି, “ନାଜରିତ ଜିସୁନ୍ କେନ୍ ଆ ତଙର୍ଗଡ୍ ଜିର୍ତେ ।”
38 वह अंधा पुकार उठा, “येशु! दावीद की संतान! मुझ पर दया कीजिए!”
ସିଲତ୍ତେ ଆନିନ୍ ସୋଡ଼ା ସର୍ରଙନ୍ ବାତ୍ତେ ବର୍ରନେ, “ଏ ଜିସୁ, ଦାଉଦନ୍ ଆ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍, ଞେନ୍ଆଡଙ୍ ସାୟୁମିଁୟ୍ ।”
39 उन्होंने, जो आगे-आगे चल रहे थे, उसे डांटा और उसे शांत रहने की आज्ञा दी. इस पर वह और भी ऊंचे शब्द में पुकारने लगा, “दावीद के पुत्र! मुझ पर कृपा कीजिए!”
ବନ୍ଡ ଆମ୍ମୁଙ୍ ଆଜିର୍ରେଞ୍ଜି ଆ ମନ୍ରାଜି ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ କଡ଼ିଙା ଗାମ୍ଲେ ବବ୍ତଙେଞ୍ଜି, ବନ୍ଡ ଆନିନ୍ ଆରି ସୋଡ଼ା ସର୍ରଙନ୍ ବାତ୍ତେ ବାବ୍ବାବ୍ଲେ ବର୍ରନେ, “ଏ ଦାଉଦନ୍ ଆ ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନ୍ ଞେନ୍ଆଡଙ୍ ସାୟୁମିଁୟ୍ ।”
40 प्रभु येशु रुक गए और उन्हें आज्ञा दी कि वह व्यक्ति उनके पास लाया जाए. जब वह उनके पास लाया गया, प्रभु येशु ने उससे प्रश्न किया,
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍ ତନଙ୍ଡାଲେ ତି କାଡ଼ୁମରନ୍ଆଡଙ୍ ଆମଙନ୍ ଅନୋରୋଙନ୍ ଆସନ୍ ମନ୍ରାଞ୍ଜିଆଡଙ୍ ବରେଞ୍ଜି, ଆରି, କାଡ଼ୁମରନ୍ ଆମଙନ୍ ଆତ୍ରୁଙ୍ଲାଞନ୍, ଜିସୁନ୍ କାଡ଼ୁମରନ୍ଆଡଙ୍ ବରେନ୍,
41 “क्या चाहते हो? मैं तुम्हारे लिए क्या करूं?” “प्रभु मैं देखना चाहता हूं!” उसने उत्तर दिया.
“ଞେନ୍ ଆମନ୍ ଆସନ୍ ଇନି ଲୁମାୟ୍ ଗାମ୍ଲେ ଆମନ୍ ଲଡୟ୍ତମ୍?” ଆନିନ୍ ଗାମେନ୍, “ଏ ପ୍ରବୁ, ଞେନ୍ ଏଙ୍ଗାଲ୍ଡେନ୍ ଆରି ଗିୟ୍ଲେ ରପ୍ତିଆୟ୍ ।”
42 प्रभु येशु ने कहा, “रोशनी प्राप्त करो. तुम्हारे विश्वास ने तुम्हें स्वस्थ किया है.”
ଜିସୁନ୍ ଆନିନ୍ଆଡଙ୍ ବରେନ୍, “ଗିଜା, ଡର୍ନେନମ୍ ଆମନ୍ଆଡଙ୍ ମବ୍ନଙ୍ଲମ୍ ।”
43 तत्काल ही वह देखने लगा. परमेश्वर की वंदना करते हुए वह प्रभु येशु के पीछे चलने लगा. यह देख सारी भीड़ भी परमेश्वर का धन्यवाद करने लगी.
ସିଲତ୍ତେମା ଆନିନ୍ ଗିୟ୍ଲେ ରପ୍ତିଏନ୍, ଆରି ଇସ୍ୱରନ୍ଆଡଙ୍ ସେନ୍ଲେ ସେନ୍ଲେ ଜିସୁନ୍ଆଡଙ୍ ସଣ୍ଡୋଙେନ୍ ଆରି ଅଡ଼୍କୋ ମନ୍ରାନ୍ ତିଆତେ ଗିୟ୍ଲେ ଇସ୍ୱରନ୍ଆଡଙ୍ ସେଙ୍କେଏଞ୍ଜି ।