< लूका 17 >

1 इसके बाद अपने शिष्यों से प्रभु येशु ने कहा, “यह असंभव है कि ठोकरें न लगें किंतु धिक्कार है उस व्यक्ति पर, जो ठोकर का कारण है.
ଜିସୁନ୍‌ ଆ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଅଙ୍ଗାଆତେଜି ଆସନ୍‌ ମନ୍‌ରାନ୍‌ ଇର୍ସେଲୋଙନ୍‌ ଗଲୋତେ, ତି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଅଡ଼ୋତାୟ୍‌ ମା, ବନ୍‌ଡ ଅଙ୍ଗା ମନ୍‌ରା ଆ ଲତ୍ତେଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ତି ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଅଡ଼ୋତାୟ୍‌, ୟୋଙ୍‌, ତି ଆ ମନ୍‌ରା ପନବ୍‌ରଡନ୍‌ ଞାଙ୍‌ତେ ।
2 इसके बजाय कि वह निर्बलों के लिए ठोकर का कारण बने, उत्तम यह होता कि उसके गले में चक्की का पाट बांधकर उसे गहरे समुद्र में फेंक दिया जाता.
ତି ମନ୍‌ରା, କେନ୍‌ ସନ୍ନାମରଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଅବୟ୍‌ନେଆଡଙ୍‌ ଇର୍ସେଲୋଙନ୍‌ ଆଗ୍ରବ୍‌ଲୋତେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌, ଆର୍ପାୟ୍‌ ଆ ସଙ୍କାଲୋଙ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଗୋର୍ନାଅରନ୍‌ ୟୋଡ୍‌ଲେ ସମେଁୟ୍‌ଣ୍ଡ୍ରାଲୋଙନ୍‌ ଆସେଃସେଡ୍‌ ଡେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଆସନ୍‌ ମନଙ୍‌ ବନ୍‌ ଡେତେ ।
3 इसलिये तुम स्वयं के प्रति सावधान रहो. “यदि तुम्हारा भाई या बहन अपराध करे तो उसे डांटो और यदि वह मन फिराए तो उसे क्षमा कर दो.
ତିଆସନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ତର୍ଡମ୍‌ ଆ ବର୍ନେଲୋଙ୍‌ ଗିୟ୍‌ଡମ୍‌ନାବା ।” “ବୋଞାଙ୍‌ବେନ୍‌ ଇର୍ସେନ୍‌ ଲୁମେନ୍‌ ଡେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ କଁୟ୍‌ବା, ଆରି ଆନିନ୍‌ ଆବ୍‌ୟର୍‌ବୁଡ୍ଡିଲନ୍‌ ଡେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ କେମାନ୍‌ ତିୟ୍‌ବା ।
4 यदि वह एक दिन में तुम्हारे विरुद्ध सात बार भी अपराध करे और सातों बार तुमसे आकर कहे, ‘मुझे इसका पछतावा है,’ तो उसे क्षमा कर दो.”
ଆରି, ଆନିନ୍‌ ବ ଡିନ୍ନାଲୋଙ୍‌ ସାତତର ବିରୁଦଲୋଙ୍‌ବେନ୍‌ ଇର୍ସେନ୍‌ ଲୁମ୍‌ତେ, ଆରି ସାତତର ଅମଙ୍‌ବେନ୍‌ ୟର୍ରନ୍‌ ‘ଞେନ୍‌ ଆବ୍‌ୟର୍‌ବୁଡ୍ଡିତନାୟ୍‌’ ଗାମ୍‌ଲେ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ବର୍ବେନ୍‌ ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ କେମାନ୍‌ ତିୟ୍‌ବା ।”
5 प्रेरितों ने उनसे विनती की, “प्रभु, हमारे विश्वास को बढ़ा दीजिए.”
ସିଲତ୍ତେ ଅନାପ୍ପାୟ୍‌ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ପ୍ରବୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଡର୍ନେଲେଞ୍ଜି ଅବ୍‌ଗୋଗୋୟ୍‌ଲେ ତିୟ୍‌ଲେନ୍‌ ।”
6 प्रभु येशु ने उत्तर दिया, “यदि तुम्हारा विश्वास राई के बीज के बराबर भी हो, तो तुम इस शहतूत के पेड़ को यह आज्ञा देते, ‘उखड़ जा और जाकर समुद्र में लग जा!’ तो यह तुम्हारी आज्ञा का पालन करता.
ପ୍ରବୁନ୍‌ ଗାମେନ୍‌, “ଡର୍ନେବେନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ସୋର୍ସୋବାୟ୍‌ଗୋ ଡକୋଏନ୍‌ ଡେନ୍‌, ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ କେନ୍‌ ମାଲବେରିନୁବନ୍‌ ‘ଅମ୍ପରା ଆଜଡନ୍‌ ବାତ୍ତେ ପୁୟ୍‌ଲନ୍‌ ସମେଁୟ୍‌ଣ୍ଡ୍ରାଲୋଙନ୍‌ ଇୟ୍‌ଗୁନା’ ଏଗାମେନ୍‌ ଡେନ୍‌ ତିଆତେ ବର୍ନେବେନ୍‌ ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ତେ ।”
7 “क्या तुममें से कोई ऐसा है, जिसके खेत में काम करने या भेड़ों की रखवाली के लिए एक दास हो और जब वह दास खेत से लौटे तो वह दास से कहे, ‘आओ, मेरे साथ भोजन करो’?
“ବନ୍‌ଡ ଅମଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ବେନ୍‌ କେନ୍‌ ଅନ୍ତମ୍‌ ଆ ମନ୍‌ରା ଆନା ଡକୋ, ଆ କମ୍ୱାରିମରନ୍‌ ବସେଙନ୍‌ ଅର୍ରଡାଲନ୍‌, ଇଜ୍ଜାନ୍‌ଡେନ୍‌ ତୁର୍‌ତାଙନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ୟର୍ରନାୟ୍‌ ଡେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ସିଲତ୍ତେମା କମ୍ୱାରିମରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ‘ଆୟ୍‌ ଗାଗାନା’ ଗାମ୍‌ଲେ ବର୍ତେ?
8 क्या वह अपने दास को यह आज्ञा न देगा, ‘मेरे लिए भोजन तैयार करो और मुझे भोजन परोसने के लिए तैयार हो जाओ. मैं भोजन के लिए बैठ रहा हूं. तुम मेरे भोजन समाप्‍त करने के बाद भोजन कर लेना?’
ଆର୍ପାୟ୍‌ ଆନିନ୍‌, ‘ଞେନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଗାଗାନେନ୍‌ ଅବ୍‌ଜାଡାଆ, ଆରି ଞେନ୍‌ ଗାଗାନେନ୍‌ ଅଣ୍ଡ୍ରଙ୍‌ ସାଡାଞନ୍‌ ଜାୟ୍‌ ରେଡ୍ଡୁବ୍‌ଲନ୍‌ ଗର୍ଗରିଁୟ୍‌ ରୁରୁଇଂ, ତିକ୍କି ଆମନ୍‌ ଗାଗାନା,’ ଗାମ୍‌ଲେ ଆ କମ୍ୱାରିମରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଅଃବ୍ବରେ ପଙ୍‌?
9 क्या वह अपने दास का आभार इसलिये मानेगा कि उसने उसे दिए गए आदेशों का पालन किया है? नहीं!
କମ୍ୱାରିମରନ୍‌ ବର୍ନେନ୍‌ ଅମ୍‌ଡଙ୍‌ଡାଲେ କାବ୍ବାଡ଼ାନ୍‌ ଆର୍‌ଲୁମେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ କମ୍ୱାରିମରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସେଙ୍କେତେ ପଙ୍‌?
10 यही तुम सबके लिए भी सही है: जब तुम वह सब कर लो, जिसकी तुम्हें आज्ञा दी गई थी, यह कहो: ‘हम अयोग्य सेवक हैं. हमने केवल अपना कर्तव्य पूरा किया है.’”
ତିଅନ୍ତମ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ନିୟ୍‌ ବର୍ନେନ୍‌ ଅନ୍ତମ୍‌ ଅଡ଼୍‌କୋନ୍‌ ଆ କାବ୍ବାଡ଼ା ଏସାଡେନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌, ‘ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜି ଅକାମି କମ୍ୱାରି, ଆଙ୍ଗାଆତେ କାବ୍ବାଡ଼ାଲେନ୍‌, ତିଆତେ ତୁମ୍‌ ଏଲୁମ୍‌ଲାୟ୍‌’ ଗାମ୍‌ଲେ ବର୍ନାବା ।”
11 येरूशलेम नगर की ओर बढ़ते हुए प्रभु येशु शमरिया और गलील प्रदेश के बीच से होते हुए जा रहे थे.
ଜିସୁନ୍‌ ଜିରୁସାଲମନ୍‌ ଆଜିର୍ରେନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌ ସମିରୋଣନ୍‌ ଡ ଗାଲିଲିନ୍‌ ଆ ସଣ୍ଡିଗଡ୍‌ ଜିରେନ୍‌ ।
12 जब वह गांव में प्रवेश कर ही रहे थे, उनकी भेंट दस कोढ़ रोगियों से हुई, जो दूर ही खड़े रहे.
ଆରି, ଆନିନ୍‌ ଅନ୍ନିଙ୍‌ ଅବୟ୍‌ ଆ ସାଇ ଆଗ୍ରନେନ୍‌ ଆଡିଡ୍‌, ଦସଜଣ ମୋଡ୍ଡୋମରଞ୍ଜି ଆନିନ୍‌ ସରିନ୍‌ ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ମାୟ୍‌ନେଜି;
13 उन्होंने दूर ही से पुकारते हुए प्रभु येशु से कहा, “स्वामी! प्रभु येशु! हम पर कृपा कीजिए!”
ଆନିଞ୍ଜି ସଙାୟ୍‌ଲୋଙ୍‌ ତନଙ୍‌ଡାଲେ, “ଏ ଜିସୁ, ଞନଙ୍‌ତିୟ୍‌ମର୍‌, ଇନ୍‌ଲେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ସାୟୁମ୍‌ଲେନ୍‌” ଗାମ୍‌ଲେ ବାବ୍ବାବ୍‌ଲେ ବର୍ରଞ୍ଜି ।
14 उन्हें देख प्रभु येशु ने उन्हें आज्ञा दी, “जाकर पुरोहितों द्वारा स्वयं का निरीक्षण करवाओ.” जब वे जा ही रहे थे, वे शुद्ध हो गए.
ଆରି, ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଜିର୍ରେ ରାଓଡ଼ାଞ୍ଜି ଆମଙ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ ରମ୍ମଙ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଇୟ୍‌ ଅବ୍‌ତୁୟ୍‌ନାବା ।” ଆରି ଆନିଞ୍ଜି ଜିରା ଜିରା ମନଙେଞ୍ଜି ।
15 उनमें से एक, यह अहसास होते ही कि वह शुद्ध हो गया है, प्रभु येशु के पास लौट आया और ऊंचे शब्द में परमेश्वर की वंदना करने लगा.
ବନ୍‌ଡ ଆନିଞ୍ଜି ଲୋଙ୍‌ସିଲଡ୍‌ ଅବୟ୍‌ନେ ଆଗ୍ରିୟ୍‌ଡମ୍‌ଲନେନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ମନଙେନ୍‌, ସିଲଡ୍‌ଲ୍ଲନ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଇସ୍ୱରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସେନ୍‌ଲେ ସେନ୍‌ଲେ ଆମଙ୍‌ବାଞ୍ଜି ୟର୍ରନ୍‌,
16 प्रभु येशु के चरणों पर गिरकर उसने उनके प्रति धन्यवाद प्रकट किया—वह शमरियावासी था.
ଜିସୁନ୍‌ ଆଜଙ୍‌ଲୋଙ୍‌ ଲୋମ୍‌ଲେ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ସେନେନ୍‌; ଆନିନ୍‌ ଅବୟ୍‌ ସମିରୋଣମର୍‌ ।
17 प्रभु येशु ने उससे प्रश्न किया, “क्या सभी दस शुद्ध नहीं हुए? कहां हैं वे अन्य नौ?
ସିଲତ୍ତେ ଜିସୁନ୍‌ ବର୍ରନେ, “ଇନି ଦସଜଣଞ୍ଜି ଅଃମ୍ମନଙ୍‌ଲଜି ପଙ୍‌?
18 क्या इस परदेशी के अतिरिक्त किसी अन्य ने परमेश्वर के प्रति धन्यवाद प्रकट करना सही न समझा?”
ଏତ୍ତେଲ୍‌ଡେନ୍‌ ଆରି ନଜଣ ଅଡ଼େଙ୍ଗା? ଇସ୍ୱରନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଗନୁଗୁ ପନେମେଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ କେନ୍‌ଆନିନ୍‌ ତୁମ୍‌ ପଙ୍‌ ବଡେସାବାୟ୍‌ ୟର୍ରନାୟ୍‌, ଆନ୍ନିଙ୍‌ ଆରି ଅଃୟର୍ରନାଜି ପଙ୍‌?”
19 तब प्रभु येशु ने उससे कहा, “उठो और जाओ. तुम्हारे विश्वास ने तुम्हें हर तरह से स्वस्थ किया है.”
ଆରି, ଜିସୁନ୍‌ ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେନ୍‌, “ଡୋନା, ଜିରା, ଡର୍ନେନମ୍‌ ଆମନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ମବ୍‌ନଙ୍‌ଲମ୍‌ ।”
20 एक अवसर पर, जब फ़रीसियों ने उनसे यह जानना चाहा कि परमेश्वर के राज्य का आगमन कब होगा, तो प्रभु येशु ने उत्तर दिया, “परमेश्वर के राज्य का आगमन दिखनेवाले संकेतों के साथ नहीं होगा
ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ରାଜ୍ୟ ଆଙ୍ଗା ଜିର୍ତାୟ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ, ପାରୁସିଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ଆରପ୍ପୁଙେଞ୍ଜି, ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେଞ୍ଜି, “ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ରାଜ୍ୟ ଅବ୍‌ଗିୟ୍‌ତାଲନ୍‌ ଅଃଜ୍ଜିରାୟ୍‌;
21 और न ही इसके विषय में कोई यह कह सकता है, ‘देखो, देखो! यह है परमेश्वर का राज्य!’ क्योंकि परमेश्वर का राज्य तुम्हारे ही बीच में है.”
ଇଜ୍ଜାନ୍‌ଡେନ୍‌ ‘ଗିୟ୍‌ବା, ତେନ୍ନେ ଅଡ଼େ ତେତ୍ତେ’ ଗାମ୍‌ଲେ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଅଃବ୍ବର୍ନେଜି; ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ଗିୟ୍‌ବା ଇସ୍ୱରନ୍‌ ଆ ରାଜ୍ୟ ଅମ୍ମଲୋଙ୍‌ବେନ୍‌ ଡକୋ ।”
22 तब अपने शिष्यों से उन्मुख हो प्रभु येशु ने कहा, “वह समय आ रहा है जब तुम मनुष्य के पुत्र के राज्य का एक दिन देखने के लिए तरस जाओगे और देख न पाओगे.
ବନ୍‌ଡ ଜିସୁନ୍‌ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଅଙ୍ଗା ଆଡିଡ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ମନ୍‌ରା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍‌ ଆ ଡିନ୍ନାଜି ଲୋଙ୍‌ସିଲଡ୍‌ ବଡିନ୍ନା ଓୟ୍‌ଲେ ଏଗିୟ୍‌ତାୟ୍‌ ଗାମ୍‌ଲେ ଏବର୍ତନେ, ବନ୍‌ଡ ଗିୟ୍‌ଲେ ଏଃର୍ରପ୍ତିଏ, ଏନ୍ନେଗୋ ଆ ବନେଡ଼ା ଅଡ଼ୋତାୟ୍‌ ।
23 लोग आकर तुम्हें सूचना देंगे, ‘देखो, वह वहां है!’ या, ‘देखो, वह यहां है!’ यह सुनकर तुम चले न जाना और न ही उनके पीछे भागना
‘ତେତ୍ତେ ଗିୟ୍‌ବା, ତେନ୍ନେ ଗିୟ୍‌ବା,’ ଗାମ୍‌ଲେ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ତବେଞ୍ଜି; ବନ୍‌ଡ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜି ଏଇୟ୍‌ଡଙ୍‌, କି ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଏସଣ୍ଡୋଙ୍‌ଡଙ୍‌ଜି ।
24 क्योंकि मनुष्य के पुत्र का दोबारा आना बिजली कौंधने के समान होगा—आकाश में एक छोर से दूसरे छोर तक;
ଇନିଆସନ୍‌ଗାମେଣ୍ଡେନ୍‌ ତାବ୍‌ରେଡନ୍‌ ତିଡେନ୍‌ ଡେନ୍‌ ଏଙ୍ଗାଲେ କେନ୍‌ ଆ ରୁଆଙ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ତି ଆ ରୁଆଙ୍‌ ଜାୟ୍‌ ସାଆର୍‌ତେ ତିଅନ୍ତମ୍‌ ମନ୍‌ରା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍‌ ଆଜିର୍ତାଞନ୍‌ ଆ ଡିନ୍ନା ଏତ୍ତେଲେ ଗିୟ୍‌ତାତେ ।
25 किंतु उसके पूर्व उसका अनेक यातनाएं सहना और इस पीढ़ी द्वारा तिरस्कार किया जाना अवश्य है.
ବନ୍‌ଡ ଆମ୍ମୁଙ୍‌ ଆନିନ୍‌ ଗୋଗୋୟ୍‌ ସତିଡ୍‌ଲେ ସବୟ୍‌ଲେ ପରାନ୍‌ଡଣ୍ଡନ୍‌ ଡେତେ ଆରି କେନ୍‌ ନମି ଆ ମନ୍‌ରାଜି ଆନିନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବାସ୍ସେତଜି ।
26 “ठीक जिस प्रकार नोहा के युग में हुआ था, मनुष्य के पुत्र के समय में भी होगा,
ଆରି, ନୋଅନ୍‌ ଆ ବନେଡ଼ାଇଂ ଏଙ୍ଗାଗୋ ଡେଏନ୍‌, ମନ୍‌ରା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍‌ ଆ ବନେଡ଼ାଇଂ ନିୟ୍‌ ଏତ୍ତେଗୋ ମା ଡେତେ;
27 तब भी लोगों में उस समय तक खाना-पीना, विवाहोत्सव होते रहे, जब तक नोहा ने जहाज़ में प्रवेश न किया. तब पानी की बाढ़ आई और सब कुछ नाश हो गया.
ନୋଅନ୍‌ ଡାଆ ଜାଜଲୋଙନ୍‌ ଆଗ୍ରନେନ୍‌ ଆ ଡିନ୍ନା ଜାୟ୍‌ ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ବିବାନେନ୍‌, ଅନବ୍‌ବିବାନ୍‌ ଆରି ଗାଲେ ଜୋମ୍‌ଲେ ମଗାଡେଞ୍ଜି, ଆରି ରିଙ୍ଗେତିରନ୍‌ ଜିର୍ରେ ଅଡ଼୍‌କୋଞ୍ଜି ଇୟ୍‌ଲାୟ୍‌ ଅମ୍ମାୟାଆଜେ ।
28 “ठीक यही स्थिति थी लोत के समय में—लोग उत्सव, लेनदेन, खेती और निर्माण का काम करते रहे
ଲୋଟନ୍‌ ଆ ବନେଡ଼ାଇଂ ଜାକିଁୟ୍‌ ଏତ୍ତେଗୋମା ଡେଏନ୍‌, ମନ୍‌ରାଞ୍ଜି ଗାଗାନେନ୍‌, ଞିଞିନେନ୍‌ ତନ୍‌ଣ୍ଡ୍ରମନ୍‌, ଗୁଗୁନୁବନ୍‌ ଡ ଗୁସିଂଲୋଙନ୍‌ ମଗାଡେଞ୍ଜି,
29 किंतु जैसे ही लोत ने सोदोम नगर से प्रस्थान किया, आकाश से आग और गंधक की बारिश हुई और सब कुछ नाश हो गया.
ବନ୍‌ଡ ଲୋଟନ୍‌ ସଦୋମନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ଡୁଙ୍‌ଲନ୍‌ ଆଜିର୍ରେନ୍‌ ଆ ଡିନ୍ନା ରୁଆଙନ୍‌ ସିଲଡ୍‌ ତଗୋନ୍‌ ଡ ଡାରୁନ୍‌ ତରୁବ୍‌ଡାଗୋ ଅଡ଼ୋଡାଲେ ଅଡ଼୍‌କୋଞ୍ଜି ଜୋମ୍‌ତୋଡାଜେଞ୍ଜି ।
30 “यही सब होगा उस दिन, जब मनुष्य का पुत्र प्रकट होगा.
ମନ୍‌ରା ଡାଙ୍ଗଡ଼ାଅନନ୍‌ ଆଗ୍ରିୟ୍‌ତାତେନ୍‌ ଆ ଡିନ୍ନା ଜାକିଁୟ୍‌ ତିଅନ୍ତମ୍‌ ଡେତେ ।”
31 उस समय सही यह होगा कि वह, जो छत पर हो और उसकी वस्तुएं घर में हों, वह उन्हें लेने नीचे न उतरे. इसी प्रकार वह, जो खेत में काम कर रहा है, वह भी लौटकर न आए.
“ତିଆଡିନ୍ନା ଆନା ତୋଣ୍ଡୋ ବିଲେଙ୍‌ଲୋଙନ୍‌ ଡକୋତେ, ଆନିନ୍‌ ଅମ୍ମସିଙନ୍‌ ଆ ଜନବ୍‌ଜି ପାଙ୍‌ପାଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ ପଡ୍‌ଲନ୍‌ ଜିର୍‌ଡଙାୟ୍‌ ତଡ୍‌; ତିଅନ୍ତମ୍‌ ଆନା କୋତ୍ତାଲୋଙନ୍‌ ଡକୋତେ ଆନିନ୍‌ ୟର୍‌ଡଙ୍‌ନାୟ୍‌ ତଡ୍‌ ।
32 याद है लोत की पत्नी!
ଲୋଟନ୍‌ ଆ ଡୁକ୍ରି ଆ ବର୍ନେ ଇୟମ୍‌ବା ।
33 जो अपने प्राणों को बचाना चाहता है, उन्हें खो देता है और वह, जो अपने जीवन से मोह नहीं रखता, उसे बचा पाता है.
ଆନା ଆ ପରାନ୍ନାନ୍‌ ଅନବ୍‌ମେଙନ୍‌ ଆସନ୍‌ ଏର୍‌ତେ ଗୋୟ୍‌ତେ, ଆନିନ୍‌ ତିଆତେ ଅବ୍ବଡ଼ୟ୍‌ତେ, ଆରି ଆନା ଆ ପରାନ୍ନାନ୍‌ ଅବ୍ବଡ଼ୟ୍‌ତେ ଆନିନ୍‌ ତିଆତେ ଅବ୍‌ମେଙ୍‌ତେ ।
34 उस रात एक बिछौने पर सोए हुए दो व्यक्तियों में से एक उठा लिया जाएगा, दूसरा छोड़ दिया जाएगा.
ଞେନ୍‌ ଆମ୍ୱେଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ବର୍ତବେନ୍‌, ତି ଆ ତଗଲ୍‌ ବାଗୁନେ ଆବୟନ୍‌ ଆ କଟଲୋଙ୍‌ ଲୁଡ୍‌ତଜି, ଅବୟ୍‌ନେଆଡଙ୍‌ ଅନୋରୋଙନ୍‌ ଡେତେ, ଆରି ଅବୟ୍‌ନେଆଡଙ୍‌ ଅନମ୍‌ରେଙନ୍‌ ଡେତେ ।
35 दो स्त्रियां एक साथ अनाज पीस रही होंगी, एक उठा ली जाएगी, दूसरी छोड़ दी जाएगी. [
ବାଗୁ ଆଇମରନ୍‌ ଏକ୍କାନ୍‌ ରିଡ୍ଡିଁୟ୍‌ତଞ୍ଜି, ଅବୟ୍‌ନେଆଡଙ୍‌ ଅନୋରୋଙନ୍‌ ଡେତେ ଆରି ଅବୟ୍‌ନେଆଡଙ୍‌ ଅନମ୍‌ରେଙନ୍‌ ଡେତେ ।
36 खेत में दो व्यक्ति काम कर रहे होंगे एक उठा लिया जाएगा, दूसरा छोड़ दिया जाएगा.]”
ବାଗୁ ମନ୍‌ରାନ୍‌ କୋତ୍ତାଲୋଙନ୍‌ ଡକୋତଜି, ଅବୟ୍‌ନେଆଡଙ୍‌ ଅନୋରୋଙନ୍‌ ଡେତେ ଆରି ଅବୟ୍‌ନେଆଡଙ୍‌ ଅନମ୍‌ରେଙନ୍‌ ଡେତେ ।”
37 उन्होंने प्रभु येशु से प्रश्न किया, “कब प्रभु?” प्रभु येशु ने उत्तर दिया, “गिद्ध वहीं इकट्ठा होंगे, जहां शव होता है.”
ସିଲତ୍ତେ ଞଙ୍‌ନେମରଞ୍ଜି ଜିସୁନ୍‌ଆଡଙ୍‌ ବରେଞ୍ଜି, “ଏ ପ୍ରବୁ ଅଙ୍ଗାଲୋଙ୍‌?” ଜିସୁନ୍‌ ଆନିଞ୍ଜିଆଡଙ୍‌ ଜାଲଙେଞ୍ଜି, “ଅଙ୍ଗାଲୋଙ୍‌ ମରାନ୍‌ ଡକୋତେ, ତେତ୍ତେ ମରାଜୋମ୍‌ତିଡଞ୍ଜି ନିୟ୍‌ ରୁକ୍କୁତଞ୍ଜି ।”

< लूका 17 >