< एज्रा 2 >
1 इस प्रदेश के लोग, जो बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र द्वारा बंधुआई में ले जाए गए थे और जो बंधुआई से यहूदिया और येरूशलेम, अपने-अपने नगर को लौट आए थे, वे इस प्रकार है
१जिनको बाबेल का राजा नबूकदनेस्सर बाबेल को बन्दी बनाकर ले गया था, उनमें से प्रान्त के जो लोग बँधुआई से छूटकर यरूशलेम और यहूदा को अपने-अपने नगर में लौटे वे ये हैं।
2 ये वे हैं, जो ज़ेरुब्बाबेल के साथ आए थे: येशुआ, नेहेमियाह, सेराइयाह, रीलाइयाह, मोरदकय, बिलषान, मिसपार, बिगवाई, रेहुम और बाअनाह. इस्राएली प्रजा के पुरुषों की संख्या अपने-अपने कुलों के अनुसार निम्न लिखित है:
२ये जरुब्बाबेल, येशुअ, नहेम्याह, सरायाह, रेलायाह, मोर्दकै, बिलशान, मिस्पार, बिगवै, रहूम और बानाह के साथ आए। इस्राएली प्रजा के मनुष्यों की गिनती यह है: अर्थात्
३परोश की सन्तान दो हजार एक सौ बहत्तर,
४शपत्याह की सन्तान तीन सौ बहत्तर,
५आरह की सन्तान सात सौ पचहत्तर,
6 पाहाथ-मोआब के वंशजों में से येशुआ एवं योआब के वंशज 2,812
६पहत्मोआब की सन्तान येशुअ और योआब की सन्तान में से दो हजार आठ सौ बारह,
७एलाम की सन्तान बारह सौ चौवन,
८जत्तू की सन्तान नौ सौ पैंतालीस,
९जक्कई की सन्तान सात सौ साठ,
१०बानी की सन्तान छः सौ बयालीस,
११बेबै की सन्तान छः सौ तेईस,
१२अजगाद की सन्तान बारह सौ बाईस,
१३अदोनीकाम की सन्तान छः सौ छियासठ,
१४बिगवै की सन्तान दो हजार छप्पन,
१५आदीन की सन्तान चार सौ चौवन,
16 हिज़किय्याह की ओर से अतेर के वंशज 98
१६हिजकिय्याह की सन्तान आतेर की सन्तान में से अठानवे,
१७बेसै की सन्तान तीन सौ तेईस,
१८योरा के लोग एक सौ बारह,
१९हाशूम के लोग दो सौ तेईस,
२०गिब्बार के लोग पंचानबे,
21 बेथलेहेम के निवासी 123
२१बैतलहम के लोग एक सौ तेईस,
२३अनातोत के मनुष्य एक सौ अट्ठाईस,
२४अज्मावेत के लोग बयालीस,
25 किरयथ-यआरीम के कफीराह तथा बएरोथ के निवासी 743
२५किर्यत्यारीम कपीरा और बेरोत के लोग सात सौ तैंतालीस,
26 रामाह तथा गेबा के निवासी 621
२६रामाह और गेबा के लोग छः सौ इक्कीस,
२७मिकमाश के मनुष्य एक सौ बाईस,
28 बेथेल तथा अय के निवासी 223
२८बेतेल और आई के मनुष्य दो सौ तेईस,
३०मग्बीस की सन्तान एक सौ छप्पन,
31 उस अन्य एलाम के वंशज 1,254
३१दूसरे एलाम की सन्तान बारह सौ चौवन,
३२हारीम की सन्तान तीन सौ बीस,
३३लोद, हादीद और ओनो के लोग सात सौ पच्चीस,
३४यरीहो के लोग तीन सौ पैंतालीस,
३५सना के लोग तीन हजार छः सौ तीस।
36 पुरोहित: येशुआ के परिवार से येदाइयाह के वंशज 973
३६फिर याजकों अर्थात् येशुअ के घराने में से यदायाह की सन्तान नौ सौ तिहत्तर,
३७इम्मेर की सन्तान एक हजार बावन,
३८पशहूर की सन्तान बारह सौ सैंतालीस,
३९हारीम की सन्तान एक हजार सत्रह
40 लेवी: होदवियाह के वंशजों में से कदमिएल तथा येशुआ, होदवियाह के वंशज 74
४०फिर लेवीय, अर्थात् येशुअ की सन्तान और कदमीएल की सन्तान होदव्याह की सन्तान में से चौहत्तर।
४१फिर गवैयों में से आसाप की सन्तान एक सौ अट्ठाईस।
42 द्वारपाल: शल्लूम, अतेर, तालमोन, अक्कूब, हतिता और शेबाई 139
४२फिर दरबानों की सन्तान, शल्लूम की सन्तान, आतेर की सन्तान, तल्मोन की सन्तान, अक्कूब की सन्तान, हतीता की सन्तान, और शोबै की सन्तान, ये सब मिलाकर एक सौ उनतालीस हुए।
43 मंदिर सेवक इनके वंशज थे: ज़ीहा, हासुफ़ा, तब्बओथ,
४३फिर नतीन की सन्तान, सीहा की सन्तान, हसूपा की सन्तान, तब्बाओत की सन्तान।
४४केरोस की सन्तान, सीअहा की सन्तान, पादोन की सन्तान,
45 लेबानाह, हागाबाह, अक्कूब,
४५लबाना की सन्तान, हगाबा की सन्तान, अक्कूब की सन्तान,
४६हागाब की सन्तान, शल्मै की सन्तान, हानान की सन्तान,
47 गिद्देल, गाहर, रेआइयाह,
४७गिद्देल की सन्तान, गहर की सन्तान, रायाह की सन्तान,
48 रेज़िन, नेकोदा, गज्ज़ाम,
४८रसीन की सन्तान, नकोदा की सन्तान, गज्जाम की सन्तान,
४९उज्जा की सन्तान, पासेह की सन्तान, बेसै की सन्तान,
50 आसनाह, मिऊनी, नेफिसिम,
५०अस्ना की सन्तान, मूनीम की सन्तान, नपीसीम की सन्तान,
५१बकबूक की सन्तान, हकूपा की सन्तान, हर्हूर की सन्तान।
52 बाज़लुथ, मेहिदा, हरषा,
५२बसलूत की सन्तान, महीदा की सन्तान, हर्शा की सन्तान,
५३बर्कोस की सन्तान, सीसरा की सन्तान, तेमह की सन्तान,
५४नसीह की सन्तान, और हतीपा की सन्तान।
55 शलोमोन के सेवकों के वंशज: हसोफेरेथ, पेरुदा, सोताई,
५५फिर सुलैमान के दासों की सन्तान, सोतै की सन्तान, हस्सोपेरेत की सन्तान, परूदा की सन्तान,
56 याला, दारकोन, गिद्देल,
५६याला की सन्तान, दर्कोन की सन्तान, गिद्देल की सन्तान,
57 शेपाथियाह, हत्तील, पोचेरेथ-हज्ज़ेबाइम, आमि.
५७शपत्याह की सन्तान, हत्तील की सन्तान, पोकरेत-सबायीम की सन्तान, और आमी की सन्तान।
58 मंदिर के सेवक और शलोमोन के सेवकों की कुल गिनती: 392
५८सब नतीन और सुलैमान के दासों की सन्तान, तीन सौ बानवे थे।
59 ये वे हैं, जो तेल-मेलाह, तेल-हरषा, करूब, अद्दान तथा इम्मर से आए, तथा इनके पास अपनी वंशावली के सबूत नहीं थे, कि वे इस्राएल के वंशज थे भी या नहीं:
५९फिर जो तेल्मेलाह, तेलहर्शा, करूब, अद्दान और इम्मेर से आए, परन्तु वे अपने-अपने पितरों के घराने और वंशावली न बता सके कि वे इस्राएल के हैं, वे ये हैं:
60 देलाइयाह के वंशज, तोबियाह के वंशज तथा नेकोदा के वंशज 652
६०अर्थात् दलायाह की सन्तान, तोबियाह की सन्तान और नकोदा की सन्तान, जो मिलकर छः सौ बावन थे।
61 पुरोहितों में: होबाइयाह के वंशज, हक्कोज़ के वंशज तथा बारज़िल्लाई, जिसने गिलआदवासी बारज़िल्लाई की पुत्रियों में से एक के साथ विवाह किया था और उसने उन्हीं का नाम रख लिया.
६१याजकों की सन्तान में से हबायाह की सन्तान, हक्कोस की सन्तान और बर्जिल्लै की सन्तान, जिसने गिलादी बर्जिल्लै की एक बेटी को ब्याह लिया और उसी का नाम रख लिया था।
62 इन्होंने अपने पुरखों के पंजीकरण की खोज की, किंतु इन्हें सच्चाई मालूम न हो सकी; तब इन्हें सांस्कृतिक रूप से अपवित्र माना गया तथा इन्हें पुरोहित जवाबदारी से दूर रखा गया.
६२इन सभी ने अपनी-अपनी वंशावली का पत्र औरों की वंशावली की पोथियों में ढूँढ़ा, परन्तु वे न मिले, इसलिए वे अशुद्ध ठहराकर याजकपद से निकाले गए।
63 अधिपति ने उन्हें आदेश दिया कि वे उस समय तक अति पवित्र भोजन न खाएं, जब तक वहां कोई ऐसा पुरोहित न हो, जो उरीम तथा थुम्मिन से सलाह न ले लें.
६३और अधिपति ने उनसे कहा, कि जब तक ऊरीम और तुम्मीम धारण करनेवाला कोई याजक न हो, तब तक कोई परमपवित्र वस्तु खाने न पाए।
64 सारी सभा की पूरी संख्या हुई 42,360.
६४समस्त मण्डली मिलकर बयालीस हजार तीन सौ साठ की थी।
65 इनके अलावा 7,337 दास-दासियां तथा 200 गायक-गायिकाएं भी थी.
६५इनको छोड़ इनके सात हजार तीन सौ सैंतीस दास-दासियाँ और दो सौ गानेवाले और गानेवालियाँ थीं।
66 उनके 736 घोड़े, 245 खच्चर,
६६उनके घोड़े सात सौ छत्तीस, खच्चर दो सौ पैंतालीस, ऊँट चार सौ पैंतीस,
67 435 ऊंट तथा 6,720 गधे थे.
६७और गदहे छः हजार सात सौ बीस थे।
68 कुलों के कुछ प्रधान जब येरूशलेम में याहवेह के भवन में पहुंचे, उन्होंने अपनी इच्छा के अनुसार परमेश्वर के भवन को उसी नींव पर दोबारा बनाने के लिए दान दिया.
६८पितरों के घरानों के कुछ मुख्य-मुख्य पुरुषों ने जब यहोवा के भवन को जो यरूशलेम में है, आए, तब परमेश्वर के भवन को उसी के स्थान पर खड़ा करने के लिये अपनी-अपनी इच्छा से कुछ दिया।
69 उन्होंने अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार इस काम के लिए 61,000 सोने के सिक्के, 5,000 चांदी के सिक्के तथा 100 पुरोहित वस्त्र खजाने में जमा करा दिए.
६९उन्होंने अपनी-अपनी पूँजी के अनुसार इकसठ हजार दर्कमोन सोना और पाँच हजार माने चाँदी और याजकों के योग्य एक सौ अंगरखे अपनी-अपनी इच्छा से उस काम के खजाने में दे दिए।
70 इस समय पुरोहित, लेवी, द्वारपाल, गायक, कुछ सामान्य प्रजाजन, मंदिर के सेवक, जो सभी इस्राएल वंशज ही थे, अपने-अपने नगरों में रहने लगे. पूरा इस्राएल अपने-अपने नगर में बस चुका था.
७०तब याजक और लेवीय और लोगों में से कुछ और गवैये और द्वारपाल और नतीन लोग अपने नगर में और सब इस्राएली अपने-अपने नगर में फिर बस गए।