< निर्गमन 28 >

1 “इस्राएलियों में से अपने भाई अहरोन और उसके पुत्र नादाब और अबीहू, एलिएज़र और इथामार को बुलाना, ताकि वे मेरे लिए पुरोहित का काम करें.
“Also, join to yourself your brother Aaron, with his sons from the midst of the sons of Israel, so that they may exercise the priesthood for me: Aaron, Nadab and Abihu, Eleazar and Ithamar.
2 अपने भाई अहरोन के लिए, उसकी मर्यादा और शोभा के लिए, पवित्र वस्त्र बनवाना.
And you shall make a holy vestment for Aaron, your brother, with glory and elegance.
3 उन सब कुशल शिल्पकारों को, जिन्हें मैंने इस काम के लिए चुना है, वे अहरोन के अभिषेक के लिए वस्त्र बनाएं, जिसे पहनकर वह मेरे लिए पुरोहित का काम कर सके.
And you shall speak to all the wise of heart, whom I have filled with the spirit of prudence, so that they may make the vestments of Aaron, in which, having been sanctified, he may minister to me.
4 उन्हें वक्षपेटिका, एफ़ोद, अंगरखा, बेलबूटेदार कुर्ता, पगड़ी और कमरबंध आदि वस्त्र बनाना होगा. वे तुम्हारे भाई अहरोन और उसके पुत्रों के लिए पवित्र वस्त्र बनाएं, वे इन्हें पहनकर मेरे लिए पुरोहित का काम करें.
Now these shall be the vestments that they shall make: A breastplate and an ephod, a tunic and a close-fit linen garment, a headdress and a wide belt. They shall make the holy vestments for your brother Aaron and his sons, so that they may exercise the priesthood for me.
5 वे सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े और मलमल का उपयोग करें.
And they shall receive gold, and hyacinth, and purple, and twice-dyed scarlet, and fine linen.
6 “तुम एक कुशल शिल्पकार द्वारा सोने के तारों से, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ों तथा बंटी हुई मलमल से, एफ़ोद बनवाना.
Then they shall make the ephod of gold, and hyacinth, and purple, and twice-dyed scarlet, and fine twisted linen, wrought with diverse colors.
7 एफ़ोद को जोड़ने के लिए कंधों की पट्टियां बनाना और कंधे की इन पट्टियों को एफ़ोद के कंधे से उसके दोनों भाग जोड़ देना.
It shall have two edges joined at the top on both sides, so that they may respond as one.
8 कमरबंध एफ़ोद के साथ बुना हुआ हो और एक ही प्रकार की सामग्री से बना हो, अर्थात् सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़ों से और बंटी हुई मलमल से बनाना.
Likewise, the weaving and all the detail work shall be of gold, and hyacinth, and purple, and twice-dyed scarlet, and fine twisted linen.
9 “सुलेमानी दो मणियों पर इस्राएल के पुत्रों के नाम खुदवाना,
And you shall take two onyx stones and engrave on them the names of the sons of Israel:
10 उनके जन्म के अनुसार, एक मणि पर छः नाम और दूसरी मणि पर बाकी छः नाम खुदवाना.
six names on one stone, and the remaining six on the other, according to the order of their birth.
11 जिस प्रकार जौहरी मुद्राओं को खोदता है, उसी प्रकार इन दोनों मणियों पर इस्राएल के पुत्रों के नाम खुदवाना. उन्हें सोने के खांचों में जड़वा देना.
By the work of a sculptor and the skill of a jeweler, you shall engrave them with the names of the sons of Israel, enclosed and encompassed with gold.
12 इन दोनों मणियों को इस्राएल के पुत्रों के यादगार मणियों के रूप में एफ़ोद के कंधे में लगवाना. अहरोन अपने दोनों कंधों पर उनके नाम याहवेह के सामने याद कराने वाली ये मणि हो.
And you shall place them on both sides of the ephod, as a memorial to the sons of Israel. And Aaron shall carry their names before the Lord, upon both shoulders, as a remembrance.
13 फिर सोने के खाने बनवाना.
You shall also make hooks of gold,
14 और रस्सियों के समान गुंथी हुई कुन्दन की दो जंजीरें बनवाना और इन गुंथी हुई जंजीरों को खांचों में लगवाना.
and two little chains of the purest gold, linked to one another, which you shall insert into the hooks.
15 “तुम एक कुशल शिल्पकार द्वारा न्याय की पेटी बनवाना, उसे बेलबूटेदार एफ़ोद के समान बनवाना. उसे सुनहरे, नीले, बैंगनी और लाल रंग के कपड़े तथा बंटी हुई मलमल से बनवाना.
Likewise, you shall make the breastplate of judgment, wrought with diverse colors according to the weaving of the ephod: of gold, hyacinth and purple, and twice-dyed scarlet, and fine twisted linen.
16 वक्ष पटल को मोड़कर दो भाग बनाना. और इसका आकार चौकोर हो, और यह साढ़े बाईस सेंटीमीटर लंबा तथा साढ़े बाईस सेंटीमीटर चौड़ा हो.
It shall have four corners and be doubled. It shall have the measure of the palm of a hand, both in length and in width.
17 उसमें मणियों की चार पंक्तियां लगवाना. पहली पंक्ति में एक माणिक्य, एक पुखराज और एक मरकत हो.
And you shall set within it four rows of stones. In the first row, there shall be a sardius stone, and a topaz, and an emerald.
18 दूसरी पंक्ति में एक लाल मणि, एक नीलम और एक हीरा हो.
In the second, there shall be a garnet, a sapphire, and a jasper.
19 तीसरी पंक्ति में एक तृणमणि, एक यशब और एक याकूत.
In the third, there shall be a zircon, an agate, and an amethyst.
20 चौथी पंक्ति में एक स्वर्णमणि, एक सुलेमानी और एक सूर्यकांत मणि इन्हें नक्काशी किए हुए सोने के खांचों में लगवाना.
In the fourth, there shall be a chrysolite, an onyx, and a beryl. They shall be set in gold by their rows.
21 इस्राएल के बारह पुत्रों के अनुसार बारह मणियां हों. हर मणि पर बारह गोत्रों में से एक नाम लिखा हो जिस तरह मोहरों पर होता है.
And these shall have the names of the sons of Israel. With twelve names shall they be engraved: each stone with one name from the twelve tribes.
22 “वक्षपेटिका के लिए बंटी हुई डोरियों के रूप में सोने की गुंथी हुई जंजीर बनवाना.
You shall make chains of the purest gold, linked one to another, on the breastplate,
23 वक्षपेटिका के लिए सोने के दो कड़े भी बनवाना और इन दोनों कड़ों को वक्षपेटिका के दोनों सिरों पर लगवाना.
and two rings of gold, which you shall place at both ends of the breastplate.
24 इसके बाद सोने की इन दोनों डोरियों को वक्षपेटिका के सिरों में लगे हुए दोनों कड़ों में लगवाना.
And the golden chains, you shall join to the rings, which are at its edges.
25 दोनों डोरियों के दूसरे सिरों को नक्काशी किए हुए दोनों खांचों में जुड़वाना. उन्हें एफ़ोद के कंधों में सामने की ओर लगवाना.
And the ends of the chains themselves, you shall couple with two hooks, on both sides of the ephod, which looks toward the breastplate.
26 फिर सोने के दो और कड़े बनवाकर इन्हें वक्षपेटिका के सिरों पर अंदर की ओर एफ़ोद से सटाकर लगवाना.
You shall also make two rings of gold, which you shall place at the ends of the breastplate, at the borders which are away from the region of the ephod and which look toward its back.
27 दो कड़े बनवाना और उन्हें एफ़ोद के कंधों की तरफ़ की छोर के सामने की तरफ़ से मिला देना, जो एफ़ोद के बुनी हुई पट्टी के पास से हो.
And then you shall also make two other rings of gold, which are to be suspended on both sides at the bottom of the ephod, which looks out opposite the face of the lower juncture, so that the breastplate can be fitted to the ephod.
28 वक्ष पटल को उसके कड़ों के द्वारा एफ़ोद के कड़ों से एक नीले रंग की रस्सी द्वारा बांधना, जिससे यह अब एफ़ोद के बुने हुए भाग पर जुड़ जायें ताकि वक्ष पटल एवं एफ़ोद एक दूसरे से जुड़े रहेंगे.
And it shall be drawn tight to the rings of the breastplate, by the rings of the ephod, with a hyacinth band, so that the well-constructed juncture will remain in place, and the breastplate and the ephod will not be able to be separated from one another.
29 “जब अहरोन पवित्र स्थान में जाएगा, तब वह न्याय पेटी पर लिखे इस्राएल के नाम अपने हृदय पर लगाकर रखें जिससे याहवेह के सामने हमेशा उसे याद करते रहे.
And Aaron shall carry the names of the sons of Israel on the breastplate of judgment upon his chest, when he enters into the Sanctuary, as a memorial in the presence of the Lord in eternity.
30 न्याय पेटी में उरीम और थुम्मीम को रखना, जिससे अहरोन उन्हें अपने हृदय पर लिए हुए याहवेह के सामने आए. इस प्रकार अहरोन याहवेह के सामने आते समय इस्राएल को हमेशा अपने हृदय पर लगाए रखे.
Then you shall place in the breastplate of judgment, Doctrine and Truth, which shall then be upon Aaron’s chest, when he enters before the Lord. And he shall wear the judgment of the sons of Israel on his chest, in the sight of the Lord always.
31 “एफ़ोद का पूरा अंगरखा नीले कपड़े का बनवाना.
And you shall make the tunic for the ephod entirely of hyacinth,
32 बीच में सिर के लिए एक छेद हो और उस छेद के चारों ओर गिरेबां जैसी एक गोट हो, जिससे वह फटे नहीं.
and the head will be above its middle, with a hem woven around it, just as is usually made at the end parts of a garment, so that it may not be easily broken.
33 इस वस्त्र की किनारी पर नीली, बैंगनी तथा लाल सूक्ष्म बंटी हुई सन के रेशों से अनार बनवाना. सोने की घंटियां भी बनवाना और इन्हें वस्त्र की किनारी के चारों ओर अनारों के बीच में लगा देना.
Yet truly, beneath it, at the base of the same tunic, all around, you shall make something like pomegranates, from hyacinth, and purple, and twice-dyed scarlet, with little bells set in their midst.
34 अंगरखे के निचले घेरे में एक अनार के बाद सोने की एक घंटी हो, फिर एक अनार के बाद फिर एक सोने की घंटी.
So then, there shall be a little golden bell and a pomegranate, and again another golden bell and a pomegranate.
35 अहरोन सेवा करते समय उसे पहन लेगा जब वह याहवेह के सामने पवित्र स्थान में जाएगा और उसमें से निकल आएगा, तो घण्टियों का शब्द सुनाई देगा, ऐसा नहीं होने पर उसकी मृत्यु हो जाएगी.
And Aaron will be vested with it during the office of his ministry, so that the sound may be heard when he enters and exits the Sanctuary, in the sight of the Lord, and so that he may not die.
36 “शुद्ध सोने की एक पट पर मुहर के समान ये अक्षर खोदे जायें: याहवेह के लिए पवित्र
And you shall make a plate of the purest gold, in which you shall engrave, with the skill of a sculptor, ‘Holy to the Lord.’
37 तुम उसे नीला फीता से सामने की ओर पगड़ी में बांधना
And you shall fasten it with a band of hyacinth, and it shall be upon the headdress,
38 अहरोन उसे अपने सिर पर रखे और इससे वह इस्राएलियों द्वारा चढ़ाए पवित्र चढ़ावों का दोष अहरोन अपने ऊपर उठाए रखे. वह उस पटिए को सदा अपने सिर पर उठाए रखे, जिससे याहवेह उससे खुश रहे.
hanging in front of the high priest. And Aaron shall carry the iniquities of that which the sons of Israel have offered and sanctified, in all their gifts and donations. But the plate will always be at his forehead, so that the Lord may be well pleased with them.
39 “कुर्ता और पगड़ी मलमल के और कमरबंध बेलबूटेदार हों.
And you shall draw the tunic tight with fine linen, and you shall make a headdress of fine linen, and a wide belt, wrought with embroidery.
40 अहरोन के पुत्रों की मर्यादा और शोभा के लिए कुर्ता, कमरबंध ओर टोपी बनवाना.
Furthermore, for the sons of Aaron, you shall prepare linen tunics, and wide belts as well as headdresses, with glory and elegance.
41 अपने भाई अहरोन और उसके पुत्रों को उन्हें पहनाना और उनका पुरोहित के रूप में अभिषेक करना. उन्हें पवित्र करना, जिससे वे मेरे लिए पुरोहित का काम कर सकें.
And with all these you shall vest your brother Aaron, and his sons with him. And you shall consecrate all their hands, and you shall sanctify them, so that they may exercise the priesthood for me.
42 “उनके शरीर ढकने के लिए मलमल के जांघिये बनवाना.
You shall also make linen undergarments, in order to cover the flesh of their nakedness, from the kidneys all the way to the thighs.
43 उनकी लंबाई कमर से जांघ तक हो जब अहरोन और उसके पुत्र मिलनवाले तंबू में जायें अथवा पवित्र स्थान में सेवा करने के लिए वेदी के पास जायें, तब वे उस वस्त्र को पहनें, जिससे वे अपराधी न बनें और उनकी मृत्यु न हो. “यह उसके और उसके बाद होनेवाले उसके वंश के लिए स्थिर आदेश है.
And Aaron and his sons will use them when they enter the tabernacle of the testimony, and when they approach toward the altar, in order to minister in the sanctuary, lest, being guilty of iniquity, they may die. It shall be a law forever for Aaron, and for his offspring after him.”

< निर्गमन 28 >