< 2 דִּבְרֵי הַיָּמִים 2 >

וַיֹּ֣אמֶר שְׁלֹמֹ֗ה לִבְנֹ֥ות בַּ֙יִת֙ לְשֵׁ֣ם יְהוָ֔ה וּבַ֖יִת לְמַלְכוּתֹֽו׃ 1
और सुलेमान ने 'इरादा किया कि एक घर ख़ुदावन्द के नाम के लिए और एक घर अपनी हुकूमत के लिए बनाए।
וַיִּסְפֹּ֨ר שְׁלֹמֹ֜ה שִׁבְעִ֥ים אֶ֙לֶף֙ אִ֣ישׁ סַבָּ֔ל וּשְׁמֹונִ֥ים אֶ֛לֶף אִ֖ישׁ חֹצֵ֣ב בָּהָ֑ר וּמְנַצְּחִ֣ים עֲלֵיהֶ֔ם שְׁלֹ֥שֶׁת אֲלָפִ֖ים וְשֵׁ֥שׁ מֵאֹֽות׃ פ 2
और सुलेमान ने सत्तर हज़ार भोझ उठाने वाले और पहाड़ में अस्सी हज़ार पत्थर काटाने वाले और तीन हज़ार छ: सौ आदमी उनकी निगरानी के लिए गिनकर ठहरा दिए।
וַיִּשְׁלַ֣ח שְׁלֹמֹ֔ה אֶל־חוּרָ֥ם מֶֽלֶךְ־צֹ֖ר לֵאמֹ֑ר כַּאֲשֶׁ֤ר עָשִׂ֙יתָ֙ עִם־דָּוִ֣יד אָבִ֔י וַתִּֽשְׁלַֽח־לֹ֣ו אֲרָזִ֔ים לִבְנֹֽות־לֹ֥ו בַ֖יִת לָשֶׁ֥בֶת בֹּֽו׃ 3
और सुलेमान ने सूर के बादशाह हूराम के पास कहला भेज़ा कि जैसा तूने मेरे बाप दाऊद के साथ किया और उसके पास देवदार की लकड़ी भेजी कि वह अपने रहने के लिए एक घर बनाए वैसा ही मेरे साथ भी कर
הִנֵּה֩ אֲנִ֨י בֹֽונֶה־בַּ֜יִת לְשֵׁ֣ם ׀ יְהוָ֣ה אֱלֹהָ֗י לְהַקְדִּ֣ישׁ לֹ֡ו לְהַקְטִ֣יר לְפָנָ֣יו קְטֹֽרֶת־סַמִּים֩ וּמַעֲרֶ֨כֶת תָּמִ֤יד וְעֹלֹות֙ לַבֹּ֣קֶר וְלָעֶ֔רֶב לַשַּׁבָּתֹות֙ וְלֶ֣חֳדָשִׁ֔ים וּֽלְמֹועֲדֵ֖י יְהוָ֣ה אֱלֹהֵ֑ינוּ לְעֹולָ֖ם זֹ֥את עַל־יִשְׂרָאֵֽל׃ 4
मैं ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के नाम के लिए एक घर बनाने को हूँ कि उसके लिए पाक करूँ और उसके आगे ख़ुशबूदार मसाल्हे का ख़ुशबू जलाऊ, और वह सबतों और नए चाँदों और ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा की मुक़र्ररा 'ईदों पर हमेशा नज़्र की रोटी और सुबह और शाम की सोख़्तनी क़ुर्बानियों के लिए हो क्यूँकि यह हमेशा तक इस्राईल पर फ़र्ज़ है।
וְהַבַּ֛יִת אֲשֶׁר־אֲנִ֥י בֹונֶ֖ה גָּדֹ֑ול כִּֽי־גָדֹ֥ול אֱלֹהֵ֖ינוּ מִכָּל־הָאֱלֹהִֽים׃ 5
और वह घर जो मै बनाने को हूँ अज़ीम उश शान होगा क्यूँकि हमारा ख़ुदा सब मा'बूदों से 'अज़ीम है।
וּמִ֤י יַעֲצָר־כֹּ֙חַ֙ לִבְנֹֽות־לֹ֣ו בַ֔יִת כִּ֧י הַשָּׁמַ֛יִם וּשְׁמֵ֥י הַשָּׁמַ֖יִם לֹ֣א יְכַלְכְּלֻ֑הוּ וּמִ֤י אֲנִי֙ אֲשֶׁ֣ר אֶבְנֶה־לֹּ֣ו בַ֔יִת כִּ֖י אִם־לְהַקְטִ֥יר לְפָנָֽיו׃ 6
लेकिन उसके लिए कौन घर बनाने के लिए काबिल है जिस हाल के आसमान में बल्कि आसमानों के आसमान में भी वह समां नहीं सकता तो भला मै कौन हूँ जो उसके सामने ख़ुशबू जलाने के 'अलावा किसी और ख़्याल से उसके लिए घर बनाऊँ?
וְעַתָּ֡ה שְֽׁלַֽח־לִ֣י אִישׁ־חָכָ֡ם לַעֲשֹׂות֩ בַּזָּהָ֨ב וּבַכֶּ֜סֶף וּבַנְּחֹ֣שֶׁת וּבַבַּרְזֶ֗ל וּבָֽאַרְגְּוָן֙ וְכַרְמִ֣יל וּתְכֵ֔לֶת וְיֹדֵ֖עַ לְפַתֵּ֣חַ פִּתּוּחִ֑ים עִם־הַֽחֲכָמִ֗ים אֲשֶׁ֤ר עִמִּי֙ בִּֽיהוּדָ֣ה וּבִֽירוּשָׁלַ֔͏ִם אֲשֶׁ֥ר הֵכִ֖ין דָּוִ֥יד אָבִֽי׃ 7
इसलिए अब तू मेरे पास एक ऐसे शख़्स को भेज दे जो सोने और चाँदी और पीतल और लोहे के काम में और अर्ग़वानी और क़िर्मिज़ी और नीले कपड़े के काम में माहिर हो और नक़्क़ाशी भी जानता हो ताकि वह उन कारीगरों के साथ रहे जो मेरे बाप दाऊद के ठहराए हुए यहूदाह और येरूशलेम में मेरे पास हैं।
וּֽשְׁלַֽח־לִי֩ עֲצֵ֨י אֲרָזִ֜ים בְּרֹושִׁ֣ים וְאַלְגּוּמִּים֮ מֵֽהַלְּבָנֹון֒ כִּ֚י אֲנִ֣י יָדַ֔עְתִּי אֲשֶׁ֤ר עֲבָדֶ֙יךָ֙ יֹֽודְעִ֔ים לִכְרֹ֖ות עֲצֵ֣י לְבָנֹ֑ון וְהִנֵּ֥ה עֲבָדַ֖י עִם־עֲבָדֶֽיךָ׃ 8
और देवदार और सनोबर और सन्दल के लट्ठे लुबनान से मेरे पास भेजना क्यूँकि मै जनता हु तेरे नौकर लुबनान की लकड़ी कटाने में होशियार है और मेरे नौकर तेरे नौकरों के साथ रहकर,
וּלְהָכִ֥ין לִ֛י עֵצִ֖ים לָרֹ֑ב כִּ֥י הַבַּ֛יִת אֲשֶׁר־אֲנִ֥י בֹונֶ֖ה גָּדֹ֥ול וְהַפְלֵֽא׃ 9
मेरे लिए बहुत सी लकड़ी तैयार करेंगे क्यूँकि वह घर जो मै बनाने को हूँ बहुत आ’लिशान होगा
וְהִנֵּ֣ה לַֽחֹטְבִ֣ים ׀ לְֽכֹרְתֵ֣י ׀ הָעֵצִ֡ים נָתַתִּי֩ חִטִּ֨ים ׀ מַכֹּ֜ות לַעֲבָדֶ֗יךָ כֹּרִים֙ עֶשְׂרִ֣ים אֶ֔לֶף וּשְׂעֹרִ֕ים כֹּרִ֖ים עֶשְׂרִ֣ים אָ֑לֶף וְיַ֗יִן בַּתִּים֙ עֶשְׂרִ֣ים אֶ֔לֶף וְשֶׁ֕מֶן בַּתִּ֖ים עֶשְׂרִ֥ים אָֽלֶף׃ פ 10
और मै तेरे नौकरों या'नी लकड़ी कटाने वालों को बीस हज़ार कुर साफ़ किया हुआ गेहू और बीस हज़ार कुर जौ, और बीस हज़ार बत मय और बीस हज़ार बत तेल दूँगा।
וַיֹּ֨אמֶר חוּרָ֤ם מֶֽלֶךְ־צֹר֙ בִּכְתָ֔ב וַיִּשְׁלַ֖ח אֶל־שְׁלֹמֹ֑ה בְּאַהֲבַ֤ת יְהוָה֙ אֶת־עַמֹּ֔ו נְתָנְךָ֥ עֲלֵיהֶ֖ם מֶֽלֶךְ׃ 11
तब सूर के बादशाह हूराम ने जवाब लिखकर उसे सुलेमान के पास भेजा कि चूँकि ख़ुदावन्द को अपने लोगों से मुहब्बत है इसलिए उस ने तुझको उन का बादशाह बनाया है।
וַיֹּאמֶר֮ חוּרָם֒ בָּר֤וּךְ יְהוָה֙ אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֔ל אֲשֶׁ֣ר עָשָׂ֔ה אֶת־הַשָּׁמַ֖יִם וְאֶת־הָאָ֑רֶץ אֲשֶׁ֣ר נָתַן֩ לְדָוִ֨יד הַמֶּ֜לֶךְ בֵּ֣ן חָכָ֗ם יֹודֵ֙עַ֙ שֵׂ֣כֶל וּבִינָ֔ה אֲשֶׁ֤ר יִבְנֶה־בַּ֙יִת֙ לַיהוָ֔ה וּבַ֖יִת לְמַלְכוּתֹֽו׃ 12
और हूराम ने यह भी कहा ख़ुदावन्द इस्राईल का ख़ुदा जिस ने आसमान और ज़मीन को पैदा किया मुबारक हो कि उस ने दाऊद बादशाह को एक दाना बेटा फ़हम — व — मा'रिफ़त से मा'मूर बख़्शा ताकि वह ख़ुदावन्द के लिए एक घर और अपनी हुकूमत के लिए एक घर बनाए।
וְעַתָּ֗ה שָׁלַ֧חְתִּי אִישׁ־חָכָ֛ם יֹודֵ֥עַ בִּינָ֖ה לְחוּרָ֥ם אָבִֽי׃ 13
तब मैंने अपने बाप हूराम के एक होशियार शख़्स को जोअक़्ल से मा'मूर है भेज दिया है।
בֶּן־אִשָּׁ֞ה מִן־בְּנֹ֣ות דָּ֗ן וְאָבִ֣יו אִישׁ־צֹרִ֡י יֹודֵ֡עַ לַעֲשֹׂ֣ות בַּזָּֽהָב־וּ֠בַכֶּסֶף בַּנְּחֹ֨שֶׁת בַּבַּרְזֶ֜ל בָּאֲבָנִ֣ים וּבָעֵצִ֗ים בָּאַרְגָּמָ֤ן בַּתְּכֵ֙לֶת֙ וּבַבּ֣וּץ וּבַכַּרְמִ֔יל וּלְפַתֵּ֙חַ֙ כָּל־פִּתּ֔וּחַ וְלַחְשֹׁ֖ב כָּל־מַחֲשָׁ֑בֶת אֲשֶׁ֤ר יִנָּֽתֶן־לֹו֙ עִם־חֲכָמֶ֔יךָ וְֽחַכְמֵ֔י אֲדֹנִ֖י דָּוִ֥יד אָבִֽיךָ׃ 14
वह दान की बेटियों में से एक 'औरत का बेटा है और उसका बाप सूर का बाशिन्दा था वह सोने और चाँदी और पीतल और लोहे और पत्थर और लकड़ी के काम में और अर्गवानी और नीले और क़िर्मिज़ी और कतानी कपड़े के काम में माहिर और हर तरह की नक़्क़ाशी और हर क़िस्म की सन'अत में ताक़ है ताकि तेरे हुनरमन्दों और मेरे मख़दूम तेरे बाप दाऊद के हुनरमंदों के साथ उसके लिए जगह मुक़र्रर हो जाए।
וְ֠עַתָּה הַחִטִּ֨ים וְהַשְּׂעֹרִ֜ים הַשֶּׁ֤מֶן וְהַיַּ֙יִן֙ אֲשֶׁ֣ר אָמַ֣ר אֲדֹנִ֔י יִשְׁלַ֖ח לַעֲבָדָֽיו׃ 15
और अब गेंहूँ और जौ और तेल और शराब जिनका मेरे मालिक ने ज़िक्र किया है वह उनको अपने ख़ादिमों के लिए भेजे।
וַ֠אֲנַחְנוּ נִכְרֹ֨ת עֵצִ֤ים מִן־הַלְּבָנֹון֙ כְּכָל־צָרְכֶּ֔ךָ וּנְבִיאֵ֥ם לְךָ֛ רַפְסֹדֹ֖ות עַל־יָ֣ם יָפֹ֑ו וְאַתָּ֛ה תַּעֲלֶ֥ה אֹתָ֖ם יְרוּשָׁלָֽ͏ִם׃ פ 16
और जितनी लकड़ी तुझको ज़रूरत है हम लुबनान से काटेंगे और उनके बेड़े बनवाकर समुन्दर ही समुन्दर तेरे पास याफ़ा में पहुँचाएँगें, फिर तू उनको येरूशलेम को ले जाना।
וַיִּסְפֹּ֣ר שְׁלֹמֹ֗ה כָּל־הָאֲנָשִׁ֤ים הַגֵּירִים֙ אֲשֶׁר֙ בְּאֶ֣רֶץ יִשְׂרָאֵ֔ל אַחֲרֵ֣י הַסְּפָ֔ר אֲשֶׁ֥ר סְפָרָ֖ם דָּוִ֣יד אָבִ֑יו וַיִּמָּצְא֗וּ מֵאָ֤ה וַחֲמִשִּׁים֙ אֶ֔לֶף וּשְׁלֹ֥שֶׁת אֲלָפִ֖ים וְשֵׁ֥שׁ מֵאֹֽות׃ 17
और सुलेमान ने इस्राईल के मुल्क में के सब परदेसियों को शुमार किया जैसे उसके बाप दाऊद ने उनको शुमार किया था और वह एक लाख तिरपन हज़ार छ: सौ निकले।
וַיַּ֨עַשׂ מֵהֶ֜ם שִׁבְעִ֥ים אֶ֙לֶף֙ סַבָּ֔ל וּשְׁמֹנִ֥ים אֶ֖לֶף חֹצֵ֣ב בָּהָ֑ר וּשְׁלֹ֤שֶׁת אֲלָפִים֙ וְשֵׁ֣שׁ מֵאֹ֔ות מְנַצְּחִ֖ים לְהַעֲבִ֥יד אֶת־הָעָֽם׃ 18
और उसने उन में से सत्तर हज़ार को बोझ उठाने वालो पर और अस्सी हज़ार को पहाड़ पर पत्थर काटने के लिए और तीन हज़ार छ: सौ को लोगों से काम लेने के लिए नज़ीर ठहराया।

< 2 דִּבְרֵי הַיָּמִים 2 >