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I understand that the Aionian Bible republishes public domain and Creative Commons Bible texts and that volunteers may be needed to present the original text accurately. I also understand that apocryphal text is removed and most variant verse numbering is mapped to the English standard. I have entered my corrections under the verse(s) below. Proposed corrections to the Hindi Bible, 1-Kings Chapter 21 https://www.AionianBible.org/Bibles/Hindi---Hindi-Bible/1-Kings/21 1 १) नाबोत नामक एक यिज्रेली की एक दाख की बारी सामरिया के राजा अहाब के राजभवन के पास यिज्रेल में थी। 2 २) इन बातों के बाद अहाब ने नाबोत से कहा, “तेरी दाख की बारी मेरे घर के पास है, तू उसे मुझे दे कि मैं उसमें साग-पात की बारी लगाऊँ; और मैं उसके बदले तुझे उससे अच्छी एक वाटिका दूँगा, नहीं तो तेरी इच्छा हो तो मैं तुझे उसका मूल्य दे दूँगा।” 3 ३) नाबोत ने अहाब से कहा, “यहोवा न करे कि मैं अपने पुरखाओं का निज भाग तुझे दूँ!” 4 ४) यिज्रेली नाबोत के इस वचन के कारण “मैं तुझे अपने पुरखाओं का निज भाग न दूँगा,” अहाब उदास और अप्रसन्न होकर अपने घर गया, और बिछौने पर लेट गया और मुँह फेर लिया, और कुछ भोजन न किया। 5 ५) तब उसकी पत्नी ईजेबेल ने उसके पास आकर पूछा, “तेरा मन क्यों ऐसा उदास है कि तू कुछ भोजन नहीं करता?” 6 ६) उसने कहा, “कारण यह है, कि मैंने यिज्रेली नाबोत से कहा ‘रुपया लेकर मुझे अपनी दाख की बारी दे, नहीं तो यदि तू चाहे तो मैं उसके बदले दूसरी दाख की बारी दूँगा’; और उसने कहा, ‘मैं अपनी दाख की बारी तुझे न दूँगा।’” 7 ७) उसकी पत्नी ईजेबेल ने उससे कहा, “क्या तू इस्राएल पर राज्य करता है कि नहीं? उठकर भोजन कर; और तेरा मन आनन्दित हो; यिज्रेली नाबोत की दाख की बारी मैं तुझे दिलवा दूँगी।” 8 ८) तब उसने अहाब के नाम से चिट्ठी लिखकर उसकी अंगूठी की छाप लगाकर, उन पुरनियों और रईसों के पास भेज दी जो उसी नगर में नाबोत के पड़ोस में रहते थे। 9 ९) उस चिट्ठी में उसने यह लिखा, “उपवास का प्रचार करो, और नाबोत को लोगों के सामने ऊँचे स्थान पर बैठाना। 10 १०) तब दो नीच जनों को उसके सामने बैठाना जो साक्षी देकर उससे कहें, ‘तूने परमेश्वर और राजा दोनों की निन्दा की।’ तब तुम लोग उसे बाहर ले जाकर उसको पथरवाह करना, कि वह मर जाए।” 11 ११) ईजेबेल की चिट्ठी में की आज्ञा के अनुसार नगर में रहनेवाले पुरनियों और रईसों ने उपवास का प्रचार किया, 12 १२) और नाबोत को लोगों के सामने ऊँचे स्थान पर बैठाया। 13 १३) तब दो नीच जन आकर उसके सम्मुख बैठ गए; और उन नीच जनों ने लोगों के सामने नाबोत के विरुद्ध यह साक्षी दी, “नाबोत ने परमेश्वर और राजा दोनों की निन्दा की।” इस पर उन्होंने उसे नगर से बाहर ले जाकर उसको पथरवाह किया, और वह मर गया। 14 १४) तब उन्होंने ईजेबेल के पास यह कहला भेजा कि नाबोत पथरवाह करके मार डाला गया है। 15 १५) यह सुनते ही कि नाबोत पथरवाह करके मार डाला गया है, ईजेबेल ने अहाब से कहा, “उठकर यिज्रेली नाबोत की दाख की बारी को जिसे उसने तुझे रुपया लेकर देने से भी इन्कार किया था अपने अधिकार में ले, क्योंकि नाबोत जीवित नहीं परन्तु वह मर गया है।” 16 १६) यिज्रेली नाबोत की मृत्यु का समाचार पाते ही अहाब उसकी दाख की बारी अपने अधिकार में लेने के लिये वहाँ जाने को उठ खड़ा हुआ। 17 १७) तब यहोवा का यह वचन तिशबी एलिय्याह के पास पहुँचा, 18 १८) “चल, सामरिया में रहनेवाले इस्राएल के राजा अहाब से मिलने को जा; वह तो नाबोत की दाख की बारी में है, उसे अपने अधिकार में लेने को वह वहाँ गया है। 19 १९) और उससे यह कहना, कि यहोवा यह कहता है, ‘क्या तूने घात किया, और अधिकारी भी बन बैठा?’ फिर तू उससे यह भी कहना, कि यहोवा यह कहता है, ‘जिस स्थान पर कुत्तों ने नाबोत का लहू चाटा, उसी स्थान पर कुत्ते तेरा भी लहू चाटेंगे।’” 20 २०) एलिय्याह को देखकर अहाब ने कहा, “हे मेरे शत्रु! क्या तूने मेरा पता लगाया है?” उसने कहा, “हाँ, लगाया तो है; और इसका कारण यह है, कि जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, उसे करने के लिये तूने अपने को बेच डाला है। 21 २१) मैं तुझ पर ऐसी विपत्ति डालूँगा, कि तुझे पूरी रीति से मिटा डालूँगा; और तेरे घर के एक-एक लड़के को और क्या बन्धुए, क्या स्वाधीन इस्राएल में हर एक रहनेवाले को भी नाश कर डालूँगा। 22 २२) और मैं तेरा घराना नबात के पुत्र यारोबाम, और अहिय्याह के पुत्र बाशा का सा कर दूँगा; इसलिए कि तूने मुझे क्रोधित किया है, और इस्राएल से पाप करवाया है। 23 २३) और ईजेबेल के विषय में यहोवा यह कहता है, ‘यिज्रेल के किले के पास कुत्ते ईजेबेल को खा डालेंगे।’ 24 २४) अहाब का जो कोई नगर में मर जाएगा उसको कुत्ते खा लेंगे; और जो कोई मैदान में मर जाएगा उसको आकाश के पक्षी खा जाएँगे।” 25 २५) सचमुच अहाब के तुल्य और कोई न था जिसने अपनी पत्नी ईजेबेल के उकसाने पर वह काम करने को जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, अपने को बेच डाला था। 26 २६) वह तो उन एमोरियों के समान जिनको यहोवा ने इस्राएलियों के सामने से देश से निकाला था बहुत ही घिनौने काम करता था, अर्थात् मूरतों की उपासना करने लगा था। 27 २७) एलिय्याह के ये वचन सुनकर अहाब ने अपने वस्त्र फाड़े, और अपनी देह पर टाट लपेटकर उपवास करने और टाट ही ओढ़े पड़ा रहने लगा, और दबे पाँवों चलने लगा। 28 २८) और यहोवा का यह वचन तिशबी एलिय्याह के पास पहुँचा, 29 २९) “क्या तूने देखा है कि अहाब मेरे सामने नम्र बन गया है? इस कारण कि वह मेरे सामने नम्र बन गया है मैं वह विपत्ति उसके जीते जी उस पर न डालूँगा परन्तु उसके पुत्र के दिनों में मैं उसके घराने पर वह विपत्ति भेजूँगा।” Additional comments?
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