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I understand that the Aionian Bible republishes public domain and Creative Commons Bible texts and that volunteers may be needed to present the original text accurately. I also understand that apocryphal text is removed and most variant verse numbering is mapped to the English standard. I have entered my corrections under the verse(s) below. Proposed corrections to the Hindi Contemporary Version Bible, Genesis Chapter 15 https://www.AionianBible.org/Bibles/Hindi---Contemporary/Genesis/15 1) इन बातों के बाद अब्राम को एक दर्शन में याहवेह का यह संदेश मिला: “अब्राम, भयभीत न हो, मैं तुम्हारी ढाल, और तुम्हारा सबसे बड़ा प्रतिफल हूं.” 2) अब्राम ने उत्तर दिया, “हे प्रभु याहवेह, आप मुझे क्या दे सकते हैं, क्योंकि मेरी कोई संतान नहीं है, और मेरा वारिस दमेशेक का एलिएज़र होगा?” 3) अब्राम ने यह भी कहा, “आपकी ओर से तो मुझे कोई संतान नहीं मिली; इसलिये मेरे घर में एक सेवक मेरा वारिस होगा.” 4) तब अब्राम के पास याहवेह का यह वचन आया, “तुम्हारा वारिस यह दास नहीं, परंतु एक पुत्र जो तुम्हारा ही मांस और खून है, तुम्हारा वारिस होगा.” 5) याहवेह अब्राम को बाहर ले गए और अब्राम से कहने लगे, “आकाश की ओर देखो. और तारों की गिनती करो.” याहवेह ने अब्राम से कहा, “ऐसे ही तुम्हारा वंश होगा, जिनको कोई गिन नहीं पायेगा.” 6) अब्राम ने याहवेह पर विश्वास किया; याहवेह ने इस बात को उसकी धार्मिकता मानी. 7) याहवेह ने अब्राम को आश्वासन दिया “मैं वही याहवेह हूं, जिसने तुम्हें कसदियों के ऊर नगर से बाहर निकाला, ताकि तुम्हें यह देश मिले और तुम इस देश पर अधिकार करे.” 8) अब्राम ने कहा, “हे प्रभु याहवेह, मैं कैसे जानूं कि आप मुझे यह देश देंगे?” 9) इसलिये परमेश्वर ने अब्राम से कहा, “मेरे लिए तीन वर्ष की एक कलोर, तीन वर्ष की एक बकरी, तीन वर्ष का एक मेढ़ा, एक पिण्डुक तथा एक कबूतर का बच्चा ले आओ.” 10) अब्राम याहवेह के लिए ये सब ले आए, इन सभी चीज़ों को काटकर दो-दो टुकड़े किए तथा हर एक टुकड़े को आमने-सामने रख दिये, पर उन्होंने पक्षियों के टुकड़े नहीं किए. 11) इन टुकड़ों को देख गिद्ध नीचे उतर आए, किंतु अब्राम ने उन्हें भगा दिया. 12) जब सूरज डूब रहा था, तब अब्राम गहरी नींद में सो गए और पूरा अंधेरा हो गया. 13) तब याहवेह ने अब्राम से कहा, “यह सच है तुम्हारे वंश के लोग पराए देश में परदेशी होकर रहेंगे, जहां उन्हें दास बना लिया जाएगा, और वे उन्हें चार सौ वर्ष तक दुःख देंगे. 14) फिर जिस देश के वे दास होंगे, उस देश के लोगों को मैं दंड दूंगा, फिर तुम्हारे वंश के लोग वहां से बहुत धन लेकर निकलेंगे. 15) पर तुम्हारा अंत बहुत शांति से होगा और तुम अपनी पूरे बुढ़ापे की आयु में अपने पुरखों के पास दफनाए जाओगे. 16) तुम्हारा वंश, चौथी पीढ़ी में यहां फिर लौट आयेगा, क्योंकि अमोरियों का अधर्म अब तक पूरा नहीं हुआ.” 17) शाम ढलकर रात बहुत हो गई थी तब एक अंगीठी जिससे धुआं निकल रहा था और उसमें से एक जलता हुआ पतीला उन टुकड़ों के बीच में से गुजरा. 18) और उसी दिन याहवेह ने अब्राम से एक वाचा बांधी और कहा, “मैं तुम्हारे वंश को मिस्र के नदी से लेकर फरात महानदी तक दूंगा, 19) जो कि केनी, कनिज्ज़ी, कदमोनी, 20) हित्ती, परिज्ज़ी, रेफाइम, 21) अमोरी, कनानी, गिर्गाशी तथा यबूसियों का देश है.” Additional comments?
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