< Ayup 9 >
1 Ayup jawabǝn mundaⱪ dedi: —
फ़िर अय्यूब ने जवाब दिया
2 Way, seningla toƣra, [dunyani] ⱨǝⱪiⱪǝtǝn sǝn degǝndǝk dǝp bilimǝn! Biraⱪ insan balisi ⱪandaⱪ ⱪilip Tǝngri aldida ⱨǝⱪⱪaniy bolalisun?
दर हक़ीक़त में मैं जानता हूँ कि बात यूँ ही है, लेकिन इंसान ख़ुदा के सामने कैसे रास्तबाज़ ठहरे।
3 Ⱨǝtta ǝgǝr birsi uning bilǝn dǝwalixixⱪa petinalisa, Xu [kixi] mǝsililǝrning mingdin birigimu jawab berǝlmǝydu.
अगर वह उससे बहस करने को राज़ी भी हो, यह तो हज़ार बातों में से उसे एक का भी जवाब न दे सकेगा।
4 Uning ⱪǝlbidǝ qongⱪur danaliⱪ bardur, U zor küq-ⱪudrǝtkǝ igidur; Kimmu Uningƣa ⱪarxi qiⱪip, yürikini tom ⱪilip, Keyin tinq-aman ⱪalƣan?
वह दिल का 'अक़्लमन्द और ताक़त में ज़ोरआवर है, किसी ने हिम्मत करके उसका सामना किया है और बढ़ा हो।
5 U taƣlarni ƣǝzipidǝ ƣulatⱪanda, Ularƣa ⱨeq bildürmǝyla ularni yulup taxlaydu.
वह पहाड़ों को हटा देता है और उन्हें पता भी नहीं लगता वह अपने क़हर में उलट देता है।
6 U yǝr-zeminni tǝwritip ɵz ornidin ⱪozƣitidu, Xuning bilǝn uning tüwrükliri titrǝp ketidu.
वह ज़मीन को उसकी जगह से हिला देता है, और उसके सुतून काँपने लगते हैं।
7 U ⱪuyaxⱪa kɵtürülmǝ dǝp sɵz ⱪilsila, u ⱪopmaydu; U [halisa] yultuzlarningmu nurini peqǝtlǝp ⱪoyalaydu.
वह सूरज को हुक्म करता है और वह तुलू' नहीं होता है, और सितारों पर मुहर लगा देता है
8 Asmanlarni kǝng yayƣuqi pǝⱪǝt udur, U dengiz dolⱪunliri üstigǝ dǝssǝp yüridu.
वह आसमानों को अकेला तान देता है, और समन्दर की लहरों पर चलता है
9 U yǝttǝ ⱪaraⱪqi yultuz, Orion yultuz türkümi wǝ ⱪǝlb yultuz topini, Jǝnubiy yultuz türkümlirinimu yaratⱪan.
उसने बनात — उन — नाश और जब्बार और सुरैया और जुनूब के बुजों' को बनाया।
10 U ⱨesabliƣusiz uluƣ ixlarni, Sanap tügitǝlmǝydiƣan karamǝt ixlarni ⱪilidu.
वह बड़े बड़े काम जो बयान नहीं हो सकते, और बेशुमार अजीब काम करता है।
11 Ⱪara, U yenimdin ɵtidu, biraⱪ mǝn Uni kɵrmǝymǝn; U ɵtüp ketidu, biraⱪ Uni bayⱪiyalmaymǝn.
देखो, वह मेरे पास से गुज़रता है लेकिन मुझे दिखाई नहीं देता; वह आगे भी बढ़ जाता है लेकिन मैं उसे नहीं देखता।
12 Mana, U elip ketidu, kim Uni Ɵz yolidin yanduralisun? Kim Uningdin: «Nemǝ ⱪiliwatisǝn» dǝp soraxⱪa petinalisun?
देखो, वह शिकार पकड़ता है; कौन उसे रोक सकता है? कौन उससे कहेगा कि तू क्या करता है?
13 Tǝngri ƣǝzipini ⱪayturuwalmaydu; Raⱨabning yardǝmqiliri Uning ayiƣiƣa bax egidu.
“ख़ुदा अपने ग़ुस्से को नहीं हटाएगा। रहब' के मददगार उसके नीचे झुकजाते हैं।
14 Xundaⱪ turuⱪluⱪ, mǝn ⱪandaⱪmu uningƣa jawab berǝlǝyttim. Mǝn munazirǝ ⱪilƣudǝk ⱪandaⱪ sɵzlǝrni talliyalayttim?
फिर मेरी क्या हक़ीक़त है कि मैं उसे जवाब दूँ और उससे बहस करने को अपने लफ़्ज़ छाँट छाँट कर निकालूँ?
15 Mubada mǝn ⱨǝⱪⱪaniy bolsammu, Mǝn yǝnila Uningƣa jawab berǝlmǝyttim; Mǝn pǝⱪǝt sotqimƣa iltijala ⱪilalayttim.
उसे तो मैं अगर सादिक़ भी होता तो जवाब न देता। मैं अपने मुख़ालिफ़ की मिन्नत करता।
16 Mǝn Uningƣa iltija ⱪilƣan wǝ U manga jawab bǝrgǝn bolsimu, Mǝn tehi Uning sadayimni angliƣanliⱪiƣa ixǝnq ⱪilalmiƣan bolattim;
अगर वह मेरे पुकारने पर मुझे जवाब भी देता, तोभी मैं यक़ीन न करता कि उसने मेरी आवाज़ सुनी।
17 U boran-qapⱪunlar bilǝn meni ezidu, U yarilirimni sǝwǝbsiz awutmaⱪta.
वह तूफ़ान से मुझे तोड़ता है, और बे वजह मेरे ज़ख़्मों को ज़्यादा करता है।
18 U manga ⱨǝtta nǝpǝs elixⱪimu ruhsǝt bǝrmǝydu, Əksiqǝ U manga dǝrd-ǝlǝmni yükliwǝtti.
वह मुझे दम नहीं लेने देता, बल्कि मुझे तल्ख़ी से भरपूर करता है।
19 Küq-ⱪudrǝt toƣrisida gǝp ⱪilsaⱪ, mana, Uningdin küqlük [yǝnǝ baxⱪa kim] bar? Adalǝtkǝ kǝlsǝk, kim Uni sotⱪa qaⱪiralisun?!
अगर ज़ोरआवर की ताक़त का ज़िक्र हो, तो देखो वह है। और अगर इन्साफ़ का, तो मेरे लिए वक़्त कौन ठहराएगा?
20 Mǝn ɵzümni aⱪlimaⱪqi bolsam, ɵz aƣzim ɵzümni gunaⱨⱪa paturar, Ⱪosursiz bolƣan bolsam, U yǝnila meni ǝgri dǝp bekitǝr.
अगर मैं सच्चा भी हूँ, तोभी मेरा ही मुँह मुझे मुल्ज़िम ठहराएगा। और अगर मैं कामिल भी हूँ तोभी यह मुझे आलसी साबित करेगा।
21 Biraⱪ mǝn ǝslidǝ eyibsiz idim. Mǝyli, ɵzümning ⱪandaⱪ bolidiƣanliⱪim bilǝn pǝrwayim pǝlǝk! Ɵz jenimdin toydum!
मैं कामिल तो हूँ, लेकिन अपने को कुछ नहीं समझता; मैं अपनी ज़िन्दगी को बेकार जानता हूँ।
22 Ⱨǝmmǝ ix ohxax ikǝn; xunga mǝn dǝymǝnki, U duruslarnimu, yamanlarnimu ohxaxla yoⱪitidu.
यह सब एक ही बात है, इसलिए मैं कहता हूँ कि वह कामिल और शरीर दोनों को हलाक कर देता है।
23 Tuyuⱪsiz bexiƣa ⱪaza kelip ɵlsǝ, U bigunaⱨlarƣa ⱪilinƣan bu sinaⱪⱪa ⱪarap külidu.
अगर वबा अचानक हलाक करने लगे, तो वह बेगुनाह की आज़माइश का मज़ाक़ उड़ाता है।
24 Yǝr yüzi yamanlarning ⱪoliƣa tapxuruldi; Biraⱪ U sotqilarning kɵzlirini bu adalǝtsizlikni kɵrǝlmǝydiƣan ⱪilip ⱪoyidu; Muxundaⱪ ⱪilƣuqi U bolmay, yǝnǝ kim bolsun?
ज़मीन शरीरों को हवाले कर दी गई है। वह उसके हाकिमों के मुँह ढाँक देता है। अगर वही नहीं तो और कौन है?
25 Mening künlirim yǝltapanning yügürüxidinmu tez ɵtidu; Ular mǝndin ⱪeqip ketidu, Ularning ⱨeqⱪandaⱪ yahxiliⱪi yoⱪtur.
मेरे दिन हरकारों से भी तेज़रू हैं। वह उड़े चले जाते हैं और ख़ुशी नहीं देखने पाते।
26 Ular ⱪomux kemilǝrdǝk qapsan ɵtüp ketidu; Alƣur bürküt owni tutⱪili xungƣuƣandǝk tez mangidu.
वह तेज़ जहाज़ों की तरह निकल गए, और उस उक़ाब की तरह जो शिकार पर झपटता हो।
27 Əgǝr: «Nalǝ-pǝryadtin tohtap, Qirayimni tutuldurmay hux qiray bolay» desǝmmu,
अगर मैं कहूँ, कि 'मैं अपना ग़म भुला दूँगा, और उदासी छोड़कर दिलशाद हूँगा,
28 Mǝn yǝnila azablirimning ⱨǝmmisidin ⱪorⱪup yürimǝn; Qünki Seni meni bigunaⱨ ⱨesablimaydu dǝp bilimǝn.
तो मैं अपने दुखों से डरता हूँ, मैं जानता हूँ कि तू मुझे बेगुनाह न ठहराएगा।
29 Mǝn ⱨaman ǝyiblik adǝm bolsam, Mǝn biⱨudǝ japa tartip nemǝ ⱪilay?
मैं तो मुल्ज़िम ठहरूँगा; फिर मैं 'तो मैं ज़हमत क्यूँ उठाऊँ?
30 Ⱨǝtta ⱪar süyi bilǝn yuyunup, Ⱪolumni xunqǝ pakizliƣan bolsammu,
अगर मैं अपने को बर्फ़ के पानी से धोऊँ, और अपने हाथ कितने ही साफ़ करूँ।
31 Sǝn yǝnila meni ǝwrǝzgǝ qɵmüldürisǝnki, Ɵz kiyimimmu mǝndin nǝprǝtlinidiƣan bolidu!
तोभी तू मुझे खाई में ग़ोता देगा, और मेरे ही कपड़े मुझ से घिन खाएँगे।
32 Qünki U mǝn Uningƣa jawab berǝligüdǝk, manga ohxax adǝm ǝmǝs. Mening Uning bilǝn sotta dǝwalaxⱪuqilikim yoⱪtur.
क्यूँकि वह मेरी तरह आदमी नहीं कि मैं उसे जवाब दूँ, और हम 'अदालत में एक साथ हाज़िर हों।
33 Otturimizda ⱨǝr ikkimizni ɵz ⱪoli bilǝn tǝng tutidiƣan kelixtürgüqi bolsidi!
हमारे बीच कोई बिचवानी नहीं, जो हम दोनों पर अपना हाथ रख्खे।
34 U Ɵzining tayiⱪini mǝndin yiraⱪ ⱪilsun, Uning wǝⱨimisi meni ⱪorⱪatmisun;
वह अपनी लाठी मुझ से हटा ले, और उसकी डरावनी बात मुझे परेशान न करे।
35 Xundila mǝn Uningdin ⱪorⱪmay sɵzliyǝlǝyttim; Biraⱪ ǝⱨwalim undaⱪ ǝmǝstur!
तब मैं कुछ कहूँगा और उससे डरने का नहीं, क्यूँकि अपने आप में तो मैं ऐसा नहीं हूँ।