< Ayup 17 >
1 Mening roⱨim sunuⱪ, Künlirim tügǝy dǝydu, Gɵrlǝr meni kütmǝktǝ.
मेरा मनोबल टूट चुका है, मेरे जीवन की ज्योति का अंत आ चुका है, कब्र को मेरी प्रतीक्षा है.
2 Ətrapimda aldamqi mazaⱪ ⱪilƣuqilar bar ǝmǝsmu? Kɵzümning ularning eqitⱪuluⱪiƣa tikilip turuxtin baxⱪa amali yoⱪtur.
इसमें कोई संदेह नहीं, ठट्ठा करनेवाले मेरे साथ हो चुके हैं; मेरी दृष्टि उनके भड़काने वाले कार्यों पर टिकी हुई है.
3 Aⱨ, jenim üqün Ɵzüng haliƣan kapalǝtni elip Ɵzüngning aldida manga borun bolƣaysǝn; Sǝndin baxⱪa kim meni ⱪollap borun bolsun?
“परमेश्वर, मुझे वह ज़मानत दे दीजिए, जो आपकी मांग है. कौन है वह, जो मेरा जामिन हो सकेगा?
4 Qünki Sǝn [dostlirimning] kɵnglini yoruⱪluⱪtin ⱪaldurƣansǝn; Xunga Sǝn ularni ƣǝlibidinmu mǝⱨrum ⱪilisǝn!
आपने तो उनकी समझ को बाधित कर रखा है; इसलिए आप तो उन्हें जयवंत होने नहीं देंगे.
5 Ƣǝniymǝt alay dǝp dostliriƣa pǝxwa atⱪan kixining bolsa, Ⱨǝtta balilirining kɵzlirimu kor bolidu.
जो लूट में अपने अंश के लिए अपने मित्रों की चुगली करता है, उसकी संतान की दृष्टि जाती रहेगी.
6 U meni ǝl-yurtlarning aldida sɵz-qɵqǝkkǝ ⱪoydi; Mǝn kixilǝr yüzümgǝ tüküridiƣan adǝm bolup ⱪaldim.
“परमेश्वर ने तो मुझे एक निंदनीय बना दिया है, मैं तो अब वह हो चुका हूं, जिस पर लोग थूकते हैं.
7 Dǝrd-ǝlǝmdin kɵzüm torlixip kǝtti, Barliⱪ ǝzalirim kɵlǝnggidǝk bolup ⱪaldi.
शोक से मेरी दृष्टि क्षीण हो चुकी है; मेरे समस्त अंग अब छाया-समान हो चुके हैं.
8 Bu ixlarni kɵrüp duruslar ⱨǝyranuⱨǝs bolidu; Bigunaⱨlar iplaslarƣa ⱪarxi turuxⱪa ⱪozƣilidu.
यह सब देख सज्जन चुप रह जाएंगे; तथा निर्दोष मिलकर दुर्वृत्तों के विरुद्ध हो जाएंगे.
9 Biraⱪ ⱨǝⱪⱪaniy adǝm ɵz yolida qing turidu, Ⱪoli pak yüridiƣan adǝmning küqi tohtawsiz ulƣiyidu.
फिर भी खरा अपनी नीतियों पर अटल बना रहेगा, तथा वे, जो सत्यनिष्ठ हैं, बलवंत होते चले जाएंगे.
10 Əmdi ⱪeni, ⱨǝmminglar, yǝnǝ kelinglar; Aranglardin birmu dana adǝm tapalmaymǝn.
“किंतु आओ, तुम सभी आओ, एक बार फिर चेष्टा कर लो! तुम्हारे मध्य मुझे बुद्धिमान प्राप्त नहीं होगा.
11 Künlirim ahirlixay dǝp ⱪaptu, Muddialirim, kɵnglümdiki intizarlar üzüldi.
मेरे दिनों का तो अंत हो चुका है, मेरी योजनाएं चूर-चूर हो चुकी हैं. यही स्थिति है मेरे हृदय की अभिलाषाओं की.
12 Bu adǝmlǝr keqini kündüzgǝ aylandurmaⱪqi; Ular ⱪarangƣuluⱪⱪa ⱪarap: «Nur yeⱪinlixiwatidu» deyixiwatidu.
वे तो रात्रि को भी दिन में बदल देते हैं, वे कहते हैं, ‘प्रकाश निकट है,’ जबकि वे अंधकार में होते हैं.
13 Əgǝr kütsǝm, ɵyüm tǝⱨtisara bolidu; Mǝn ⱪarangƣuluⱪⱪa ornumni raslaymǝn. (Sheol )
यदि मैं घर के लिए अधोलोक की खोज करूं, मैं अंधकार में अपना बिछौना लगा लूं. (Sheol )
14 «Qirip ketixni: «Sǝn mening atam!», Ⱪurtlarni: «Apa! Aqa!» dǝp qaⱪirimǝn!
यदि मैं उस कब्र को पुकारकर कहूं, ‘मेरे जनक तो तुम हो और कीड़ों से कि तुम मेरी माता या मेरी बहिन हो,’
15 Undaⱪta ümidim nǝdǝ? Xundaⱪ, ümidimni kim kɵrǝlisun?
तो मेरी आशा कहां है? किसे मेरी आशा का ध्यान है?
16 Ümidim tǝⱨtisaraning tɵmür pǝnjiriliri iqigǝ qüxüp ketidu! Biz birliktǝ topiƣa kirip ketimiz! (Sheol )
क्या यह भी मेरे साथ अधोलोक में समा जाएगी? क्या हम सभी साथ साथ धूल में मिल जाएंगे?” (Sheol )