< Ayup 12 >
1 Ayup jawabǝn mundaⱪ dedi: —
तब अय्योब ने उत्तर दिया:
2 Silǝr bǝrⱨǝⱪ ǝl-ǝⱨlisilǝr! Ɵlsǝnglar ⱨekmǝtmu silǝr bilǝn billǝ ketidu!
“निःसंदेह तुम्हीं हो वे लोग, तुम्हारे साथ ही ज्ञान का अस्तित्व मिट जाएगा!
3 Meningmu silǝrdǝk ɵz ǝⱪlim bar, Əⱪildǝ silǝrdin ⱪalmaymǝn; Bunqilik ixlarni kim bilmǝydu?!
किंतु तुम्हारे समान बुद्धि मुझमें भी है; तुमसे कम नहीं है मेरा स्तर. किसे बोध नहीं है इस सत्य का?
4 Mǝn ɵz dostlirimƣa mazaⱪ obyekti boldum; Mǝndǝk Tǝngrigǝ iltija ⱪilip, duasi ijabǝt bolƣan kixi, Ⱨǝⱪⱪaniy, durus bir adǝm mazaⱪ ⱪilindi!
“अपने मित्रों के लिए तो मैं हंसी मज़ाक का विषय होकर रह गया हूं, मैंने परमेश्वर को पुकारा और उन्होंने इसका प्रत्युत्तर भी दिया; और अब यहां खरा तथा निर्दोष व्यक्ति उपहास का पात्र हो गया है!
5 Raⱨǝttǝ olturƣan kixilǝr kɵnglidǝ ⱨǝrⱪandaⱪ külpǝtni nǝzirigǝ almaydu; Ular: «Külpǝtlǝr putliri teyilix aldida turƣan kixigila tǝyyar turidu» dǝp oylaydu.
सुखी धनवान व्यक्ति को दुःखी व्यक्ति घृणित लग रहा है. जो पहले ही लड़खड़ा रहा है, उसी पर प्रहार किया जा रहा है.
6 Ⱪaraⱪqilarning qedirliri awatlixidu; Tǝngrigǝ ⱨaⱪarǝt kǝltüridiƣanlar aman turidu; Ular ɵzining ilaⱨini ɵz alⱪinida kɵtüridu.
उन्हीं के घरों को सुरक्षित छोड़ा जा रहा है, जो हिंसक-विनाशक हैं, वे ही सुरक्षा में निवास कर रहे हैं, जो परमेश्वर को उकसाते रहे हैं, जो सोचते हैं कि ईश्वर अपनी मुट्ठी में है!
7 Əmdi ⱨaywanlardinmu sorap baⱪ, Ular sanga ɵgitidu, Asmandiki uqar-ⱪanatlarmu sanga dǝydu;
“किंतु अब जाकर पशुओं से परामर्श लो, अब वे तुम्हें शिक्षा देने लगें, आकाश में उड़ते पक्षी तुम्हें सूचना देने लगें;
8 Wǝ yaki yǝr-zeminƣa gǝp ⱪilsangqu, Umu sanga ɵgitidu; Dengizdiki beliⱪlar sanga sɵz ⱪilidu.
अन्यथा पृथ्वी से ही वार्तालाप करो, वही तुम्हें शिक्षा दे, महासागर की मछलियां तुम्हारे लिए शिक्षक हो जाएं.
9 Bularning ⱨǝmmisini Pǝrwǝrdigarning ⱪoli ⱪilƣanliⱪini kim bilmǝydu?
कौन है तुम्हारे मध्य जो इस सत्य से अनजान है, कि यह सब याहवेह की कृति है?
10 Barliⱪ jan igiliri, barliⱪ ǝt igiliri, Jümlidin barliⱪ insanning nǝpisi uning ⱪolididur.
किसका अधिकार है हर एक जीवधारी जीवन पर तथा समस्त मानव जाति के श्वास पर?
11 Eƣizda taamni tetiƣandǝk, Ⱪulaⱪmu sɵzining toƣriliⱪini sinap baⱪidu ǝmǝsmu?
क्या कान शब्दों की परख नहीं करता, जिस प्रकार जीभ भोजन के स्वाद को परखती है?
12 Yaxanƣanlarda danaliⱪ rast tepilamdu? Künlirining kɵp boluxi bilǝn yorutulux kelǝmdu?
क्या, वृद्धों में बुद्धि पायी नहीं जाती है? क्या लंबी आयु समझ नहीं ले आती?
13 Uningdila danaliⱪ ⱨǝm ⱪudrǝt bar; Uningdila yolyoruⱪ ⱨǝm yorutux bardur.
“विवेक एवं बल परमेश्वर के साथ हैं; निर्णय तथा समझ भी उन्हीं में शामिल हैं.
14 Mana, U harab ⱪilsa, ⱨeqkim ⱪaytidin ⱪurup qiⱪalmaydu; U ⱪamap ⱪoyƣan adǝmni ⱨeqkim ⱪoyuwetǝlmǝydu.
जो कुछ उनके द्वारा गिरा दिया जाता है, उसे फिर से बनाया नहीं जा सकता; जब वह किसी को बंदी बना लेते हैं, असंभव है उसका छुटकारा.
15 Mana, U sularni tohtitiwalsa, sular ⱪurup ketidu, U ularni ⱪoyup bǝrsǝ, ular yǝr-zeminni besip wǝyran ⱪilidu.
सुनो! क्या कहीं सूखा पड़ा है? यह इसलिये कि परमेश्वर ने ही जल रोक कर रखा है; जब वह इसे प्रेषित कर देते हैं, पृथ्वी जलमग्न हो जाती है.
16 Uningda küq-ⱪudrǝt, qin ⱨekmǝtmu bar; Aldiƣuqi, aldanƣuqimu uningƣa tǝwǝdur.
वही हैं बल एवं ज्ञान के स्रोत; धोखा देनेवाला तथा धोखा खानेवाला दोनों ही उनके अधीन हैं.
17 U mǝsliⱨǝtqilǝrni yalingaq ⱪildurup, yalap elip ketidu, Soraⱪqilarni rǝswa ⱪilidu.
वह मंत्रियों को विवस्त्र कर छोड़ते हैं तथा न्यायाधीशों को मूर्ख बना देते हैं.
18 U padixaⱨlar [ǝl-ǝⱨligǝ] salƣan kixǝnlǝrni yexidu, Andin xu padixaⱨlarni yalingaqlap, qatraⱪlirini lata bilǝnla ⱪaldurup [xǝrmǝndǝ ⱪilidu].
वह राजाओं द्वारा डाली गई बेड़ियों को तोड़ फेंकते हैं तथा उनकी कमर को बंधन से सुसज्जित कर देते हैं.
19 U kaⱨinlarni yalingayaƣ mangdurup elip ketidu; U küq-ⱨoⱪuⱪdarlarni aƣduridu.
वह पुरोहितों को नग्न पांव चलने के लिए मजबूर कर देते हैं तथा उन्हें, जो स्थिर थे, पराजित कर देते हैं.
20 U ixǝnqlik ⱪaralƣan zatlarning aƣzini etidu; Aⱪsaⱪallarning ǝⱪlini elip ketidu.
वह विश्वास सलाहकारों को अवाक बना देते हैं तथा बड़ों की समझने की शक्ति समाप्त कर देते हैं
21 U aⱪsɵngǝklǝrning üstigǝ ⱨaⱪarǝt tɵkidu, U palwanlarning bǝlweƣini yexip [ularni küqsiz ⱪilidu].
वह आदरणीय व्यक्ति को घृणा के पात्र बना छोड़ते हैं. तथा शूरवीरों को निकम्मा कर देते हैं.
22 U ⱪarangƣuluⱪtiki qongⱪur sirlarni axkarilaydu; U ɵlümning sayisini yorutidu.
वह घोर अंधकार में बड़े रहस्य प्रकट कर देते हैं, तथा घोर अंधकार को प्रकाश में ले आते हैं.
23 U ǝl-yurtlarni uluƣlaxturidu ⱨǝm andin ularni gumran ⱪilidu; Əl-yurtlarni kengǝytidu, ularni tarⱪitidu.
वही राष्ट्रों को उन्नत करते और फिर उन्हें नष्ट भी कर देते हैं. वह राष्ट्रों को समृद्ध करते और फिर उसे निवास रहित भी कर देते हैं.
24 U zemindiki ǝl-jamaǝtning kattiwaxlirining ǝⱪlini elip ketidu; Ularni yolsiz dǝxt-bayawanda sǝrsan ⱪilip azduridu.
वह विश्व के शासकों की बुद्धि शून्य कर देते हैं तथा उन्हें रेगिस्तान प्रदेश में दिशाहीन भटकने के लिए छोड़ देते हैं.
25 Ular nursizlandurulup ⱪarangƣuluⱪta yolni silaxturidu, U ularni mǝst bolup ⱪalƣan kixidǝk galdi-guldung mangduridu.
वे घोर अंधकार में टटोलते रह जाते हैं तथा वह उन्हें इस स्थिति में डाल देते हैं, मानो कोई मतवाला लड़खड़ा रहा हो.