< सफ़न 2 >
1 ऐ बेहया क़ौम, जमा' हो, जमा' हो;
Tut euch zusammen, sammelt euch, Volk ohne Scham,
2 इससे पहले के फ़रमान — ए — इलाही ज़ाहिर हो, और वह दिन भुस की तरह जाता रहे, और ख़ुदावन्द का बड़ा क़हर तुम पर नाज़िल हो, और उसके ग़ज़ब का दिन तुम पर आ पहुँचे।
ehe der Ratschluß sich erfüllt (wie Spreu geht der Tag vorüber!), ehe der grimmige Zorn des HERRN über euch kommt, ehe der Tag des Zornes des HERRN euch ereilt!
3 ऐ मुल्क के सब हलीम लोगों, जो ख़ुदावन्द के हुक्मों पर चलते हो, उसके तालिब हो, रास्तबाज़ी को ढूँढों, फ़रोतनी की तलाश करो; शायद ख़ुदावन्द के ग़ज़ब के दिन तुम को पनाह मिले।
Suchet den HERRN, alle ihr Demütigen im Lande, die ihr sein Recht übet! Suchet Gerechtigkeit, befleißiget euch der Demut; vielleicht werdet ihr Bergung finden am Tage des Zornes des HERRN!
4 क्यूँकि ग़ज़्ज़ा मतरूक होगा, और अस्क़लोन वीरान किया जाएगा, और अशदूद दोपहर को ख़ारिज कर दिया जाएगा, और अक़रून की बेख़कनी की जाएगी।
Denn Gaza wird verlassen und Askalon verödet werden, Asdod soll am hellen Mittag fortgetrieben und Ekron ausgerottet werden.
5 समन्दर के साहिल के रहने वालो, या'नी करेतियों की क़ौम पर अफ़सोस! ऐ कना'न, फ़िलिस्तियों की सरज़मीन, ख़ुदावन्द का कलाम तेरे ख़िलाफ़ है; मैं तुझे हलाक — ओ — बर्बाद करूँगा यहाँ तक कि कोई बसने वाला न रहे।
Wehe den Bewohnern der Meeresküste, dem Kretervolk! Das Wort des HERRN ergeht wider dich, Kanaan, du Philisterland: Ich will dich also zu Grunde richten, daß niemand mehr da wohnen soll!
6 और समन्दर के साहिल, चरागाहें होंगे, जिनमें चरवाहों की झोपड़ियाँ और भेड़ख़ाने होंगे।
Und es soll der Landstrich am Meere zu Hirtenwohnungen und Schafhürden werden;
7 और वही साहिल, यहूदाह के घराने के बक़िया के लिए होंगे; वह उनमें चराया करेंगे, वह शाम के वक़्त अस्क़लून के मकानों में लेटा करेंगे, क्यूँकि ख़ुदावन्द उनका ख़ुदा, उन पर फिर नज़र करेगा, और उनकी ग़ुलामी को ख़त्म करेगा।
und dieser Landstrich soll den Übriggebliebenen vom Hause Juda als Erbteil zufallen, daß sie darauf weiden und sich des Abends in den Häusern von Askalon lagern sollen, denn der HERR, ihr Gott, wird sie heimsuchen und ihr Gefängnis wenden.
8 मैंने मोआब की मलामत और बनी 'अम्मोन की लान'तान सुनी है उन्होंने मेरी क़ौम को मलामत की और उनकी हुदूद को दबा लिया है।
Ich habe die Beschimpfung Moabs gehört und die Lästerungen der Kinder Ammon, womit sie mein Volk geschmäht und sich wider ihr Gebiet gerühmt haben.
9 इसलिए रब्ब — उल — अफ़वाज इस्राईल का ख़ुदा फ़रमाता है, मुझे अपनी हयात की क़सम यक़ीनन मोआब सदूम की तरह होगा, और बनी 'अम्मोन 'अमूरा की तरह; वह पुरख़ार और नमकज़ार और हमेशा से हमेशा तक बर्बाद रहेंगे। मेरे लोगों के बाक़ी उनको ग़ारत करेंगे, और मेरी क़ौम के बाक़ी लोग उनके वारिस होंगे।
Darum, so wahr ich lebe, spricht der HERR der Heerscharen, der Gott Israels, soll Moab wie Sodom und die Kinder Ammon wie Gomorra werden, nämlich ein Besitz der Nesseln und eine Salzgrube und eine ewige Wüstenei; die Übriggebliebenen meines Volkes sollen sie berauben und der Rest meiner Nation sie beerben.
10 ये सब कुछ उनके तकब्बुर की वजह से उन पर आएगा, क्यूँकि उन्होंने रब्ब — उल — अफ़वाज के लोगों को मलामत की और उन पर ज़ियादती की।
Solches soll ihnen widerfahren für ihren Stolz, daß sie gelästert und wider das Volk des HERRN der Heerscharen großgetan haben.
11 ख़ुदावन्द उनके लिए हैबतनाक होगा, और ज़मीन के तमाम मा'बूदों को लाग़र कर देगा, और बहरी ममालिक के सब बाशिन्दे अपनी अपनी जगह में उसकी इबादत करेंगे।
Furchtbar wird der HERR über ihnen sein; denn er wird allen Göttern auf Erden ein Ende machen, und es werden ihn anbeten alle Inseln der Heiden, jedermann von seinem Orte aus;
12 ऐ कूश के बाशिन्दो, तुम भी मेरी तलवार से मारे जाओगे।
auch ihr Kuschiten, die mein Schwert verwundet hat.
13 और वह शिमाल की तरफ़ अपना हाथ बढ़ायेगा और असूर को हलाक करेगा, और नीनवा को वीरान और सेहरा की तरह ख़ुश्क कर देगा।
Er wird auch seine Hand nach Norden ausstrecken und wird Assur vernichten und Ninive zur Wüste machen, dürr wie eine Steppe;
14 और जंगली जानवर उसमें लेटेंगे, और हर क़िस्म के हैवान, हवासिल और ख़ारपुश्त उसके सुतूनों के सिरों पर मक़ाम करेंगे; उनकी आवाज़ उसके झरोकों में होगी, उसकी दहलीज़ों में वीरानी होगी, क्यूँकि देवदार का काम खुला छोड़ा गया है।
daß sich mitten darin Herden lagern werden, Tiere aller Art; Pelikan und Rohrdommel werden auf ihren Säulenknäufen übernachten, [Vogel-]geschrei wird in den Fenstern ertönen, auf der Schwelle wird ein Schutthaufen liegen, da das Zedernwerk bloßgelegt ist.
15 ये वह शादमान शहर है जो बेफ़िक्र था, जिसने दिल में कहा, मैं हूँ, और मेरे अलावा कोई दूसरा नहीं। वह कैसा वीरान हुआ, हैवानों के बैठने की जगह! हर एक जो उधर से गुज़रेगा सुसकारेगा और हाथ हिलाएगा।
Das ist die lustige Stadt, die so sicher wohnte, die in ihrem Herzen sprach: «Ich und keine sonst!» Wie ist sie zur Wildnis geworden, zum Lagerplatz der Tiere! Wer vorübergeht, zischt über sie und schwenkt seine Hand.