< सफ़न 1 >
1 ख़ुदावन्द का कलाम जो यहूदाह बादशाह यूसियाह बिन अमून के दिनों में सफ़नियाह बिन कूशी बिन जदलियाह बिन अमरयाह बिन हिज़क़ियाह पर नाज़िल हुआ।
verbum Domini quod factum est ad Sofoniam filium Chusi filium Godoliae filii Amariae filii Ezechiae in diebus Iosiae filii Amon regis Iuda
2 ख़ुदावन्द फ़रमाता है, “मैं इस ज़मीन से सब कुछ बिल्कुल हलाक करूँगा।”
congregans congregabo omnia a facie terrae dicit Dominus
3 “इंसान और हैवान को हलाक करूँगा; हवा के परिन्दों और समन्दर की मछलियों को और शरीरों और उनके बुतों को हलाक करूँगा, और इंसान को इस ज़मीन से फ़ना करूँगा।” ख़ुदावन्द फ़रमाता है।
congregans hominem et pecus congregans volatile caeli et pisces maris et ruinae impiorum erunt et disperdam homines a facie terrae dicit Dominus
4 “मैं यहूदाह पर और येरूशलेम के सब रहने वालों पर हाथ चलाऊँगा, और इस मकान में से बा'ल के बक़िया को और कमारीम के नाम को पुजारियों के साथ हलाक करूँगा;
et extendam manum meam super Iudam et super omnes habitantes Hierusalem et disperdam de loco hoc reliquias Baal et nomina aedituorum cum sacerdotibus
5 और उनको भी जी कोठों पर चढ़ कर अज्राम — ए — फ़लक की इबादत करते हैं, और उनको जो ख़ुदावन्द की इबादत का 'अहद करते हैं, लेकिन मिल्कूम की क़सम खाते हैं।
et eos qui adorant super tecta militiam caeli et adorant et iurant in Domino et iurant in Melchom
6 और उनको भी जो ख़ुदावन्द से नाफ़रमान होकर न उसके तालिब हुए और न उन्होंने उससे मश्वरत ली।”
et qui avertuntur de post tergum Domini et qui non quaesierunt Dominum nec investigaverunt eum
7 तुम ख़ुदावन्द ख़ुदा के सामने ख़ामोश रहो, क्यूँकि ख़ुदावन्द का दिन नज़दीक है; और उसने ज़बीहा तैयार किया है, और अपने मेहमानों को मख़्सूस किया है।
silete a facie Domini Dei quia iuxta est dies Domini quia praeparavit Dominus hostiam sanctificavit vocatos suos
8 और ख़ुदावन्द के ज़बीहे के दिन यूँ होगा, कि “मैं उमरा और शहज़ादों को, और उन सब को जो अजनबियों की पोशाक पहनते हैं, सज़ा दूँगा।
et erit in die hostiae Domini visitabo super principes et super filios regis et super omnes qui induti sunt veste peregrina
9 मैं उसी रोज़ उन सब को, जो लोगों के घरों में घुस कर अपने मालिक के घर को लूट और धोखे से भरते हैं सज़ा दूँगा।”
et visitabo omnem qui arroganter ingreditur super limen in die illa qui conplent domum Domini Dei sui iniquitate et dolo
10 और ख़ुदावन्द फ़रमाता है, “उसी रोज़ मछली फाटक से रोने की आवाज़, और मिशना से मातम की, और टीलों पर से बड़े शोर की आवाज़ उठेगी।
et erit in die illa dicit Dominus vox clamoris a porta Piscium et ululatus a secunda et contritio magna a collibus
11 ऐ मकतीस के रहने वालो, मातम करो! क्यूँकि सब सौदागर मारे गए। जो चाँदी से लदे थे, सब हलाक हुए।
ululate habitatores pilae conticuit omnis populus Chanaan disperierunt omnes involuti argento
12 फिर मैं चराग़ लेकर येरूशलेम में तलाश करूँगा, और जितने अपनी तलछट पर जम गए हैं, और दिल में कहते हैं, 'कि ख़ुदावन्द सज़ा — और — जज़ा न देगा,' उनको सज़ा दूँगा।
et erit in tempore illo scrutabor Hierusalem in lucernis et visitabo super viros defixos in fecibus suis qui dicunt in cordibus suis non faciet bene Dominus et non faciet male
13 तब उनका माल लुट जाएगा, और उनके घर उजड़ जाएँगे। वह घर तो बनाएँगे, लेकिन उनमें बूद — ओ — बाश न करेंगे; और बाग़ तो लगाएँगे, लेकिन उनकी मय न पिएँगे।”
et erit fortitudo eorum in direptionem et domus eorum in desertum et aedificabunt domos et non habitabunt et plantabunt vineas et non bibent vinum earum
14 ख़ुदावन्द का बड़ा दिन क़रीब है, हाँ, वह नज़दीक आ गया, वह आ पहुँचा; सुनो, ख़ुदावन्द के दिन का शोर; ज़बरदस्त आदमी फूट — फूट कर रोएगा।
iuxta est dies Domini magnus iuxta et velox nimis vox diei Domini amara tribulabitur ibi fortis
15 वह दिन क़हर का दिन है, दुख और ग़म का दिन, वीरानी और ख़राबी का दिन, तारीकी और उदासी का दिन, बादल और तीरगी का दिन;
dies irae dies illa dies tribulationis et angustiae dies calamitatis et miseriae dies tenebrarum et caliginis dies nebulae et turbinis
16 हसीन शहरों और ऊँचे बुर्जों के ख़िलाफ़, नरसिंगे और जंगी ललकार का दिन।
dies tubae et clangoris super civitates munitas et super angulos excelsos
17 और मैं बनी आदम पर मुसीबत लाऊँगा, यहाँ तक कि वह अंधों की तरह चलेंगे, क्यूँकि वह ख़ुदावन्द के गुनहगार हुए; उनका खू़न धूल की तरह गिराया जाएगा, और उनका गोश्त नजासत की तरह।
et tribulabo homines et ambulabunt ut caeci quia Domino peccaverunt et effundetur sanguis eorum sicut humus et corpus eorum sicut stercora
18 ख़ुदावन्द के क़हर के दिन, उनका सोना चाँदी उनको बचा न सकेगा; बल्कि तमाम मुल्क को उसकी गै़रत की आग खा जाएगी, क्यूँकि वह एक पल में मुल्क के सब बाशिन्दों को तमाम कर डालेगा।
sed et argentum eorum et aurum eorum non poterit liberare eos in die irae Domini in igne zeli eius devorabitur omnis terra quia consummationem cum festinatione faciet cunctis habitantibus terram