< ज़कर 9 >

1 बनी आदम और ख़ुसूसन कुल क़बाइल — ए — इस्राईल की आँखें ख़ुदावन्द पर लगी हैं। ख़ुदावन्द की तरफ़ से सर ज़मीन — ए — और दमिश्क़ के ख़िलाफ़ बार — ए — नबूव्वत;
מַשָּׂ֤א דְבַר־יְהוָה֙ בְּאֶ֣רֶץ חַדְרָ֔ךְ וְדַמֶּ֖שֶׂק מְנֻחָתֹ֑ו כִּ֤י לַֽיהוָה֙ עֵ֣ין אָדָ֔ם וְכֹ֖ל שִׁבְטֵ֥י יִשְׂרָאֵֽל׃
2 हमात के खिलाफ़ जो उनसे सूर और सैदा के खिलाफ़ जो अपनी नज़र में बहुत 'अक़्लमन्द हैं।
וְגַם־חֲמָ֖ת תִּגְבָּל־בָּ֑הּ צֹ֣ר וְצִידֹ֔ון כִּ֥י חָֽכְמָ֖ה מְאֹֽד׃
3 सूर ने अपने लिए मज़बूत क़िला' मिट्टी की तरह चाँदी के तूदे लगाए और गलियों की कीच की तरह सोने के ढेर।
וַתִּ֥בֶן צֹ֛ר מָצֹ֖ור לָ֑הּ וַתִּצְבָּר־כֶּ֙סֶף֙ כֶּֽעָפָ֔ר וְחָר֖וּץ כְּטִ֥יט חוּצֹֽות׃
4 देखो ख़ुदावन्द उसे ख़ारिज कर देगा, उसके ग़ुरूर को समुन्दर में डाल देगा: और आग उसको खा जाएगी।
הִנֵּ֤ה אֲדֹנָי֙ יֹֽורִשֶׁ֔נָּה וְהִכָּ֥ה בַיָּ֖ם חֵילָ֑הּ וְהִ֖יא בָּאֵ֥שׁ תֵּאָכֵֽל׃
5 अस्क़लोन देखकर डर जाएगा ग़ज़्ज़ा भी सख़्त दर्द में मुब्तिला होगा, अक़रून भी क्यूँकि उसकी उम्मीद टूट गई और ग़ज़्ज़ा से बादशाही जाती रहेगी, अस्क़लोन बे चिराग़ हो जाएगा।
תֵּרֶ֨א אַשְׁקְלֹ֜ון וְתִירָ֗א וְעַזָּה֙ וְתָחִ֣יל מְאֹ֔ד וְעֶקְרֹ֖ון כִּֽי־הֹבִ֣ישׁ מֶבָּטָ֑הּ וְאָ֤בַד מֶ֙לֶךְ֙ מֵֽעַזָּ֔ה וְאַשְׁקְלֹ֖ון לֹ֥א תֵשֵֽׁב׃
6 और एक अजनबी ज़ादा अशदूद में तख़्त नशीन होगा और मैं फ़िलिस्तियों का ग़ुरूर मिटाऊँगा।
וְיָשַׁ֥ב מַמְזֵ֖ר בְּאַשְׁדֹּ֑וד וְהִכְרַתִּ֖י גְּאֹ֥ון פְּלִשְׁתִּֽים׃
7 और मैं उसके खू़न को उसके मुँह से और उसकी मकरूहात उसके दाँतों से निकाल डाललूँगा, और वह भी हमारे ख़ुदा के लिए बक़िया होगा और वह यहूदाह में सरदार होगा और अक़रून यबूसियों की तरह होंगे।
וַהֲסִרֹתִ֨י דָמָ֜יו מִפִּ֗יו וְשִׁקֻּצָיו֙ מִבֵּ֣ין שִׁנָּ֔יו וְנִשְׁאַ֥ר גַּם־ה֖וּא לֵֽאלֹהֵ֑ינוּ וְהָיָה֙ כְּאַלֻּ֣ף בִּֽיהוּדָ֔ה וְעֶקְרֹ֖ון כִּיבוּסִֽי׃
8 और मैं मुख़ालिफ़ फ़ौज के मुक़ाबिल अपने घर की चारों तरफ़ खै़माज़न हूँगा ताकि कोई उसमें से आमद — ओ — रफ़्त न कर सके; फिर कोई ज़ालिम उनके बीच से न गुज़रेगा क्यूँकि अब मैंने अपनी आँखों से देख लिया है।
וְחָנִ֨יתִי לְבֵיתִ֤י מִצָּבָה֙ מֵעֹבֵ֣ר וּמִשָּׁ֔ב וְלֹֽא־יַעֲבֹ֧ר עֲלֵיהֶ֛ם עֹ֖וד נֹגֵ֑שׂ כִּ֥י עַתָּ֖ה רָאִ֥יתִי בְעֵינָֽי׃ ס
9 ऐ बिन्त — ए — सिय्यून तू निहायत शादमान हो! ऐ दुख़्तर — ए — येरूशलेम, ख़ूब ललकार क्यूँकि देख तेरा बादशाह तेरे पास आता है; वह सादिक है, नजात उसके हाथ में है वह हलीम है और गधे पर बल्कि जवान गधे पर सवार है।
גִּילִ֨י מְאֹ֜ד בַּת־צִיֹּ֗ון הָרִ֙יעִי֙ בַּ֣ת יְרוּשָׁלַ֔͏ִם הִנֵּ֤ה מַלְכֵּךְ֙ יָ֣בֹוא לָ֔ךְ צַדִּ֥יק וְנֹושָׁ֖ע ה֑וּא עָנִי֙ וְרֹכֵ֣ב עַל־חֲמֹ֔ור וְעַל־עַ֖יִר בֶּן־אֲתֹנֹֽות׃
10 और मैं इफ़्राईम से रथ, येरूशलेम से घोड़े काट डालूँगा और जंगी कमान तोड़ डाली जाएगी और वह क़ौमों को सुलह का मुज़दा देगा और उसकी सल्तनत समुन्दर से समन्दर तक और दरिया — ए — फ़ुरात से इन्तिहाए — ज़मीन तक होगी।
וְהִכְרַתִּי־רֶ֣כֶב מֵאֶפְרַ֗יִם וְסוּס֙ מִיר֣וּשָׁלַ֔͏ִם וְנִכְרְתָה֙ קֶ֣שֶׁת מִלְחָמָ֔ה וְדִבֶּ֥ר שָׁלֹ֖ום לַגֹּויִ֑ם וּמָשְׁלֹו֙ מִיָּ֣ם עַד־יָ֔ם וּמִנָּהָ֖ר עַד־אַפְסֵי־אָֽרֶץ׃
11 और तेरे बारे में यूँ है कि तेरे 'अहद के खू़न की वजह से, तेरे ग़ुलामों को अंधे कुंए से निकाल लाया।
גַּם־אַ֣תְּ בְּדַם־בְּרִיתֵ֗ךְ שִׁלַּ֤חְתִּי אֲסִירַ֙יִךְ֙ מִבֹּ֔ור אֵ֥ין מַ֖יִם בֹּֽו׃
12 मैं आज बताता हूँ कि तुझ को दो बदला दूँगा, “ऐ उम्मीदवार, ग़ुलामों क़िले' वापस आओ।”
שׁ֚וּבוּ לְבִצָּרֹ֔ון אֲסִירֵ֖י הַתִּקְוָ֑ה גַּם־הַיֹּ֕ום מַגִּ֥יד מִשְׁנֶ֖ה אָשִׁ֥יב לָֽךְ׃
13 क्यूँकि मैंने यहूदाह को कमान की तरह झुकाया और इफ़्राईम को तीर की तरह लगाया, और ऐ सिय्यून, मैं तेरे फ़र्ज़न्दों को यूनान के फ़र्ज़न्दों के ख़िलाफ़ बरअन्गेख़ता करूँगा, तुझे पहलवान की तलवार की तरह बनाऊँगा।
כִּֽי־דָרַ֨כְתִּי לִ֜י יְהוּדָ֗ה קֶ֚שֶׁת מִלֵּ֣אתִי אֶפְרַ֔יִם וְעֹורַרְתִּ֤י בָנַ֙יִךְ֙ צִיֹּ֔ון עַל־בָּנַ֖יִךְ יָוָ֑ן וְשַׂמְתִּ֖יךְ כְּחֶ֥רֶב גִּבֹּֽור׃
14 और ख़ुदावन्द उनके ऊपर दिखाई देगा उसके तीर बिजली की तरह निकलेंगे; हाँ ख़ुदावन्द ख़ुदा नरसिंगा फूँकेगा और दक्खिनी बगोलों के साथ खुरूज करेगा।
וַֽיהוָה֙ עֲלֵיהֶ֣ם יֵֽרָאֶ֔ה וְיָצָ֥א כַבָּרָ֖ק חִצֹּ֑ו וַֽאדֹנָ֤י יְהֹוִה֙ בַּשֹּׁופָ֣ר יִתְקָ֔ע וְהָלַ֖ךְ בְּסַעֲרֹ֥ות תֵּימָֽן׃
15 और रब्ब — उल — अफ़वाज उनकी हिमायत करेगा और वह दुश्मनों को निगलेंगे, और फ़लाख़न के पत्थरों को पायमाल करेंगे और पीकर मतवालों की तरह शोर मचायेंगे और कटोरों और मज़बह के कोनों की तरह मा'मूर होंगे।
יְהוָ֣ה צְבָאֹות֮ יָגֵ֣ן עֲלֵיהֶם֒ וְאָכְל֗וּ וְכָֽבְשׁוּ֙ אַבְנֵי־קֶ֔לַע וְשָׁת֥וּ הָמ֖וּ כְּמֹו־יָ֑יִן וּמָֽלְאוּ֙ כַּמִּזְרָ֔ק כְּזָוִיֹּ֖ות מִזְבֵּֽחַ׃
16 और ख़ुदावन्द उनका ख़ुदा उस दिन उनको अपनी भेंड़ों की तरह बचा लेगा, क्यूँकि वह ताज के जवाहर की तरह होंगे, जो उसके मुल्क में सरफ़राज़
וְֽהֹושִׁיעָ֞ם יְהוָ֧ה אֱלֹהֵיהֶ֛ם בַּיֹּ֥ום הַה֖וּא כְּצֹ֣אן עַמֹּ֑ו כִּ֚י אַבְנֵי־נֵ֔זֶר מִֽתְנֹוסְסֹ֖ות עַל־אַדְמָתֹֽו׃
17 क्यूँकि उनकी खुशहाली 'अज़ीम और उनका जमाल खू़ब है, नौजवान ग़ल्ले से बढ़ेंगे और लड़कियाँ नई शराब से नश्व — ओ — नुमा पाएँगी।
כִּ֥י מַה־טּוּבֹ֖ו וּמַה־יָפְיֹ֑ו דָּגָן֙ בַּֽחוּרִ֔ים וְתִירֹ֖ושׁ יְנֹובֵ֥ב בְּתֻלֹֽות׃

< ज़कर 9 >