< ज़कर 3 >

1 और उसने मुझे यह दिखाया कि सरदार काहिन यशु' ख़ुदावन्द के फ़रिश्ते के सामने खड़ा है और शैतान उसके दाहिने हाथ इस्तादा है ताकि उसका सामना करे।
Et Il me fit voir Josué, le grand sacrificateur, debout devant l'ange de l'Éternel, et Satan debout à sa droite pour l'attaquer.
2 और ख़ुदावन्द ने शैतान से कहा, “ऐ शैतान, ख़ुदावन्द तुझे मलामत करे! हाँ, वह ख़ुदावन्द जिसने येरूशलेम को क़ुबूल किया है, तुझे मलामत करे! क्या यह वह लुकटी नहीं जो आग से निकाली गई है?”
Et l'Éternel dit à Satan: Que l'Éternel te tance, Satan, que l'Éternel te tance, lui qui a choisi Jérusalem! Celui-ci n'est-il pas un tison sauvé du feu?
3 और यशू'अ मैले कपड़े पहने फ़रिश्ते के सामने खड़ा था।
Et Josué était vêtu d'habits sales, et se tenait debout devant l'ange;
4 फिर उसने उनसे जो उसके सामने खड़े थे कहा, “इसके मैले कपड़े उतार दो।” और उससे कहा, “देख, मैंने तेरी बदकिरदारी तुझ से दूर की, और मैं तुझे नफ़ीस लिबास पहनाऊँगा।”
lequel prit la parole et dit à ceux qui étaient debout devant lui: Otez-lui ses habits sales! et lui dit: Voici! je te décharge de ton crime, et te revêts de superbes habits.
5 और उसने कहा, कि “उसके सिर पर साफ़ 'अमामा रख्खो।” तब उन्होंने उसके सिर पर साफ़ 'अमामा रख्खा और पोशाक पहनाई, और ख़ुदावन्द का फ़रिश्ता उसके पास खड़ा रहा।
Et je dis: Qu'on pose une tiare pure sur sa tête! Et ils posèrent une tiare pure sur sa tête et lui mirent des habits. Et l'ange de l'Éternel y présidait.
6 और ख़ुदावन्द के फ़रिश्ते ने यशू'अ से ता'कीद करके कहा,
Et l'ange de l'Éternel lit à Josué cette déclaration solennelle:
7 “'रब्ब — उल — अफ़वाज यूँ फ़रमाता है: अगर तू मेरी राहों पर चले और मेरे अहकाम पर 'अमल करे, तो मेरे घर पर हुकूमत करेगा और मेरी बारगाहों का निगहबान होगा; और मैं तुझे इनमें खड़े हैं आने जाने की इजाज़त दूँगा।
Ainsi parle l'Éternel des armées: Si tu suis mes voies et observes mes ordonnances, tu jugeras aussi ma maison, et garderas mes parvis, et je te donnerai des guides parmi ceux qui sont ici présents.
8 अब ऐ यशू'अ सरदार काहिन, सुन, तू और तेरे रफ़ीक़ जो तेरे सामने बैठे हैं, वह इस बात का ईमा हैं कि मैं अपने बन्दे या'नी शाख़ को लाने वाला हूँ।
Écoute donc, Josué, grand sacrificateur, toi et tes collègues siégeant devant toi! (Car ce sont des hommes figuratifs; car, voici, je fais arriver mon serviteur, le Germe.)
9 क्यूँकि उस पत्थर को जो मैंने यशू'अ के सामने रख्खा है, देख, उस पर सात आँखें हैं। देख, मैं इसे तितर — बितर करूँगा, रब्ब — उल — अफ़वाज फ़रमाता है, और मैं इस मुल्क की बदकिरदारी को एक ही दिन में दूर करूँगा।
Car, voici, la pierre que j'ai placée devant Josué, sur cette seule pierre sept yeux sont fixés et j'en graverai les traits, dit l'Éternel des armées, et j'enlèverai le crime de ce pays en un jour.
10 रब्ब — उल — अफ़वाज फ़रमाता है, उसी दिन तुम में से हर एक अपने हम साये को ताक और अंजीर के नीचे बुलाएगा।”
En ce jour-là, dit l'Éternel des armées, vous vous crierez l'un à l'autre: Sous la vigne et sous le figuier!

< ज़कर 3 >