< गज़लुल 3 >
1 मैंने रात को अपने पलंग पर उसे ढूँडा जो मेरी जान का प्यारा है; मैंने उसे ढूँडा पर न पाया।
By night on my bed I sought him whom my soul loveth: I sought him, but I found him not.
2 अब मैं उठूँगी और शहर में फिरूँगी, गलियों में और बाज़ारों में, उसको ढूँडूंगी जो मेरी जान का प्यारा है। मैंने उसे ढूँडा पर न पाया।
[I said], I will rise now, and go about the city, in the streets and in the broad ways, I will seek him whom my soul loveth: I sought him, but I found him not.
3 पहरेवाले जो शहर में फिरते हैं मुझे मिले। मैंने पूछा, “क्या तुम ने उसे देखा है, जो मेरी जान का प्यारा है?”
The watchmen that go about the city found me: [to whom I said], Saw ye him whom my soul loveth?
4 अभी मैं उनसे थोड़ा ही आगे बढ़ी थी, कि मेरी जान का प्यारा मुझे मिल गया। मैंने उसे पकड़ रख्खा और उसे न छोड़ा; जब तक कि मैं उसे अपनी माँ के घर में और अपनी वालिदा के आरामगाह में न ले गई।
It was but a little that I passed from them, when I found him whom my soul loveth: I held him, and would not let him go, until I had brought him into my mother’s house, and into the chamber of her that conceived me.
5 ऐ येरूशलेम की बेटियो, मैं तुम को ग़ज़ालों और मैदान की हिरनीयों की क़सम देती हूँ कि तुम मेरे प्यारे को न जगाओ न उठाओ, जब तक कि वह उठना न चाहे।
I adjure you, O daughters of Jerusalem, by the roes, and by the hinds of the field, that ye stir not up, nor awaken love, until it please.
6 यह कौन है जो मुर और लुबान से और सौदागरों के तमाम 'इत्रों से मु'अत्तर होकर, बियाबान से धुंवे के खम्बे की तरह चला आता है।
Who is this that cometh up out of the wilderness like pillars of smoke, perfumed with myrrh and frankincense, with all powders of the merchant?
7 देखो, यह सुलेमान की पालकी है! जिसके साथ इस्राईली बहादुरों में से साठ पहलवान हैं।
Behold, it is the litter of Solomon; threescore mighty men are about it, of the mighty men of Israel.
8 वह सब के सब शमशीरज़न और जंग में माहिर हैं। रात के ख़तरे की वजह से हर एक की तलवार उसकी रान पर लटक रही है।
They all handle the sword, [and] are expert in war: every man hath his sword upon his thigh, because of fear in the night.
9 सुलेमान बादशाह ने लुबनान की लकड़ियों से अपने लिए एक पालकी बनवाई।
King Solomon made himself a palanquin of the wood of Lebanon.
10 उसके डंडे चाँदी के बनवाए, उसके बैठने की जगह सोने की और गद्दीअर्ग़वानी बनवाई; और उसके अंदर का फ़र्श, येरूशलेम की बेटियों ने इश्क से आरास्ता किया।
He made the pillars thereof of silver, the bottom thereof of gold, the seat of it of purple, the midst thereof being paved with love, from the daughters of Jerusalem.
11 ऐ सिय्यून की बेटियो, बाहर निकलो और सुलेमान बादशाह को देखो; उस ताज के साथ जो उसकी माँ ने उसके शादी के दिन और उसके दिल की शादमानी के दिन उसके सिर पर रख्खा।
Go forth, O ye daughters of Zion, and behold king Solomon, with the crown wherewith his mother hath crowned him in the day of his espousals, and in the day of the gladness of his heart.