< गज़लुल 2 >

1 मैं शारून की नर्गिस, और वादियों की सोसन हूँ।
Mǝn bolsam Xarun otliⱪidiki zǝpiran, halas; Jilƣilarda ɵskǝn bir nilupǝr, halas!»
2 जैसी सोसन झाड़ियों में, वैसी ही मेरी महबूबा कुँवारियों में है।
«Tikǝn-jiƣanlar arisidiki nilupǝrdǝk, Mana insan ⱪizliri arisida mening amriⱪim xundaⱪtur!».
3 जैसा सेब का दरख़्त जंगल के दरख़्तों में, वैसा ही मेरा महबूब नौजवानों में है। मैं निहायत शादमानी से उसके साये में बैठी, और उसका फल मेरे मुँह में मीठा लगा।
«Ormandiki dǝrǝhlǝr arisida ɵskǝn alma dǝrihidǝk, Oƣul balilar arisididur mening amriⱪim. Uning sayisi astida dilim alǝmqǝ sɵyünüp olturdum; Uning mewisi manga xerin tetidi;
4 वह मुझे मयख़ाने के अंदर लाया, और उसकी मुहब्बत का झंडा मेरे ऊपर था।
U meni xarabhaniƣa elip kirdi; Uning üstümdǝ kɵtürgǝn tuƣi muⱨǝbbǝttur.
5 किशमिश से मुझे क़रार दो, सेबों से मुझे ताज़ादम करो, क्यूँकि मैं इश्क की बीमार हूँ।
Meni kixmix poxkallar bilǝn ⱪuwwǝtlǝnglar; Almilar bilǝn meni yengilandurunglar; Qünki muⱨǝbbǝttin zǝiplixip kǝttim;
6 उसका बायाँ हाथ मेरे सिर के नीचे है, और उसका दहना हाथ मुझे गले से लगाता है।
Uning sol ⱪoli bexim astida, Uning ong ⱪoli meni silawatidu.
7 ऐ येरूशलेम की बेटियो, मैं तुम को ग़ज़ालों और मैदान की हिरनीयों की क़सम देती हूँ तुम मेरे प्यारे को न जगाओ न उठाओ, जब तक कि वह उठना न चाहे।
I Yerusalem ⱪizliri, Jǝrǝnlǝr wǝ daladiki marallarning ⱨɵrmiti bilǝn, Silǝrgǝ tapilaymǝnki, Muⱨǝbbǝtning waⱪit-saiti bolmiƣuqǝ, Uni oyƣatmanglar, ⱪozƣimanglar!»
8 मेरे महबूब की आवाज़! देख, वह आ रहा है। पहाड़ों पर से कूदता और टीलों पर से फाँदता हुआ चला आता है।
«Sɵyümlükümning awazi! Mana, u keliwatidu! Taƣlardin sǝkrǝp, Edirlardin oynaⱪlap keliwatidu!
9 मेरा महबूब आहू या जवान ग़ज़ाल की तरह है। देख, वह हमारी दीवार के पीछे खड़ा है, वह खिड़कियों से झाँकता है, वह झाड़ियों से ताकता है।
Mening sɵyümlüküm jǝrǝn yaki yax buƣidǝktur; Mana, u bizning ɵyning temining kǝynidǝ turidu; U derizilǝrdin ⱪaraydu, U pǝnjirǝ-pǝnjirilǝrdin marap baⱪidu».
10 “मेरे महबूब ने मुझ से बातें कीं और कहा, उठ मेरी प्यारी, मेरी नाज़नीन चली आ!
«Mening sɵyümlüküm manga sɵz ⱪilip mundaⱪ dedi: — «Ornungdin tur, amriⱪim, mening güzilim, mǝn bilǝn kǝtkin;
11 क्यूँकि देख जाड़ा गुज़र गया, मेंह बरस चुका और निकल गया।
Qünki mana, ⱪix ɵtüp kǝtti, Yamƣur yeƣip tügidi, u ketip ⱪaldi;
12 ज़मीन पर फूलों की बहार है, परिन्दों के चहचहाने का वक़्त आ पहुँचा, और हमारी सरज़मीन में कुमरियों की आवाज़ सुनाई देने लगी।
Yǝr yüzidǝ güllǝr kɵründi; Nahxilar sayrax waⱪti kǝldi, Zeminimizda pahtǝkning sadasi anglanmaⱪta;
13 अंजीर के दरख़्तों में हरे अंजीर पकने लगे, और ताकें फूलने लगीं; उनकी महक फैल रही है। इसलिए उठ मेरी प्यारी, मेरी जमीला, चली आ।
Ənjür dǝrihi ⱪixliⱪ ǝnjürlirini pixurmaⱪta, Üzüm talliri qeqǝklǝp ɵz puriⱪini qaqmaⱪta; Ornungdin tur, mening amriⱪim, mening güzilim, mǝn bilǝn kǝtkin!
14 ऐ मेरी कबूतरी, जो चट्टानों की दरारों में और कड़ाड़ों की आड़ में छिपी है; मुझे अपना चेहरा दिखा, मुझे अपनी आवाज़ सुना, क्यूँकि तू माहजबीन और तेरी आवाज़ मीठी है।
Aⱨ mening pahtikim, Ⱪoram tax yeriⱪi iqidǝ, Ⱪiya daldisida, Manga awazingni anglatⱪaysǝn, Qünki awazing xerin, jamaling yeⱪimliⱪtur!»
15 हमारे लिए लोमड़ियों को पकड़ो, उन लोमड़ी बच्चों को जो खजूर के बाग़ को ख़राब करते हैं; क्यूँकि हमारी ताकों में फूल लगे हैं।”
«Tülkilǝrni tutuwalayli, Yǝni üzümzarlarni buzƣuqi kiqik tülkilǝrni tutuwalayli; Qünki üzümzarlirimiz qeqǝklimǝktǝ».
16 मेरा महबूब मेरा है और मैं उसकी हूँ, वह सोसनों के बीच चराता है।
«Sɵyümlüküm meningkidur, mǝn uningkidurmǝn; U nilupǝrlǝr arisida padisini beⱪiwatidu».
17 जब तक दिन ढले और साया बढ़े, तू फिर आ ऐ मेरे महबूब। तू ग़ज़ाल या जवान हिरन की तरह होकर आ, जो बातर के पहाड़ों पर है।
«Tang atⱪuqǝ, Kɵlǝnggilǝr ⱪeqip yoⱪiƣuqǝ, Manga ⱪarap burulup kǝlgin, i sɵyümlüküm, Ⱨijranliⱪ taƣliri üstidin sǝkrǝp kelidiƣan jǝrǝn yaki buƣidǝk bolƣin!».

< गज़लुल 2 >