< रुत 3 >

1 फिर उसकी सास न'ओमी ने उससे कहा, “मेरी बेटी क्या मैं तेरे आराम की तालिब न बनूँ, जिससे तेरी भलाई हो?
Then Naomi her mother-in-law said to her, —My daughter! shall I not seek for thee a place of rest, in which it may be well with thee?
2 और क्या बो'अज़ हमारा रिश्तेदार नहीं, जिसकी लड़कियों के साथ तू थी? देख वह आज की रात खलीहान में जौ फटकेगा।
Now, therefore, is not, Boaz, of our kindred, with whose maidens thou hast been? Lo! he is winnowing the barley threshing-floor, to-night!
3 इसलिए तू नहा — धोकर ख़ुश्बू लगा, अपनी पोशाक पहन और खलीहान को जा जब तक वह मर्द खा पी न चुके, तब तक तू अपने आप उस पर ज़ाहिर न करना।
Thou wilt, therefore, bathe thee, and anoint thee, and put thine apparel upon thee, and go down to the threshing-floor, —do not make thyself known to the man, until he have done eating and drinking.
4 जब वह लेट जाए, तो उसके लेटने की जगह को देख लेना; तब तू अन्दर जा कर और उसके पाँव खोलकर लेट जाना और जो कुछ तुझे करना मुनासिब है वह तुझ को बताएगा।”
And it shall be, when he lieth down, that thou shalt mark the place where he doth lie, and shalt go in and turn aside the covering of his feet, and lay thee down, —and, he, will tell thee what thou shalt do.
5 उसने अपनी सास से कहा, “जो कुछ तू मुझ से कहती है, वह सब मैं करूँगी।”
And she said unto her, —All that thou sayest, will I do.
6 फिर वह खलीहान को गई और जो कुछ उसकी सास ने हुक्म दिया था वह सब किया।
So she went down to the threshing-floor, —and did according to all that her mother-in-law had commanded her.
7 और जब बो'अज़ खा पी चुका, उसका दिल खुश हुआ; तो वह ग़ल्ले के ढेर की एक तरफ़ जाकर लेट गया। तब वह चुपके — चुपके आई और उसके पाँव खोलकर लेट गई।
And, when Boaz had eaten, and drunk, and his heart was glad, he went in to lie down at the end of the heap of corn. Then came she in softly, and turned aside the covering of his feet, and laid her down.
8 और आधी रात को ऐसा हुआ कि वह मर्द डर गया, और उसने करवट ली और देखा कि एक ''औरत उसके पाँव के पास पड़ी है।
And it came to pass, in the middle of the night, that the man started up, and turned, —and lo! a woman, lying at his feet.
9 तब उसने पूछा, “तू कौन है?” उस ने कहा, “तेरी लौंडी रूत हूँ; इसलिए तू अपनी लौंडी पर अपना दामन फैला दे, क्यूँकि तू नज़दीक का क़रीबी रिश्तेदार है।”
And he said, Who art, thou? And she said, I, am Ruth, thy handmaid, spread, therefore, thy wing over thy handmaid, for, a kinsman, thou art.
10 उसने कहा, “तू ख़ुदावन्द की तरफ़ से मुबारक हो, ऐ मेरी बेटी क्यूँकि तूने शुरू' की तरह आख़िर में ज़्यादा मेहरबानी कर दिखाई कि तूने जवानों का चाहे अमीर हों या ग़रीब पीछा न किया।
And he said—Blessed, be thou of Yahweh, my daughter, for thou hast made thy last lovingkindness better than the first, —in not following after young men, whether poor, or rich.
11 अब ऐ मेरी बेटी, मत डर! मैं सब कुछ जो तू कहती है तुझ से करूँगा क्यूँकि मेरी क़ौम का तमाम शहर जानता है कि तू पाक दामन 'औरत है।
Now, therefore, my daughter, do not fear, whatsoever thou shalt say, I will do for thee, —for all the gate of my people doth know, that, a virtuous woman, thou art.
12 और यह सच है कि मैं नज़दीक का क़रीबी रिश्तेदार हूँ, लेकिन एक और भी है जो क़रीब के रिश्तों में मुझ से ज़्यादा नज़दीक है।
And, now, although it is true that, a kinsman, am I, yet is there a kinsman nearer than I.
13 इस रात तू ठहरी रह, सुबह को अगर वह क़रीब के रिश्ते का हक़ अदा करना चाहे, तो ख़ैर वह क़रीब के रिश्ते का हक़ अदा करे; और अगर वह तेरे साथ क़रीबी रिश्ते का हक़ अदा करना न चाहे, तो ज़िन्दा ख़ुदावन्द की क़सम है मैं तेरे क़रीबी रिश्ते का हक़ अदा करूँगा। सुबह तक तो तू लेटी रह।”
Tarry the night, and it shall be, in the morning, if he will act as kinsman to thee, well, let him so act, but, if he inclineth not to act as kinsman to thee, then will, I, so act to thee—by the life of Yahweh, —Lie still, until the morning.
14 इसलिए वह सुबह तक उसके पाँव के पास लेटी रही, और पहले इससे कि कोई एक दूसरे को पहचान सके उठ खड़ी हुई; क्यूँकि उसने कह दिया था कि ये ज़ाहिर होने न पाए कि खलीहान में ये 'औरत आई थी।
So she lay at his feet, until the morning, and rose up before one could know his neighbour. And he said—Do not let it be known that a woman came into the threshing-floor.
15 फिर उसने कहा, “उस चादर को जो तेरे ऊपर है ला, और उसे थामे रह।” जब उसने उसे थामा तो उसने जौ के छह पैमाने नाप कर उस पर लाद दिए। फिर वह शहर को चला गया।
And he said—Bring the cloak that is upon thee, and hold it. So she held it, —and he measured six measures of barley, and laid it upon her, and he went into the city.
16 फिर वह अपनी सास के पास आई तो उसने कहा, “ऐ मेरी बेटी, तू कौन है?” तब उसने सब कुछ जो उस मर्द ने उससे किया था उसे बताया,
And, when she came unto her mother-in- law, she said—Who art, thou, my daughter? And she told her all that the man had done for her.
17 और कहने लगी कि मुझको उसने यह छ: पैमाने जौ के दिए, क्यूँकि उसने कहा, तू अपनी सास के पास ख़ाली हाथ न जा।
And she said—These six measures of barley, gave he unto me, —for he said, Do not go in empty, unto thy mother-in- law.
18 तब उसने कहा, “ऐ मेरी बेटी, जब तक इस बात के अंजाम का तुझे पता न लगे, तू चुप चाप बैठी रह इसलिए कि उस शख़्स को चैन न मिलेगा जब तक वह इस काम को आज ही तमाम न कर ले।”
And she said—Abide, my daughter, until that thou get to know, how the matter will fall out, —for the man will not rest, except he have finished the thing to-day.

< रुत 3 >