< रोमियो 5 >
1 पस जब हम ईमान से रास्तबाज़ ठहरे, तो ख़ुदा के साथ अपने ख़ुदावन्द ईसा मसीह के वसीले से सुलह रखें।
हामी विश्वासद्वारा धर्मी ठहरिने हुनाले हाम्रा प्रभु येशू ख्रीष्टद्वारा हामी परमेश्वरसँग शान्तिमा छौँ ।
2 जिस के वसीले से ईमान की वजह से उस फ़ज़ल तक हमारी रिसाई भी हुई जिस पर क़ाईम हैं और ख़ुदा के जलाल की उम्मीद पर फ़ख़्र करें।
हामीले उहाँप्रतिको विश्वासद्वारा यो अनुग्रहमा प्रवेश पाएका छौँ जसमा हामी खडा छौँ । हामी परमेश्वरले हामीलाई भविष्यको निम्ति दिनुहुने दृढता अर्थात् हामी परमेश्वरको महिमामा सहभागी हुनेछौँ भन्ने दृढतामा रमाउँछौँ ।
3 और सिर्फ़ यही नहीं बल्कि मुसीबतों में भी फ़ख़्र करें ये जानकर कि मुसीबत से सब्र पैदा होता है।
यति मात्र होइन, तर हामी हाम्रो कष्टमा पनि रमाउँछौँ । हामी जान्दछौँ, कि कष्टले सहनशीलता उत्पन्न गराउँछ ।
4 और सब्र से पुख़्तगी और पुख़्तगी से उम्मीद पैदा होती है।
सहनशीलताले सहमति उत्पन्न गराउँछ र सहमतिले भविष्यको निम्ति भरोसा उत्पन्न गराउँछ ।
5 और उम्मीद से शर्मिन्दगी हासिल नहीं होती क्यूँकि रूह — उल — क़ुद्दूस जो हम को बख़्शा गया है उसके वसीले से ख़ुदा की मुहब्बत हमारे दिलों में डाली गई है।
यो भरोसाले निराश पार्दैन, किनभने हामीलाई दिइएको पवित्र आत्माद्वारा परमेश्वरको प्रेम हाम्रो हृदयमा खन्याइएको छ ।
6 क्यूँकि जब हम कमज़ोर ही थे तो ऐ'न वक़्त पर मसीह बे'दीनों की ख़ातिर मरा।
किनकि हामी कमजोर हुँदा नै ख्रीष्ट अधर्मीको निम्ति ठिक समयमा मर्नुभयो ।
7 किसी रास्तबाज़ की ख़ातिर भी मुश्किल से कोई अपनी जान देगा मगर शायद किसी नेक आदमी के लिए कोई अपनी जान तक दे देने की हिम्मत करे;
एक जना धर्मी मानिसको लागि मुस्किलले कोही मर्नेछ । अर्थात् एक जना असल मानिसको लागि सायद कोहीले मर्ने साहस गर्थ्यो ।
8 लेकिन ख़ुदा अपनी मुहब्बत की ख़ूबी हम पर यूँ ज़ाहिर करता है कि जब हम गुनाहगार ही थे, तो मसीह हमारी ख़ातिर मरा।
तर परमेश्वरले हामीप्रति उहाँको आफ्नो प्रेम प्रमाणित गर्नुहुन्छ, किनकि हामी पापी हुँदै ख्रीष्ट हाम्रा निम्ति मर्नुभयो ।
9 पस जब हम उसके ख़ून के ज़रिए अब रास्तबाज़ ठहरे तो उसके वसीले से ग़ज़ब 'ए इलाही से ज़रूर बचेंगे।
अहिले हामी उहाँको रगतद्वारा अझ धेरै धर्मी ठहराइएका छौँ, अनि हामी उहाँको क्रोधबाट बचाइनेछौँ ।
10 क्यूँकि जब बावजूद दुश्मन होने के ख़ुदा से उसके बेटे की मौत के वसीले से हमारा मेल हो गया तो मेल होने के बाद तो हम उसकी ज़िन्दगी की वजह से ज़रूर ही बचेंगे।
हामी शत्रु हुँदा नै हामीलाई उहाँका पुत्रको मृत्युद्वारा परमेश्वरसँग मिलाप गराइयो; मिलाप भएपछि उहाँको जीवनद्वारा हामी अझ धेरै बचाइनेछौँ ।
11 और सिर्फ़ यही नहीं बल्कि अपने ख़ुदावन्द ईसा मसीह के तुफ़ैल से जिसके वसीले से अब हमारा ख़ुदा के साथ मेल हो गया ख़ुदा पर फ़ख़्र भी करते हैं।
यति मात्र होइन, तर हामी हाम्रा प्रभु येशू ख्रीष्टद्वारा परमेश्वरमा रमाउँछौँ, जसद्वारा हामीले यो मिलाप प्राप्त गरेका छौँ ।
12 पस जिस तरह एक आदमी की वजह से गुनाह दुनिया में आया और गुनाह की वजह से मौत आई और यूँ मौत सब आदमियों में फैल गई इसलिए कि सब ने गुनाह किया।
यसकारण, एक जना मानिसद्वारा संसारमा पाप प्रवेश गर्यो, यसरी पापद्वारा मृत्यु प्रवेश गर्यो । अनि मृत्यु सबै मानिसमा फैलियो, किनभने सबैले पाप गरे ।
13 क्यूँकि शरी'अत के दिए जाने तक दुनिया में गुनाह तो था मगर जहाँ शरी'अत नहीं वहाँ गुनाह शूमार नहीं होता।
किनकि व्यवस्था नहुँदा पनि संसारमा पाप थियो, तर व्यवस्था नहुँदा पापको निम्ति कुनै लेखा हुँदैन ।
14 तो भी आदम से लेकर मूसा तक मौत ने उन पर भी बादशाही की जिन्होंने उस आदम की नाफ़रमानी की तरह जो आनेवाले की मिसाल था गुनाह न किया था।
तथापि, मृत्युले आदमदेखि मोशासम्म र आदमले झैँ अनाज्ञाकारिताको पाप नगर्नेमाथि पनि राज्य गर्यो जो आउनु पर्थ्यो त्यसको प्रतिरूप थियो ।
15 लेकिन गुनाह का जो हाल है वो फ़ज़ल की नेअ'मत का नहीं क्यूँकि जब एक शख़्स के गुनाह से बहुत से आदमी मर गए तो ख़ुदा का फ़ज़ल और उसकी जो बख़्शिश एक ही आदमी या'नी ईसा मसीह के फ़ज़ल से पैदा हुई और बहुत से आदमियों पर ज़रूर ही इफ़्रात से नाज़िल हुई।
तरै पनि यो सित्तैँको वरदान अधर्म जस्तो होइन । एक जनाको अधर्मले धेरै जना मरे, परमेश्वरको अनुग्रहले अझ धेरै गर्यो र एक जना मानिस अर्थात् येशू ख्रीष्टको अनुग्रहद्वारा आउने वरदान धेरैका निम्ति प्रशस्त होस् ।
16 और जैसा एक शख़्स के गुनाह करने का अंजाम हुआ बख़्शिश का वैसा हाल नहीं क्यूँकि एक ही की वजह से वो फ़ैसला हुआ जिसका नतीजा सज़ा का हुक्म था; मगर बहुतेरे गुनाहों से ऐसी नेअ'मत पैदा हुई जिसका नतीजा ये हुआ कि लोग रास्तबाज़ ठहरें।
किनकि वरदान एक जनाले पाप गरेको परिणामजस्तो होइन । एकातिर, एक जना मानिसको अपराधले दण्डको न्याय आयो । अर्कोतिर, सित्तैँको वरदान धेरै अपराधपछि धर्मीकरणको परिणाममा आयो ।
17 क्यूँकि जब एक शख़्स के गुनाह की वजह से मौत ने उस एक के ज़रिए से बादशाही की तो जो लोग फ़ज़ल और रास्तबाज़ी की बख़्शिश इफ़्रात से हासिल करते हैं “वो एक शख़्स या'नी ईसा” मसीह के वसीले से हमेशा की ज़िन्दगी में ज़रूर ही बादशाही करेंगे।
एक जनाको अपराधद्वारा अर्थात् एक जनाद्वारा मृत्युले राज्य गर्यो, अनुग्रह र धार्मिकताको वरदानको प्रशस्तता प्राप्त गर्नेले एक जना अर्थात् येशू ख्रीष्टको जीवनद्वारा अझ धेरै राज्य गर्नेछ ।
18 ग़रज़ जैसा एक गुनाह की वजह से वो फ़ैसला हुआ जिसका नतीजा सब आदमियों की सज़ा का हुक्म था; वैसे ही रास्तबाज़ी के एक काम के वसीले से सब आदमियों को वो ने'मत मिली जिससे रास्तबाज़ ठहराकर ज़िन्दगी पाएँ।
यसरी एउटा अपराधद्वारा सबै मानिस दण्डको भागीदार हुन आए र एउटा धार्मिकताको कामद्वारा सबै मानिसको निम्ति धर्मीकरण आयो ।
19 क्यूँकि जिस तरह एक ही शख़्स की नाफ़रमानी से बहुत से लोग गुनाहगार ठहरे, उसी तरह एक की फ़रमाँबरदारी से बहुत से लोग रास्तबाज़ ठहरे।
जसरी एक जना मानिसको अनाज्ञाकारिताद्वारा धेरै जनालाई पापी बनाइयो, त्यसरी नै एक जनाको आज्ञाकारिताद्वारा धेरै जनालाई धर्मी बनाइनेछ ।
20 और बीच में शरी'अत आ मौजूद हुई ताकि गुनाह ज़्यादा हो जाए मगर जहाँ गुनाह ज़्यादा हुआ फ़ज़ल उससे भी निहायत ज़्यादा हुआ।
तर व्यवस्था आयो ताकि अपराध बढोस् । तर जहाँ पाप बढ्यो, त्यहाँ अनुग्रह पनि झन् बढ्यो ।
21 ताकि जिस तरह गुनाह ने मौत की वजह से बादशाही की उसी तरह फ़ज़ल भी हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह के वसीले से हमेशा की ज़िन्दगी के लिए रास्तबाज़ी के ज़रिए से बादशाही करे। (aiōnios )
ताकि जसरी पापले मृत्युद्वारा राज्य गर्यो, त्यसरी नै अनुग्रहले हाम्रा प्रभु येशू ख्रीष्टद्वारा अनन्त जीवनको निम्ति धार्मिकताद्वारा राज्य गरोस् । (aiōnios )