< रोमियो 11 >

1 पस मैं कहता हूँ क्या ख़ुदा ने अपनी उम्मत को रद्द कर दिया? हरगिज़ नहीं क्यूँकि मैं भी इस्राईली अब्रहाम की नस्ल और बिनयामीन के क़बीले में से हूँ।
ⲁ̅ⲧⲁϫⲟⲟⲥ ϭⲉ ϫⲉ ⲙⲏ ⲁⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲕⲁⲡⲉϥⲗⲁⲟⲥ ⲛ̅ⲥⲱϥ ⲛ̅ⲛⲉⲥϣⲱⲡⲉ. ⲕⲁⲓⲅⲁⲣ ⲁⲛⲟⲕ ϩⲱ ⲁⲛⲅ̅ⲟⲩⲉⲃⲟⲗ ϩⲙ̅ⲡⲓⲥⲣⲁⲏⲗ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲙ̅ⲡⲉⲥⲡⲉⲣⲙⲁ ⲛ̅ⲁⲃⲣⲁϩⲁⲙ ⲧⲉⲫⲩⲗⲏ ⲛ̅ⲃⲉⲛⲓⲁⲙⲉⲓⲛ.
2 ख़ुदा ने अपनी उस उम्मत को रद्द नहीं किया जिसे उसने पहले से जाना क्या तुम नहीं जानते कि किताब — ए — मुक़द्दस एलियाह के ज़िक्र में क्या कहती है; कि वो ख़ुदा से इस्राईल की यूँ फ़रियाद करता है?
ⲃ̅ⲙ̅ⲡⲉⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲕⲁⲡⲉϥⲗⲁⲟⲥ ⲛ̅ⲥⲱϥ ⲡⲉⲛⲧⲁϥⲥⲟⲩⲱⲛϥ̅ ϫⲓⲛⲛ̅ϣⲟⲣⲡ̅. ⲏ̅ ⲛ̅ⲧⲉⲧⲛ̅ⲥⲟⲟⲩⲛ ⲁⲛ ϫⲉ ϣⲁⲣⲉⲧⲉⲅⲣⲁⲫⲏ ϫⲟⲟⲥ ϫⲉ ⲟⲩ ϩⲛ̅ϩⲏⲗⲓⲁⲥ. ⲛ̅ⲑⲉ ⲉϣⲁϥⲥⲙ̅ⲙⲉ ⲉϩⲣⲁⲓ̈ ⲉⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲉⲡⲓⲥⲣⲁⲏⲗ.
3 “ऐ ख़ुदावन्द उन्होंने तेरे नबियों को क़त्ल किया और तेरी क़ुरबानगाहों को ढा दिया; अब मैं अकेला बाक़ी हूँ और वो मेरी जान के भी पीछे हैं।”
ⲅ̅ϫⲉ ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲛⲉⲕⲡⲣⲟⲫⲏⲧⲏⲥ ⲁⲩⲙⲟⲟⲩⲧⲟⲩ. ⲛⲉⲕⲑⲩⲥⲓⲁⲥⲧⲏⲣⲓⲟⲛ ⲁⲩϣⲣ̅ϣⲱⲣⲟⲩ. ⲁⲛⲟⲕ ⲡⲉⲛⲧⲁⲓ̈ϣⲱϫⲡ̅ ⲙⲁⲩⲁⲁⲧ. ⲁⲩⲱ ⲥⲉϣⲓⲛⲉ ⲛ̅ⲥⲁⲧⲁⲯⲩⲭⲏ.
4 मगर जवाब'ए 'इलाही उसको क्या मिला? ये कि मैंने “अपने लिए सात हज़ार आदमी बचा रख्खे हैं जिन्होंने बा'ल के आगे घुटने नहीं टेके।”
ⲇ̅ⲁⲗⲗⲁ ⲉϣⲁⲣⲉⲡϣⲁϫⲉ ϫⲟⲟⲥ ⲛⲁϥ ϫⲉ ⲟⲩ ϫⲉ ⲁⲓ̈ϣⲱϫⲡ̅ ⲛⲁⲓ̈ ⲛ̅ⲥⲁϣϥ̅ ⲛ̅ϣⲟ ⲛ̅ⲣⲱⲙⲉ ⲛⲁⲓ̈ ⲉⲧⲉⲙ̅ⲡⲟⲩⲕⲗϫ̅ⲡⲁⲧ ⲛ̅ⲧⲃⲁϩⲁⲗ.
5 पस इसी तरह इस वक़्त भी फ़ज़ल से बरगुज़ीदा होने के ज़रिए कुछ बाक़ी हैं।
ⲉ̅ⲧⲁⲓ̈ ϭⲉ ⲟⲛ ⲧⲉ ⲑⲉ ϩⲙ̅ⲡⲉⲓ̈ⲕⲉⲟⲩⲟⲉⲓϣ ⲟⲩϣⲱϫⲡ̅ ⲡⲉⲛⲧⲁϥϣⲱⲡⲉ ⲕⲁⲧⲁⲟⲩⲙⲛ̅ⲧⲥⲱⲧⲡ̅ ⲛ̅ⲭⲁⲣⲓⲥ.
6 और अगर फ़ज़ल से बरगुज़ीदा हैं तो आ'माल से नहीं; वर्ना फ़ज़ल फ़ज़ल न रहा।
ⲋ̅ⲉⲓ ⲧⲉ ⲉϣϫⲉϩⲛ̅ⲟⲩⲭⲁⲣⲓⲥ ⲉⲓ̈ⲉ ⲟⲩⲉⲃⲟⲗ ϭⲉ ⲁⲛ ⲡⲉ ϩⲛ̅ⲛⲉϩⲃⲏⲩⲉ ⲙ̅ⲙⲟⲛ ⲧⲉⲭⲁⲣⲓⲥ ϭⲉ ⲛⲁⲣ̅ⲭⲁⲣⲓⲥ ⲁⲛ.
7 पस नतीजा क्या हुआ? ये कि इस्राईल जिस चीज़ की तलाश करता है वो उस को न मिली मगर बरगुज़ीदों को मिली और बाक़ी सख़्त किए गए।
ⲍ̅ⲟⲩ ϭⲉ ⲡⲉⲧⲉⲣⲉⲡⲓⲥⲣⲁⲏⲗ ϣⲓⲛⲉ ⲛ̅ⲥⲱϥ. ⲡⲁⲓ̈ ⲙ̅ⲡϥ̅ⲙⲁⲧⲉ ⲙ̅ⲙⲟϥ. ⲁⲧⲙⲛ̅ⲧⲥⲱⲧⲡ̅ ⲇⲉ ⲙⲁⲧⲉ ⲙ̅ⲙⲟϥ. ⲁⲡⲕⲉⲥⲉⲉⲡⲉ ⲇⲉ ⲧⲱⲙ ⲛ̅ϩⲏⲧ.
8 चुनाँचे लिखा है, ख़ुदा ने उनको आज के दिन तक सुस्त तबी'अत दी और ऐसी आँखें जो न देखें और ऐसे कान जो न सुनें।
ⲏ̅ⲕⲁⲧⲁⲑⲉ ⲉⲧⲥⲏϩ ϫⲉ ⲁⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ϯ ⲛⲁⲩ ⲛ̅ⲟⲩⲡ̅ⲛ̅ⲁ̅ ⲛⲙ̅ⲕⲁϩ ⲛ̅ϩⲏⲧ ϩⲉⲛⲃⲁⲗ ⲉⲧⲙ̅ⲛⲁⲩ ⲉⲃⲟⲗ. ⲁⲩⲱ ϩⲉⲛⲙⲁⲁϫⲉ ⲉⲧⲙ̅ⲥⲱⲧⲙ̅ ϣⲁϩⲣⲁⲓ̈ ⲉⲡⲟⲟⲩ ⲛ̅ϩⲟⲟⲩ.
9 और दाऊद कहता है, उनका दस्तरख़्वान उन के लिए जाल और फ़न्दा और ठोकर खाने और सज़ा का ज़रिया बन जाए।
ⲑ̅ϣⲁⲣⲉⲇⲁⲩⲉⲓⲇ ⲟⲛ ϫⲟⲟⲥ ϫⲉ ⲙⲁⲣⲉⲧⲉⲩⲧⲣⲁⲡⲉⲍⲁ ϣⲱⲡⲉ ⲛⲁⲩ ⲉⲩϭⲟⲣϭⲥ̅ ⲙⲛ̅ⲟⲩⲡⲁϣ. ⲁⲩⲱ ⲟⲩⲥⲕⲁⲛⲇⲁⲗⲟⲛ ⲙⲛ̅ⲟⲩⲧⲱⲱⲃⲉ ⲛⲁⲩ
10 उन की आँखों पर अँधेरा छा जाए ताकि न देखें और तू उनकी पीठ हमेशा झुकाए रख।
ⲓ̅ⲙⲁⲣⲟⲩⲣ̅ⲕⲁⲕⲉ ⲛ̅ϭⲓⲛⲉⲩⲃⲁⲗ ⲉⲧⲙ̅ⲛⲁⲩ ⲉⲃⲟⲗ. ⲁⲩⲱ ⲧⲉⲩϫⲓⲥⲉ ⲛ̅ⲅⲟⲗⲕⲥ̅ ⲛ̅ⲥⲏⲩ ⲛⲓⲙ.
11 पस मैं पूंछता हूँ क्या यहूदियों ने ऐसी ठोकर खाई कि गिर पड़ें? हरगिज़ नहीं; बल्कि उनकी ग़लती से ग़ैर क़ौमों को नजात मिली ताकि उन्हें ग़ैरत आए।
ⲓ̅ⲁ̅ⲧⲁϫⲟⲟⲥ ϭⲉ ϫⲉ ⲛ̅ⲧⲁⲩϫⲱⲣⲡ̅ ϫⲉⲉⲩⲉϩⲉ ⲛ̅ⲛⲉⲥϣⲱⲡⲉ. ⲁⲗⲗⲁ ϩⲙ̅ⲡⲉⲩϩⲉ ⲁⲡⲉⲩϫⲁⲓ̈ ϣⲱⲡⲉ ⲛ̅ⲛ̅ϩⲉⲑⲛⲟⲥ ⲉⲡϯⲕⲱϩ ⲛⲁⲩ.
12 पस जब उनका लड़खड़ाना दुनिया के लिए दौलत का ज़रिया और उनका घटना ग़ैर क़ौमों के लिए दौलत का ज़रिया हुआ तो उन का भरपूर होना ज़रूर ही दौलत का ज़रिया होगा
ⲓ̅ⲃ̅ⲉϣϫⲉⲁⲡⲉⲩϩⲉ ⲇⲉ ⲣ̅ⲙⲛ̅ⲧⲣⲙ̅ⲙⲁⲟ ⲙ̅ⲡⲕⲟⲥⲙⲟⲥ. ⲁⲩⲱ ⲁⲡⲉⲩϣⲱⲱⲧ ⲣ̅ⲙⲛ̅ⲧⲣⲙ̅ⲙⲁⲟ ⲛ̅ⲛ̅ϩⲉⲑⲛⲟⲥ ⲉⲓ̈ⲉ ⲟⲩⲏⲣ ⲛ̅ϩⲟⲩⲟ ⲡⲉ ⲡⲉⲩϫⲱⲕ·
13 मैं ये बातें तुम ग़ैर क़ौमों से कहता हूँ, चूँकि मैं ग़ैर क़ौमों का रसूल हूँ इसलिए अपनी ख़िदमत की बड़ाई करता हूँ।
ⲓ̅ⲅ̅ϯϫⲱ ⲇⲉ ⲙ̅ⲙⲟⲥ ⲛⲏⲧⲛ̅ ⲛ̅ϩⲉⲑⲛⲟⲥ ⲉⲡϩⲟⲥⲟⲛ ⲅⲁⲣ ⲁⲛⲅ̅ⲡⲁⲡⲟⲥⲧⲟⲗⲟⲥ ⲛ̅ⲛ̅ϩⲉⲑⲛⲟⲥ. ϯϯⲉⲟⲟⲩ ⲛ̅ⲧⲁⲇⲓⲁⲕⲟⲛⲓⲁ
14 ताकि किसी तरह से अपनी क़ौम वालों से ग़ैरत दिलाकर उन में से कुछ को नजात दिलाऊँ।
ⲓ̅ⲇ̅ϫⲉ ⲉⲓ̈ⲉϯⲕⲱϩ ⲛ̅ⲧⲁⲥⲁⲣⲝ̅ ⲧⲁⲧⲟⲩϫⲉϩⲟⲓ̈ⲛⲉ ⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ϩⲏⲧⲟⲩ.
15 क्यूँकि जब उनका अलग हो जाना दुनिया के आ मिलने का ज़रिया हुआ तो क्या उन का मक़बूल होना मुर्दों में से जी उठने के बराबर न होगा?
ⲓ̅ⲉ̅ⲉϣϫⲉⲁⲡⲉⲩⲧⲥⲧⲟ ⲅⲁⲣ ⲉⲃⲟⲗ ⲣ̅ϩⲱⲧⲡ̅ ⲙ̅ⲡⲕⲟⲥⲙⲟⲥ. ⲉⲓ̈ⲉ ⲟⲩⲏⲣ ⲡⲉ ⲡⲉⲩϣⲟⲡⲟⲩ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲛ̅ⲥⲁⲡⲧⲱⲟⲩⲛ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ̅ⲛⲉⲧⲙⲟⲟⲩⲧ.
16 जब नज़्र का पहला पेड़ा पाक ठहरा तो सारा गुंधा हुआ आटा भी पाक है, और जब जड़ पाक है तो डालियाँ भी पाक ही हैं।
ⲓ̅ⲋ̅ⲉϣϫⲉⲡⲉⲑⲁⲃ ⲅⲁⲣ ⲟⲩⲁⲁⲃ. ⲉⲓ̈ⲉ ⲡⲕⲉⲟⲩⲱϣⲙ̅ ⲟⲩⲁⲁⲃ. ⲁⲩⲱ ⲉϣϫⲉⲧⲛⲟⲩⲛⲉ ⲟⲩⲁⲁⲃ ⲉⲓ̈ⲉ ⲛⲉⲥⲕⲉⲕⲗⲁⲇⲟⲥ.
17 लेकिन अगर कुछ डालियाँ तोड़ी गई, और तू जंगली ज़ैतून होकर उनकी जगह पैवन्द हुआ, और ज़ैतून की रौग़नदार जड़ में शरीक हो गया।
ⲓ̅ⲍ̅ⲉϣϫⲉϩⲟⲓⲛⲉ ⲇⲉ ⲛ̅ⲛⲉⲕⲗⲁⲇⲟⲥ ⲁⲩϣⲁⲁⲧⲟⲩ. ⲛ̅ⲧⲟⲕ ⲇⲉ ⲛ̅ⲧⲕ̅ⲟⲩⲃⲱ ⲛ̅ϫⲓⲧϩⲟⲟⲩⲧ ⲁⲩⲧⲟϭⲕ̅ ϩⲣⲁⲓ̈ ⲛ̅ϩⲏⲧⲟⲩ. ⲁⲩⲱ ⲁⲕϣⲱⲡⲉ ⲛ̅ⲕⲟⲓⲛⲱⲛⲟⲥ ⲉⲡⲕⲛⲛⲉ ⲛ̅ⲧⲛⲟⲩⲛⲉ ⲛⲧⲃⲱ ⲛ̅ϫⲟⲉⲓⲧ.
18 तो तू उन डालियों के मुक़ाबिले में फ़ख़्र न कर और अगर फ़ख़्र करेगा तो जान रख कि तू जड़ को नहीं बल्कि जड़ तुझ को संभालती है।
ⲓ̅ⲏ̅ⲙ̅ⲡⲣ̅ϣⲟⲩϣⲟⲩ ⲙ̅ⲙⲟⲕ ⲉϫⲛ̅ⲛⲉⲕⲗⲁⲇⲟⲥ. ⲉϣϫⲉⲕϣⲟⲩϣⲟⲩ ⲇⲉ ⲙ̅ⲙⲟⲕ. ⲛ̅ⲧⲟⲕ ⲁⲛ ⲉⲧϥⲓ ϩⲁⲧⲛⲟⲩⲛⲉ. ⲁⲗⲗⲁ ⲧⲛⲟⲩⲛⲉ ⲧⲉⲧϥⲓ ϩⲁⲣⲟⲕ
19 पस तू कहेगा, “डालियाँ इसलिए तोड़ी गईं कि मैं पैवन्द हो जाऊँ।”
ⲓ̅ⲑ̅ⲕⲛⲁϫⲟⲟⲥ ϭⲉ ⲛⲁⲓ̈ ϫⲉ ⲛⲧⲁⲩϣⲉⲧϩⲉⲛⲕⲗⲁⲇⲟⲥ ϫⲉⲕⲁⲁⲥ ⲉⲩⲉⲧⲟϭⲧ̅
20 अच्छा, वो तो बे'ईमानी की वजह से तोड़ी गई, और तू ईमान की वजह से क़ाईम है; पस मग़रूर न हो बल्कि ख़ौफ़ कर।
ⲕ̅ⲕⲁⲗⲱⲥ. ϩⲛ̅ⲟⲩⲙⲛ̅ⲧⲁⲡⲓⲥⲧⲟⲥ ⲁⲩϣⲁⲁⲧⲟⲩ. ⲛ̅ⲧⲟⲕ ⲇⲉ ⲉⲕⲁϩⲉⲣⲁⲧⲕ̅ ϩⲛ̅ⲧⲡⲓⲥⲧⲓⲥ. ⲙ̅ⲡⲣ̅ϫⲓⲥⲉ ϭⲉ ⲛ̅ϩⲏⲧ ⲁⲗⲗⲁ ⲁⲣⲓϩⲟⲧⲉ.
21 क्यूँकि जब ख़ुदा ने असली डालियों को न छोड़ा तो तुझ को भी न छोड़ेगा।
ⲕ̅ⲁ̅ⲉϣϫⲉⲙ̅ⲡⲉⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲅⲁⲣ ϯⲥⲟ ⲉⲛⲉⲕⲗⲁⲇⲟⲥ ⲉⲧⲉϩⲱⲟⲩ ⲛⲉ. ⲛϥ̅ⲛⲁϯⲥⲟ ϩⲱⲱⲕ ⲁⲛ ⲉⲣⲟⲕ
22 पस ख़ुदा की महरबानी और सख़्ती को देख सख़्ती उन पर जो गिर गए हैं; और ख़ुदा की महरबानी तुझ पर बशर्ते कि तू उस महरबानी पर क़ाईम रहे, वर्ना तू भी काट डाला जाएगा।
ⲕ̅ⲃ̅ⲁⲛⲁⲩ ϭⲉ ⲉⲧⲙⲛ̅ⲧⲭⲣⲏⲥⲧⲟⲥ ⲁⲩⲱ ⲧⲙⲛ̅ⲧⲣⲉϥϣⲱⲱⲧ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲧⲙⲛ̅ⲧⲣⲉϥϣⲱⲱⲧ ⲙⲉⲛ ⲉϫⲛ̅ⲛⲉⲛⲧⲁⲩϩⲉ. ⲧⲙⲛ̅ⲧⲭⲣⲏⲥⲧⲟⲥ ⲇⲉ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲉϫⲱⲕ ⲉⲕϣⲁⲛϭⲱ ϩⲛ̅ⲧⲙⲛ̅ⲧⲭⲣⲏⲥⲧⲟⲥ. ⲉϣⲱⲡⲉ ⲙ̅ⲙⲟⲛ ϩⲱⲱⲕ ⲥⲉⲛⲁϣⲁⲁⲧⲕ̅.
23 और वो भी अगर बे'ईमान न रहें तो पैवन्द किए जाएँगे क्यूँकि ख़ुदा उन्हें पैवन्द करके बहाल करने पर क़ादिर है।
ⲕ̅ⲅ̅ⲛ̅ⲕⲟⲟⲩⲉ ϩⲱⲟⲩ ⲉⲩϣⲁⲛⲧⲙ̅ϭⲱ ϩⲛ̅ⲧⲉⲩⲙⲛ̅ⲧⲁⲧⲛⲁϩⲧⲉ ⲥⲉⲛⲁⲧⲟϭⲟⲩ. ⲟⲩⲛϭⲟⲙ ⲅⲁⲣ ⲟⲛ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲉⲧⲟϭⲟⲩ.
24 इसलिए कि जब तू ज़ैतून के उस दरख़्त से काट कर जिसकी जड़ ही जंगली है जड़ के बरख़िलाफ़ अच्छे ज़ैतून में पैवन्द हो गया तो वो जो जड़ डालियाँ हैं अपने ज़ैतून में ज़रूर ही पैवन्द हो जाएँगी।
ⲕ̅ⲇ̅ⲉϣϫⲉⲛ̅ⲧⲟⲕ ⲅⲁⲣ ⲛ̅ⲧⲁⲩϣⲁⲁⲧⲕ̅ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ̅ⲟⲩⲃⲱ ⲛ̅ϫⲓⲧϩⲟⲟⲩⲧ ⲛⲁⲙⲉ ⲁⲩⲱ ⲡⲁⲣⲁⲧⲉⲕⲙⲓⲛⲉ ⲁⲩⲧⲟϭⲕ̅ ⲉⲩⲃⲱ ⲛ̅ϫⲓⲧⲛⲟⲩⲧⲙ̅. ⲡⲟⲥⲱ ⲙⲁⲗⲗⲟⲛ ⲛⲁⲓ̈ ⲉϩⲟⲓ̈ⲛⲉ ⲣⲱ ⲛⲉ ⲥⲉⲛⲁⲧⲟϭⲟⲩ ⲉⲧⲉⲩⲃⲱ ⲛ̅ϫⲟⲉⲓⲧ ⲙ̅ⲙⲓⲛ ⲙ̅ⲙⲟⲟⲩ·
25 ऐ भाइयों! कहीं ऐसा न हो कि तुम अपने आपको अक़्लमन्द समझ लो इसलिए में नहीं चाहता कि तुम इस राज़ से ना वाक़िफ़ रहो कि इस्राईल का एक हिस्सा सख़्त हो गया है और जब तक ग़ैर क़ौमें पूरी पूरी दाख़िल न हों वो ऐसा ही रहेगा।
ⲕ̅ⲉ̅ϯⲟⲩⲱϣ ⲇⲉ ⲉⲧⲣⲉⲧⲛ̅ⲉⲓⲙⲉ ⲛⲁⲥⲛⲏⲩ ⲉⲡⲉⲉⲓⲙⲩⲥⲧⲏⲣⲓⲟⲛ ϫⲉⲕⲁⲁⲥ ⲉⲛⲛⲉⲧⲛ̅ϣⲱⲡⲉ ⲛⲏⲧⲛ̅ ⲛ̅ⲥⲁⲃⲉ ϫⲉ ⲛ̅ⲧⲁ(ⲟ)ⲩⲧⲱⲙ ⲛ̅ϩⲏⲧ ϣⲱⲡⲉ ⲛ̅ϩⲟⲓ̈ⲛⲉ ⲙ̅ⲡⲓⲥⲣⲁⲏⲗ ϣⲁⲛⲧⲉⲡϫⲱⲕ ⲛ̅ⲛ̅ϩⲉⲑⲛⲟⲥ ⲉⲓ ⲉϩⲟⲩⲛ.
26 और इस सूरत से तमाम इस्राईल नजात पाएगा; चुनाँचे लिखा है, छुड़ाने वाला सिय्यून से निकलेगा और बेदीनी को या'क़ूब से दफ़ा करेगा।
ⲕ̅ⲋ̅ⲁⲩⲱ ⲧⲁⲓ̈ ⲧⲉ ⲑⲉ ⲛ̅ⲧⲉⲡⲓⲥⲣⲁⲏⲗ ⲧⲏⲣϥ̅ ⲟⲩϫⲁⲓ̈. ⲕⲁⲧⲁⲑⲉ ⲉⲧⲥⲏϩ ϫⲉ ϥⲛⲏⲩ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ̅ⲥⲓⲱⲛ ⲛ̅ϭⲓⲡⲉⲧⲛⲟⲩϩⲙ̅ ⲛϥ̅ⲕⲧⲉⲙ̅ⲙⲛ̅ⲧϣⲁϥⲧⲉ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲛ̅ⲓ̈ⲁⲕⲱⲃ.
27 “और उनके साथ मेरा ये अहद होगा जब कि मैं उनके गुनाहों को दूर करूँगा।”
ⲕ̅ⲍ̅ⲁⲩⲱ ⲧⲁⲓ̈ ⲧⲉ ⲧⲇⲓⲁⲑⲏⲕⲏ ⲉⲧϣⲟⲟⲡ ⲛⲁⲩ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲟⲟⲧ ⲉⲓ̈ϣⲁⲛⲕⲱ ⲉⲃⲟⲗ ⲛ̅ⲛⲉⲩⲛⲟⲃⲉ
28 इंजील के ऐ'तिबार से तो वो तुम्हारी ख़ातिर दुश्मन हैं लेकिन बरगुज़ीदगी के ऐ'तिबार से बाप दादा की ख़ातिर प्यार करें।
ⲕ̅ⲏ̅ⲕⲁⲧⲁ ⲙⲉⲛ ⲙ̅ⲡⲉⲩⲁⲅⲅⲉⲗⲓⲟⲛ ⲁⲩⲣ̅ϫⲁϫⲉ ⲉⲧⲃⲉⲧⲏⲩⲧⲛ̅. ⲕⲁⲧⲁ ⲧⲉ ⲧⲙⲛ̅ⲧⲥⲱⲧⲡ̅ ϩⲉⲛⲙⲉⲣⲓⲧ ⲛⲉ ⲉⲧⲃⲉⲛⲉⲩⲉⲓⲟⲧⲉ.
29 इसलिए कि ख़ुदा की ने'अमत और बुलावा ना बदलने वाला है।
ⲕ̅ⲑ̅ϩⲉⲛⲁⲧⲣ̅ϩⲧⲏϥ ⲅⲁⲣ ⲛⲉ ⲛⲉⲭⲁⲣⲓⲥⲙⲁ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲙⲛ̅ⲡⲉϥⲧⲱϩⲙ̅.
30 क्यूँकि जिस तरह तुम पहले ख़ुदा के नाफ़रमान थे मगर अब यहूदियों की नाफ़रमानी की वजह से तुम पर रहम हुआ।
ⲗ̅ⲛ̅ⲑⲉ ⲅⲁⲣ ⲛ̅ⲧⲱⲧⲛ̅ ⲙ̅ⲡⲓⲟⲩⲟⲉⲓϣ ⲉⲛⲧⲁⲧⲉⲧⲛ̅ⲣ̅ⲁⲧⲛⲁϩⲧⲉ ⲉⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲧⲉⲛⲟⲩ ⲇⲉ ⲁⲩⲛⲁ ⲛⲏⲧⲛ̅ ϩⲛ̅ⲧⲙⲛ̅ⲧⲁⲧⲛⲁϩⲧⲉ ⲛ̅ⲛⲁⲓ̈.
31 उसी तरह अब ये भी नाफ़रमान हुए ताकि तुम पर रहम होने के ज़रिए अब इन पर भी रहम हो।
ⲗ̅ⲁ̅ⲧⲁⲓ̈ ⲧⲉ ⲑⲉ ⲛ̅ⲛⲁⲓ̈ ϩⲱⲟⲩ ⲧⲉⲛⲟⲩ ⲉⲁⲩⲣ̅ⲁⲧⲛⲁϩⲧⲉ ⲉⲡⲉⲧⲛ̅ⲛⲁ ϫⲉⲕⲁⲁⲥ ϩⲱⲟⲩ ⲉⲩⲉⲛⲁ ⲛⲁⲩ ⲙⲛ̅ⲛ̅ⲥⲱⲥ.
32 इसलिए कि ख़ुदा ने सब को नाफ़रमानी में गिरफ़्तार होने दिया ताकि सब पर रहम फ़रमाए। (eleēsē g1653)
ⲗ̅ⲃ̅ⲁⲡⲛⲟⲩⲧⲉ ⲅⲁⲣ ⲉⲧⲡ̅ⲟⲩⲟⲛ ⲛⲓⲙ ⲉϩⲟⲩⲛ ⲉⲩⲙⲛ̅ⲧⲁⲧⲛⲁϩⲧⲉ ϫⲉⲕⲁⲁⲥ ⲉϥⲉⲛⲁ ⲛⲁⲩ ⲧⲏⲣⲟⲩ. (eleēsē g1653)
33 वाह! ख़ुदा की दौलत और हिक्मत और इल्म क्या ही अज़ीम है उसके फ़ैसले किस क़दर पहुँच से बाहर हैं और उसकी राहें क्या ही बे'निशान हैं।
ⲗ̅ⲅ̅ⲱ̅ ⲡϣⲓⲕ ⲛ̅ⲧⲙⲛ̅ⲧⲣⲙ̅ⲙⲁⲟ ⲙⲛ̅ⲧⲥⲟⲫⲓⲁ ⲁⲩⲱ ⲡⲥⲟⲟⲩⲛ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ. ⲛ̅ⲑⲉ ⲉⲧⲉⲛⲉⲩⲉϣⲙⲉϣⲧ̅ ⲛ̅ϩⲁⲡ ⲙ̅ⲡⲛⲟⲩⲧⲉ. ⲁⲩⲱ ⲉⲧⲉⲛⲉⲩⲉϣⲛ̅ⲣⲁⲧⲟⲩ ⲛ̅ⲛⲉϥϩⲓⲟⲟⲩⲉ.
34 ख़ुदावन्द की अक़्ल को किसने जाना? या कौन उसका सलाहकार हुआ?
ⲗ̅ⲇ̅ⲛⲓⲙ ⲅⲁⲣ ⲡⲉⲛⲧⲁϥⲉⲓⲙⲉ ⲉⲡϩⲏⲧ ⲙ̅ⲡϫⲟⲉⲓⲥ ⲡⲁⲓ̈ ⲉⲧⲛⲁⲧⲥⲁⲃⲉⲉⲓⲁⲧϥ̅ ⲉⲃⲟⲗ. ⲏ̅ ⲛⲓⲙ ⲡⲉⲛⲧⲁϥϣⲱⲡⲉ ⲛⲁϥ ⲛ̅ⲣⲉϥϫⲓϣⲟϫⲛⲉ.
35 या किसने पहले उसे कुछ दिया है, जिसका बदला उसे दिया जाए?
ⲗ̅ⲉ̅ⲏ̅ ⲛⲓⲙ ⲡⲉⲛⲧⲁϥⲉⲓⲣⲉ ⲛⲁϥ ⲛ̅ϣⲟⲣⲡ̅ ⲧⲁⲣⲉϥⲧⲟⲩⲉⲓⲟ ⲛⲁϥ.
36 क्यूँकि उसी की तरफ़ से, और उसी के वसीले से और उसी के लिए सब चीज़ें हैं; उसकी बड़ाई हमेशा तक होती रहे आमीन। (aiōn g165)
ⲗ̅ⲋ̅ϫⲉ ⲡⲧⲏⲣϥ̅ ϩⲉⲛⲉⲃⲟⲗ ⲙ̅ⲙⲟϥ ⲛⲉ. ⲁⲩⲱ ⲉⲃⲟⲗ ϩⲓⲧⲟⲟⲧϥ̅. ⲁⲩⲱ ⲉⲩⲛⲁⲕⲟⲧⲟⲩ ⲉⲣⲟϥ. ⲡⲱϥ ⲡⲉ ⲡⲉⲟⲟⲩ ϣⲁⲛⲓⲉⲛⲉϩ ϩⲁⲙⲏⲛ· (aiōn g165)

< रोमियो 11 >