< मुकाशफ़ा 8 >
1 जब उसने सातवीं मुहर खोली, तो आधे घंटे के क़रीब आसमान में ख़ामोशी रही।
When he opened the seventh seal, there was silence in heaven for about half an hour.
2 और मैंने उन सातों फ़रिश्तों को देखा जो ख़ुदा के सामने खड़े रहते हैं, और उन्हें सात नरसिंगे दीए गए।
I saw the seven angels who stand before God, and seven trumpets were given to them.
3 फिर एक और फ़रिश्ता सोने का 'बखूरदान लिए हुए आया और क़ुर्बानगाह के ऊपर खड़ा हुआ, और उसको बहुत सा 'ऊद दिया गया, ताकि अब मुक़द्दसों की दु'आओं के साथ उस सुनहरी क़ुर्बानगाह पर चढ़ाए जो तख़्त के सामने है।
Another angel came and stood over the altar, having a golden censer. Much incense was given to him, that he should add it to the prayers of all the saints on the golden altar which was before the throne.
4 और उस 'ऊद का धुवाँ फ़रिश्ते के सामने है।
The smoke of the incense, with the prayers of the saints, went up before God out of the angel’s hand.
5 और फ़रिश्ते ने 'बखूरदान को लेकर उसमें क़ुर्बानगाह की आग भरी और ज़मीन पर डाल दी, और गरजें और आवाज़ें और बिजलियाँ पैदा हुईं और भुन्चाल आया।
The angel took the censer, and he filled it with the fire of the altar, then threw it on the earth. Thunders, sounds, lightnings, and an earthquake followed.
6 और वो सातों फ़रिश्ते जिनके पास वो सात नरसिंगे थे, फूँकने को तैयार हुए।
The seven angels who had the seven trumpets prepared themselves to sound.
7 जब पहले ने नरसिंगा फूँका, तो ख़ून मिले हुए ओले और आग पैदा हुई और ज़मीन जल गई, और तिहाई दरख़्त जल गए, और तमाम हरी घास जल गई।
The first sounded, and there followed hail and fire, mixed with blood, and they were thrown to the earth. One third of the earth was burnt up, and one third of the trees were burnt up, and all green grass was burnt up.
8 जब दूसरे फ़रिश्ते ने नरसिंगा फूँका, गोया आग से जलता हुआ एक बड़ा पहाड़ समुन्दर में डाला गया; और तिहाई समुन्दर ख़ून हो गया।
The second angel sounded, and something like a great burning mountain was thrown into the sea. One third of the sea became blood,
9 और समुन्दर की तिहाई जानदार मख़लूक़ात मर गई, और तिहाई जहाज़ तबाह हो गए।
and one third of the living creatures which were in the sea died. One third of the ships were destroyed.
10 जब तीसरे फ़रिश्ते ने नरसिंगा फूँका, तो एक बड़ा सितारा मशा'ल की तरह जलता हुआ आसमान से टूटा, और तिहाई दरियाओं और पानी के चश्मों पर आ पड़ा।
The third angel sounded, and a great star fell from the sky, burning like a torch, and it fell on one third of the rivers, and on the springs of water.
11 उस सितारे का नाम नागदौना कहलाता है; और तिहाई पानी नागदौने की तरह कड़वा हो गया, और पानी के कड़वे हो जाने से बहुत से आदमी मर गए।
The name of the star is “Wormwood.” One third of the waters became wormwood. Many people died from the waters, because they were made bitter.
12 जब चौथे फ़रिश्ते ने नरसिंगा फूँका, तो तिहाई सूरज चाँद और तिहाई सितारों पर सदमा पहूँचा, यहाँ तक कि उनका तिहाई हिस्सा तारीक हो गया, और तिहाई दिन में रौशनी न रही, और इसी तरह तिहाई रात में भी।
The fourth angel sounded, and one third of the sun was struck, and one third of the moon, and one third of the stars, so that one third of them would be darkened; and the day wouldn’t shine for one third of it, and the night in the same way.
13 जब मैंने फिर निगाह की, तो आसमान के बीच में एक 'उक़ाब को उड़ते और बड़ी आवाज़ से ये कहते सुना, “उन तीन फ़रिश्तों के नरसिंगो की आवाज़ों की वजह से, जिनका फूँकना अभी बाक़ी है, ज़मीन के रहनेवालों पर अफ़सोस, अफ़सोस, अफ़सोस!”
I saw, and I heard an eagle, flying in mid heaven, saying with a loud voice, “Woe! Woe! Woe to those who dwell on the earth, because of the other blasts of the trumpets of the three angels, who are yet to sound!”