< मुकाशफ़ा 20 >
1 फिर मैंने एक फ़रिश्ते को आसमान से उतरते देखा, जिसके हाथ में अथाह गड्ढे की कुंजी और एक बड़ी ज़ंजीर थी। (Abyssos )
And I saw an angel coming down from heaven, having the key of the abyss, and a great chain in his hand. (Abyssos )
2 उसने उस अज़दहा, या'नी पुराने साँप को जो इब्लीस और शैतान है, पकड़ कर हज़ार बरस के लिए बाँधा,
And he laid hold of the dragon, the old serpent, which is the Devil and Satan, and bound him a thousand years,
3 और उसे अथाह गड्ढे में डाल कर बन्द कर दिया और उस पर मुहर कर दी, ताकि वो हज़ार बरस के पूरे होने तक क़ौमों को फिर गुमराह न करे। इसके बाद ज़रूर है कि थोड़े 'अरसे के लिए खोला जाए। (Abyssos )
and cast him into the abyss, and shut him up and set a seal over him, that he may deceive the nations no more, till the thousand years are ended: after that he must be loosed for a short time. (Abyssos )
4 फिर मैंने तख़्त देखे, और लोग उन पर बैठ गए और 'अदालत उनके सुपुर्द की गई; और उनकी रूहों को भी देखा जिनके सिर ईसा की गवाही देने और ख़ुदा के कलाम की वजह से काटे गए थे, और जिन्होंने न उस हैवान की इबादत की थी न उसके बुत की, और न उसकी छाप अपने माथे और हाथों पर ली थी। वो ज़िन्दा होकर हज़ार बरस तक मसीह के साथ बादशाही करते रहे।
And I saw thrones; and they sat on them, and judgment was given to them; and I saw the souls of those beheaded on account of the testimony to Jesus, and on account of the word of God, and of all who had not worshipped the beast, nor his image, and had not received his mark upon their forehead, or upon their hand; and they lived, and reigned with Christ a thousand years.
5 और जब तक ये हज़ार बरस पूरे न हो गए बाक़ी मुर्दे ज़िन्दा न हुए। पहली क़यामत यही है।
And the rest of the dead lived not until the thousand years were ended. This is the first resurrection.
6 मुबारिक़ और मुक़द्दस वो है, जो पहली क़यामत में शरीक हो। ऐसों पर दूसरी मौत का कुछ इख़्तियार नहीं, बल्कि वो ख़ुदा और मसीह के काहिन होंगे और उसके साथ हज़ार बरस तक बादशाही करेंगे।
Blessed and holy is he that hath part in the first resurrection; on these the second death hath no power, but they shall be priests of God and of Christ, and shall reign with him a thousand years.
7 जब हज़ार बरस पुरे हो चुकेंगे, तो शैतान क़ैद से छोड़ दिया जाएगा।
And when the thousand years are ended, Satan will be loosed out of his prison;
8 और उन क़ौमों को जो ज़मीन की चारों तरफ़ होंगी, या'नी जूज और माजूज को गुमराह करके लड़ाई के लिए जमा करने को निकाले; उनका शुमार समुन्दर की रेत के बराबर होगा।
and will go out to deceive the nations which are in the four corners of the earth, Gog and Magog, to gather them together to the war, the number of whom is as the sand of the sea.
9 और वो तमाम ज़मीन पर फैल जाएँगी, और मुक़द्दसों की लश्करगाह और 'अज़ीज़ शहर को चारों तरफ़ से घेर लेंगी, और आसमान पर से आग नाज़िल होकर उन्हें खा जाएगी।
And they went up upon the breadth of the earth, and encompassed the camp of the saints, and the beloved city; and fire came down out of heaven, and devoured them.
10 और उनका गुमराह करने वाला इब्लीस आग और गंधक की उस झील में डाला जाएगा, जहाँ वो हैवान और झूठा नबी भी होगा; और रात दिन हमेशा से हमेशा तक 'अज़ाब में रहेंगे। (aiōn , Limnē Pyr )
And the Devil who deceived them was cast into the lake of fire and brimstone, where are also the beast and the false prophet; and they will be tormented day and night for ever and ever. (aiōn , Limnē Pyr )
11 फिर मैंने एक बड़ा सफ़ेद तख़्त और उसको जो उस पर बैठा हुआ था देखा, जिसके सामने से ज़मीन और आसमान भाग गए, और उन्हें कहीं जगह न मिली।
And I saw a great white throne, and him who sat on it, from whose face the earth and the heaven fled away, and no place was found for them.
12 फिर मैंने छोटे बड़े सब मुर्दों को उस तख़्त के सामने खड़े हुए देखा, और किताब खोली गई, या'नी किताब — ए — हयात; और जिस तरह उन किताबों में लिखा हुआ था, उनके आ'माल के मुताबिक़ मुर्दों का इन्साफ़ किया गया।
And I saw the dead, the great and the small, standing before the throne, and books were opened; and another book was opened, which is the book of life; and the dead were judged out of the things written in the books, according to their works.
13 और समुन्दर ने अपने अन्दर के मुर्दों को दे दिया, और मौत और 'आलम — ए — अर्वाह ने अपने अन्दर के मुर्दों को दे दिया, और उनमें से हर एक के आ'माल के मुताबिक़ उसका इन्साफ़ किया गया। (Hadēs )
And the sea gave up the dead which were in it, and death and the underworld gave up the dead which were in them; and they were judged each one according to his works. (Hadēs )
14 फिर मौत और 'आलम — ए — अर्वाह आग की झील में डाले गए। ये आग की झील आखरी मौत है, (Hadēs , Limnē Pyr )
And death and the underworld were cast into the lake of fire; this is the second death, the lake of fire. (Hadēs , Limnē Pyr )
15 और जिस किसी का नाम किताब — ए — हयात में लिखा हुआ न मिला, वो आग की झील में डाला गया। (Limnē Pyr )
And if any one was not found written in the book of life, he was cast into the lake of fire. (Limnē Pyr )