< मुकाशफ़ा 15 >
1 फिर मैंने आसमान पर एक और बड़ा और 'अजीब निशान, या'नी सात फ़रिश्ते सातों पिछली आफ़तों को लिए हुए देखे, क्यूँकि इन आफ़तों पर ख़ुदा का क़हर ख़त्म हो गया है।
इदे बाद मैं अम्बरे च जड़ा नोआ नोखा चमत्कार दिखया कने सै बड़ा डराणे बाला था। ओथु सत्त स्वर्गदूत थे जिना सत्त लग-लग मुसीबतां पकड़ियां थियां। ऐ मुसीबतां आखरी न क्योंकि जालू उना मुकी जाणा तालू परमेश्वरे दा गुस्सा भी पूरा होई जाणा।
2 फिर मैंने शीशे का सा एक समुन्दर देखा जिसमें आग मिली हुई थी; और जो उस हैवान और उसके बुत और उसके नाम के 'अदद पर ग़ालिब आए थे, उनको उस शीशे के समुन्दर के पास ख़ुदा की बर्बतें लिए खड़े हुए देखा।
तालू मैं कुछ दिखया जड़ा समुन्द्रे सांई लगदा था कने शीशे सांई चमकदा था कने उदे च अग्ग भी मिलियो थी। मैं उना लोकां जो भी दिखया जिना उस जानवरे जो हराया था क्योंकि उना उदिया मूर्तिया दी अराधना नी कितियो थी कने उना पर जानवरे दी छाप नी लगियो थी।
3 और वो ख़ुदा के बन्दे मूसा का गीत, और बर्रे का गीत गा गा कर कहते थे, “ऐ ख़ुदा! क़ादिर — ए — मुतल्लिक़! तेरे काम बड़े और 'अजीब हैं। ऐ अज़ली बादशाह! तेरी राहें रास्त और दुरुस्त हैं।”
कने सै परमेश्वरे दे दास मूसा दा गीत गांदे थे, जड़ा छेलुये दे बारे च गीत है। सै गांदे थे की, “हे सारयां ला शक्तिशाली प्रभु परमेश्वर, जड़ा कुछ तू कितया है सै कीमती कने अनोखा है।” तू सारयां देशां दा राजा है, तू जड़ा भी करदा है सेई सच्च कने धर्मी है।
4 “ऐ ख़ुदावन्द! कौन तुझ से न डरेगा? और कौन तेरे नाम की बड़ाई न करेगा? क्यूँकि सिर्फ़ तू ही क़ुद्दूस है; और सब क़ौमें आकर तेरे सामने सिज्दा करेंगी, क्यूँकि तेरे इन्साफ़ के काम ज़ाहिर हो गए हैं।”
“हे प्रभु, सारे लोक तेरी इज्जत करदे न, सै सारे तेरे नाऐ दी इज्जत करदे न, क्योंकि सिर्फ तू ही पबित्र परमेश्वर है। हर इक जातिया दे लोक तेरे बाल ओंदे न, कने सै तेरी अराधना करदे न क्योंकि तेरे धर्मे दे कम्म सारे लोक अच्छे ला जाणदे न।”
5 इन बातों के बाद मैंने देखा कि शहादत के ख़ेमे का मक़्दिस आसमान में खोला गया;
इदे बाद जालू सै गीत गाई बैठे, तालू मैं दिखया की स्वर्गे दा मंदर खुलया था। जड़ा मिलाप बाले तम्बुऐ सांई है।
6 और वो सातों फ़रिश्ते जिनके पास सातों आफ़तें थीं, आबदार और चमकदार जवाहर से आरास्ता और सीनों पर सुनहरी सीना बन्द बाँधे हुए मक़्दिस से निकले।
कने सै सतों स्वर्गदूत जिना बाल सत्तों मुसीबतां थियां, उस मंदरे ला बार निकले। उना चमकदार कपड़े पायो थे कने उना दिया छातिया दे चारो पासे सोने दिया पट्टियां भी थियां। तालू उना चार जिन्दे प्राणियां चे इकी उना सत्त स्वर्गदूतां जो परमेश्वरे दिया तरफा ला जड़ा हमेशा जिन्दा है, गुस्से दा भरुया इक-इक सोने दा कटोरा दिता। (aiōn )
7 और उन चारों जानदारों में से एक ने सात सोने के प्याले, हमेशा ज़िन्दा रहनेवाले ख़ुदा के क़हर से भरे हुए, उन सातों फ़रिश्तों को दिए; (aiōn )
8 और ख़ुदा के जलाल और उसकी क़ुदरत की वजह से मक़्दिस धुएँ से भर गया और जब तक उन सातों फ़रिश्तों की सातों मुसीबतें ख़त्म न हों चुकीं कोई उस मक़्दिस में दाख़िल न हो सका
कने मन्दिर परमेश्वरे दिया महिमा कने सामर्थ्य ला ओंणे बाले धुंऐ ला भरुई गिया। कने तालू दीकर कोई भी मंदरे च नी जाई सके जालू दीकर उना सत्त स्वर्गदूतां दे जरिये नियोरियां सतो मुसीबतां मुकी नी जान।