< ज़बूर 99 >
1 ख़ुदावन्द सलतनत करता है, क़ौमें काँपी। वह करूबियों पर बैठता है, ज़मीन लरज़े।
Der HERR ist König: es zittern die Völker; er thront über den Cheruben: es wankt die Erde.
2 ख़ुदावन्द सिय्यून में बुज़ु़र्ग़ है; और वह सब क़ौमों पर बुलंद — ओ — बाला है।
Groß ist der HERR in Zion und hocherhaben über alle Völker.
3 वह तेरे बुज़ुर्ग और बड़े नाम की ता'रीफ़ करें वह पाक हैं।
Preisen sollen sie deinen Namen, den großen und hehren – heilig ist er –,
4 बादशाह की ताक़त इन्साफ़ पसन्द है तू रास्ती को क़ाईम करता है तू ही ने 'अद्ल और सदाक़त को या'क़ूब, में रायज किया।
und preisen die Stärke des Königs, der da liebt das Recht. Du hast gerechte Ordnung fest gegründet, Recht und Gerechtigkeit hast du in Jakob hergestellt.
5 तुम ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा की तम्जीद करो, और उसके पाँव की चौकी पर सिज्दा वह पाक है।
Erhebet den HERRN, unsern Gott, und werft euch nieder vor dem Schemel seiner Füße: heilig ist er!
6 उसके काहिनों में से मूसा और हारून ने, और उसका नाम लेनेवालों में से समुएल ने ख़ुदावन्द से दुआ की और उसने उनको जवाब दिया।
Mose und Aaron waren unter seinen Priestern und Samuel unter denen, die seinen Namen anriefen: sie riefen zum HERRN, und er erhörte sie.
7 उसने बादल के सुतून में से उनसे कलाम किया; उन्होंने उसकी शहादतों को और उस क़ानून को जो उनको दिया था, माना।
In der Wolkensäule redete er zu ihnen; sie wahrten seine Gebote, das Gesetz, das er ihnen gegeben.
8 ऐ ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा, तू उनको जवाब देता था; तू वह ख़ुदा है जो उनको मु'आफ करता रहा, अगरचे तूने उनके आ'माल का बदला भी दिया।
O HERR, unser Gott, du hast sie erhört, ein verzeihender Gott bist du ihnen gewesen, doch auch ein strafender ob ihrer Vergehen.
9 तुम ख़ुदावन्द हमारे ख़ुदा की तम्जीद करो, और उसके पाक पहाड़ पर सिज्दा करो; क्यूँकि ख़ुदावन्द हमारा ख़ुदा क़ुददूस है।
Erhebet den HERRN, unsern Gott, und werft euch nieder auf seinem heiligen Berge, denn heilig ist der HERR, unser Gott!