< ज़बूर 97 >

1 ख़ुदावन्द सल्तनत करता है, ज़मीन ख़ुश हो; बेशुमार जज़ीरे ख़ुशी मनाएँ।
This is to David, when his land was restored to him. The Lord has reigned, let the earth exult. Let the many islands rejoice.
2 बादल और तारीकी उसके चारों तरफ़ हैं; सदाक़त और अदल उसके तख़्त की बुनियाद हैं।
Clouds and mist are all around him. Justice and judgment are corrections from his throne.
3 आग उसके आगे आगे चलती है, और चारों तरफ़ उसके मुख़ालिफ़ो को भसम कर देती है।
A fire will precede him, and it will enflame his enemies all around.
4 उसकी बिजलियों ने जहान को रोशन कर दिया ज़मीन ने देखा और काँप गई।
His lightnings have enlightened the whole world. The earth saw, and it was shaken.
5 ख़ुदावन्द के सामने पहाड़ मोम की तरह पिघल गए, या'नी सारी ज़मीन के ख़ुदावन्द के सामने।
The mountains flowed like wax before the face of the Lord, before the face of the Lord of all the earth.
6 आसमान उसकी सदाक़त ज़ाहिर करता सब क़ौमों ने उसका जलाल देखा है।
The heavens announced his justice, and all peoples saw his glory.
7 खुदी हुई मूरतों के सब पूजने वाले, जो बुतों पर फ़ख़्र करते हैं, शर्मिन्दा हों, ऐ मा'बूद! सब उसको सिज्दा करो।
May all those who adore graven images be confounded, along with those who glory in their false images. All you his Angels: Adore him.
8 ऐ ख़ुदावन्द! सिय्यून ने सुना और खु़श हुई और यहूदाह की बेटियाँ तेरे अहकाम से ख़ुश हुई।
Zion heard, and was glad. And the daughters of Judah exulted because of your judgments, O Lord.
9 क्यूँकि ऐ ख़ुदावन्द! तू तमाम ज़मीन पर बुलंद — ओ — बाला है; तू सब मा'बूदों से बहुत आला है।
For you are the Most High Lord over all the earth. You are greatly exalted above all gods.
10 ऐ ख़ुदावन्द से मुहब्बत रखने वालों, बदी से नफ़रत करो, वह अपने पाक लोगों की जानों को महफ़ूज़ रखता है, वह उनको शरीरों के हाथ से छुड़ाता है।
You who love the Lord: hate evil. The Lord watches over the souls of his holy ones. He will free them from the hand of the sinner.
11 सादिक़ों के लिए नूर बोया गया है, और रास्त दिलों के लिए खु़शी।
The light has risen for the just, and joy for the upright of heart.
12 ऐ सादिक़ों! ख़ुदावन्द में खु़श रहो; उसके पाक नाम का शुक्र करो।
Rejoice in the Lord, you just ones, and confess to the memory of his sanctuary.

< ज़बूर 97 >