< ज़बूर 96 >
1 ख़ुदावन्द के सामने नया हम्द गाओ! ऐ सब अहल — ए — ज़मीन! ख़ुदावन्द के सामने गाओ।
১তোমরা সদাপ্রভুুর উদ্দেশ্যে এক নতুন গান গাও; সমস্ত পৃথিবী, সদাপ্রভুুর উদ্দেশ্যে গান গাও।
2 ख़ुदावन्द के सामने गाओ, उसके नाम को मुबारक कहो; रोज़ ब रोज़ उसकी नजात की बशारत दो।
২সদাপ্রভুুর উদ্দেশ্যে গান গাও। তার নামের ধন্যবাদ কর, দিনের র পর দিন তার পরিত্রান ঘোষণা কর।
3 क़ौमों में उसके जलाल का, सब लोगों में उसके 'अजायब का बयान करो।
৩প্রচার কর জাতিদের মধ্যে তার গৌরব, সমস্ত লোক-সমাজে তার আশ্চর্য্য কাজ সকল।
4 क्यूँकि ख़ुदावन्द बुज़ु़र्ग़ और बहुत। सिताइश के लायक़ है; वह सब मा'बूदों से ज़्यादा ता'ज़ीम के लायक़ है।
৪কারণ সদাপ্রভুু মহান ও অতি কীর্ত্তনীয়, তিনি সমস্ত দেবতা অপেক্ষা ভয়ার্হ।
5 इसलिए कि और क़ौमों के सब मा'बूद सिर्फ़ बुत हैं; लेकिन ख़ुदावन्द ने आसमानों को बनाया।
৫কারণ জাতিদের সমস্ত দেবতা অবস্তুমাত্র, কিন্তু সদাপ্রভুু আকাশমণ্ডলের নির্মাতা;
6 अज़मत और जलाल उसके सामने में हैं, क़ुदरत और जमाल उसके मक़दिस में।
৬প্রভা ও প্রতাপ তার অগ্রবর্ত্তী; শক্তি ও শোভা তার ধর্মধামে বিরাজমান।
7 ऐ क़ौमों के क़बीलो! ख़ुदावन्द की, ख़ुदावन्द ही की तम्जीद — ओ — ताज़ीम करो!
৭হে জাতিদের গোষ্ঠী সকল, সদাপ্রভুুর কীর্ত্তন কর, সদাপ্রভুুর গৌরব ও শক্তি কীর্ত্তন কর।
8 ख़ुदावन्द की ऐसी तम्जीद करो जो उसके नाम की शायान है; हदिया लाओ और उसकी बारगाहों में आओ!
৮সদাপ্রভুুর নামের গৌরব কীর্ত্তন কর, নৈবেদ্য সঙ্গে নিয়ে তার প্রাঙ্গণে এস।
9 पाक आराइश के साथ ख़ुदावन्द को सिज्दा करो; ऐ सब अहल — ए — ज़मीन! उसके सामने काँपते रहो!
৯পবিত্র সভায় সদাপ্রভুুকে প্রণিপাত কর; সমস্ত পৃথিবী। তার সামনে কম্পমান হও।
10 क़ौमों में 'ऐलान करो, “ख़ुदावन्द सल्तनत करता है! जहान क़ाईम है, और उसे जुम्बिश नहीं; वह रास्ती से कौमों की 'अदालत करेगा।”
১০জাতিদের মধ্যে বলো “সদাপ্রভুু রাজত্ব করেন,” জগৎপৃথিবী ও প্রতিষ্ঠিত; একে কাঁপানো যাবে না; তিনি ন্যায়ে জাতিদের বিচার করবেন।
11 आसमान ख़ुशी मनाए, और ज़मीन ख़ुश हो; समन्दर और उसकी मा'मूरी शोर मचाएँ;
১১আকাশমণ্ডল আনন্দ করুক, পৃথিবী উল্লাসিত হোক; সমুদ্র ও তার মধ্যের সকলই গর্জন করুক;
12 मैदान और जो कुछ उसमें है, बाग़ — बाग़ हों; तब जंगल के सब दरख़्त खु़शी से गाने लगेंगे।
১২ভূমি ও সেখানকার সকলই উল্লাসিত হোক; তখন বনের সমস্ত গাছপালা আনন্দে গান করবে;
13 ख़ुदावन्द के सामने, क्यूँकि वह आ रहा है; वह ज़मीन की 'अदालत करने को रहा है। वह सदाक़त से जहान की, और अपनी सच्चाई से क़ौमों की 'अदालत करेगा।
১৩সদাপ্রভুুর সামনেই করবে, কারণ তিনি আসছেন, তিনি পৃথিবীর বিচার করতে আসছেন, তিনি ধর্মশীলতায় জগতের বিচার করবেন, নিজের বিশ্বস্ততায় জাতিদের বিচার করবেন