< ज़बूर 93 >

1 ख़ुदावन्द सलतनत करता है वह शौकत से मुलब्बस है ख़ुदावन्द कु़दरत से मुलब्बस है, वह उससे कमर बस्ता है इस लिए जहान क़ाईम है और उसे जुम्बिश नहीं।
HERREN har vist, han er Konge, har iført sig Højhed, HERREN har omgjordet sig med Styrke. Han grundfæsted Jorden, den rokkes ikke.
2 तेरा तख़्त पहले से क़ाईम है, तू इब्तिदा से है।
Din Trone står fast fra fordum, fra Evighed er du!
3 सैलाबों ने, ऐ ख़ुदावन्द! सैलाबों ने शोर मचा रख्खा है, सैलाब मौजज़न हैं।
Strømme lod runge, HERRE, Strømme lod runge deres Drøn, Strømme lod runge deres Brag.
4 बहरों की आवाज़ से, समन्दर की ज़बरदस्त मौजों से भी, ख़ुदावन्द बलन्द — ओ — क़ादिर है।
Fremfor vældige Vandes Drøn, fremfor Havets Brændinger er HERREN herlig i det høje!
5 तेरी शहादतें बिल्कुल सच्ची हैं; ऐ ख़ुदावन्द हमेशा से हमेशा तक के लिए पाकीज़गी तेरे घर को ज़ेबा है।
Dine Vidnesbyrd er fuldt at lide på, Hellighed tilkommer dit Hus, HERRE, så længe Dagene varer!

< ज़बूर 93 >