< ज़बूर 90 >

1 या रब्ब, नसल दर नसल, तू ही हमारी पनाहगाह रहा है।
Господе! Ти си нам уточиште од колења до колења.
2 इससे पहले के पहाड़ पैदा हुए, या ज़मीन और दुनिया को तूने बनाया, इब्तिदा से हमेशा तक तू ही ख़ुदा है।
Пре него се горе родише и сазда се земља и васиљена, и од века довека, Ти си Бог.
3 तू इंसान को फिर ख़ाक में मिला देता है, और फ़रमाता है, “ऐ बनी आदम, लौट आओ!”
Ти враћаш човека у трулеж, и говориш: Вратите се синови људски!
4 क्यूँकि तेरी नज़र में हज़ार बरस ऐसे हैं, जैसे कल का दिन जो गुज़र गया, और जैसे रात का एक पहर।
Јер је хиљада година пред очима Твојим као дан јучерашњи, кад мине, и као стража ноћна.
5 तू उनको जैसे सैलाब से बहा ले जाता है; वह नींद की एक झपकी की तरह हैं, वह सुबह को उगने वाली घास की तरह हैं।
Ти их као поводњем односиш; они су као сан, као трава, која рано вене,
6 वह सुबह को लहलहाती और बढ़ती है, वह शाम को कटती और सूख जातीहै।
Ујутру цвета и увене, увече се покоси и сасуши.
7 क्यूँकि हम तेरे क़हर से फ़ना हो गए; और तेरे ग़ज़ब से परेशान हुए।
Јер нас нестаје од гнева Твог, и од јарости Твоје у сметњи смо.
8 तूने हमारी बदकिरदारी को अपने सामने रख्खा, और हमारे छुपे हुए गुनाहों को अपने चेहरे की रोशनी में।
Ставио си безакоња наша преда се, и тајне наше на светлост лица свог.
9 क्यूँकि हमारे तमाम दिन तेरे क़हर में गुज़रे, हमारी उम्र ख़याल की तरह जाती रहती है।
Сви се дани наши прекраћују од срдње Твоје, године наше пролазе као глас.
10 हमारी उम्र की मी'आद सत्तर बरस है, या कु़व्वत हो तो अस्सी बरस; तो भी उनकी रौनक़ महज़ मशक्क़त और ग़म है, क्यूँकि वह जल्द जाती रहती है और हम उड़ जाते हैं।
Дана година наших свега има до седамдесет година, а у јачег до осамдесет година: и сам је цвет њихов мука и невоља; јер теку брзо, и ми одлећемо.
11 तेरे क़हर की शिद्दत को कौन जानता है, और तेरे ख़ौफ़ के मुताबिक़ तेरे ग़ज़ब को?
Ко зна силу гнева Твог и Твоју јарост, да би Те се као што треба бојао?
12 हम को अपने दिन गिनना सिखा, ऐसा कि हम अक़्ल दिल हासिल करें।
Научи нас тако бројати дане наше, да бисмо стекли срце мудро.
13 ऐ ख़ुदावन्द, बाज़ आ! कब तक? और अपने बन्दों पर रहम फ़रमा!
Поврати се, Господе! Докле ћеш? Смилуј се на слуге своје.
14 सुबह को अपनी शफ़क़त से हम को आसूदा कर, ताकि हम उम्र भर ख़ुश — ओ — ख़ुर्रम रहें।
Ујутру нас насити доброте своје, и радоваћемо се и веселити у све дане своје.
15 जितने दिन तूने हम को दुख दिया, और जितने बरस हम मुसीबत में रहे, उतनी ही ख़ुशी हम को 'इनायत कर।
Обрадуј нас према данима, у које си нас мучио, и према годинама, у које смо гледали невољу.
16 तेरा काम तेरे बन्दों पर, और तेरा जलाल उनकी औलाद पर ज़ाहिर हो।
Нека се покаже на слугама Твојим дело Твоје, и слава Твоја на синовима њиховим.
17 और रब्ब हमारे ख़ुदा का करम हम पर साया करे। हमारे हाथों के काम को हमारे लिए क़याम बख़्श हाँ हमारे हाथों के काम को क़याम बख़्श दे।
Нека буде добра воља Господа Бога нашег с нама, и дело руку наших доврши нам, и дело руку наших доврши.

< ज़बूर 90 >