< ज़बूर 86 >

1 ऐ ख़ुदावन्द! अपना कान झुका और मुझे जवाब दे, क्यूँकि मैं ग़रीब और मोहताज हूँ।
Давидова молитва. Господи, приклони ухото Си; Послушай ме, защото съм сиромах и немощен.
2 मेरी जान की हिफ़ाज़त कर, क्यूँकि मैं दीनदार हूँ, ऐ मेरे ख़ुदा! अपने बन्दे को, जिसका भरोसा तुझ पर है, बचा ले।
Опази душата ми, защото съм посветен; Ти, Боже мой, спаси слугата Си, който уповава на Тебе.
3 या रब्ब, मुझ पर रहम कर, क्यूँकि मैं दिन भर तुझ से फ़रियाद करता हूँ।
Смили се за мене, Господи, Защото към Тебе, Господи, издигам душата си.
4 या रब्ब, अपने बन्दे की जान को ख़ुश कर दे, क्यूँकि मैं अपनी जान तेरी तरफ़ उठाता हूँ।
Развесели душата на слугата Си, Защото към Тебе, Господи, издигам душата си.
5 इसलिए कि तू या रब्ब, नेक और मु'आफ़ करने को तैयार है, और अपने सब दुआ करने वालों पर शफ़क़त में ग़नी है।
Защото Ти, Господи, си благ и готов да прощаваш, И многомилостив към всички, които Те призовават,
6 ऐ ख़ुदावन्द, मेरी दुआ पर कान लगा, और मेरी मिन्नत की आवाज़ पर तवज्जुह फ़रमा।
Послушай, Господи, молитвата ми. И внимавай на гласа на молбите ми,
7 मैं अपनी मुसीबत के दिन तुझ से दुआ करूँगा, क्यूँकि तू मुझे जवाब देगा।
В деня на неволята си ще призова Тебе, Защото ще ме послушаш.
8 या रब्ब, मा'मूदों में तुझ सा कोई नहीं, और तेरी कारीगरी बेमिसाल हैं।
Между боговете няма подобен на Тебе, Господи, Нито има дела подобни на Твоите.
9 या रब्ब, सब क़ौमें जिनको तूने बनाया, आकर तेरे सामने सिज्दा करेंगी और तेरे नाम की तम्जीद करेंगी।
Всичките народи, които си направил; ще дойдат и ще се поклонят пред Тебе, Господи, И ще прославят името Ти.
10 क्यूँकि तू बुजु़र्ग है और 'अजीब — ओ — ग़रीब काम करता है, तू ही अकेला ख़ुदा है।
Защото си велик и вършиш чудесни неща; Само Ти си Бог.
11 ऐ ख़ुदावन्द, मुझ को अपनी राह की ता'लीम दे, मैं तेरी रास्ती में चलूँगा; मेरे दिल को यकसूई बख़्श, ताकि तेरे नाम का ख़ौफ़ मानूँ।
Научи ме, Господи, пътя Си, и ще ходя в истината Ти; Дай ми да се страхувам от името Ти с неразделено сърце.
12 या रब्ब! मेरे ख़ुदा, मैं पूरे दिल से तेरी ता'रीफ़ करूँगा; मैं हमेशा तक तेरे नाम की तम्जीद करूँगा।
Ще Те хваля, Господи Боже мой, от все сърце, И ще славя името Ти до века.
13 क्यूँकि मुझ पर तेरी बड़ी शफ़क़त है; और तूने मेरी जान को पाताल की तह से निकाला है। (Sheol h7585)
Защото голяма е Твоята милост към мене; И Ти си избавил душата Ми от най-дълбоката преизподня. (Sheol h7585)
14 ऐ ख़ुदा, मग़रूर मेरे ख़िलाफ़ उठे हैं, और टेढ़े लोगों जमा'अत मेरी जान के पीछे पड़ी है, और उन्होंने तुझे अपने सामने नहीं रख्खा।
Боже, горделивите се издигнаха против мене, И тълпата на насилниците поиска душата ми;
15 लेकिन तू या रब्ब, रहीम — ओ — करीम ख़ुदा है, क़हर करने में धीमा और शफ़क़त — ओ — रास्ती में ग़नी।
Но, Господи, Ти си Бог многомилостив и благодатен, Дълготърпелив и изобилващ с милост и вярност.
16 मेरी तरफ़ मुतवज्जिह हो और मुझ पर रहम कर; अपने बन्दे को अपनी ताक़त बख़्श, और अपनी लौंडी के बेटे को बचा ले।
Обърни се към мене и смили се се за мене; Да силата Си на слугата Си, И избави сина на слугинята Си.
17 मुझे भलाई का कोई निशान दिखा, ताकि मुझ से 'अदावत रखने वाले इसे देख कर शर्मिन्दा हों क्यूँकि तूने ऐ ख़ुदावन्द, मेरी मदद की, और मुझे तसल्ली दी है।
Покажи ми знак на благоволението Си, За да го видят ония, които ме мразят и да се посрамят За гдето Ти, Господи, си ми помогнал и си ме утешил.

< ज़बूर 86 >