< ज़बूर 85 >
1 ऐ ख़ुदावन्द तू अपने मुल्क पर मेहरबान रहा है। तू या'क़ूब को ग़ुलामी से वापस लाया है।
Zborovođi. Sinova Korahovih. Psalam. Zavolje opet, Jahve, zemlju svoju, na dobro okrenu udes Jakovljev.
2 तूने अपने लोगों की बदकारी मु'आफ़ कर दी है; तूने उनके सब गुनाह ढाँक दिए हैं।
Otpusti krivnju narodu svome, pokri sve grijehe njegove.
3 तूने अपना ग़ज़ब बिल्कुल उठा लिया; तू अपने क़हर — ए — शदीद से बाज़ आया है।
Suspregnu svu ljutinu svoju, odusta od žestine gnjeva svoga.
4 ऐ हमारे नजात देने वाले ख़ुदा! हम को बहाल कर, अपना ग़ज़ब हम से दूर कर!
Obnovi nas, Bože, Spasitelju naš, i odbaci zlovolju prema nama!
5 क्या तू हमेशा हम से नाराज़ रहेगा? क्या तू अपने क़हर को नसल दर नसल जारी रख्खेगा?
Zar ćeš se dovijeka gnjeviti na nas, prenositi srdžbu svoju od koljena na koljeno?
6 क्या तू हम को फिर ज़िन्दा न करेगा, ताकि तेरे लोग तुझ में ख़ुश हों?
Zar nas nećeš opet oživiti da se narod tvoj raduje u tebi?
7 ऐ ख़ुदावन्द! तू अपनी शफ़क़त हमको दिखा, और अपनी नजात हम को बख़्श।
Pokaži nam, Jahve, milosrđe svoje i daj nam svoje spasenje.
8 मैं सुनूँगा कि ख़ुदावन्द ख़ुदा क्या फ़रमाता है। क्यूँकि वह अपने लोगों और अपने पाक लोगों से सलामती की बातें करेगा; लेकिन वह फिर हिमाक़त की तरफ़ रुजू न करें।
Da poslušam što mi to Jahve govori: Jahve obećava mir narodu svomu, vjernima svojim, onima koji mu se svim srcem vrate.
9 यक़ीनन उसकी नजात उससे डरने वालों के क़रीब है, ताकि जलाल हमारे मुल्क में बसे।
Zaista, blizu je njegovo spasenje onima koji ga se boje, i slava će njegova živjeti u zemlji našoj.
10 शफ़क़त और रास्ती एक साथ मिल गई हैं, सदाक़त और सलामती ने एक दूसरे का बोसा लिया है।
Ljubav će se i Vjernost sastati, Pravda i Mir zagrliti.
11 रास्ती ज़मीन से निकलती है, और सदाक़त आसमान पर से झाँकती हैं।
Vjernost će nicat' iz zemlje, Pravda će gledat' s nebesa.
12 जो कुछ अच्छा है वही ख़ुदावन्द अता फ़रमाएगा और हमारी ज़मीन अपनी पैदावार देगी।
Jahve će dati blagoslov i sreću, i zemlja naša urod svoj.
13 सदाक़त उसके आगे — आगे चलेगी, उसके नक़्श — ए — क़दम को हमारी राह बनाएगी।
Pravda će stupati pred njim, a Mir tragom stopa njegovih.