< ज़बूर 83 >

1 ऐ ख़ुदा! ख़ामोश न रह; ऐ ख़ुदा! चुपचाप न हो और ख़ामोशी इख़्तियार न कर।
Cantique. Psaume d'Asaph. O Dieu, ne reste pas dans l'inaction; ne te tais pas et ne te repose pas, ô Dieu!
2 क्यूँकि देख तेरे दुश्मन ऊधम मचाते हैं और तुझ से 'अदावत रखने वालों ने सिर उठाया है।
Car voici que tes ennemis s'agitent bruyamment, ceux qui te haïssent lèvent la tête.
3 क्यूँकि वह तेरे लोगों के ख़िलाफ़ मक्कारी से मन्सूबा बाँधते हैं, और उनके ख़िलाफ़ जो तेरी पनाह में हैं मशवरा करते हैं।
Ils forment contre ton peuple un dessein perfide, ils conspirent contre ceux que tu protèges:
4 उन्होंने कहा, “आओ, हम इनको काट डालें कि उनकी क़ौम ही न रहे; और इस्राईल के नाम का फिर ज़िक्र न हो।”
" Venez, disent-ils, exterminons-les d'entre les nations, et qu'on ne prononce plus le nom d'Israël! "
5 क्यूँकि उन्होंने एक हो कर के आपस में मश्वरा किया है, वह तेरे ख़िलाफ़ 'अहद बाँधते हैं।
Ils se concertent tous d'un même cœur, contre toi ils forment une alliance,
6 या'नी अदोम के अहल — ए — ख़ैमा और इस्माईली मोआब और हाजरी,
les tentes d'Edom et les Ismaélites, Moab et les Agaréniens,
7 जबल और'अम्मून और 'अमालीक़, फ़िलिस्तीन और सूर के बाशिन्दे,
Gébal, Ammon et Amalec, les Philistins avec les habitants de Tyr;
8 असूर भी इनसे मिला हुआ है; उन्होंने बनी लूत की मदद की है।
Assur aussi se joint à eux et prête son bras aux enfants de Lot. — Séla.
9 तू उनसे ऐसा कर जैसा मिदियान से, और जैसा वादी — ए — कैसून में सीसरा और याबीन से किया था।
Traite-les comme Madian, comme Sisara, comme Jabin au torrent de Cison.
10 जो 'ऐन दोर में हलाक हुए, वह जैसे ज़मीन की खाद हो गए
Ils ont été anéantis à Endor, ils ont servi d'engrais à la terre.
11 उनके सरदारों को 'ओरेब और ज़ईब की तरह, बल्कि उनके शाहज़ादों को ज़िबह और ज़िलमना' की तरह बना दे;
Traite leurs chefs comme Oreb et Zeb, et tous leurs princes comme Zébée et Salmana.
12 जिन्होंने कहा है, “आओ, हम ख़ुदा की बस्तियों पर कब्ज़ा कर लें।”
Car ils disent: " Emparons-nous des demeures de Dieu! "
13 ऐ मेरे ख़ुदा, उनको बगोले की गर्द की तरह बना दे, और जैसे हवा के आगे डंठल।
Mon Dieu, rends-les semblables au tourbillon, au chaume qu'emporte le vent!
14 उस आग की तरह जो जंगल को जला देती है, उस शो'ले की तरह जो पहाड़ों मेंआग लगा देता है;
Comme le feu dévore la forêt, comme la flamme embrase les montagnes,
15 तू इसी तरह अपनी आँधी से उनका पीछा कर, और अपने तूफ़ान से उनको परेशान कर दे।
ainsi poursuis-les dans ta tempête, épouvante-les dans ton ouragan.
16 ऐ ख़ुदावन्द! उनके चेहरों पर रुस्वाई तारी कर, ताकि वह तेरे नाम के तालिब हों।
Couvre leurs faces d'ignominie, afin qu'ils cherchent ton nom, Yahweh.
17 वह हमेशा शर्मिन्दा और परेशान रहें, बल्कि वह रुस्वा होकर हलाक हो जाएँ
Qu'ils soient à jamais dans la confusion et l'épouvante, dans la honte et dans la ruine!
18 ताकि वह जान लें कि तू ही जिसका यहोवा है, ज़मीन पर बुलन्द — ओ — बाला है।
Qu'ils sachent que toi, — ton nom est Yahweh, — tu es seul le Très-Haut sur toute la terre!

< ज़बूर 83 >