< ज़बूर 8 >
1 ऐ ख़ुदावन्द हमारे रब तेरा नाम तमाम ज़मीन पर कैसा बुज़ु़र्ग़ है! तूने अपना जलाल आसमान पर क़ाईम किया है।
O! Jehová, Señor nuestro, ¡cuán grande es tu nombre en toda la tierra! que has puesto tu alabanza sobre los cielos.
2 तूने अपने मुखालिफ़ों की वजह से बच्चों और शीरख़्वारों के मुँह से कु़दरत को क़ाईम किया, ताकि तू दुश्मन और इन्तक़ाम लेने वाले को ख़ामोश कर दे।
De la boca de los chiquitos, y de los que maman, fundaste la fortaleza a causa de tus enemigos: para hacer cesar al enemigo, y al que se venga.
3 जब मैं तेरे आसमान पर जो तेरी दस्तकारी है, और चाँद और सितारों पर जिनको तूने मुक़र्रर किया, ग़ौर करता हूँ।
Cuando veo tus cielos, obra de tus dedos, la luna, y las estrellas que tú compusiste,
4 तो फिर इंसान क्या है कि तू उसे याद रख्खे, और बनी आदम क्या है कि तू उसकी ख़बर ले?
¿Qué es el hombre, para que tengas de él memoria? ¿y el hijo del hombre, para que le visites?
5 क्यूँकि तूने उसे ख़ुदा से कुछ ही कमतर बनाया है, और जलाल और शौकत से उसे ताजदार करता है।
Y le hiciste poco menor que los ángeles, y le coronaste de gloria y de hermosura.
6 तूने उसे अपनी दस्तकारी पर इख़्तियार बख़्शा है; तूने सब कुछ उसके क़दमों के नीचे कर दिया है।
Hicístele enseñorear de las obras de tus manos; todo lo pusiste debajo de sus pies.
7 सब भेड़ — बकरियाँ, गाय — बैल बल्कि सब जंगली जानवर
Ovejas, y bueyes, todo ello: y asimismo las bestias del campo.
8 हवा के परिन्दे और समन्दर की और जो कुछ समन्दरों के रास्ते में चलता फिरता है।
Las aves de los cielos, y los peces de la mar: lo que pasa por los caminos de la mar.
9 ऐ ख़ुदावन्द, हमारे रब्ब! तेरा नाम पूरी ज़मीन पर कैसा बुज़ु़र्ग़ है!
O! Jehová, Señor nuestro, ¡cuán grande es tu nombre en toda la tierra!