< ज़बूर 8 >
1 ऐ ख़ुदावन्द हमारे रब तेरा नाम तमाम ज़मीन पर कैसा बुज़ु़र्ग़ है! तूने अपना जलाल आसमान पर क़ाईम किया है।
To the choirmaster on the Gittith a psalm of David. O Yahweh lord our how! majestic [is] name your in all the earth [the one] who set! splendor your above the heavens.
2 तूने अपने मुखालिफ़ों की वजह से बच्चों और शीरख़्वारों के मुँह से कु़दरत को क़ाईम किया, ताकि तू दुश्मन और इन्तक़ाम लेने वाले को ख़ामोश कर दे।
From [the] mouth of children - and suckling-children you have established strength on account of opposers your to put an end to an enemy and an avenger.
3 जब मैं तेरे आसमान पर जो तेरी दस्तकारी है, और चाँद और सितारों पर जिनको तूने मुक़र्रर किया, ग़ौर करता हूँ।
If I will see heavens your [the] works fingers your [the] moon and [the] stars which you have established.
4 तो फिर इंसान क्या है कि तू उसे याद रख्खे, और बनी आदम क्या है कि तू उसकी ख़बर ले?
What? [is] humankind that you will remember him and a son of humankind that you will pay attention to him.
5 क्यूँकि तूने उसे ख़ुदा से कुछ ही कमतर बनाया है, और जलाल और शौकत से उसे ताजदार करता है।
And you have made lack him little from God and honor and majesty you crown him.
6 तूने उसे अपनी दस्तकारी पर इख़्तियार बख़्शा है; तूने सब कुछ उसके क़दमों के नीचे कर दिया है।
You make rule him over [the] works of hands your everything you have put under feet his.
7 सब भेड़ — बकरियाँ, गाय — बैल बल्कि सब जंगली जानवर
Sheep and cattle all of them and also [the] animals of [the] field.
8 हवा के परिन्दे और समन्दर की और जो कुछ समन्दरों के रास्ते में चलता फिरता है।
[the] bird[s] of [the] heavens And [the] fish of the sea [that which] passes through [the] paths of [the] seas.
9 ऐ ख़ुदावन्द, हमारे रब्ब! तेरा नाम पूरी ज़मीन पर कैसा बुज़ु़र्ग़ है!
O Yahweh lord our how! majestic [is] name your in all the earth.