< ज़बूर 76 >

1 ख़ुदा यहूदाह में मशहूर है, उसका नाम इस्राईल में बुजु़र्ग है।
לַמְנַצֵּחַ בִּנְגִינֹת מִזְמוֹר לְאָסָף שִֽׁיר׃ נוֹדָע בִּיהוּדָה אֱלֹהִים בְּיִשְׂרָאֵל גָּדוֹל שְׁמֽוֹ׃
2 सालिम में उसका खे़मा है, और सिय्यून में उसका घर।
וַיְהִי בְשָׁלֵם סוּכּוֹ וּמְעוֹנָתוֹ בְצִיּֽוֹן׃
3 वहाँ उसने बर्क़ — ए — कमान की और ढाल और तलवार, और सामान — ए — जंग को तोड़ डाला।
שָׁמָּה שִׁבַּר רִשְׁפֵי־קָשֶׁת מָגֵן וְחֶרֶב וּמִלְחָמָה סֶֽלָה׃
4 तू जलाली है, और शिकार के पहाड़ों से शानदार है।
נָאוֹר אַתָּה אַדִּיר מֵֽהַרְרֵי־טָֽרֶף׃
5 मज़बूत दिल लुट गए, वह गहरी नींद में पड़े हैं, और ज़बरदस्त लोगों में से किसी का हाथ काम न आया।
אֶשְׁתּֽוֹלְלוּ ׀ אַבִּירֵי לֵב נָמוּ שְׁנָתָם וְלֹֽא־מָצְאוּ כׇל־אַנְשֵׁי־חַיִל יְדֵיהֶֽם׃
6 ऐ या'क़ूब के ख़ुदा, तेरी झिड़की से, रथ और घोड़े दोनों पर मौत की नींद तारी है।
מִגַּעֲרָתְךָ אֱלֹהֵי יַעֲקֹב נִרְדָּם וְרֶכֶב וָסֽוּס׃
7 सिर्फ़ तुझ ही से डरना चाहिए; और तेरे क़हर के वक़्त कौन तेरे सामने खड़ा रह सकता है?
אַתָּה ׀ נוֹרָא אַתָּה וּמִֽי־יַעֲמֹד לְפָנֶיךָ מֵאָז אַפֶּֽךָ׃
8 तूने आसमान पर से फ़ैसला सुनाया; ज़मीन डर कर चुप हो गई।
מִשָּׁמַיִם הִשְׁמַעְתָּ דִּין אֶרֶץ יָֽרְאָה וְשָׁקָֽטָה׃
9 जब ख़ुदा 'अदालत करने को उठा, ताकि ज़मीन के सब हलीमों को बचा ले। (सिलाह)
בְּקוּם־לַמִּשְׁפָּט אֱלֹהִים לְהוֹשִׁיעַ כׇּל־עַנְוֵי־אֶרֶץ סֶֽלָה׃
10 बेशक इंसान का ग़ज़ब तेरी सिताइश का ज़रिए' होगा, और तू ग़ज़ब के बक़िये से कमरबस्ता होगा।
כִּֽי־חֲמַת אָדָם תּוֹדֶךָּ שְׁאֵרִית חֵמֹת תַּחְגֹּֽר׃
11 ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के लिए मन्नत मानो, और पूरी करो, और सब जो उसके गिर्द हैं वह उसी के लिए जिससे डरना वाजिब है, हदिए लाएँ।
נִדְרוּ וְשַׁלְּמוּ לַיהֹוָה אֱֽלֹהֵיכֶם כׇּל־סְבִיבָיו יֹבִילוּ שַׁי לַמּוֹרָֽא׃
12 वह हाकिम की रूह को क़ब्ज़ करेगा; वह ज़मीन के बादशाहों के लिए बड़ा है।
יִבְצֹר רוּחַ נְגִידִים נוֹרָא לְמַלְכֵי־אָֽרֶץ׃

< ज़बूर 76 >