< ज़बूर 76 >
1 ख़ुदा यहूदाह में मशहूर है, उसका नाम इस्राईल में बुजु़र्ग है।
Unto the end, in praises, a psalm for Asaph: a canticle to the Assyrians. In Judea God is known: his name is great in Israel.
2 सालिम में उसका खे़मा है, और सिय्यून में उसका घर।
And his place is in peace: and his abode in Sion:
3 वहाँ उसने बर्क़ — ए — कमान की और ढाल और तलवार, और सामान — ए — जंग को तोड़ डाला।
There hath he broken the powers of bows, the shield, the sword, and the battie.
4 तू जलाली है, और शिकार के पहाड़ों से शानदार है।
Thou enlightenest wonderfully from the everlasting hills.
5 मज़बूत दिल लुट गए, वह गहरी नींद में पड़े हैं, और ज़बरदस्त लोगों में से किसी का हाथ काम न आया।
All the foolish of heart were troubled. They have slept their sleep; and all the men of riches have found nothing in their hands.
6 ऐ या'क़ूब के ख़ुदा, तेरी झिड़की से, रथ और घोड़े दोनों पर मौत की नींद तारी है।
At thy rebuke, O God of Jacob, they have all slumbered that mounted on horseback.
7 सिर्फ़ तुझ ही से डरना चाहिए; और तेरे क़हर के वक़्त कौन तेरे सामने खड़ा रह सकता है?
Thou art terrible, and who shall resist thee? from that time thy wrath.
8 तूने आसमान पर से फ़ैसला सुनाया; ज़मीन डर कर चुप हो गई।
Thou hast caused judgment to be heard from heaven: the earth trembled and was still,
9 जब ख़ुदा 'अदालत करने को उठा, ताकि ज़मीन के सब हलीमों को बचा ले। (सिलाह)
When God arose in judgment, to save all the meek of the earth.
10 बेशक इंसान का ग़ज़ब तेरी सिताइश का ज़रिए' होगा, और तू ग़ज़ब के बक़िये से कमरबस्ता होगा।
For the thought of man shall give praise to thee: and the remainders of the thought shall keep holiday to thee.
11 ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के लिए मन्नत मानो, और पूरी करो, और सब जो उसके गिर्द हैं वह उसी के लिए जिससे डरना वाजिब है, हदिए लाएँ।
Vow ye, and pay to the Lord your God: all you that are round about him bring presents. To him that is terrible,
12 वह हाकिम की रूह को क़ब्ज़ करेगा; वह ज़मीन के बादशाहों के लिए बड़ा है।
Even to him who taketh away the spirit of princes: to the terrible with the kings of the earth.