< ज़बूर 75 >
1 ऐ ख़ुदा, हम तेरा शुक्र करते हैं, हम तेरा शुक्र करते हैं; क्यूँकि तेरा नाम नज़दीक है, लोग तेरे 'अजीब कामों का ज़िक्र करते हैं।
A ti, ó Deus, glorificamos, a ti damos louvor, pois o teu nome está perto, as tuas maravilhas o declaram.
2 जब मेरा मु'अय्यन वक़्त आएगा, तो मैं रास्ती से 'अदालत करूँगा।
Quando eu occupar o logar determinado, julgarei rectamente.
3 ज़मीन और उसके सब बाशिन्दे गुदाज़ हो गए हैं, मैंने उसके सुतूनों को क़ाईम कर दिया।
A terra e todos os seus moradores estão dissolvidos, mas eu fortaleci as suas columnas (Selah)
4 मैंने मग़रूरों से कहा, गु़रूर न करो, और शरीरों से, कि सींग ऊँचा न करो।
Disse eu aos loucos: Não enlouqueçaes; e aos impios: Não levanteis a fronte:
5 अपना सींग ऊँचा न करो, बग़ावत से बात न करो।
Não levanteis a vossa fronte altiva, nem falleis com cerviz dura;
6 क्यूँकि सरफ़राज़ी न तो पूरब से न पश्चिम से, और न दख्खिन से आती है;
Porque nem do oriente, nem do occidente, nem do deserto vem a exaltação.
7 बल्कि ख़ुदा ही 'अदालत करने वाला है; वह किसी को पस्त करता है और किसी को सरफ़राज़ी बख़्शता है।
Mas Deus é o Juiz; a um abate, e a outro exalta.
8 क्यूँकि ख़ुदावन्द के हाथ में प्याला है, और मय झाग वाली है; वह मिली हुई शराब से भरा है, और ख़ुदावन्द उसी में से उंडेलता है; बेशक उसकी तलछट ज़मीन के सब शरीर निचोड़ निचोड़ कर पिएँगे।
Porque na mão do Senhor ha um calix, cujo vinho é roxo; está cheio de mistura; e dá a beber d'elle; mas as fezes d'elle todos os impios da terra as sorverão e beberão.
9 लेकिन मैं तो हमेशा ज़िक्र करता रहूँगा, मैं या'क़ूब के ख़ुदा की मदहसराई करूँगा।
E eu o declararei para sempre; cantarei louvores ao Deus de Jacob.
10 और मैं शरीरों के सब सींग काट डालूँगा लेकिन सादिकों के सींग ऊँचे किए जाएंगे।
E quebrarei todas as forças dos impios, mas as forças dos justos serão exaltadas.