< ज़बूर 75 >
1 ऐ ख़ुदा, हम तेरा शुक्र करते हैं, हम तेरा शुक्र करते हैं; क्यूँकि तेरा नाम नज़दीक है, लोग तेरे 'अजीब कामों का ज़िक्र करते हैं।
Ein Psalm und Lied Asaphs, daß er nicht umkäme, vorzusingen. Wir danken dir, Gott, wir danken dir und verkündigen deine Wunder, daß dein Name so nahe ist.
2 जब मेरा मु'अय्यन वक़्त आएगा, तो मैं रास्ती से 'अदालत करूँगा।
“Denn zu seiner Zeit, so werde ich recht richten.
3 ज़मीन और उसके सब बाशिन्दे गुदाज़ हो गए हैं, मैंने उसके सुतूनों को क़ाईम कर दिया।
Das Land zittert und alle, die darin wohnen; aber ich halte seine Säulen fest.” (Sela)
4 मैंने मग़रूरों से कहा, गु़रूर न करो, और शरीरों से, कि सींग ऊँचा न करो।
Ich sprach zu den Ruhmredigen: Rühmet nicht so! und zu den Gottlosen: Pochet nicht auf Gewalt!
5 अपना सींग ऊँचा न करो, बग़ावत से बात न करो।
pochet nicht so hoch auf eure Gewalt, redet nicht halsstarrig,
6 क्यूँकि सरफ़राज़ी न तो पूरब से न पश्चिम से, और न दख्खिन से आती है;
es habe keine Not, weder vom Anfang noch vom Niedergang noch von dem Gebirge in der Wüste.
7 बल्कि ख़ुदा ही 'अदालत करने वाला है; वह किसी को पस्त करता है और किसी को सरफ़राज़ी बख़्शता है।
Denn Gott ist Richter, der diesen erniedrigt und jenen erhöht.
8 क्यूँकि ख़ुदावन्द के हाथ में प्याला है, और मय झाग वाली है; वह मिली हुई शराब से भरा है, और ख़ुदावन्द उसी में से उंडेलता है; बेशक उसकी तलछट ज़मीन के सब शरीर निचोड़ निचोड़ कर पिएँगे।
Denn der HERR hat einen Becher in der Hand und mit starkem Wein voll eingeschenkt und schenkt aus demselben; aber die Gottlosen müssen alle trinken und die Hefen aussaufen.
9 लेकिन मैं तो हमेशा ज़िक्र करता रहूँगा, मैं या'क़ूब के ख़ुदा की मदहसराई करूँगा।
Ich aber will verkündigen ewiglich und lobsingen dem Gott Jakobs.
10 और मैं शरीरों के सब सींग काट डालूँगा लेकिन सादिकों के सींग ऊँचे किए जाएंगे।
“Und will alle Gewalt der Gottlosen zerbrechen, daß die Gewalt des Gerechten erhöht werde.”