< ज़बूर 73 >

1 बेशक ख़ुदा इस्राईल पर, या'नी पाक दिलों पर मेहरबान है।
“BOOK III. A psalm of Asaph.” Truly God is good to Israel, —To those who are pure in heart.
2 लेकिन मेरे पाँव तो फिसलने को थे, मेरे क़दम क़रीबन लग़ज़िश खा चुके थे।
Yet my feet almost gave way; My steps had well nigh slipped:
3 क्यूँकि जब मैं शरीरों की इक़बालमंदी देखता, तो मग़रूरों पर हसद करता था।
For I was envious of the proud, When I saw the prosperity of the wicked.
4 इसलिए के उनकी मौत में दर्द नहीं, बल्कि उनकी ताक़त बनी रहती है।
For they have no pains even to their death; Their bodies are in full health.
5 वह और आदमियों की तरह मुसीबत में नहीं पड़ते; न और लोगों की तरह उन पर आफ़त आती है।
They have not the woes of other men, Neither are they smitten like other men.
6 इसलिए गु़रूर उनके गले का हार है, जैसे वह ज़ुल्म से मुलब्बस हैं।
Therefore pride encircleth their neck as a collar; Violence covereth them as a garment.
7 उनकी आँखें चर्बी से उभरी हुई हैं, उनके दिल के ख़यालात हद से बढ़ गए हैं।
From their bosom issueth their iniquity; The designs of their hearts burst forth.
8 वह ठट्ठा मारते, और शरारत से जु़ल्म की बातें करते हैं; वह बड़ा बोल बोलते हैं।
They mock, and speak of malicious oppression; Their words are haughty;
9 उनके मुँह आसमान पर हैं, और उनकी ज़बाने ज़मीन की सैर करती हैं।
They stretch forth their mouth to the heavens, And their tongue goeth through the earth;
10 इसलिए उसके लोग इस तरफ़ रुजू' होते हैं, और जी भर कर पीते हैं।
Therefore his people walk in their ways, And there drink from full fountains.
11 वह कहते हैं, “ख़ुदा को कैसे मा'लूम है? क्या हक़ ता'ला को कुछ 'इल्म है?”
And they say, “How doth God know? How can there be knowledge with the Most High?”
12 इन शरीरों को देखो, यह हमेशा चैन से रहते हुए दौलत बढ़ाते हैं।
Behold these are the ungodly! Yet they are ever prosperous; they heap up riches.
13 यक़ीनन मैने बेकार अपने दिल को साफ़, और अपने हाथों को पाक किया;
Verily I have cleansed my heart in vain; In vain have I washed my hands in innocence.
14 क्यूँकि मुझ पर दिन भर आफ़त रहती है, और मैं हर सुबह तम्बीह पाता हूँ।
For every day have I been smitten; Every morn have I been chastened.
15 अगर मैं कहता, कि यूँ कहूँगा; तो तेरे फ़र्ज़न्दों की नसल से बेवफ़ाई करता।
If I should resolve to speak like them, Surely I should be treacherous to the family of thy children.
16 जब मैं सोचने लगा कि इसे कैसे समझूँ, तो यह मेरी नज़र में दुश्वार था,
So, when I studied to know this, It was painful to my eyes;
17 जब तक कि मैंने ख़ुदा के मक़दिस में जाकर, उनके अंजाम को न सोचा।
Until I went into the sanctuaries of God, And considered what was their end.
18 यक़ीनन तू उनको फिसलनी जगहों में रखता है, और हलाकत की तरफ़ ढकेल देता है।
Behold! thou hast set them on slippery places; Thou castest them down into unseen pits.
19 वह दम भर में कैसे उजड़ गए! वह हादिसों से बिल्कुल फ़ना हो गए।
How are they brought to desolation in a moment, And utterly consumed with sudden destruction!
20 जैसे जाग उठने वाला ख़्वाब को, वैसे ही तू ऐ ख़ुदावन्द, जाग कर उनकी सूरत को नाचीज़ जानेगा।
As a dream when one awaketh, Thou, O Lord! when thou awakest, wilt make their vain show a derision.
21 क्यूँकि मेरा दिल रंजीदा हुआ, और मेरा जिगर छिद गया था;
When my heart was vexed And I was pierced in my reins,
22 मैं बे'अक्ल और जाहिल था, मैं तेरे सामने जानवर की तरह था।
Then was I stupid and without understanding; I was like one of the brutes before thee.
23 तोभी मैं बराबर तेरे साथ हूँ। तूने मेरा दाहिना हाथ पकड़ रखा है।
Yet am I ever under thy care; By my right hand thou dost hold me up.
24 तू अपनी मसलहत से मेरी रहनुमाई करेगा, और आख़िरकार मुझे जलाल में कु़बूल फ़रमाएगा।
Thou wilt guide me with thy counsel, And at last receive me in glory.
25 आसमान पर तेरे अलावा मेरा कौन है? और ज़मीन पर मैं तेरे अलावा किसी का मुश्ताक़ नहीं।
Whom have I in heaven but thee, And whom on earth do I love in comparison with thee?
26 जैसे मेरा जिस्म और मेरा दिल ज़ाइल हो जाएँ, तोभी ख़ुदा हमेशा मेरे दिल की ताक़त और मेरा हिस्सा है।
Though my flesh and my heart fail, God is the strength of my heart, and my portion for ever.
27 क्यूँकि देख, वह जो तुझ से दूर हैं फ़ना हो जाएँगे; तूने उन सबको जिन्होंने तुझ से बेवफ़ाई की, हलाक कर दिया है।
For, lo! they who are far from thee perish; Thou destroyest all who estrange themselves from thee.
28 लेकिन मेरे लिए यही भला है कि ख़ुदा की नज़दीकी हासिल करूँ; मैंने ख़ुदावन्द ख़ुदा को अपनी पनाहगाह बना लिया है ताकि तेरे सब कामों का बयान करूँ।
But it is good for me to draw near to God; I put my trust in the Lord Jehovah, That I may declare all thy works.

< ज़बूर 73 >